पौधे पर कितने भाग होते हैं? - paudhe par kitane bhaag hote hain?

Paudhe Ke Kitne Bhag Hote Hain

Pradeep Chawla on 12-05-2019

लगभग सभी पौधों में इन छह भागों होते हैं: जड़ों, उपजी, पत्तियां, फल, फूल और बीज।


Comments KR on 21-10-2022

Oo

सुजीत on 23-06-2022

पौधों के कितने भाग होते

Ramnath Prajapati on 12-06-2022

Poudhe ka koun sa bhag sajive hota hai

Pampamkumar on 18-09-2021

Videsh mein kitne Bhag hote hain aur aur Jurm Mein Pani Dene Se Talaq Kaise Leti Hai

Anjali on 10-08-2021

Kisi podhe ke kitne bhag hote ha chit sahit varnan kare

ped ke kitne bhag hote Hai on 28-07-2021

Ped ke kitne bhag hote Hai

Aahana on 12-07-2021

Kisi paudhe ka sabse uperi bhag kya khelata hai

Krishna on 18-05-2021

Pedhe ka nrm bhag konsa h

Ashish Yadav on 09-05-2021

पौधे कितने प्रकार के होते हैं

सुधा on 07-03-2021

पौधे का एक स्वच्छ नामांकित चित्र बनाइए तथा पौधे के प्रत्येक भाग के कार्य लिखिए

T on 29-01-2021

Tana ko English mai kya kahete h

Ashish gurjar on 29-08-2020

पेड़ के कितने भाग होते हैं

Chandni on 14-08-2020

Paudhe ke kon sa bhag nhi h. Pushpa Pattie Tana Jadi

Sanjiv on 26-02-2020

What is photosynthesis

Paudhon ko kitne Bhag Hote Hain on 01-01-2020

Paudhon ko kitne Bhag Hote Hain

Om on 07-08-2019

Paudhe Ke Kitne Bhag Hote Hain

mukesh on 12-05-2019

paudho ke bhag

subham on 12-05-2019

Paudho ke bhaag aur unke karya

गोपालस on 27-04-2019

पौधे
के
कितने
भाग
होते
हैं
नाम
लिखिए

Amul kumar on 25-04-2019

Root

Paudhe ke bhag aur unke karya on 23-04-2019

Paudhe keep bhag aur unake karya ?

राजेन्द्र कुमार on 07-01-2019

पेड़ का कौन-सा भाग सबसे अधिक मजबूत होता है ?

कमल शर्मा on 21-08-2018

पौधे का नर भाग कौनसा होता है

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पेड़-पौधे क्या हैं?इसके कितने भाग होते हैं| पौधों के प्रकार, वर्गीकरण, महत्त्व तथा विशेषताएँ

पेड़-पौधे क्या हैं?इसके कितने भाग होते हैं, पौधों के प्रकार, वर्गीकरण, महत्त्व तथा विशेषताएँ

हेलो दोस्तों पेड़-पौधे क्या हैं?इसके कितने भाग होते हैं| पौधों के प्रकार, वर्गीकरण, महत्त्व तथा विशेषताएँ पोस्ट के माध्यम से www.way2pathshala.in तथा www.examstd.com  द्वारा  विभिन्न बिन्दुओं जैसे पेड़ पौधे क्या है ? पौधे के कौन-कौन से अंग होते हैं तथा इन पौधे के विभिन्न भाग एवं उनके कार्य, पौधों के प्रकार एवं भाग और इनका वर्गीकरण, महत्व तथा विशेषताएँ का उल्लेख किया गया है। तथा साथ ही साथ विभिन्न टॉपिक जैसे -पेड़ के भागों के नाम,पौधे के कौन-कौन से अंग होते हैं,पौधे के विभिन्न भाग एवं उनके कार्य, पौधों के नाम,पौधों के विभिन्न भागों के नाम बताइए, पौधों के प्रकार एवं भाग, पेड़ के भागों के नाम इंग्लिश में, पौधे के प्रकार पर भी प्रकाश डाला गया है। 

पेड़-पौधे (वनस्पति किसे कहते हैं)

अगर हम पने आस पास देखे हमें दो तरह की वस्तुएं दिखाई देती है|सजीव वस्तुएं और निर्जीव वस्तुएं,सजीव वस्तुओ में एक कोशकीय जंतु से लेकर बहुकोशकीय जन्तु तथा पेड़-पौधे पाए जाते है|

पौधे पर कितने भाग होते हैं? - paudhe par kitane bhaag hote hain?

