पीपर पात सरिस मन डोला |

साधारण धर्मउपमेय उपमानवाचक

Answer : C

Solution : प्रस्तुत पंक्ति में .पीपर पात. उपमा अलंकार के अंतर्गत उपमान है। उपमेय की जिस पदार्थ से तुलना की जाती है उसे उपमान कहत हैं। यहाँ मन (उपमेय) की तुलना पीपर पात (उपमान) स .डालना. क्रिया (साधारण धर्म) के आधार पर की जा रही है। इसमें .सरिस. (वाचक) शब्द है।

पीपर पात सरिस मन ड़ोला में कौन सा अलंकार है?

पीपर पात सरिस मन ड़ोला में कौन सा अलंकार है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।
पीपर पात सरिस मन ड़ोला में उपमा अलंकार है क्योंकि यहाँ मन की तुलना पीपर पात से की गई है।

पीपर पात सरिस मन ड़ोला में उपमेय, उपमान, समान धर्म एवं वाचक को स्पष्ट कीजिये

उपमेय – जिसकी उपमा दी जाय। उपर्युक्त पंक्ति में मन उपमेय है।

उपमान – जिस प्रसिद्ध वस्तु या व्यक्ति से उपमा दी जाती है। उपर्युक्त पंक्ति में पीपर पात उपमान है।

समान धर्म – उपमेय-उपमान की वह विशेषता जो दोनों में एक समान है। उपर्युक्त उदाहरण में डोलना समान धर्म है।

वाचक शब्द – वे शब्द जो उपमेय और उपमान की समानता प्रकट करते हैं। उपर्युक्त उदाहरण में सरिस वाचक शब्द है।

पीपर पात सरिस मन ड़ोला में उपमा अलंकार का कौन सा भेद है?

पीपर पात सरिस मन ड़ोला में उपमा का भेद है – पूर्णोपमा

उपमा अलंकार- जब काव्य में किसी वस्तु या व्यक्ति की तुलना किसी अत्यंत प्रसिद्ध वस्तु या व्यक्ति से की जाती है तो उसे उपमा अलंकार कहते हैं

सा, से, सी, सम, समान, सरिस, इव, समाना आदि कुछ अन्यवाचक शब्द है।

उपमा अलंकार के तीन भेद हैं–पूर्णोपमा, लुप्तोपमा और मालोपमा।

(क) पूर्णोपमा – जहाँ उपमा के चारों अंग विद्यमान हों वहाँ पूर्णोपमा अलंकार होता है;

जैसे-
हरिपद कोमल कमल से”

(ख) लुप्तोपमा – जहाँ उपमा के एक या अनेक अंगों का अभाव हो वहाँ लुप्तोपमा अलंकार होता है;

जैसे-
“पड़ी थी बिजली-सी विकराल।
लपेटे थे घन जैसे बाल”।

(ग) मालोपमा – जहाँ किसी कथन में एक ही उपमेय के अनेक उपमान होते हैं वहाँ मालोपमा अलंकार होता है।

जैसे-
“चन्द्रमा-सा कान्तिमय, मृदु कमल-सा कोमल महा
कुसुम-सा हँसता हुआ, प्राणेश्वरी का मुख रहा।।”

उपमा अलंकार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर जाएँ:

उपमा अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

  • रूपक अलंकार की परिभाषा, अंग (भेद) एवं उदाहरण Roopak Alankar in Hindi
  • “या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” में कौन सा अलंकार है?
  • ” पास ही रे हीरे की खान ,खोजता कहां और नादान? में कौन सा अलंकार है?
  • ऊंचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊंचे घोर मन्दर ले अन्दर रहाती है। में कौन सा अलंकार है?
  • ऊधौ जोग जोग हम नाही। अबला सारज्ञान कह जानै, कैसै ध्यान धराही। में कौन सा अलंकार है?

पीपर पात सरिस मन डोला अलंकार का उदाहरण है इसका अर्थ बताइए और स्पष्टीकरण दीजिए?...


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Teacher of Biology( Msc. Zoology .3time Ctet . 1time Htet Qualify)

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विकी तेरा प्रिकॉशन पूछा है कि पीपर पात सरिस मन डोला में अलंकार को प्रदान करते हैं पहले तो मैं आपको यह बताना दूसरे देश के अंदर उपमा अलंकार है क्योंकि यहां पर उठने का अपमान के ऊपर आरोप है और इस तरह क्यों जो अलंकार दिन के अंदर बार-बार एक ही चीज की आवर्ती होती उसको अनुप्रास कहते हैं जिसमें किसी चीज के ऊपर आरोप उसको

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पीपर पात सरिस मन डोला पंक्ति में कौनसा अलंकार प्रयोग है?

'पीपर पात सरिस मन डोला। ' पंक्तियों में उपमा अलंकार है। यहां मन उपमेय, पीपर पात उपमान, सरिस वाचक पद एवं डोला साधारण धर्म है। जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे व्यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।

पीपर पात सरिस मन डोला का अर्थ क्या होता है?

पीपर पात सरिस मन डोला का अर्थ है - पीपर (पीपल) के पत्ते की तरह मन डोला (अधीर होना)। उपर्युक्त पंक्तियों में 'सरस' समानिधिकरण शब्द के प्रयोग के कारण उपमा अलंकार है।

पीपर पात सरिस मन डोला किसकी रचना है?

अस मन गुनइ राउ नहिं बोला। पीपर पात सरिस मनु डोला॥ ... .