राजसूय यज्ञ करके सम्राट पद प्राप्त करने का क्या नियम होता है? - raajasooy yagy karake samraat pad praapt karane ka kya niyam hota hai?

राजसूय यज्ञ करके सम्राट पद प्राप्त करने का क्या नियम होता है? - raajasooy yagy karake samraat pad praapt karane ka kya niyam hota hai?

बाल महाभारत कथा

कक्षा-7

Bal Mahabharat Katha Class 7  PDF

Bal Mahabharat Katha Class 7 NCERT book pdf 

Bal Mahabharat Katha Class 7 |Summary in hindi 

बाल महाभारत कथा 

प्रश्नोत्तर

Bal Mahabharat Katha Class 7 Question answerBal Mahabharat Katha Class 7 Prashnottar

प्रश्न 1: गंगा ने शांतनु से कहा-“राजन! क्या आप अपना वचन भूल गए?” तुम्हारे विचार से शांतनु ने गंगा को क्या वचन दिया होगा?

उत्तर : सम्भवत: राजा शांतनु ने गंगा को यह वचन दिया होगा कि वे गंगा के किसी भी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करेंगे तथा उसकी इच्छा का सम्मान करेंगे।

प्रश्न 2: महाभारत के समय में राजा के बड़े पुत्र को अगला राजा बनाने की परपंरा थी। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए बताओ कि तुम्हारे अनुसार किसे राजा बनाया जाना चाहिए था-युधिष्ठिर या दुर्योधन को? अपने उत्तर का कारण बताओ।

उत्तर : पांडु भरत वंश के राजा थे। उनकी मृत्यु के पश्चात् युधिष्ठिर को राजा बनना चाहिए था परन्तु युधिष्ठिर की आयु कम होने के कारण उनके बड़े होने तक राज्य की ज़िम्मेदारी धृतराष्ट्र को दी गई थी। युधिष्ठिर के बड़े होने के पश्चात् न्यायोचित तो यही था कि युधिष्ठिर को उनका कार्य-भार सौंप दिया जाता। अत: भरत वंश की परंपरा के अनुसार राज्य पद के अधिकारी युधिष्ठिर ही थे।

प्रश्न 3: महाभारत के युद्ध को जीतने के लिए कौरवों और पांडवों ने अनेक प्रयास किए। तुम्हें दोनों के प्रयासों में जो उपयुक्त लगे हों, उनके कुछ उदाहरण दो।

उत्तर : युद्ध जीतने के लिए कौरवों तथा पांडवों दोनों ने प्रयास किए हैं।

कौरवों द्वारा किए गए प्रयास

(1) युद्ध में पितामह भीष्म तथा गुरू द्रोणाचार्य को सेना का नेतृत्व सौंपना।

(2) दुर्योधन का कृष्ण के पास युद्ध के लिए सहायता मांगने जाना।

(3) चक्रव्यूह की रचना करना

(4) अर्जुन को दूर भेजना

पांडवों द्वारा युद्ध के लिए किए गए प्रयास

(1) कर्ण का वध।

(2) दुःशासन का वध।

(3) दुर्योधन के भाई युयुत्सु पर विश्वास कर युद्ध में सम्मिलित करना।

(4) कृष्ण का साथ माँगना।

(5) अभिमन्यु द्वारा चक्रव्यूह तोड़ना।

प्रश्न 4: तुम्हारे विचार से महाभारत के युद्ध को कौन रूकवा सकता था? कैसे?

उत्तर : महाराज धृतराष्ट्र उस समय भरत वंश के राजा थे। उनकी आज्ञा का पालन करना प्रजा का कर्तव्य था। यदि वे निश्चय के पक्के होते तो अपने पुत्रों को आज्ञा देकर युद्ध को टाल सकते थे। परन्तु एक राजा होते हुए भी अपने राज्य के भविष्य के हित में वे कोई दृढ़ निश्चय नहीं कर पाए।

प्रश्न 5: इस पुस्तक में से कोई पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग करो।

उत्तर : पाठ पर आधारित मुहावरे :-

(1) वज्र के समान गिरना – (अधिक कष्ट होना) 

अपमान के कटु वचन उसके हृदय पर व्रज के समान लगे।

(2) जन्म से बैरी – (घोर शत्रुता होना) 

दोनों भाई इतना लड़ते हैं, मानो जन्म से बैरी हो।

(3) खलबली मच जाना – (नियंत्रण न होना) 

शिक्षक के न आने से पूरी कक्षा में खलबली मच गई।

(4) दंग करना – (हैरान करना) 

छोटे से बच्चे में इतना बल देखकर मैं दंग रह गया।

(5) दग्ध–हृदय – (मन दुःखी होना) 

दग्ध हृदय के साथ उसने अपने पुत्र को अंतिम बार विदा किया।

प्रश्न 6: महाभारत में एक ही व्यक्ति के एक से अधिक नाम दिए गए हैं। बताओ, नीचे लिखे हुए नाम किसके हैं?

राजसूय यज्ञ करके सम्राट पद प्राप्त करने का क्या नियम होता है? - raajasooy yagy karake samraat pad praapt karane ka kya niyam hota hai?

उत्तर :

  • पृथा – कुंती
  • राधेय – कर्ण
  • वासुदेव – श्री कृष्ण
  • गांगेय – गंगा पुत्र ‘भीष्म’
  • सैरंध्री – द्रोपदी
  • कंक – युधिष्ठर

प्रश्न 7: इस पुस्तक में भरतवंश की वंशावली दी गई है। तुम भी अपने परिवार की ऐसी ही एक वंशावली तैयार करो। इस कार्य के लिए तुम अपने बड़े लोगों से मदद ले सकते हो।

उत्तर :

राजसूय यज्ञ करके सम्राट पद प्राप्त करने का क्या नियम होता है? - raajasooy yagy karake samraat pad praapt karane ka kya niyam hota hai?

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प्रश्न 8: तुम्हारे अनुसार महाभारत कथा में किस पात्र के साथ सबसे अधिक अन्याय हुआ और क्यों?