पेड़ पोधों का हमारे जीवन में अनमोल योगदान है| जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते है| यह हमारे प्रदूषण को कम करते है और हमारे द्वारा छोड़ी गयी कार्बनडाईऑक्साइड को ग्रहड़ कर हमें प्राण वायु ऑक्सीजन प्रदान करते है तथा इनसे प्राप्त होनेवाली विभिन्न प्रकार की वस्तुए जैसे औषधियाँ,मसाले,सब्जियाँ,खड्यातेल,फल,अनाज से हमारा जीवन का निर्वाह   होता है|

इस तरह हम कह सकते है किपेड़ वह हैं जिनका जीवन कम से कम दो वर्ष हो जिनमे शाखाएँ निकली हो और   उनसे हमें लकड़ियाँ मिले पेड़ कहलाते हैं”

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 पेड़ -पौधों के भाग (पार्ट ऑफ ट्री )

पेड़-पौधों के प्रकार एवं भाग की विस्तृत जानकारी के लिए इन्हे दो भागो में बाटा गया है जड़ तथा तना|

  1. जड़ पेड़-पोधों का वह भाग जो जमीन केअंदर पाया जाता है उसे जड़ कहते है|जड़ के कार्य - जड़े पेड़-पोधों कोआधार प्रदान करती है|जड़े जमीन से खनिज पदार्थो का अवशोषण कर पेड़-पोधों के विभिन्न भागों तक पहुँचाती है|
  2. तना पेड़-पोधों का वह भाग जो जमीन के ऊपर पाया जाता है उसे तना कहते है|तना के कार्य-इसके प्रमुख कार्य जड़ो के द्वारा अवशोषित जल एवं खनिज पदार्थो को पौधों  के अन्य भाग जैसे -पत्ती,फूल,फल,बीज तक पहुचाना है|

पौधों के विभिन्न भागों के नाम (पार्ट्स ऑफ प्लांट इन इंग्लिश)

पौधों के दो भाग होते है जड़ और तना , तने को पत्ती,फूल,फल,बीज में बांटा गया है|

1.पत्ती - यह पौधे का हरा भाग होता है इसका हरा रंग इसमे पाए जाने वाले कलोरोफिल के कारण होता है|पत्ती के प्रमुख कार्य- पत्ती सूर्य के प्रकाश में जल तथा कार्बनडाइऑक्साइड की सहायता से प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण करना है|

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फूल-यह पौधे का रंग बिरंगा तथा सबसे आकर्षक भाग होता है इसके 4 भाग होते है| वाह्यदलपुंज,दलपुंजपुमंग (पुंकेसर-फूल का नर भाग)जायांग(स्त्रीकेसर-फूल का मादा भाग)|फूल के कार्य फूल के प्रमुख कार्य प्रजनन में सहायता करना है|

  1. संसार का सबसे बड़ा फूल -रफ्लेसिया
  2. संसार का सबसे छोटा फूल- वुल्फ़िया
  3. संसार का सबसे लम्बा फूल -टाइटन एरम
  4. फूलो की अवस्थित घाटी -चमोली घाटी उत्तराखंड

फलपेड़-पौधों का यह ऐसा भाग है जिसका निर्माण अण्डाशय से होता है|इसका प्रयोग खाने तथा दवाई से साथ साथ दूसरे कार्यो में भी किया जाता है|

बीज- पेड़ पौधों के इस भाग का निर्माण फूलो में पाए जाने वाले बीजाणु से होता है यह एक ऐसा भाग होता है जिसके   अन्दर एक नए पौधे का पूराअस्तित्व छिपा होता है|इसका प्रयोग तेल निकालने तथा खाने में किया जाता है|

पौधों के प्रकार 

अगर पौधों के प्रकार एवं भाग के विषय में बात करे तब पौधों में पायी जाने वाली विभिन्न विशेषताएँ और आकर के आधार पर पौधों को  निम्नलिखित रूप से वर्गीकरण किया गया है। 

  1. शाक (Herbs) इस प्रकार के पौधे आकार में बहुत छोटे होते है तथा इनका तना हरे रंग का और अत्यधिक कोमल होता है।  जैसे-मेथी ,पालक ,धनिया आदि  
  2. झाड़ी (Shrubs) इस प्रकार के पौधों का आकार शाक की तुलना में बड़ा होता है तथा इनका तना मोटा और कढोर होता है।  इस कढोर तने के आधार से कई शाखाएँ निकलती है।  जैसे-गुड़हल, नीबूं, गुलाब 
  3. वृक्ष (Tree) बड़े एवं विशाल पौधों को वृक्ष कहा जाता है। वृक्षों का तना कढोर, मोटा एवं भूरे रंग का होता है जिससे कई शाखाएँ निकली होती है।  जैसे- पीपल, नीम , जामुन, आम आदि 
  4. लताएँ (Creepers) इस प्रकार के पौधे अत्यन कमजोर होते है अर्थात स्वम सीधे खड़े नहीं हो सकते है, इनको स्थिर रखने के लिये सहायता की आवश्यकता पड़ती है। इन लताओं को दो भागों में बाँटा गया है। 

