गैसोलीन या पेट्रोल एक पेट्रोलियम से प्राप्त/व्युत्पन्न तरल-मिश्रण है। इसे प्राथमिकता से अन्तर्दहन इंजन में ईंधन के तौर पर प्रयोग किया जाता है। इसे एसीटोन की तरह एक शक्तिशाली घुलनशील द्रव्य की तरह भी प्रयोग किया जाता है। इसमें कई एलिफैटिक हाइड्रोकार्बन होते हैं, जिसके संग आइसो-आक्टेन या एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन जैसे टॉलुईन और बेन्ज़ीन भी मिलाये जाते हैं, जिससे इसकी ऑक्टेन क्षमता (ऊर्जा) बढ़ जाये। इसका वाष्पदहन तापमान शून्य से 62 डिग्री (सेल्सियस) कम होता है, यानि सामान्य तापमान पर इसका वाष्प दहनशील होता है। इसी वजह से इसे अत्यंत दहनशील पदार्थों की श्रेणी में रखा जाता है। ऐतिहासिक रूप से सीसा का उपयोग गैसोलीन में किया जाता था, लेकिन वर्ष 2000 में इसे हटा दिया गया था। Show भारत में इसपर डीज़ल के मुकाबले अधिक कर लगाया जाता है जिससे यह थोड़ा महंगा होता है। कई ठंडे देशों में इसको प्राथमिकता से प्रयोग में लाया जाता है क्योंकि बहुत कम तापमान में इसकी ज्वलनशीलता बाक़ी ईंधनों के मुकाबले अधिक होती है। सामान्य तापमान पर इसका घनत्व 740 किलो प्रति घनमीटर होता है जो पानी (1000) से हल्का है। Images आज इस पोस्ट में हमलोग जानने वाले है की, पेट्रोल कैसे बनता है? आज के समय में पेट्रोल और डीजल के बिना कुछ भी सोचना बड़ा मुश्किल। अगर पेट्रोल का दाम थोड़ा भी बढ़ता है, तो इसका असर सीधे अर्धव्यवस्था पर पड़ता है. मोटर कार, मोटर बाइक, बस, ट्रक और ट्रैन भी पेट्रोल/डीजल से ही चलते है. ये बात अलग है की, अब धीरे-धीरे बिजली से चलने वाले गाड़िया बाजार में आ रही है, लेकिन अभी भी ज्यादातर गाड़िया पेट्रोल/डीजल पर ही चलती है. तो अब बिना किसी देरी के ये जान लेते है की, petrol kaise banta hai? इसकी जरुरत हर-रोज़ पड़ती है, और इसके कीमत के बारे में बताने की जरुरत नहीं, पेट्रोल का दाम शतक लगा चूका है. लेकिन हमलोग पेट्रोल कैसे बनता है, ये जानने से पहले हमलोग ये जानेंगे की पेट्रोल क्या होता है? पेट्रोल क्या है?पेट्रोल को gasoline के नाम से भी जाना जाता है. ये एक परिवर्तनशील, ज्वलनशील पदार्थ है, जिसे कच्चा तेल(crude oil) को refine कर निकला जाता है. इसकी महत्ता तब बढ़ी जब निकोलोस ओटो ने 1876 में फोर-स्ट्रोक इंटरनल कंबशन इंजन बनाया। पेट्रोल ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में बहुत महत्वपूर्ण बन गया. और आज देखिए इसे हर तरह के ऑटोमोटिव में इसका इस्तेमाल किया जाता है. पेट्रोल जीवाश्म ईंधन के श्रेणी में आता है. ये चीज़ पृथ्वी पर सीमित मात्रा में है, इसका मतलब ये हुआ की एक दिन पेट्रोलियम खत्म हो जायेगा पृथ्वी पर से. एक रिपोर्ट के मुताबिक जिस तेज़ी से हम हमलोग इसका इस्तेमाल कर रहे है, उसे हिसाब से ये चीज़ अगले 40-50 सालो में खत्म हो जाएगी। जिस चीज़ की सप्लाई घटती है, उसकी दाम बढ़ जाती है. आपको बता दें की भारत में आयल फील्ड नहीं है, कुछ है, जिनसे जितनी जरुरत है, उसके मुकाबले न के बराबर उत्पादन होता है. भारत के कुछ महत्वपूर्ण आयल फ़ील्ड्स के नाम निचे दिए है- भारत के महत्वपूर्ण आयल फ़ील्ड्स
भारत ज्यादातर तेल दूसरे देशों से खरीदता है. हमारे देश में पेट्रोल महंगा है, लेकिन दुनिया में कुछ जगह ऐसे भी है जहां पेट्रोल पानी से भी सस्ता है. तो चलिए अब जानते है की, पेट्रोल कैसे बनता है? पेट्रोल कैसे बनता है?