Answer: महाभारत की कथा में द्रौपदी के साथ सबसे अधिक अन्याय हुआ क्योंकि युद्ध पांडवों तथा कौरवों के बीच था। द्रौपदी की किसी के साथ शत्रुता नहीं थी। फिर भी उसे पूरी राजसभा में सबके सामने अपमानित किया गया। युद्ध में अपने पाँचों पुत्रों से हाथ धोना पड़ा तथा पाँचों पांडवों के साथ वनवास जाना पड़ा।

( आपके अनुसार इस प्रश्न का उत्तर अलग पात्र पर आधारित हो सकता है )

प्रश्न 9: महाभारत के युद्ध में किसकी जीत हुई? (याद रखो कि इस युद्ध में दोनों पक्षों के लाखों लोग मारे गए थे।)

उत्तर : महाभारत के युद्ध में पांडवों की जीत होती है। क्योंकि दोनों पक्षों में लोगों की मृत्यु होने के बाद भी पाँचों पांडव जीवित थे। उन्हें कौरवों की अपेक्षा कम क्षति उठानी पड़ी।

प्रश्न 10: तुम्हारे विचार से महाभारत की कथा में सबसे अधिक वीर कौन था/थी? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।

उत्तर : महाभारत की कथा में सबसे अधिक वीरता अर्जुन पुत्र अभिमन्यु में देखी गई क्योंकि पूरे युद्ध में सबसे छोटा बालक होते हुए भी उसने अपनी वीरता का परिचय देते हुए अकेले ही छ: महारथियों के साथ युद्ध किया, चक्रव्यूह तोड़ने का प्रयास किया तथा अस्त्र समाप्त होने के बाद भी रथ के पहिए को अस्त्र बना कर लड़ता रहा।

प्रश्न 11: यदि तुम युधिष्ठिर की जगह होते, तो यक्ष के प्रश्नों के क्या उत्तर देते?

उत्तर: इस प्रश्न का उत्तर छात्र स्वयं करें।

प्रश्न12: महाभारत के कुछ पात्रों द्वारा कही गई बातें नीचे दी गई हैं। इन बातों को पढ़कर उन पात्रों के बारे में तुम्हारे मन में क्या विचार आते हैं-

(क) शांतनु ने केवटराज से कहा- 

“जो माँगोगे दूँगा, यदि वह मेरे लिए अनुचित न हो।”

(ख) दुर्योधन ने कहा- 

“अगर बराबरी की बात है, तो मैं आज ही कर्ण को अंगदेश का राजा बनाता हूँ।”

(ग) धृतराष्ट्र ने दुर्योधन से कहा-

“बेटा, मैं तूम्हारी भलाई के लिए कहता हूँ कि पाँडवों से वैर न करो। वैर दुख और मृत्यु का कारण होता है।”

(घ) द्रोपदी ने सारथी प्रातिकामी से कहा-

“रथवान! जाकर उन हारने वाले जुए के खिलाड़ी से पूछो कि पहले वह अपने को हारे थे या मुझे?”

उत्तर :

(क) शांतनु सत्यवती से बहुत प्रेम करते थे। इसलिए उसे पाने के लिए वे केवटराज, को कुछ भी देने के लिए तैयार थे, शांतनु विवेकशील थे इसलिए उन्होंने उचित अनुचित का भी ध्यान रखा।

(ख) दुर्योधन महत्वकाँक्षी था उसने अर्जुन को नीचा दिखाने के लिए कर्ण से मित्रता करने का निश्चय किया।

(ग) यहाँ धृतराष्ट्र के दूरदर्शी होने की प्रवृति का पता चलता है तथा उन्हें पांडवों से बहुत स्नेह था।

(घ) यहाँ राजा युधिष्ठिर के प्रति द्रोपदी के मन में आक्रोश की भावना है।

प्रश्न13: युधिष्ठिर ने आचार्य द्रोण से कहा-“अश्वत्थामा मारा गया, मनुष्य नहीं, हाथी।” युधिष्ठिर सच बोलने के लिए प्रसिद्ध थे। तुम्हारे विचार से उन्होंने द्रोण से सच कहा था या झूठ? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।

उत्तर : युधिष्ठिर का यह कथन अधूरा सच है। युधिष्ठिर के मन में उस समय गुरू द्रोणाचार्य को धोखा देने की बात चल रही थी। वह झूठ बोलना चाहते थे, परन्तु सच बोलने के लिए बाध्य थे। युधिष्ठिर के मुख से निकले हुए शब्दों का अर्थ कुछ और था, यह वे जानते थे।

प्रश्न 14: महाभारत के युद्ध में दोनों पक्षों को बहुत हानि पहुँची। इस युद्ध को ध्यान में रखते हुए युद्धों के कारणों और परिणामों के बारे में कुछ पंक्तियाँ लिखो। शुरूआत हम कर देते हैं –

(1) युद्ध में दोनों पक्षों के असंख्य सैनिक मारे जाते हैं।

(2) …………………………

(3) …………………………

(4) …………………………

(5) …………………………

(6) …………………………

उत्तर :

(1) युद्ध में दोनों पक्षों के असंख्य सैनिक मारे जाते हैं।

(2) युद्ध में हमारी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है।

(3) केवल अपने स्वार्थ के विषय में सोचकर युद्ध का फैसला लिया जाता है।

(4) युद्ध में प्रतिशोध की भावना प्रबल होती है।

(5) युद्ध से केवल विनाश होता है।

(6) युद्ध में जीत केवल एक व्यक्ति की होती है। परन्तु हार दोनों पक्षों की होती है।

(7) युद्ध में केवल स्वजीत की भावना रह जाती है।

प्रश्न 15: मान लो तुम भीष्म पितामह हो। अब महाभारत की कहानी अपने शब्दों में लिखो। जो घटनाएँ तुम्हें ज़रूरी न लगें, उन्हें तुम छोड़ सकते हो।

Answer: स्वयं को भीष्म मानकर अपनी इच्छानुसार कहानी की रचना करें।

प्रश्न 16:

(क) द्रोपदी के पास एक ‘अक्षयपात्र’ था, जिसका भोजन समाप्त नहीं होता था। अगर तुम्हारे पास ऐसा ही एक पात्र हो, तो तुम क्या करोगे?

(ख) यदि ऐसा कोई पात्र तुम्हारे स्थान पर तुम्हारे मित्र के पास हो, तो तुम क्या करोगे?

उत्तर :

(क) यदि ऐसा अक्षयपात्र हो तो  ज़रूरतमंदो को भोजन कराकर उनकी सहायता की जाएगी । भुखमरी को इस विश्व-पटल से समाप्त करने का प्रयास किया जाएगा .

(ख) अपने मित्रों को भी इसी प्रकार से गरीबों की सहायता के लिए प्रेरित किया जाएगा ।

प्रश्न17: नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो। सोचकर लिखो कि जिन शब्दों के नीचे रेखा खींची गई है, उनके अर्थ क्या हो सकते हैं?