  1. विसर्जी लता- वह लताएँ जो जमीन के बहुत बड़े भूभाग पर फैली होती है उन्हें विसर्जी लताएँ कहा जाता है। जैसे-तरबूज, खीरा, खरबूजा ,पुदीना आदि 
  2. आरोही लता- वह लताएँ जिनको सीधा खड़े होने के लिए किसी दूसरे पौधे अथवा ढाँचे का सहारा लेना पड़ता है उन्हें आरोही लताएँ कहा जाता है। जैसे-अमरबेल, मटर, मनीप्लांट आदि 

क्षेत्र के आधार पर पौधों का वर्गीकरण 

क्षेत्र के आधार पर पौधों का वर्गीकरण निम्न प्रकार किया गया है। 

  1. जलोढ़भिद(Hydrophyte)-इस प्रकार के पौधे पानी में पाये जाते है तथा इनकी जड़ो का विकास कम होता है और इनकी पत्तियां संकरी तथा पतली होती है , इन पत्तियों के ऊपर मोम की पतली परत चढ़ी होती है जिससे वाष्पोत्सर्जन की क्रिया के द्वारा जल की हानि कम होती है।  जैसे- हाइड्रिला, जललिली, कमल आदि 
  2. लवणोद भिद (Halophyte) -इस प्रकार के पौधे दलदलीय क्षेत्रों में पाये जाते है तथा ें पोधो की जड़े जमीन के ऊपर निकली हुयी होती है। जैसे-साल्ट मार्स (Salt Marsh)
  3. समोद भिद (Mesophyte)- खेती योग्य जमीन पर पाये जाने वाले पौधे समोद भिद कहलाते है।  ें पौधों का तना ढोस तथा शाखा युक्त होता है। जैसे-गेंहूँ, धान, टमाटर, मक्का, गन्ना आदि 
  4. मरुद भिद  (Xerophyte)- इस प्रकार के पौधे मरुस्थल क्षेत्रों में पाये जाते है।  मरुस्थल क्षेत्रों में पानी की कमी होने से वाष्पोत्सर्जन की क्रिया अधिक न हो के कारण इनकी पत्तियाँ काँटों के रूप में परिवर्तित हो जाती है। ें पोधो की पत्तियां छोटी तथा जेड गहरी होती है। जैसे-एकसिया, नागफनी, यूफ़ोबिया आदि 

पौधों का महत्व 

मानव जीवन में पौधों का विशेष महत्व होता है -

पौधे हमारे चरों और पाई जाने वाली हवा को शुद्ध करते है।  विभिन्न माध्यमों से उत्सर्जित होने वाली कार्बनडाईऑक्साइड को ग्रहण करके वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाते है। इस तरह कहा  है की पेड़ पौधे प्रकृति में संतुलन बनाये रखने में सहायक है। 

वातावरण में गैसों का सन्तुलन बनाये रखने  यह मृदा क्षरण को रोकना तथा उसकी उर्बरकाता शक्ति को बढ़ाने में सहायक होते है साथ ही साथ इनसे जीवन निर्वाह के लिए  अनाज, शब्जियाँ, खाद्य तेल, फल, मसाले,पेय पदार्थ तथा विभिन्न प्रकार की ओषधियाँ मिलती है जो निम्न प्रकार है -

|

पौधों से प्राप्त होने वाली सामग्री

पौधों का नाम 

अनाज प्रदान करने वाले

मटर,अरहर,चना

सब्जियाँ

जड़

मूली,चुकंदर,गाजर,शलजम

तना

अरुई,आलू,अदरक

3पत्ती

सरसो,बथुआ,पालक,मेथी 

फूल

कचनार,फूलगोभी

फल

टमाटर,तोरई,भिन्डी

खाद्य तेल

1फूलों से

गुलाब,चमेली

2फलों से

नारियल

3बीजों से

तिल,सरसों,मूँगफली 

फल

सेब,केला,अमरुद,आम

मसाले

लौंग,इलायची,तेजपत्ता,कालीमिर्च,अदरक

पेय पदार्थ

काफी (काफी एरबिका)

चाय(कैमेलिया साइनेन्सिस)

काफी (काफी एरबिका)

