राजपूताना मध्य भारत सभा - 1. श्री विजय सिंह पथिक - अजमेर2. श्री चाँदकरण शारदा - अजमेर3. श्री गणेशनारायण सोमानी - जयपुर4. श्री स्वामी नरसिंह देव - जयपुर5. डा. अम्बालाल दाधीच - अजमेर6. कुंवर मदन सिंह - करौली7. श्री राजा बहादूर गोविन्द लाल - बम्बई8. श्री ठाकुर केसरी सिंह पित्री - कोटा9. श्री कन्हैया लाल कलयंत्री - फलौदी10. श्री सुख सम्पतिरायभण्डारी - इन्दौर11. श्री जमनालाल बजाज - सीकर12. श्री अर्जुनलाल सेठी - जयपुर13. श्री गणेश शंकर - जयपुर14. श्री केसरी सिंह बारहट - शाहपुरासभा का मुख्य उद्देश्य- इसका मुख्य उद्देश्य रियासतों की जनता में जागृति
लाना तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उद्देश्यों व गतिविधियों से यहाँ की जनता को अवगत करवाना था। अधिवेशन-
इस प्रकार इस सभा के प्रयासों से रियासती मुद्दों को कांग्रेस में जगह मिल पायी तथा कांग्रेस के रचनात्मक आन्दोलन को रियासतों में भी लोकप्रियता मिली। साथ ही सभा की मध्यस्थता से जागीरदारी शोषण के कई मुद्दे सुलझाये गये। जैसे-
अमर सेवा समिति एवं प्याऊ आन्दोलन-
राजपूताना मध्य भारत सभा का प्रथम अधिवेशन कब हुआ?इसकी स्थापना 1918 ई. को दिल्ली कांग्रेस अधिवेशन के समय चाँदनी चौक के मारवाड़ी पुस्तकालय में की गई थी। यही इसका पहला अधिवेशन कहलाता है। इसका प्रथम अधिवेशन महामहोपाध्याय पंडित गिरधर शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था।
राजपूताना मध्य भारत सभा का प्रथम अधिवेशन 1918 के कांग्रेस अधिवेशन के समय कहाँ हुआ था?राजपुताना मध्य भारत सभा (1918)
1918 में कांग्रेस के दिल्ली अधिवेशन में राजस्थान एवं मध्य प्रदेश (तत्कालीन राजपूताना एवं मध्य भारत) के कार्यकर्ताओं द्वारा चांदनी चौक में स्थित मारवाड़ी पुस्तकालय में राजपूताना मध्य भारत सभा की स्थापना की गई। यही इसका पहला अधिवेशन कहलाता है।
राजपूताना मध्य भारत सभा का तीसरा सत्र कहाँ आयोजित हुआ था?मार्च 1920 में राजपूताना मध्य भारत सभा का तीसरा अधिवेशन जमनालाल बजाज की अध्यक्षता में अजमेर में आयोजित किया गया।
वीर भारत सभा की स्थापना कब हुई?Detailed Solution. सही उत्तर केसरी सिंह है। केसरी सिंह ने 1910 में 'वीर भारत सभा' की स्थापना की।
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