(क) गंगा के चले जाने से शांतनु का मन

विरक्त

हो गया।

(ख) द्रोणाचार्य ने द्रुपद से कहा-“जब तुम राजा बन गए, तो ऐश्वर्य के

मद

में आकर तुम मुझे भूल गए।”

(ग) दुर्योधन ने धृतराष्ट्र से कहा-“पिता जी,

पुरवासी

तरह-तरह की बातें करते हैं।”

(घ) स्वयंवर मंडप में एक

वृहदाकार

धनुष रखा हुआ है।

(ङ) चौसर का खेल कोई हमने तो

ईजाद

किया नहीं।

उत्तर :

  • विरक्त − ऊब जाना
  • मद − नशा, अहंकार
  • पुरवासी − नगरवासी
  • वृहदाकार − बड़े आकार का
  • ईजाद − खोज (आविष्कार)

प्रश्न 18: लाख के भवन से बचने के लिए विदुर ने युधिष्ठर को सांकेतिक भाषा में सीख दी थी। आजकल गुप्त भाषा का इस्तेमाल कहाँ-कहाँ होता होगा? तुम भी अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपनी गुप्त भाषा बना सकते हो। इस भाषा को केवल वही समझ सकेगा, जिसे तुम यह भाषा सिखाओगे। ऐसी ही एक भाषा बनाकर अपने दोस्त को एक संदेश लिखो।

उत्तर :छात्र स्वयं अपने मित्रों के सहयोग से गुप्त भाषा में संदेश लिखें, जैसे – कुछ लोग हर शब्द या वर्ण जोड़कर, कुछ आगे पीछे शब्द लगाकर बोलते हैं आदि।

प्रश्न 19: महाभारत कथा में तुम्हें जो कोई प्रसंग बहुत अच्छा लगा हो, उसके बारे में लिखो। यह भी बताओ कि वह प्रसंग तुम्हें अच्छा क्यों लगा?

उत्तर : महाभारत में अज्ञातवास का प्रसंग बहुत अच्छा लगता है। इसमें अर्जुन ने अकेले ही दुर्योधन की सेना से युद्ध कर उन्हें परास्त किया था। इससे अर्जुन की वीरता का पता चलता है।

प्रश्न 20: तुमने पुस्तक में पढ़ा कि महाभारत कथा कंठस्थ करके सुनाई जाती रही है। कंठस्थ कराने की क्रिया उस समय इतनी महत्वपूर्ण क्यों रही होगी? तुम्हारी समझ से आज के ज़माने में कंठस्थ करने की आदत कितनी उचित है?

उत्तर :समय के साथ-साथ तकनीकी सुविधाओं का आविष्कार हुआ, जैसे – छापाखाना। पहले ऐसी कोई सुविधा नहीं थी इस कारण महाभारत की कथा कंठस्थ करके सुनाई जाती थी। उस समय ज्ञान बाँटने का यही एक मात्र सरल तथा सुलभ साधन था। समय के साथ-साथ धीरे-धीरे हस्तलिपियों का प्रयोग किया जाने लगा। मनुष्य एक सुविधाभोगी प्राणी है, सुविधा की कमी होने के कारण कंठस्थ करने की कला धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है।

Bal Mahabharat Katha Class 7 | बाल महाभारत कथा |

महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 

Bal Mahabharat Katha Class 7 Question Answer

Bal Mahabharat Katha Class 7 Prashnottar

प्रश्न-1 महर्षि वैशंपायन कौन थे?

उत्तर - महर्षि वैशंपायन व्यास जी के प्रमुख शिष्य थे ।

प्रश्न-2 महाराजा शांतनु के बाद किसको हस्तिनापुर की गद्दी मिली?

उत्तर - महाराजा शांतनु के बाद उनके पुत्र चित्रांगद को हस्तिनापुर की गद्दी मिली ।

प्रश्न-3 पांडु की कितनी रानियाँ थीं? उनके नाम लिखें ।

उत्तर - पांडु की दो रानियाँ थीं - कुंती और माद्री ।

प्रश्न-4 देवव्रत का नाम भीष्म क्यों पड़ा?

उत्तर - देवव्रत का नाम भीष्म इसलिए पड़ा क्योंकि उन्होंने आजन्म ब्रह्मचारी रहने की कठोर प्रतिज्ञा की थी।

प्रश्न-5 अंबिका और अंबालिका के पुत्रों के नाम लिखें।

उत्तर - अंबिका के पुत्र थे धृतराष्ट्र और अंबालिका के पुत्र थे पांडु ।

प्रश्न-6 जब भीष्म स्वयंवर मंडप में प्रविष्ट हुए तो सभी राजकुमारों ने क्या सोचा?

उत्तर - जब भीष्म स्वयंवर मंडप में प्रविष्ट हुए तो सभी राजकुमारों ने सोचा कि वह सिर्फ़ स्वयंवर देखने के लिए आए हैं ।

प्रश्न-7 वारणावत जाते समय विदुर ने युधिष्ठिर को गूढ़ भाषा में क्या बताया?

उत्तर- वारणावत जाते समय विदुर ने युधिष्ठिर को दुर्योधन के षड्यंत्र और उससे बचने का उपाय गूढ़ भाषा में बताया।

प्रश्न-8 लाख के भवन से बचकर पांडव कहाँ चले गए?

उत्तर- लाख के घर को जलता हुआ छोड़कर पाँचों भाई माता कुंती के साथ बच निकले और जंगल में चले गए।

प्रश्न-9 पांडवों ने कौन-कौन से ऋषियों से अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा पाई?

उत्तर- पांडवों ने पहले कृपाचार्य से और बाद में द्रोणाचार्य से अस्त्र - शस्त्र की शिक्षा पाई।

प्रश्न-10 कर्ण ने देवराज इंद्र से क्या वरदान माँगा?

उत्तर - कर्ण ने देवराज से कहा कि अगर वह उससे प्रसन्न हैं, तो शत्रुओं का संहार करनेवाला वह अपना 'शक्ति' नामक शास्त्र उसे प्रदान करें।

प्रश्न-11 कर्ण ने ब्रह्मास्त्र चलाना किस प्रकार सीखा?

उत्तर - कर्ण ब्राह्मण के वेश में परशुराम जी के पास गया और प्रार्थना की कि उसे शिष्य स्वीकार करने की कृपा करें। परशुराम ने उसे ब्राह्मण समझ कर शिष्य बना लिया। इस प्रकार छल से कर्ण ने ब्रह्मास्त्र चलाना सीखा।

प्रश्न-12 परशुराम ने कर्ण को शाप क्यों दिया?