रेशेदार पदार्थ

जूट,सनकपास

ओषधियाँ

पेनिसिलियम

कवक

एट्रोपिन

बेलाडोना

कुनैन

सिनकोना

पेड़ पोधो की विशेषताएँ 

पेड़ पोधो की विशेषताओं को निम्न प्रकार से जाना जा सकता है-

  1. पेड़ पौधों से हमें ऑक्सीजन मिलता है|
  2. पेड़-पौधे वातावरण में पायी जाने वाली विभिन्न हानिकारक गैसों को सोख कर सन्तुलन बनाये रखते है|
  3. यह हमें विभिन्न प्रकार का भोजन प्रदान करते है|
  4. पेड़ आश्रय प्रदान करते है |
  5. पेड़ पारिस्थितिक प्रणाली को संतुलित करने में सहायक
  6. पेड़ वायु को शुद्ध करने में सहायक
  7. पेड़-पौधों जैव विविधता को बढाने में सहायक 
  8. पेड़-पौधे मृदा संरक्षण में सहायक
  9. पेड़-पौधों द्वारा जल के संतुलन को बनाये रखना
  10. पेड़-पौधों से विभिन्न प्रकार के अनाज प्राप्त करना
  11. पेड़-पौधों से शब्जियां, खाद्य तेल. पेय पदार्थ, फल,मसाले, ओषधियाँ प्राप्त होती है। 

कुछ विशेष प्रकार के पौधें 

क्रोटन- इस पौधे की बुआई फसलों के साथ की जाती है क्योंकि क्रोटन पौधा यह बताने में सक्षम होता है की फसल में पानी की आवश्यकता है या नहीं।इस पौधे की जड़े जमीन में अधिक गराई तक नहीं  पहुँचती है।  खेत में पानी की मात्रा की कमी होने पर यह मुरझाने लगता है इससे यह पता चलजाता है कि फसल को सिंचाई की आवश्यकता है।  

बरगद-बरगद एक विशालकाय वृक्ष होता है। इसकी शाखाओं से जड़े निकलती है यह जड़े स्तम्भ का कार्य करती है। इन जड़ों को स्तम्भ जड़े भी कहा जाता है। 

खेजड़ी- खेजड़ी एक ऐसा वृक्ष है जिसको अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है। खेजड़ी की खेती मुख्यतः भारत के रेगिस्तान क्षेत्रों में की जाती है । यह एक छायादार वृक्ष होता है , खेजड़ी के उपयोग इनमे आने वाली फलियों का प्रयोग शब्जी के रूप  तथा (खेजड़ी की छाल किस काम आती है) छाल को दवाओं के रूप प्रयोग किया जाता है। 

रेगिस्तानी ओक-यह वृक्ष मुख्यतः ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तान क्षेत्रों में पाया जाता है। इसकी जड़े गहरी होने से यह पानी में स्थित रहता है। इस क्षेत्र में रहने वाले लोग पाइप  की  सहायता से पानी को रेगिस्तानी ओक  वृक्ष से बाहर निकलते है। 

केला- केला का पौधा आकार  छोटा तथा हरे रंग के तने का होता है। जो अत्यधिक कोमल होता है। इसके फूल और फल दोनों खाये जाते है। 

घटपर्णी- अगर बात करे कि कीटभक्षी पौधे क्या है तो घटपर्णी  कीड़ो, मकोड़ो, चूहों, मेढकों तथा अन्य छोटे जीवों को खाने वाला एक कीट भक्षी पौधा होता है।  इसका आकर अथवा बनावट घड़े के समान होती है। इसके द्वारा निकाली गयी खुसबू से कीड़े मकौड़े आकर्षित होकर इसके अन्दर चले जाते है , जिनको पचा कर यह भूमि में नाइट्रोजन की कमी को पूरा करता है। 

घटपर्णी पौधा कहां पाया जाता है यह पौधा भारत के मेघालय तथा इण्डोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया में भी पाया जाता है। 

कीटभक्षी पौधों के उदाहरण- पिचर प्लांट , ड्रोसेरा, डायोनिमा , सेरोसेनिया , यूट्रीकुलेरिया 

कीटभक्षी पौधे कीटों का भक्षण क्यों करते हैं- कीटभक्षी पौधे कीटो का भक्षण भूमि में नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने के लिये करते है। 

कीटभक्षी पौधे क्या है- कीड़ो आदि का भक्षण करने वाले पौधों को कीटभक्षी पौधे कहते है। 

कीटभक्षी पादप के उदाहरण लिखिए- कीटभक्षी पादप के उदाहरण ड्रोसेरा, नेपंथीज, यूट्रीकुलेरिया , पिचर प्लांट 

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पौधों के कितने भाग होते हैं नाम बताइए?

पौधों के पाँच भाग होते हैं – 1 जड़ 2 तना, 3. पत्ती 4. फूल, 5. फल।

पौधे के कितने भाग होते हैं उत्तर?

लगभग सभी पौधों में इन छह भागों होते हैं: जड़ों, उपजी, पत्तियां, फल, फूल और बीज।

पौधे के कौन कौन से भाग हैं?

पौधे का कौन सा भाग दलहन है?.

पौधे के मुख्य भाग क्या हैं?

पौधों को मुख्य रूप से तीन भागो में बाटा गया है- जड़, तना तथा पत्ती।