सीधे शब्दों में बताया जाये तो, सबसे पहले कच्चा तेल को ज़मीन के अंदर से निकला जाता है, फिर उसे refine किया जाता है, इस प्रोसेस के दौरान हमे पेट्रोल मिलता है, इसके अलावा और भी चीज़े मिलते है, जैसे की- डीजल। लेकिन आखिर कच्चा तेल(crude oil) जिससे ये चीज़(पेट्रोल) निकली जाती है, वो चीज़ ज़मीन के अंदर आई कैसे? इसका जवाब है- एक थ्योरी के मुताबिक हज़ारो-लाखो साल पहले पृथ्वी पर जो पेड़-पौधे और जानवर किसी कारणवश ज़मीन में दब गए, काफी निचे दबे होने कारण वहां पर दबाव और गर्मी ज्यादा थी और साथ में ऑक्सीजन की कमी कारण समय के साथ वो मृत जानवर और दबे हुए जानवर पेट्रोलियम में बदल गए. ये तो बात हुई की पेट्रोलियम कैसे बना. लेकिन अब हम ये जान लेते है की, आखिर कैसे कच्चे तेल से पेट्रोल और दूसरे उत्पाद निकाले जाते है. इसका सारा प्रोसेस निचे समझाया है. पेट्रोल को निकालने के लिए बहुत सारे प्रोसेस से गुजरना पड़ता है. ज़मीन के अंदर ये चीज़ काले तरल पदार्थ के रूप में मिलता है, जिसे बाद में रेफिनेमेंट और डिस्टिलेशन प्रोसेस से उसे साफ किया जाता है जिससे, हमे पेट्रोल, डीजल मिलते है. पेट्रोल का सबसे जरुरी सामग्री कच्चा तेल होता है. कच्चा तेल आमतौर पर झरझरा चट्टान जहां होते है, वहां मिलता है. कच्चा तेल को कला सोना भी बोला जाता है. पेट्रोल निकालने की विधि
फ्रैक्शनल डिस्टिलेशन क्या होता है?हम सभी को मालूम है की, कच्चा तेल अच्छा ईंधन नहीं होता है. इसलिए क्रूड आयल को फ्रॅक्शनल डिस्टिलेशन प्रोसेस से गुजरना पड़ता है, ताकि वो इस्तेमाल करने लायक ईंधन बन सके. कच्चा तेल बहुत गाढ़ा होता है, न की तरल. इसको बहुत उच्च तप की जरुरत होती है, तरल बनाने के लिए. कच्चा तेल में molecules का लम्बा चेन होता है, इसको रिफाइंड फ्यूल के छोटे चेन से अलग करना जरुरी होता है, इसमें पेट्रोल भी होता है, ये काम रिफाइनरी में होता है. कच्चे तेल के लम्बे चेन को छोटे चेन से अलग करने के प्रोसेस को फ्रैक्शनल डिस्टिलेशन बोलते है. अब हमलोग ये जानने की कोसिस करते है की, ये होता कैसे है- फ्रैक्शनल डिस्टिलेशन प्रक्रिया।इस प्रक्रिया में सबसे पहले कच्चे तेल को एक फर्नेस में 316 डिग्री सेल्सियस से ज्यदा तापमान पर गर्म किया जाता है. इसके कारण कच्चे तेल में जो बड़े मॉलिक्यूल होते है, वो vapour evoporate हो जाते है. इस vapour को फ्रैक्शनल डिस्टिलेशन टावर में इकठ्ठा किया जाता है, जो फर्नेस से जुड़ा होता है, ये टावर लगभग 150 फ़ीट लम्बा हो सकता है. इस फ्रैशनटिंग कॉलम में भाप धीरे-धीरे ठंडा होता है. क्युकी हर कंपाउंड का बोइलिंग पॉइंट अलग-अलग होता है, इसलिए टावर में जो सबसे भरी और बड़ा मॉलिक्यूल होगा वो सबसे निचे रह जायेगा और हल्का मॉलिक्यूल उसके ऊपर और उससे हल्का उसके ऊपर और इसी तरह. और वो ठन्डे भी होते रहेंगे. नेचुरल गैस, पेट्रोल और केरोसिन सबसे ऊपर मिलते है. लुब्रिकेंट्स और प्लास्टिक मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल किया जाने वाला कंपाउंड सबसे निचे मिल जायेगा. आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए की, फ्रैक्शनल डिस्टिलेशन पेट्रोल नहीं बनता, ये बस कच्चे तेल में मौजूद कंपाउंड से पेट्रोल को अलग कर देता है. Img src-Wikipediaतो कुछ इस तरह से पेट्रोल को बनाया जाता है. उम्मीद है की आप सभी को ये पता चल गया होगा की, पेट्रोल कैसे बनता है? भारत में पेट्रोल कैसे बनता है?पेट्रोल और डीजल को पेट्रोलियम से निकाला जाता है जिसे कच्चा तेल कहा जाता है. कच्चे तेल को अच्छा ईंधन नहीं माना जाता है, क्योंकि यह तरल नहीं है और इसे जलाने के लिए बहुत उच्च तापमान की आवश्यकता होती है.
पेट्रोल कैसे उत्पन्न हुआ?पेट्रोलियम का निर्माण समुद्र में रहने वाले जीवों से हुआ। जब ये जीव मृत हुए, इनके शरीर समुद्र के पेंदे में जाकर जम गए और फिर रेत तथा मिट्टी की तहों द्वारा ढक गए। लाखों वर्षों में, वायु की अनुपस्थिति, उच्च ताप और उच्च दाब ने मृत जीवों को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस में परिवर्तित कर दिया।
1 बैरल में कितने लीटर पेट्रोल होता है?एक बैरल में 159 लीटर कच्चा तेल होता है
कौन सा देश दुनिया में सबसे बड़ा तेल भंडार है?विश्व का तेल भंडार:
वेनेजुएला तेल भंडार के मामले में अग्रणी देश है, जिसकी सतह के नीचे 304 बिलियन बैरल से अधिक तेल है। सऊदी अरब 298 बिलियन के साथ दूसरे स्थान पर है, और कनाडा 170 बिलियन बैरल तेल भंडार के साथ तीसरे स्थान पर है।
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