उत्तर - जब परशुराम को पता चला की कर्ण ने छल से उनसे ब्रह्मास्त्र चलाना सीखा है तो परशुराम ने क्रोध में कर्ण को शाप दे दिया।

प्रश्न-13 कर्ण की मृत्यु कैसे हुई?

उत्तर - जब शापवश कर्ण के रथ का पहिया ज़मीन में धँस गया और वह धनुष बाण रख कर ज़मीन में धँसा हुआ पहिया निकलने लगा, तभी अर्जुन ने उस महारथी पर प्रहार किया और उसकी मृत्यु हो गई।

प्रश्न-14 दुर्योधन ने कर्ण को किस देश का राजा घोषित किया?

उत्तर - दुर्योधन ने कर्ण को अंगदेश का राजा घोषित किया।

प्रश्न-15 विदुर कौन थे?

उत्तर- विचित्रवीर्य की रानी अंबालिका की दासी के पुत्र आगे चलकर विदुर के नाम से प्रख्यात हुए।

प्रश्न-16 किसने विदुर को राजा धृतराष्ट्र का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था और क्यों?

उत्तर - पितामह भीष्म ने विदुर को उनके विवेक तथा ज्ञान से प्रभावित होकर उन्हें राजा धृतराष्ट्र का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।

प्रश्न-17 राजा शूरसेन कौन थे?

उत्तर- यदुवंश के प्रसिद्ध राजा शूरसेन श्रीकृष्ण के पितामह थे।

प्रश्न-18 राजा शूरसेन की कन्या का क्या नाम था?

उत्तर- राजा शूरसेन की कन्या का नाम पृथा था।

प्रश्न-19 कुंतीभोज कौन थे?

उत्तर - राजा शूरसेन के फुफेरे भाई का नाम कुंतीभोज था।

प्रश्न-20 राजा शूरसेन ने कुंतीभोज को क्या वचन दिया था?

उत्तर - राजा शूरसेन ने कुंतीभोज को वचन दिया था कि उनकी जो पहली संतान होगी, उसे कुंतीभोज को गोद दे देंगें।

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प्रश्न-21 कुंतीभोज के यहाँ आने पर पृथा का नाम क्या पड़ गया?

उत्तर - कुंतीभोज के यहाँ आने पर पृथा का नाम कुंती पड़ गया।

प्रश्न-22 कुंती ने बचपन में कौन से ऋषि की सेवा की?

उत्तर - कुंती ने बचपन में ऋषि दुर्वासा की सेवा की।

प्रश्न-23 कर्ण के शरीर पर जन्म से क्या था?

उत्तर - जन्म से ही कर्ण के कानों में सोने के कुंडल और उनके छाती पर एक प्राकृतिक कवच था।

प्रश्न-24 अधिरथ कौन था?

उत्तर - अधिरथ एक सारथी था।

प्रश्न-25 अधिरथ को पेटी में क्या मिला?

उत्तर - अधिरथ को पेटी में सोता हुआ सुंदर सा बच्चा मिला।

प्रश्न-26 किसने भीम के खाने में विष मिला दिया था?

उत्तर - दुर्योधन ने भीम के खाने में विष मिला दिया था।

प्रश्न-27 भीम पर विष का क्या असर हुआ?

उत्तर - भीम को विष के कारण गहरा नशा हो गया था।

प्रश्न-28 दुर्योधन ने नशे पड़े भीम के साथ क्या किया?

उत्तर - दुर्योधन ने नशे पड़े भीम के हाथ - पैर को लताओं से बांधकर गंगा में बहा दिया।

प्रश्न-29 आचार्य द्रोण कौन थे?

उत्तर- आचार्य द्रोण महर्षि भरद्धाज के पुत्र थे।

प्रश्न-30 आचार्य द्रोण का विवाह किससे हुआ तथा उनके पुत्र का क्या नाम था?

उत्तर- आचार्य द्रोण का विवाह कृपाचार्य की बहन से हुआ तथा उनके पुत्र का नाम अश्वत्थामा था।

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प्रश्न-31 बकासुर और लोगों में क्या समझौता हुआ?

उत्तर - बकासुर और लोगों में समझौता हुआ कि लोग बारी-बारी से एक-एक आदमी और खाने की चीजें हर सप्ताह उसे पहुँचा दिया करेंगें।

प्रश्न-32 कितने वर्षों से बकासुर लोगों पर ज़ुल्म ढा रहा था?

उत्तर - पिछले तेरह वर्षों से वह नगरी के लोगों पर ज़ुल्म ढा रहा था।

प्रश्न-33 किसने किससे कहा?

“पांडव अभी जीवित हैं। राजा द्रुपद की कन्या को स्वयंवर में अर्जुन ने प्राप्त किया है।”

उत्तर : विदुर ने धृतराष्ट्र से कहा।

 “बेटा, तुम बिलकुल ठीक कहते हो। तुम्हीं बताओ, अब क्या करना चाहिए?”

उत्तर : धृतराष्ट्र ने दुर्योधन से कहा।

“तो फिर हमें कोई ऐसा उपाय करना चाहिए, जिससे पांडव यहाँ आएँ ही नहीं, क्योंकि यदि वे इधर आए, तो ज़रूर राज्य पर भी अपना अधिकार जमाना चाहेंगे।”

उत्तर : दुर्योधन ने धृतराष्ट्र से कहा।

“बेटा! वीर पांडवों के साथ संधि करके आधा राज्य उन्हें दे देना ही उचित है।”

उत्तर : भीष्म ने धृतराष्ट्र से कहा।

 “राजन्! मुझे यह देखकर बड़ा आश्चर्य हो रहा है कि आचार्य द्रोण भी आपको ऐसी कुमंत्रणा देते हैं!”

उत्तर : कर्ण ने धृतराष्ट्र से कहा।

“हमारे कुल के नायक भीष्म तथा आचार्य द्रोण ने जो बताया है, वही श्रेयस्कर है।”

उत्तर : विदुर ने धृतराष्ट्र से कहा।

प्रश्न-34 राजसूय यज्ञ करके युधिष्ठिर कौन सा पद प्राप्त करना चाहते थे?

उत्तर- राजसूय यज्ञ करके युधिष्ठिर सम्राट - पद प्राप्त करना चाहते थे।

प्रश्न-35 राजसूय यज्ञ कौन कर सकता था?

उत्तर - राजसूय यज्ञ वही राजा कर सकता था, जो सारे संसार के नरेशों का पूज्य हो और उनके द्वारा सम्मानित हो।

प्रश्न-36 श्रीकृष्ण के अनुसार राजसूय यज्ञ में क्या - क्या बाधाएँ थीं?

