विषयसूची नादान दोस्त कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?इसे सुनेंरोकेंप्रेमचंद ने इसीलिए उन दोनों को नादान दोस्त कहा है। यह कहानी हमें सीख देती है कि किसी भी कार्य को करने से पहले पूरी तरह से सुनिश्चित कर लें कि जो आप कर रहे हैं, वह सही है या नहीं। केशव ने चिथड़े टोकरी और दाना पानी कहाँ रखे थे?इसे सुनेंरोकेंAnswer: उत्तर). केशव ने श्यामा से चिथड़े, टोकरी और दाना-पानी मँगाकर कार्निस पर पर इसलिए रखे थे जिससे कि वे चिड़िया को तथा अंडों को और जयादा आराम से रख सकें दोनों की हिफाजत कर सकें। चिड़ा और चिड़िया को बैठा देखकर बच्चों की किसकी सुध नहीं रहती थी? इसे सुनेंरोकेंकेशव और उसकी बहन श्यामा दोनों बड़े ध्यान से चिड़िया को यहाँ आते-जाते देखा करते। सवेरे दोनों आँखें मलते कार्निस के सामने पहँच जाते और चिडा और चिडिया दोनों को वहाँ बैठा पाते। उनको देखने में दोनों बच्चों को न मालूम क्या मज़ा मिलता, दूध और जलेबी की सुध भी न रहती थी। नादान दोस्त का क्या अर्थ है? इसे सुनेंरोकेंक्योंकि जब उन्होंने अंडों को ज़मीन पर टूटा हुआ देखा तो माँ के बताने पर कि अंडे छूने से खराब हो जाते हैं, उन्हें अपने किए पर बहुत पछतावा हुआ। हम उन्हें गलत नहीं ठहरा सकते। इसलिए तो लेखक ने इसका नाम नादान दोस्त रखा है जो इस तथ्य को साबित करता है। नादान दोस्त में नादान क्या है?इसे सुनेंरोकेंऐसे किसी अनुभव का वर्णन करो और बताओ कि ऐसे में तुम्हारे मन में क्या-क्या सवाल उठे? एक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक लंबा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी 2021-22 Page 9 नादान दोस्त 21 ओर चला आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा, “मैं भूख से मरा जा रहा हूँ। अंडों के बारे में कैसे और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे?प्रेमचंद
नादान दोस्त के लेखक कौन है? इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 3. प्रेमचंद जी ने इस कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा। इसे सुनेंरोकेंयह कहानी हमें सीख देती है कि किसी भी कार्य को करने से पहले पूरी तरह से सुनिश्चित कर लें कि जो आप कर रहे हैं, वह सही है या नहीं। केशव और श्यामा ने चिड़िया के बच्चों के लिए जो भी किया था यदि वे अपने माता-पिता से एक बार पूछ लेते, तो शायद वे उन बच्चों को अपने सामने देख पाते। केशव ने रोनी सूरत क्यों बना ली? इसे सुनेंरोकेंकेशव ने रोनी सूरत क्यों बना ली? Answer: क्योंकि अंडे टूट जाने पर अपनी माँ का डर था। श्यामा ने केशव से क्या पूछा?इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- अंडों के टूट जाने के बाद माँ के यह पूछने पर कि – ‘तुम लोगों ने अंडों को छुआ होगा। ‘ के जवाब में श्यामा ने बताया कि केशव ने अंडों को छेडा था अम्माँ जी। क्योंकि उसे लगा केशव ने ही शायद अंडों को इस तरह रख दिया कि वह नीचे गिर पड़े। इसकी उसे सजा मिलनी चाहिए। केशव ने टोकरी का सुराग कैसे बंद किया?इसे सुनेंरोकेंमित्र केशव ने टोकरी के सुराख में थोड़ा-सा कागज़ ठूँस कर उसे बंद कर दिया। केशव ने टोकरी का सुराग कैसे बंद किया *? इसे सुनेंरोकेंAnswer: केशव ने झुंझलाकर कहा—तू टोकरी तो ला, मै उसका सुराख बन्द करने की कोई हिकमत निकालूंगा। श्यामा दौड़कर टोकरी उठा लायी। केशव ने उसके सुराख में थोड़ा –सा कागज ठूँस दिया और तब टोकरी को एक टहनी से टिकाकर बोला—देख ऐसे ही घोंसले पर उसकी आड़ दूंगा। इसे सुनेंरोकें’नादान दोस्त’ प्रेमचंद जी की एक बाल कहानी है ,जिसमें उन्होंने केशव और उसकी बहन श्यामा की मासूमियत,नादानी और पक्षियों के प्रति उनकी उत्सुकता का वर्णन किया है. केशव और उसकी बहन श्यामा चिड़िया के अंशों को सहेजना चाहते थे लेकिन बाल सुलभ लापरवाही की कारण अंडे फूट जाते हैं जिस कारण केशव और श्यामा बहुत दुखी होते हैं . नादान दोस्त की कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि नासमझी से किया गया काम ठीक नहीं रहता है। केशव और श्यामा ने चिड़िया के अण्डों की सुरक्षा के सारे उपाय किए, परन्तु इससे उनका सत्यानाश हो गया। मनुष्य को जीव-जन्तुओं के जीवन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्हें अपना जीवन स्वतन्त्रता से जीने देना चाहिए।
प्रेमचंद ने इस कहानी का नाम नादान दोस्त रखा तुम इसे क्या शीर्ष देना चाहोगे?प्रेमचन्द ने इस कहानी का नाम 'नादान दोस्त' रखा। तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे? Solution : इसका अन्य शीर्षक यह हो सकता है-. बच्चों की नादानी.
नादान दोस्त के लेखक का नाम क्या है?'नादान दोस्त' पाठ के लेखक 'मुंशी प्रेमचंद' हैं।
नादान दोस्त का अर्थ क्या है?نادان دوست کے اردو معانی دوست جو سیانا یا عقل مند نہ ہو ۔
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