पिता में कौन सा प्रत्यय है? - pita mein kaun sa pratyay hai?

पिता में कौन सा प्रत्यय है? - pita mein kaun sa pratyay hai?



वह शब्द जो दूसरे शब्दों के अंत में जुड़कर अपनी प्रकृति के अनुसार उसके अर्थ में परिवर्तन कर दे उसे प्रत्यय कहते है 

प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है 

   प्रति    +    अय    

प्रति का अर्थ होता है (साथ में )

अय का अर्थ होता है (चलने वाला )

Note :

प्रत्यय का अपना अर्थ नहीं होता है 

प्रत्यय एक अविकारी शब्दांश होते है जो शब्दों के बाद जोड़ दिए जाते है 

  प्रत्यय शब्द के कुछ उदाहरण   

1. अक - लेखक, नायक, गायक, पाठक, 

2. अक्कड़ - भुलक्कड़, घुमक्कड़, पियक्कड़ 

3. आक - तैराक, लड़ाक, फिराक 

4. - दौड, होड़, ओड़, मोड़, कौरव 

5. आई - लड़ाई, चढ़ाई, बड़ाई

6. आप - मिलाप, सिलाप, विलाप,

7. आ - घेरा, डेरा, भूखा, झुला, ठेला, घेरा, 

8. वट - मिलावट, गिरावट, सिलवट 

9. हट - झल्लाहट, हकलाहट, झुंझलाहट

10. ती - बोलती, चलती, मचलती 

11. ता - उदारता, सफलता, दाता, नेता, पिता,

12. आस - प्यास, लिबास, मिठास, एहसास

13. आहट - घबराहट, शरमाहट, गरमाहट

14. औता - समझौता, इकलौता, सरौता 

15. आर - सुनार, लोहार, चमार

16. पन - बचपन, अपनापन, लडकपन 

17. हट - चिकनाहट, हिचकिचाहट, घबड़ाहट

18. आवट - लिखावट, दिखावट, सजावट

19. इया - बुढ़िया, खटिया, चुटिया

20. त्र - तत्र, यत्र, सर्वत्र, एकत्र

21. भर - दिनभर, रातभर, जीवनभर

22. खोर - हरामखोर, आदमखोर, लतखोर

23. वार - उम्मीदवार, रविवार, गुरुवार

24. बीन - दूरबीन, छानबीन

25. वान - धनवान, विद्वान, बलवान 

26. दानी - मच्छरदानी, साबुनदानी, नमकदानी

27. बंद - नजरबंद, कमरबंद,

28. यॉ - नदियाँ, प्रतियॉ, रोटियाँ

29. औती - मनौती, फिरौती, चुनौती, कटौती

30. अन - मोहन, सोहन, पठन, भक्षण, नयन, 

31. आन - थकान, चढ़ान, पठान

32. आव - बहाव, चढ़ाव, खिंचाव, बचाव 

33. आहट - चिल्लाहट, गर्राहट, घबराहट

34. ई - हॅसी, बोली, चुडकी, रेती, फॉसी 

35. ऐरा - ठठेरा, लुटेरा, सपेरा, 

36. कार - काश्तकार, कलाकार, सलाहकार,

37. गार - मददगार, कारागार, कामगार,

38. आनी - जिस्मानी, मर्दानी,

39. इयल - अड़ियल, दढ़ियल, सड़ियल

40. दान - इत्रदान, कलमदान, पीकदान

41. दार - ईमानदार, कर्जदार, दुकानदार,

42. मंद - अक्लमंद, जरूरतमंद, 

43. ई - पण्डिताई, चालाकी, ज्ञानी, पक्षी 

44. वाला - पढ़नेवाला, लिखनेवाला, चायवाला

45. आवा - भूलावा, छलावा, दिखावा, चढ़ावा

46. अन - लेखन, पठन, गमन, मनन, मिलन

47. कर - जाकर, देखकर, नहाकर

48. वाला - गानेवाला, रोनेवाला, सोनेवाला, रह

49. हार - होनहार, पालनहार, मलहार 

50. बाज - दगाबाज, धोखेबाज, रंगबाज 

51. साज - घड़ीसाज, रंगसाज, जालसाज

52. गी - गन्दगी, जिन्दगी, बंदगी,

53. वॉ - सातवाँ, आठवॉ, बारहवाँ

54. इत - पुष्पित, आनंदित, क्रोधित 

55. ईय - भारतीय, अनुकरणीय, रमणीय 

56. ईला - चमकीला, भड़कीला, रंगीला 

57. इत्र - चरित्र, पवित्र, खनित्र 

58. वैया - बचैया, गवैया, खेवैया

59. अनीय - पठनीय, पूजनीय, शोचनीय

60. इमा - गरिमा, महिमा, लालिमा, लघिमा 

61. गर - बाज़ीगर, कारीगर, सौदागर 

62. दार - जमींदार, मालदार, समझदार  

63. ला - सौतेला, अकेला 

64. उक - भिक्षुक, इच्छुक 

65. सार - मिलनसार, 

66. आड़ी - खिलाड़ी, 

67. आरी - जुआरी 

68. न - चलन, बंधन, बेलन, झाड़न 

69. एरा - फुफेरा 

70. त - रंगत, संगत 

71. आबाद - हैदराबाद, जहानाबाद, मुरादाबाद 

72.  त्व - महत्व, गुरुत्व, लघुत्व 

73. इक - लौकिक, धार्मिक, वर्षिक, ऐतिहासिक 

74. इल - जटिल, बोझिल, पंकिल 

75. इम - स्वर्णिम, अंतिम, रक्तिम 