उत्तर - जरासंध एक पराक्रमी राजा था। उसने सब राजाओं को जीतकर उन्हें अपने अधीन कर रखा था। उसके जीते जी राजसूय यज्ञ संभव नहीं था। यह यज्ञ जरासंध द्वारा बंदी बनाये गए राजाओं को छुड़ाए बिना करना संभव नहीं था ।

प्रश्न-37 शिशुपाल का वध किसने और क्यों?

उत्तर - शिशुपाल को वासुदेव की अग्रपूजा करना अच्छा नहीं लगा। उसने भरी सभा में कहा कि जिस दुरात्मा ने कुचक्र रचकर वीर जरासंध को मरवा डाला, उसी की युधिष्ठिर ने अग्र - पूजा की। इस तरह शब्द - बाणों की बौछार कर चुकने के बाद शिशुपाल दूसरे कुछ राजाओं को साथ लेकर सभा से निकल गया। राजाधिराज युधिष्ठिर नाराज़ हुए राजाओं के पीछे दौड़े गए और अनुनय -विनय करके उन्हें समझने लगे। युधिष्ठिर के बहुत समझाने पर भी शिशुपाल नहीं माना। उसका हठ और घमंड बढ़ता गया। अंत में शिशुपाल और श्रीकृष्ण में युद्ध छिड़ गया, जिसमें शिशुपाल मारा गया।

प्रश्न-38 पांडवों को वारणावत भेजने में दुर्योधन की क्या सोच थी?

उत्तर- दुर्योधन ने पुरोचन से कह कर वारणावत में लाख का भवन बनवाया था । दुर्योधन की योजना थी कि कुछ दिनों तक पांडवों को लाख के भवन में आराम से रहने दिया जाए और जब वे पूर्ण रूप से निःशंक हो जाएँ, तब रात में भवन में आग लगा दी जाए, जिससे पांडव तो जलकर भस्म हो जाएँ और कौरवों पर भी कोई दोष न लगा सके।

प्रश्न-39 कर्णिक नामक ब्राह्मण कौन था और उसने धृतराष्ट्र से क्या कहा?

उत्तर- कर्णिक नाम का एक ब्राह्मण था जो शकुनि का मंत्री था। उसने धृतराष्ट्र से कहा कि जो ऐश्वर्यवान है, वही संसार में श्रेष्ठ माना जाता है। यह बात ठीक है कि पांडव आपके भतीजे हैं, परंतु वे बड़े शक्ति संपन्न भी हैं। इस कारण से अभी से चौकन्ने हो जाइए। आप पांडु पुत्रों से अपनी रक्षा कर लिजिए , वरना पीछे पछताइएगा।

प्रश्न-40 पुरोचन कौन था?

उत्तर - पुरोचन दुर्योधन का मंत्री था।

प्रश्न- 41 दुर्योधन ने पांडवों को वारणावत के मेले में भेजने के लिए किस प्रकार अपने पिता धृतराष्ट्र पर दबाब डाला?

उत्तर - दुर्योधन ने धृतराष्ट्र पर दबाब डालने के लिए कुछ कूटनीतिज्ञों को अपने पक्ष में मिला लिया और वे बारी - बारी से धृतराष्ट्र के पास जाकर पांडवों के विरुद्ध उन्हें उकसाने लगे ।

Bal Mahabharat Katha Class 7 

 बाल महाभारत कथा 

 Q&A 

Bal Mahabharat Katha Class 7 Question Answer

Bal Mahabharat Katha Class 7 Prashnottar

Q 1.महाभारत की रचना किसने की?

A: महाभारत की रचना महर्षि पराशर के कीर्तिमान पुत्र वेद व्यास ने की।

Q 2.पांडु की कितनी रानियाँ थीं?

A: पांडू की तीन रानियाँ थीं।

Q 3.कुंती एवं माद्री के पुत्रों के नाम लिखिए।

A:

Q 4.धृतराष्ट्र के कितने पुत्र थे? उनके बड़े पुत्र का नाम लिखिए।

A: धृतराष्ट्र के सौ पुत्र थे, जो कौरव कहलाए। उनके सबसे बड़े पुत्र का नाम दुर्योधन था।

Q 5.कौरवों व पांडवों को कहाँ का राज्य मिला था?

A: संधि के अनुसार कौरव हस्तिनापुर के राजा बने और पांडवों को इंद्रप्रस्थ (वर्तमान दिल्ली) का राज्य मिला था।

Q 6.पांडु के साथ उनकी कौन-सी रानी सती हुई थी?

A: पांडु के साथ उनकी छोटी रानी माद्री सती हुई।

Q 7.पांडवों के बाद राज्य का उत्तराधिकारी कौन बना?

A: पांडवों के बाद राज्य का उत्तराधिकारी उनका पोता परीक्षित बना।

Q 8.नदी के किनारे पर खडी कन्या कौन थी?

A: नदी के किनारे खड़ी कन्या गंगा थी।

Q 9.शांतनु के सामने पत्नी बनने के लिए गंगा ने क्या शर्त रखी थी?

A: गंगा ने पत्नी बनने के लिए राजा शांतनु से शर्त रखी थी कि मैं कुछ भी करूँ, आप मुझसे कुछ नहीं कहेंगे।

Q 10.अपने पुत्रों को नदी की धारा में बहाने के बाद गंगा कहाँ जाती थी?

A: अपने पुत्रों को नदी की धारा में बहाने के बाद गंगा हँसती-मुसकराती हुई शांतनु के महल में आ जाती थी।

Q 11.राजा शांतनु गंगा के द्वारा अपनी संतान को नदी के धारा में बहाते हुए देखकर भी कुछ क्यों नहीं बोल पाते थे?

A: राजा शांतनु गंगा को संतान को नदी की धारा में बहाते हुए देखकर भी कुछ इसलिए नहीं कह पाते थे, क्योंकि वे वचनबद्ध थे।

Q 12.सत्यवती को देखकर राजा शांतनु के मन में क्या इच्छा बलबती हो उठी?

A: सत्यवती को देखकर राजा शांतनु के मन में उसे अपनी पत्नी बनाने की इच्छा बलबती हो उठी।

Q 13.केवटराज ने सत्यवती के विवाह के लिए क्या शर्त लगाई ?

A: केवटराज ने शर्त लगाई-शांतनु की मृत्यु के बाद सत्यवती का पुत्र ही हस्तिनापुर के राज सिंहासन पर बैठेगा।

Q 14.केवटराज की प्रथम शर्त पर देवव्रत ने क्या उत्तर दिया।

A: केवटराज की प्रथम शर्त सुनकर देवव्रत ने कहा- मैं वचन देता हूँ कि मेरे पिता के बाद सत्यवती का पुत्र ही राजा बनेगा।

Q 15.चित्रांगद कौन था?

