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शारीरिक संबंध बनाते समय तेज दर्द, कहीं ओवरी में सिस्ट की समस्या तो नहींमेनोपॉज के बाद ऑर्गेज्म तक पहुंचने में अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है. महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट (Ovary Cyst) होने पर पेट में सूजन, अपच होना, पेट के बाएं या दाएं हिस्से में दर्द महसूस होना, ...अधिक पढ़ें
महिलाओं में समय के साथ-साथ गर्भाशय से जुड़ी परेशानियां होने लगती हैं. जिन महिलाओं को पेट में दर्द की समस्या रहती है उनमें इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. पेट में दर्द और बेचैनी होना महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट का लक्षण हो सकता है. आइए जानते हैं ओवेरियन सिस्ट और इसके उपचार के बारे में- myUpchar के अनुसार, महिलाओं के गर्भाशय की दोनों ओर अंडाशय होते हैं, जो पेट के निचले हिस्से में होते हैं. इन दोनों अंडाशय की सतह पर जब कोई तरल पदार्थ से भरी गांठ उभर आती है तो यही सिस्ट कहलाती है. यह सिस्ट सिर्फ दो तरह के हो सकते हैं. एक होता है फंक्शनल सिस्ट और दूसरा होता है पैथोलॉजिकल टेस्ट सिस्ट. फंक्शनल सिस्ट वे होते हैं जो प्राकृतिक रूप से माहवारी के समय होते हैं और कुछ दिनों बाद अपने आप ही ठीक हो जाते हैं. इससे कोई बीमारी नहीं होती है. यह सिस्ट रोग मुक्त होते हैं. पैथोलॉजिकल सिस्ट होने पर यह कुछ मामलों में कैंसर का कारण बन सकते हैं. ओवेरियन सिस्ट के ये हो सकते हैं लक्षण myUpchar के अनुसार, महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट होने पर उन्हें कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं, लेकिन यह लक्षण तब अधिक नजर आते हैं, जब यह सिस्ट बड़े ना हो जाए. इन लक्षणों में पेट में सूजन या अपच होना, पेट के बाएं या दाएं हिस्से में दर्द महसूस होना, सेक्स के दौरान दर्द होना, उल्टी या जी मिचलाना, कमर का आकार बढ़ना आदि लक्षण हो सकते हैं. इसके अतिरिक्त ओवेरियन सिस्ट होने पर कुछ महिलाओं में पीसीओ (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) के लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं. इसमें अनियमित माहवारी होना, मुहांसे आना या वजन बढ़ना आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं. यदि किसी महिला को इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो तो उसे नजदीकी गायकोनोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर निदान के लिए अल्ट्रासाउंड कर सकते हैं ताकि सही कारण का पता चल सके. जो महिलाएं गर्भवती हैं उनमें ओवेरियन सिस्ट होने पर बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है. कई गर्भवती महिलाओं में यह गांठे स्टेम का आकार लेकर टेढ़ी मेढ़ी हो जाती हैं, जिससे यह अधिक तकलीफ दे सकती हैं. गर्भावस्था की शुरुआत में सिस्ट को हटाने पर गर्भपात का खतरा भी होता है इसलिए डॉक्टर गर्भावस्था के 20 सप्ताह के बाद ही सिस्ट को हटाना उचित समझते हैं. यह है उपचार ओवेरियन सिस्ट का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि यह शरीर के लिए कितना हानिकारक है और यह कैसे विकसित हुई है. कुछ गांठे अपने आप ही ठीक हो जाती हैं, लेकिन कुछ गांठें हानिकारक होती हैं. इसके लिए तुरंत इलाज कराना जरूरी होता है. यदि किसी गर्भवती महिला के अंडाशय में गांठ पाई गई है तो इसे निकालने के लिए लेप्रोस्कोपी सर्जरी अपनाई जाती है. यह सर्जरी छोटी गांठ को निकालने में कारगर होती है, लेकिन यदि अंडाशय की गांठ बड़ी है तो इसके लिए लेप्रोटोमी सर्जरी की जाती है. इस सर्जरी के माध्यम से पेट की नाभि के पास चीरा लगाकर इन गांठों को निकाला जाता है. गर्भवती महिलाओं में इन गांठों को निकालना जरूरी होता है ताकि प्रसव के दौरान कोई परेशानी न हो. (अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, अंडाशय में गांठ पढ़ें।) (न्यूज18 पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं। सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है। myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं।) ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Health, Lifestyle, News18-MyUpchar, Women FIRST PUBLISHED : December 22, 2020, 10:48 IST Ovary Health जिस समय आपकी ओवरीज़ अंडे बना रही होती हैं उस प्रक्रिया को ओव्यूलेशन कहा जाता है। अगर आप स्ट्रेस में हैं तो इस प्रक्रिया पर भी इसका बहुत असर पड़ता है। मतलब अगर आप वाकई बहुत ज़्यादा स्ट्रेस में हैं तो आपकी ओवरीज़ अंडे बनाना बंद कर देंगी। नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Ovary Health: हम में से ज़्यादातर लोगों को अपने फेफड़ों, लिवर और दिल के बारे में तो अच्छी जानकारी रहती है, लेकिन सेक्सुअल हेल्थ एक ऐसी चीज़ है जिसके बारे में शायद सभी न जानते हों। सेक्सुअल हेल्थ एक ऐसा विषय है जिसके बारे में बात करने से खासकर महिलाएं अक्सर झिझकती हैं। इसी वजह से कई ऐसी ज़रूरी बातें हैं जिनसे वह अंजान रहती हैं। जानकारियों के अभाव का नतीजा यह निकलता है कि उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक अंग है ओवरी, जिसके बारे में शायद ही हमें ज्यादा पता हो। यह शरीर का वही अंग है जहां पर औरत को मां बना सकने वाले अंडे बनते हैं। अंडे वही, जो स्पर्म (शुक्राणु) के साथ मिलकर बच्चा बना सकते हैं। ओवरी से जुड़ीं कुछ ज़रूरी बातें आपको पता होनी चाहिए। इसलिए आज हम आपको महिलाओं के अंडाशय यानी ओवरी के बारे में ज़रूरी बातें बताएंगे। ओवरी पर भी पड़ता है स्ट्रेस का असर जिस समय आपकी ओवरीज़ अंडे बना रही होती हैं उस प्रक्रिया को ओव्यूलेशन कहा जाता है। अगर आप स्ट्रेस में हैं तो इस प्रक्रिया पर भी इसका बहुत असर पड़ता है। मतलब अगर आप वाकई बहुत ज़्यादा स्ट्रेस में हैं, तो आपकी ओवरीज़ अंडे बनाना बंद कर देंगी। अक्सर खतरनाक नहीं होते ओवेरियन सिस्ट ओवरी में सिस्ट होना काफी आम है। सिस्ट का मतलब ओवरी में गांठ हो जाती हैं। अधिकतर मामलों में सिस्ट खतरनाक नहीं होता। इसे ठीक करने के लिए सर्जरी और दवाइयां हैं। इनमें से कई सिस्ट तीन से चार महीनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं। इसलिए घबराने की ज़रूरत नहीं है। हालांकि, इसका मतलब ये नहीं कि आप डॉक्टर से सलाह न करें। डॉक्टर को दिखाना हमेशा फायदेमंद होता है। बदलता रहता है ओवरी का साइज़ शरीर के ज़्यादातर अंग उम्र के साथ एक साइज़ पर आकर रुक जाते हैं, लेकिन ओवरीज़ हमेशा बदलती रहती हैं। ये उम्र के साथ और पीरियड्स के दौरान साइज़ में बदलती रहती हैं। जब ये अंडा बना रही होती हैं तो ये आकार में लगभग पांच सेंटीमीटर बढ़ जाती हैं। वहीं अगर ओवरी में सिस्ट यानी गांठ हो जाए तब भी इसके आकार में फर्क आता है। हालांकि, ओवरी का साइज़ बढ़ना कम होना कोई घबराने वाली बात नहीं है। मेनोपॉज़ के साथ ही इसका आकार बदलना बंद हो जाता है और उल्टा सिकुड़ जाती हैं। बर्थ कंट्रोल पिल्स से है खास रिश्ता आपको सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन डॉक्टरों की माने तो बर्थ कंट्रोल पिल्स ओवरीज़ का बड़ा फ़ायदा करती हैं। जी ये बिल्कुल सच है। लेकिन ध्यान दें कि यहां हम इमरजेंसी पिल्स की बात नहीं कर रहे, हम बात कर रहे हैं गर्भनिरोधक गोलियों की। उनको लेने से ओवेरियन कैंसर होने का रिस्क काफी कम हो जाता है। Edited By: Ruhee Parvez ओवरी में गांठ होने से क्या दिक्कत होती है?इस अवस्था की शुरुआत में ही सिस्ट हटाने का ऑपरेशन करने के कारण गर्भपात की संभावना व खतरा बढ़ सकता है। कई गर्भवती महिलाओं में गांठ अंडाशय के स्टेम में विकसित हो जाती है और टेढ़ा-मेढ़ा आकार ले लेती है। ऐसे प्रकरण में, गर्भवती महिला बहुत अधिक बीमार हो सकती है और उसके अंडाशय को क्षति भी पहुँच सकती है।
ओवरी में गांठ का क्या इलाज है?मेथी के अर्क के सेवन से सिस्ट की समस्या का समाधान हो जाएगा। क्वीनमेरी की डॉक्टर का दावा है कि मेथी के अर्क से हार्मोंस की गड़बड़ी ठीक हो जाती है। इससे ओवरी की गांठ गल जाती है। इसके बाद महिलाएं सामान्य रूप से गर्भधारण कर सकेंगी।
ओवरी में सिस्ट हो तो क्या करना चाहिए?इलाज: एंडोमीट्रियोटिक सिस्ट का उपचार समुचित रूप से लैप्रोस्कोपिक विधि से किया जाता है। लैप्रोस्कोपिक विधि से सिस्ट-वाल को हटा दिया जाता है, लेकिन कई बार सिस्ट को दूर करने के दौरान सर्जन की गलती से काफी मात्रा में सामान्य ओवरी टिश्यू भी हटा दिए जाते हैं।
अंडाशय में गांठ होने से क्या होता है?अंडाशय में गांठ, महिलाओं में, अंडाशय के भीतर एक द्रव भरे हुए थैले होते हैं। अक्सर वे कोई लक्षण नहीं पैदा करते हैं। कभी-कभी वे सूजन, निचले पेट दर्द, या पीठ के निचले हिस्से में दर्द पैदा कर सकते हैं। अधिकांश गांठ हानिरहित हैं।
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