प्रथमोपचार यानी वह सहायता या उपचार जो डॉक्टर के आने से पहले जख्मी व्यक्ति को दी जाती है। दुर्घटनाएँ अचानक होती हैं जिसका पूर्व अंदाज नहीं होता, थोड़ी सूझबूझ के साथ, दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का समय पर उपचार किया जाए तो ज्यादा क्षति होने से उसे बचाया जा सकता है। Show
प्राथमिक उपचार का महत्व (Prathmik Upchar ka Mahatva in Hindi)प्राथमिक उपचार से न केवल व्यक्ति के प्राणों की रक्षा होती
है, बलकी इससे व्यक्ति सामान्य से कम समय में स्वस्थ हो जाता है । प्राथमिक उपचार से शारीरिक नुकसान के बहुत बड़े खतरे को टाला जा सकता है । इस चिकित्सा में आप आपातकालीन परिस्थितियों में भी धैर्य बनाये रखना व इसकी आवश्यक प्रक्रियाओं का ज्ञान हासिल कर सकते है । यह आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है जिससे आपातकालीन स्थिति में भी आप अधिक प्रभावपूर्ण उपचार कर पाएंगे। कैसे करें प्राथमिक उपचार ? (Prathmik Upchar Kaise Kare in Hindi)1) हृदयाघात पर प्रथमोपचार (Heart Attack Aane Par Prathmik Upchar in Hindi)
( और पढ़े – हार्ट अटैक क्या है ,इसके कारण व बचने के उपाय ) 2) पानी में डूबे हुए इंसान पर प्राथमिक चिकित्सा (Pani me Dubne Par Prathmik Upchar in Hindi)
( और पढ़े – पानी में डूबे हुये व्यक्ति को नया जीवन दे सकता है यह चमत्कारिक प्रयोग ) 3) छोटे बच्चों के हृदय की धड़कन रुकने पर प्रथमोपचार (Hriday ki Dhadkan Rukne Par Prathmik Upchar in Hindi)
( और पढ़े – दिल की कमजोरी के घरेलू उपाय ) 4) मानसिक आघात के कारण होने वाले जख्म पर प्रथमोपचार (Mansik Aaghat Lagne Par Prathmik Upchar in Hindi))
( और पढ़े – अति मानसिक तनाव बन सकता है इन रोगों का कारण ) 5) जले हुए इंसान की प्राथमिक चिकित्सा (Jalne Par Prathmik Upchar in Hindi)
( और पढ़े – आग से जलने पर 79 प्राथमिक घरेलू उपचार ) 6) फैक्चर होने पर प्राथमिक उपचार (Haddi Tutne Par Prathmik Upchar in Hindi)a) हाथ की हड्डी टूटने पर प्रथमोपचारअगर हाथों की हड्डी टूट जाए तो दूसरे हाथ से टूटे हुए हाथ को सहारा दें। बाद में एक स्कार्फ या चौकोर कपड़ा लेकर उसकी तिरछी घड़ी (त्रिकोण) करें व उसका स्लिंग तैयार करें। यह त्रिकोण कपड़ा रुग्ण के टूटे हुए हाथ के नीचे से लेकर ऊपर से निकाले। दोनों किनारे (एंड) गर्दन के पीछे बांध दें, इससे हाथ को सहारा मिलेगा, दर्द कम होगा। अगर कंधे या गर्दन की हड्डी प्रभावित होगी तो एक कपड़े की तिरछी पट्टी बाँधकर हाथ को जिस तरफ से लगाना हो उस हिस्से से सहारा दें। b) पैर की हड्डी टूटने पर प्रथमोपचारतुरंत एम्बुलेंस बुलाएँ। एम्बुलेंस आने तक पैर को नीचे व ऊपर से सहारा दें। ( और पढ़े – टूटी हड्डी जल्दी जोड़ने के 12 देसी नुस्खे ) 7) मिर्गी आकर बेहोश होने पर प्रथमोपचार (Behosh Hone Par Prathmik Upchar in Hindi)
( और पढ़े – मिर्गी के अचूक घरेलू इलाज ) 8) बिजली का झटका लगने पर प्राथमिक उपचार (Bijli ka Jhatka Lagne Par Prathmik Upchar in Hindi)
( और पढ़े – बिजली का झटका लगने पर क्या करें ? ) 9) उष्माघात पर प्रथमोपचार
( और पढ़े – शरीर की गर्मी दूर करने के 16 देसी उपाय ) प्राथमिक उपचार का क्या अर्थ है?किसी रोग के होने या चोट लगने पर किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा जो सीमित उपचार किया जाता है उसे प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) कहते हैं। इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना होता है कि चोटग्रस्त व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में लगने वाले समय में कम से कम नुकसान हो।
प्राथमिक उपचार के क्या लाभ हैं?प्राथमिक उपचार का प्राथमिक ज्ञान एक व्यक्ति और समाज दोनों के लिए सहायक होता है। यह आपको ऐसे व्यक्तियों को बनाए रखने में सहायता करता है जो अंततः किसी दुर्घटना या किसी दुखद स्थिति में घायल हो जाते हैं जब तक कि आवश्यक सहायता नहीं मिल जाती है।
प्राथमिक चिकित्सा के जनक कौन हैं?लेकिन सही मायने में प्राथमिक चिकित्सा की अवधारणा की नींव रखने का श्रेय प्रशा (जर्मन साम्राज्य) के सैन्य सर्जन, फ्रेड्रिक वॉन एस्मार्च को जाता है, जिन्होंने सन 1870 में औपचारिक रूप से फ्रांसिसि-जर्मन युद्ध के लिए सैनिकों को प्राथमिक चिकित्सा (erste hilfe एर्स्ट हिल्फ के नाम से जिसका अर्थ First Aid होता है) प्रशिक्षण ...
हड्डी टूटने का प्राथमिक उपचार क्या है?फ्रैक्चर के लिए प्राथमिक उपचार
सुनिश्चित करें कि घायल व्यक्ति सदमे की स्थिति में नहीं है, और हड्डी को स्थिर करने के लिए एक पट्टी का उपयोग करें जब तक कि व्यक्ति को उचित चिकित्सा सहायता न मिल जाए।
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