A: चित्रांगद सत्यवती का बड़ा लड़का था।

Q 16.चित्रांगद की मृत्यु कैसे हुई।

A: चित्रांगद वीर और स्वार्थी प्रकृति का व्यक्ति था। उसकी मृत्यु गंधर्वो के साथ युद्ध में हुई थी।

Q 17.विदुर कौन थे?

A: विदुर विचित्र वीर्य की रानी अंबालिका की दासी के पुत्र थे।

Q 18.विदुर किस स्वभाव के व्यक्ति थे?

A: विदुर धर्मशास्त्र एवं राजनीति के पंडित थे। इनमें इनका अथाह ज्ञान था। वे क्रोध एवं अभिमान से दूर रहते थे।

Q 19.विदुर का पहला नाम क्या था?

A: विदुर का पहला नाम धर्मदेव था।

Q 20.सूरसेन कौन थे?

A: सूरसेन यदुवंश के लोकप्रिय राजा और श्रीकृष्ण के पितामह थे।

Q 21.पृथा किसकी बेटी थी?

A: पृथा यदुवंश के प्रसिद्ध राजा सूरसेन की पुत्री थी।

Q 22.धर्मदेव का जन्म किसकी कोख से हुआ था?

A: धर्मदेव का जन्म विचित्रवीर्य की रानी अंबालिका की दासी की कोख से हुआ था।

Q 23.कर्ण का पालन-पोषण किसने किया था?

A: कर्ण का लालन-पालन अधिरथ नाम के सारथी ने किया था।

Q 24.धृतराष्ट्र ने विदुर को क्या बनाया?

A: धृतराष्ट्र ने विदुर को अपना प्रधानमंत्री बनाया।

Q 25.पांडु के पत्नियों का नाम बताएँ।

A: पांडु की दो पत्नियाँ थीं – कुंती व माद्री।

Q 26.दुर्योधन भीम से ईर्ष्या क्यों करता था?

A: दुर्योधन भीम से ईर्ष्या इसलिए करता था, क्योंकि भीम दुर्योधन से अधिक ताकतवर था।

Q 27.पांडव कितने भाई थे? उनके नाम बताइए।

A: पांडव पाँच भाई थे- युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव।

Q 28.धृतराष्ट्र के कितने पुत्र थे? वे क्या कहलाते थे?

A: धृतराष्ट्र के सौ पुत्र थे। वे कौरव कहलाते थे।

Q 29.कौरव-पांडव किससे अस्त्र विद्या सीखने लगे।

A: कौरव-पांडव कृपाचार्य से अस्त्र-विद्या सीखने लगे।

Q 30.भीम को मारने के लिए कौरवों ने क्या फ़ैसला किया?

A: भीम को मारने के लिए कौरवों ने गंगा में डूबो कर मारने का फैसला किया।

Q 31.भीम पर विष का क्या असर हुआ?

A: भीम को बेहोशी आ गई और वह गंगा के किनारे गिर पड़ा।

Q 32.पांडवों और कुंती की खुशी का कारण क्या था?

A: भीम झूमता-झामता जिंदा चला आ रहा था। अतः उसे देखकर पांडवों और कुंती को काफ़ी प्रसन्नता हुई।

Q 33.कुंती ने अपनी चिंता किसके सामने प्रकट की?

A: कुंती ने अपनी चिंता विदुर के सामने प्रकट की।

Q 34.पांडवों ने किन-किन गुरुओं से अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा पाई ?

A: पांडवों ने पहले कृपाचार्य से और बाद में द्रोणाचार्य से शिक्षा पाई थी।

Q 35.क्या देखकर दुर्योधन का मन ईर्ष्या-द्वेष से जलने लगा?

A: अर्जुन की धनुष विद्या का कमाल और चतुरता देखकर दुर्योधन का मन ईर्ष्या और द्वेष से जलने लगा।

Q 36.कर्ण को लाचार देखकर दुर्योधन ने उसके लिए क्या किया?

A: दुर्योधन ने कर्ण को अपने पितामह और धृतराष्ट्र की अनुमति से कर्ण को अंग देश का राजा बना दिया।

Q 37.आचार्य द्रोण कौन थे?

A: आचार्य द्रोण महर्षि भारद्वाज के पुत्र थे।

Q 38.उनकी किसके साथ गहरी मित्रता थी?

A: द्रुपद और द्रोण में गहरी मित्रता थी।

Q 39.द्रोणाचार्य का किसके साथ विवाह हुआ था?

A: द्रोणाचार्य का विवाह कृपाचार्य की बहन के साथ हुआ था।

Q 40.परशुराम अपनी संपत्ति गरीब ब्राह्मणों को दान में क्यों दे रहे थे?

A: वन-गमन के उद्देश्य से परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीबों में बाँट रहे थे।

Q 41.शिक्षा पूरी होने पर द्रोण ने अर्जुन से गुरु-दक्षिणा में क्या माँगा?

A: शिक्षा पूरी होने पर द्रोण ने अर्जुन से गुरु दक्षिणा के रूप में पांचाल-राज को कैद कर लाने के लिए कहा।

Q 42.द्रुपद ने द्रोण के साथ कैसा व्यवहार किया?

A: द्रुपद ने सत्ता के मद में द्रोण का अपमान किया।

Q 43.द्रुपद के पुत्र व पुत्री के नाम बताएँ?

A: पुत्र का नाम धृष्टद्युम्न तथा पुत्री का नाम द्रौपदी था।

Q 44.दुर्योधन की ईर्ष्या क्यों बढ़ती जा रही थी?

A: भीम की शारीरिक शक्ति और अर्जुन की युद्धकला को देखकर दुर्योधन की ईर्ष्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी।

Q 45.दुर्योधन को कुमंत्रणा कौन-कौन दे रहे थे?

A: पांडवों का विनाश करने के लिए मामा शकुनि तथा कर्ण दुर्योधन को कुमंत्रणा दे रहे थे।

Q 46.धृतराष्ट्र का स्वभाव कैसा था?

A: यद्यपि धृतराष्ट्र बुद्धिमान थे पर वे दृढ़ निश्चयी नहीं थे।

Q 47.पुरोचन पांडवों को कहाँ ले गए?

A: पुरोचन पांडवों को लाख से बने भवन में ले गए।

Q 48.वारणावत को जाते समय विदुर ने युधिष्ठिर को किस प्रकार सावधान किया.

