पाकिस्तान का पहला प्रधानमंत्री कौन है - paakistaan ka pahala pradhaanamantree kaun hai

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कहानी पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली की, जिसने कराया था भारत पर पहला हमला

Prabhasakshi

भारत लौटने के बाद लियाकत अली राजनीति में दिलचस्पी रखने लगे। वह भारतीय मुसलमानों की बात उठाने लगे। भारतीय मुसलमानों पर अंग्रेजों के दमन के खिलाफ वह लड़ाई लड़ने लगे। इस दौरान उन्होंने हिंदू मुस्लिम एकता की भी वकालत की।

अखंड भारत की वकालत करने वाले लोगों के लिए 14 अगस्त 1947 का दिन किसी सदमे से कम नहीं था। भारत का बंटवारा हुआ था। मां भारती को दो हिस्सों में बांटा गया था और पाकिस्तान का जन्म हुआ था। आज हम आपको पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान के बारे में बताने जा रहे हैं। लियाकत अली खान का जन्म 1 अक्टूबर 1885 को पंजाब के करनाल में हुआ था। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी। उनका परिवार मुस्लिम विचारक और दार्शनिक सैयद अहमद खान के प्रति गहरा सम्मान रखता था। परिवार ने लियाकत अली के शिक्षा दीक्षा अच्छी तरह से कराई। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से कानून और राजनीति विज्ञान में डिग्री हासिल की थी। उनका परिवार जमींदारों का परिवार माना जाता था। उच्च शिक्षा के लिए लियाकत अली इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी पढ़ाई करने पहुंचे थे। 2023 में लियाकत अली भारत लौट आए। 

भारत लौटने के बाद लियाकत अली राजनीति में दिलचस्पी रखने लगे। वह भारतीय मुसलमानों की बात उठाने लगे। भारतीय मुसलमानों पर अंग्रेजों के दमन के खिलाफ वह लड़ाई लड़ने लगे। इस दौरान उन्होंने हिंदू मुस्लिम एकता की भी वकालत की। उन्हें कांग्रेस में शामिल होने के लिए कहा गया था। हालांकि, उन्होंने इनकार कर दिया। 1923 में ही में ऑल इंडिया मुस्लिम लीग में शामिल हो गए। वह मोहम्मद अली जिन्ना से काफी प्रभावित थे। दोनों के बीच अच्छे रिश्ते बनाने लगे 1926 में उन्हें मुजफ्फरनगर के ग्रामीण मुस्लिम निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद का सदस्य चुना गया। यहां से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई और 1932 में उन्हें सर्वसम्मति से उत्तर प्रदेश विधान परिषद का उपाध्यक्ष बनाया गया। लियाकत अली लगातार मोहम्मद अली जिन्ना के साथ काम करने लगे। हालांकि, कुछ समय के लिए मोहम्मद अली जिन्ना ब्रिटेन चले गए। वहां से लौटने के बाद उन्होंने फिर से मुस्लिम लीग को संगठित करने का काम शुरू किया।

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1940 में लियाकत खान को मुस्लिम लीग संसदीय दल का उपनेता बनाया गया। पार्टी में लियाकत अली खान का कद लगातार बढ़ता गया। 1945-46 के चुनाव मुस्लिम लीग के लिए बेहद अच्छा साबित हुआ। ब्रिटिश सब भारत के मुसलमानों के आरक्षित 87% सीटों पर पार्टी ने जीत हासिल की थी और यही कारण था कि लियाकत अली खान को केंद्रीय संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया। भारत विभाजन के दौरान मुस्लिम लीग की ओर से वार्ताकारों में लियाकत अली भी हिस्सा हुआ करते थे जो कांग्रेस के नेताओं से बात करते थे। मोहम्मद अली जिन्ना के साथ उनकी नजदीकी का फायदा उन्हें भारत-पाक विभाजन के बाद मिला। वह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री रहे। 

हालांकि, लियाकत अली खान को भारत का पहला वित्त मंत्री होने का भी गौरव हासिल है। भारत-पाकिस्तान के पूरी तरह आजाद होने से पहले एक टेंपरेरी सरकार बनी थी। उसके प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे। उस दौरान वित्त मंत्री की जिम्मेदारी लियाकत अली खान को दी गई थी। देश के विभाजन के बाद लियाकत अली खान पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 15 अगस्त 1947 को प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली थी और 16 अक्टूबर 1951 तक वहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे। उनकी रावलपिंडी में 16 अक्टूबर 1951 को ही हत्या कर दी गई थी। पाकिस्तान ने भारत पर 1948 में हमला किया था तब लियाकत अली ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे। कहा जाता है कि लियाकत अली इस हमले को रोक सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

- अंकित सिंह

Liaquat Ali Khan: पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री रहे लियाकत अली खान की आज से 70 साल पहले हत्या कर दी गई थी. खास बात ये है कि वे पाकिस्तान के पीएम बनने से पहले भारत के वित्त मंत्री भी थे.

पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री रहे लियाकत अली खान की पुण्यतिथि है.

आज पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री रहे लियाकत अली खान की पुण्यतिथि है. लियाकत अली खान की प्रधानमंत्री बनने के कुछ ही साल बाद रावलपिंडी में हत्या कर दी गई थी. लियाकत अली खान चार वर्ष दो महीने और दो दिन तक पाकिस्‍तान के पीएम रहे. इसके बाद पाकिस्‍तान के दूसरे पीएम बने ख्‍वाजा नजीमुद्दीन और उन्‍होंने 17 अक्‍टूबर 1951 को पीएम पद की शपथ ली. खैर…. लियाकत अली खान एक ऐसे शख्स थे, जो भारत के वित्त मंत्री भी रहे और फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी.

आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर ये किस तरह से संभव है तो हम आपको इसकी कहानी बताते हैं. साथ ही आपको लियाकत अली खान से जुड़ी बातें भी बताएंगे, जो आपको शायद ही पहले पता होंगी.

कौन थे लियाकत अली खान?

लियाकत अली खान का जन्म 1 अक्टूबर 1895 को पंजाब के करनाल में हुआ था. उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की थी. मुस्लिम लीग के अग्रिम पंक्ति के नेता लियाकत अली खान पाकिस्तान आंदोलन के दौरान मुहम्मद अली जिन्ना के साथ काफी सक्रिय भी रहे. इसका फायदा उन्हें भारत-विभाजन होन पर मिला और वे पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने. वे भारत के वित्त मंत्री भी थी.

इसकी कहानी ये है कि भारत-पाकिस्तान के पूरी तरह आजाद होने से पहले अंग्रेजों के अधीन ही एक टेम्पररी सरकार बनी थी. इस सरकार में भी जवाहर लाल नेहरू ही प्रधानमंत्री थे, जो भारत के आजाद होने के बाद पहले प्रधानमंत्री बने. इस सरकार में फाइनेंस मिनिस्टर थे लियाक़त अली खान. इतना ही नहीं उन्होंने उस वक्त भारत का बजट भी पेश किया था, लेकिन इस भारत और पाकिस्तान एक ही थे. आजादी से पहले जो अंतरिम सरकार बनाई गई थी, जिसमें वित्त विभाग का कार्यभार मुस्लिम लीग के लियाकत अली के पास थे. इसके बाद 1947 में भारत-पाकिस्तान का विभाजन हो गया है और दोनों देश स्वतंत्र हो गए. इसके बाद लियाकल अली को पाकिस्तान का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया.

15 अगस्‍त 1947 को लियाकत अली खान ने पाकिस्‍तान के पहले प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली लेकिन 16 अक्‍टूबर 1951 को रावलपिंडी में उनकी हत्‍या कर दी गई. लियाकत अली खान चार वर्ष दो महीने और दो दिन तक पाकिस्‍तान के पीएम रहे. साल 1950 में उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच आठ अप्रैल 1950 को एक समझौता किया था, जिसका खास मकसद दोनों देशों में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित करना और भविष्य में युद्ध की संभावनाओं को खत्म करना था. हालांकि, इससे कई नेता नाराज हुए.

उस वक्त कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरू और लियाकत अली के बीच हुए समझौते को लेकर 6 अप्रैल 1950 को मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और जनसंघ की स्थापना की. बता दें कि जनसंघ ने ही बाद में बीजेपी का रूप लिया.

भारत पर हुआ हमला

भारत पाकिस्तान के विभाजन के बाद 1948 में पाकिस्तान ने भारत पर पहला हमला किया था, उस वक्त लियाकत अली खान ही पाकिस्तान के पीएम थे. कहा ये भी जाता है कि जिस वक्त पाकिस्तान की ओर से हमला किया गया था, तब वो इस हमले को रोक भी सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. लियाकत के मरने के 5-6 साल के अन्दर ही मिलिट्री जनरल अयूब खान ने सत्ता पलट कर दिया. और पाकिस्तान में मिलिट्री राज की शुरुआत हो गई.

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पाकिस्तान में कुल कितने प्रधानमंत्री बने?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ शहबाज पाकिस्तान मुस्लिम लीग के अध्यक्ष भी हैं। प्रधानमंत्री बनने से पहले शाहबाज तीन बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पाकिस्तान में अब तक 22 प्रधानमंत्री (Prime Ministers Of Pakistan) रह चुके हैं और शाहबाज 23वें प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

1947 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कौन थे?

Liaquat Ali Khan : पाकिस्तान की आजादी के साथ ही मोहम्मद अली जिन्ना ने जिस भरोसेमंद को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठाया, वह लियाकत अली खान ही थे. 14 अगस्त 1947 को पद संभालने वाले लियाकत अली खान को 1951 में 16 अक्टूबर के दिन गोली मार दी गई. उनका कार्यकाल 4 साल 63 दिन का रहा.

पाकिस्तान का पहला प्रधानमंत्री का नाम क्या था?

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