76. तम - सुन्दरतम, अधिकतम, लघुतम 

77. इष्ट - गरिष्ट, वरिष्ट, कनिष्ट 

78. आकू - लड़ाकू, कृपालू, दयालू

79.  य - पांडित्य, चातुर्य, माधुर्य, सौंदर्य 

80.  या - आया, गाया, हँसाया 

81.  र - नम्र, नगर, विधुर, क्षुद्र 

82. रा - दूसरा, तीसरा, कमरा, 

83. री - बाँसुरी, गठरी, छतरी, भोजपुरी 

84. रू - दारू, चारु, डमरू, शुरू 


 निम्नलिखित में कौन सा प्रत्यय है  

1. खिलौना - औना 

2. रंगबाज़ - बाज 

3. टिकाऊ - आउ 

4. बुढ़िया - इया 

5. कौरव -  

6. विज्ञानं - आन 

7. लड़ाई - आई 

8. बैठा - आ 

9. घुमाव - आव  

10. लिखित - इत 

11. मानवता - ता 

12. मिठास - आस 

13. खटिया - इया 

14. बबुआ - आ 

15. गायक  - अक 

16. भिक्षुक - उक 

17. तैराक - आक  

18. पंडिताइन - आइन 

19. सामाजिक - इक 

20. होनहार - हार 

21. लुहार - आर 

22. मालदार - दार 

23. घटिया - इया 

24. दयालु - लु 

25. सुतक्कड़ - अक्कड़ 

26. लेखक - अक 

27. सहायक - अक 

28. कृपालु - लु 

29. अनाड़ी - आडी 

30. गवैया - ऐया 

31. धनवान - वान 

32. ज्ञानी - ई 

33. शब्दों - ओं 

34. नदियाँ - यां 

35. कौआ - आ 

36. लठैत - ऐत  

37. सपेरा - एरा 

38. कमाऊ - आऊ 

39. भगोड़ा - 

40. चटोरा -

41. पढाई -

42. मिठाई -

43. लिखावट -

44. कोचवान - 

45. कुलीन -

46. प्यासा -

47. लुटिया -

48. शौकीन - 

49. तमाशबीन - बीन 

50. छरहरा - हरा 

51. चिरायु - आयु 

52. धुंधला - ला 

53. सावधानी -ई 

54. कनिष्ट -  इष्ट 

55. निर्वासित - इत  

56. लघुत्व - त्व

57. ननिहाल - हाल 

58. तिहरा - हरा 

59. देहाती - ई 

60. भारतीय - 

61. हर्षित - इत 

62. रमणीय -

63. बड़ाई -

64. नाटककार - 

65. माननीय -

66. सिलाई -

67. मिलान -

68. दौरान -

69. छलिया -

70. खनित्र -

71. मरियल -

72. कर्तवय -

73. शक्ति -

74. सर्वत्र -

75. दाम -

76. खवैया -

77. सुखाया -

78. श्रमजीवी -

79. मुखयतया -

80. भाग्यशाली -

81. भवदीय -

82. महिमा -

83. रूपवती -

84. अल्पज्ञ -

85. चक्रधर -

86. खनक -

87. लड़ाका -

88. बिछौना -

89. विषैला -

90. बचत -

91. दूसरा -

92. फर्राटा -

93. खर्राटा - 

94. गुलाब - आब 

95. चमचा - चा 

96. दौलतमंद - मंद 

97. कमरबंद - बंद 

98. चरागाह - गाह 

99. जालसाज - साज 

100. धोखेबाज़ - बाज 

101. धीरे -  

102. गंवार - आर 

103. साजिश - इश

104. पूज्य - य 

105. पूजनीय - अनीय  

106. युगीन - ईन 

107. उच्चतम - तम 

108. पंकिल - इल 

109. हवन - अन 

110.  डाकू -  

111. अड़ियल - इयल 


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पिता में प्रत्यय क्या है?

धातुओं में जुड़ने वाले प्रत्ययों को कृत् प्रत्यय कहते हैं। ये प्रत्यय तिङ् प्रत्ययों से भिन्न होते हैं। संज्ञा शब्दों में जुड़ने वाले प्रत्ययों को तद्धित प्रत्यय कहते हैं। पुँल्लिङ्ग से स्त्रीलिङ्ग बनाने के लिए शब्दों में प्रयुक्त होने वाले प्रत्ययों को स्त्री प्रत्यय कहते हैं।

बालक का प्रत्यय क्या है?

अतः 'बालक' में 'क' प्रत्यय और 'बाल' मूल शब्द है।

प्रत्यय की पहचान कैसे करें?

प्रत्यय = प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है,पीछे चलना। जो शब्दांश शब्दों के अंत में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं।

प्रत्यय शब्द कौन कौन से हैं?

प्रत्यय वे शब्द हैं जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैंप्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – प्रति + अय। प्रति का अर्थ होता है 'साथ में, पर बाद में" और अय का अर्थ होता है "चलने वाला", अत: प्रत्यय का अर्थ होता है साथ में पर बाद में चलने वाला।