A: वारणावत जाते समय विदुर ने युधिष्ठिर को दुर्योधन के षड्यंत्र तथा उससे बचने का उपाय गूढ भाषा में अवगत करवाकर सचेत कर दिया था।

Q 49.विदुर द्वारा भेजे गए व्यक्ति ने भवन के अंदर क्या किया?

A: विदुर द्वारा भेजे गए व्यक्ति ने भवन के अंदर एक सुरंग बना दी जिससे पांडव बाहर निकल सकें।

Q 50.पांडव एकचक्रा नगरी में किस रूप में जीवन व्यतीत कर रहे थे?

A: पांडव एकचक्रा नगरी में ब्राह्मणों के रूप में जीवन व्यतीत कर रहे थे।

Q 51.किसके स्वयंवर की तैयारियाँ होने लगी?

A: पांचाल नरेश की पुत्री द्रौपदी के स्वयंवर की तैयारियाँ होने लगी।

Q 52.पंचाल देश में पांडव किस तरह रहते थे?

A: पंचाल देश में पांडव ब्राह्मणों के वेश में रहते थे।

Q 53.पांडव कहाँ रहकर कैसे गुज़र करने लगे?

A: पांडव अपनी माता कुंती के साथ एक चक्रानगरी में भिक्षा माँगकर गुज़र करने लगे।

Q 54.कर्ण ने दुर्योधन को क्या सुझाव दिया?

A: कर्ण ने दुर्योधन को सुझाव दिया कि- पांडवों की शक्ति बढ़ने से पहले ही उन पर आक्रमण कर दिया जाए।

Q 55.भीष्म ने धृतराष्ट्र को क्या सुझाव दिया?

A: भीष्म ने धृतराष्ट्र को सुझाव दिया कि पांडवों के साथ संधि करके आधा राज्य उन्हें वापस दे दिया जाए।

Q 56.महाराज द्रुपद की शर्त किसने पूरी की?

A: महाराज द्रुपद की शर्त अर्जुन ने पूरी की।

Q 57.विदुर को पांचाल देश क्यों भेजा गया?

A: पांडवों को द्रौपदी और कुंती के साथ आदर सहित हस्तिनापुर लाने के लिए विदुर को भेजा गया।

Q 58.पांडवों की राजधानी का क्या नाम था?

A: पांडवों की राजधानी का नाम इंद्रप्रस्थ था।

Q 59.धृष्टद्युम्न ने कुम्हार की कुटिया में क्या देखा?

A: धृष्टद्युम्न ने कुम्हार की कुटिया में पाँचों पांडवों को तथा अग्निशिखा की भाँति एक तेजस्वी देवी अर्थात् कुंती को देखा।

Q 60.जरासंध कौन था?

A: जरासंध मगध देश का राजा था, और कंस उसका दामाद था।

Q 61.नियम के अनुसार, राजसूय यज्ञ कौन करने का अधिकारी होता था?

A: जो संपूर्ण संसार में राजाओं में पूज्य हो, वह राजा ही राजसूय यज्ञ कर सकता था।

Q 62.राजसूय यज्ञ करने की इच्छा से युधिष्ठिर ने किससे सलाह ली।

A: राजसूय करने की इच्छा से युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से सलाह ली।

Q 63.जरासंध का वध किसने किया?

A: जरासंध का वध भीम ने किया।

Q 64.राजसूय यज्ञ में किसकी अग्रपूजा की गई?

A: राजसूय यज्ञ में श्रीकृष्ण की अग्रपूजा की गई।

Q 65.श्रीकृष्ण, अर्जुन और भीम किस रूप में जरासंध के पास पहुँचे?

A: वे ब्राह्मण के व्रती लोगों का वेश बनाकर जरासंध के पास पहुंचे।

Q 66.श्रीकृष्ण की अग्रपूजा का विरोध किसने किया?

A: श्रीकृष्ण की अग्रपूजा का विरोध शिशुपाल ने किया।

Q 67.राजसूय संपन्न होने के बाद किसे राजाधिराज की पदवी मिली।

A: राजसूय यज्ञ समाप्त होने के बाद युधिष्ठिर को राजाधिराज की पदवी प्राप्त हुई।

Q 68.युधिष्ठिर की बात पांडव भाइयों को कैसी लगी?

A: युधिष्ठिर की बात उसके भाइयों को औचित्यपूर्ण लगी।

Q 69.पांडव राजसूय कर रहे हैं? यह जानकर दुर्योधन को कैसा लगा?

A: पांडवों द्वारा राजसूय यज्ञ करना दुर्योधन को अच्छा नहीं लगा।

Q 70.शकुनि ने धृतराष्ट्र को किस चीज़ के लिए बाध्य किया?

A: पांडवों को चौसर खेल में बुलाने के लिए शकुनि ने धृतराष्ट्र को बाध्य किया।

Q 71.विदुर पांडवों के पास किस चीज़ का निमंत्रण देने गए थे?

A: हस्तिनापुर में चौसर के खेल में भाग लेने के लिए विदुर पांडवों के पास निमंत्रण देने गए थे।

Q 72.दुर्योधन ने चौसर में अपनी जगह किसे खिलाया।

A: दुर्योधन ने चौसर में अपनी जगह मामा शकुनि को खेलाया।

Q 73.राजवंशों की नीति के अनुसार खेल का नियम क्या है?

A: राजवंशों की नीति के अनुसार किसी खेल के लिए निमंत्रण को अस्वीकार नहीं किया जाता था।

Q 74.अंत में शकुनि ने युधिष्ठिर को किसे दाँव पर लगाने के लिए कहा?

A: अंत में शकुनि ने द्रौपदी को दाँव पर लगाने के लिए कहा।

Q 75.दुर्योधन ने दुःशासन को क्या आदेश दिया?

A: दुर्योधन ने दुःशासन से कहा यह सारथी भीम से भयभीत लगता है तुम्ही जाकर उस अभिमानी द्रौपदी को उठाकर ले आओ।

Q 76.धृतराष्ट्र का कौन-सा पुत्र द्रौपदी को दाँव पर लगाने की बात पर संतप्त हो उठा?

A: धृतराष्ट्र का छोटा पुत्र युयुत्सु संतप्त हो उठा।

Q 77.दुर्योधन ने विदुर को क्या आदेश दिया?

A: दुर्योधन ने विदुर को कहा आप तुरंत रनिवास में जाएँ और द्रौपदी को यहाँ लाएँ।

Q 78.धृतराष्ट्र ने पांडवों को कैसे शांत किया?

A: धृतराष्ट्र ने पांडवों को जुए में हारा राज्य व संपत्ति लौटाकर पांडवों को शांत किया।

Q 79.धृतराष्ट्र की विनती पर पांडवों ने क्या किया?

A: धृतराष्ट्र की विनती पर पांडव द्रौपदी तथा कुंती के साथ इंद्रप्रस्थ चले गए।

Q 80.दूसरी बार खेल में हारने के बाद युधिष्ठिर ने क्या किया?

A: दूसरी बार खेल में हारने के बाद पांडव अपनी शर्त के अनुसार वन में चले गए।

Q 81.जब पांडव वन की ओर जाने लगे तब धृतराष्ट्र ने विदुर को बुलाकर क्या पूछा?

A: धृतराष्ट्र ने विदुर से पूछा पांडु के बेटे और द्रौपदी कैसे वन की ओर जा रहे हैं।

Q 82.विदुर ने द्रौपदी की दशा के बारे में क्या बताया?

A: विदुर ने बताया कि द्रौपदी ने बालों को बिखेरकर मुँह ढक रखा है और रोती हुई जा रही है।

Q 83.महर्षि मैत्रेय की युधिष्ठिर से भेंट कहाँ हुई?

A: महर्षि मैत्रेय की युधिष्ठिर से भेंट काम्यक वन में हुई।

Q 84.पांडवों से मिलने श्रीकृष्ण के साथ वन में कौन-कौन आए थे?

A: पांडवों से मिलने श्रीकृष्ण के साथ कैकेय भोज और वृष्टि जाति के लोग, चेदिराज धृष्टकेतु आदि वन गए थे।

Q 85.भीम को बगीचे के बीच कौन लेटा मिला?

A: भीम को बगीचे के बीच एक विशालकाय बंदर रास्ता रोककर लेटा हुआ मिला।

Q 86.बंदर ने अपनी क्या असमर्थता जताई?

A: बंदर ने असमर्थता जताते हुए कहा-“मैं बूढ़ा हूँ मुश्किल से उठ-बैठ सकता हूँ।”

Q 87.दुर्योधन की चापलूसी कौन करते थे?

A: कर्ण और शकुनी दुर्योधन की चापलूसी करते थे।

Q 88.चौपायों की गणना का काम किसका होता था?

A: चौपायों की गणना का काम राजकुमारों का होता था।

Q 89.दुर्योधन के डेरे का स्थान पांडवों के आश्रम से कितनी दूरी पर था?

A: दुर्योधन के डेरे का स्थान पांडवों के आश्रम से चार कोस दूरी पर था।

Q 90.आश्रम के समीप जलाशय के तट पर और किसने डेरा डाल रखा था?

A: आश्रम के निकट जलाशय के तट पर गंधर्वराज चित्रसेन ने अपना डेरा डाल रखा था।

Q 91.जलाशय के समीप किस-किसमें युद्ध हुआ?

A: जलाशय के समीप गंधर्वराज चित्रसेन और कौरवों की सेनाओं में युद्ध हुआ। इसमें कर्ण और दुर्योधन पराजित हो गए।

Q 92.युधिष्ठिर ने नकुल से पेड़ पर चढ़कर क्या देखने को कहा?

A: नकुल ने पेड़ पर चढ़कर कोई जलाशय या नदी देखने को कहा।

Q 93.युधिष्ठिर ने सबसे पहले पानी लाने किसे भेजा?

A: युधिष्ठिर ने सबसे पहले पानी लाने के लिए नकुल को भेजा।

Q 94.पानी पीने के बाद चारों भाइयों के साथ क्या घटना घटी?

A: पानी पीने के बाद चारों भाई मूर्च्छित होकर गिए गए।

Q 95.युधिष्ठिर कहाँ जा पहुँचे?

A: युधिष्ठिर उसी विषैले सरोवर के समीप जा पहुँचे जहाँ उनके चारों भाई मृत अवस्था में पड़े थे।

Q 96.यक्ष की बात मानकर युधिष्ठिर ने क्या कहा?

A: यक्ष की बात मानकर युधिष्ठिर बोले- आप प्रश्न पूछ सकते हैं।

Q 97.यक्ष के प्रश्न कि मनुष्य का साथ कौन देता है? का उत्तर युधिष्ठिर ने क्या दिया?

A: धैर्य

Q 98.विदेश जाने वाले का साथी कौन होता है? का उत्तर युधिष्ठिर ने क्या दिया?

A: विद्या ।

Q 99.यक्ष ने युधिष्ठिर से कितने प्रश्न किए।

A: यक्ष ने युधिष्ठिर से पंद्रह प्रश्न किए।

Q 100.घास से भी छोटी वस्तु किसे बताया गया है?

A: चिंता को।

Q 101.विराट के दरबार में युधिष्ठिर को कौन-सा काम सौंपा गया था?

A: कंक के नाम से विराट के दरबारी बन गए और राजा के साथ चौपर खेलकर दिन बिताने लगे।

Q 102.भीम को क्या काम मिला?

A: भीम को रोसइयों का मुखिया बनाया गया। वे बल्लभ के रूप में काम करने लगे।

Q 103.कीचक का वध किसने किया?

A: कीचक का वध भीम ने किया।

Q 104.सुशर्मा को किस ओर आक्रमण करने की जिम्मेदारी दी गई?

A: सुशर्मा को मत्स्य राज्य पर दक्षिण की ओर से आक्रमण करने की जिम्मेदारी दी गई।

Q 105.अर्जुन ने राजकुमार का हौसला बढ़ाते हुए क्या कहा?

Answer

Q 106.भीष्म ने दुर्योधन के समय के बारे में क्या बताया?

A: भीष्म ने बताया कि प्रतिज्ञा का समय कल ही पूर्ण हो चुका है।

Q 107.क्या बात सुनकर विराट चौंक पड़े?

A: जब राजा विराट को पता चला कि राजकुमार उत्तर कौरवों से लड़ने गए हैं तो वे चौंक पड़े।

Q 108.अर्जुन ने किन-किन महारथियों को हराया?

A: अर्जुन ने कर्ण, द्रोणाचार्य, अश्वत्थामा तथा दुर्योधन जैसे महारथियों को हराया।

Q 109.तेरहवाँ वर्ष पूरा होने पर पांडव जाकर कहाँ रहने लगे?

A: तेरहवाँ वर्ष पूरा होने के बाद पांडव विराट की राजधानी छोड़कर उपप्लव्य नगर में रहने लगे।

Q 110.सर्वप्रथम वहाँ क्या कार्य सम्पन्न हुआ।

A: सर्वप्रथम वहाँ अभिमन्यु के साथ उत्तरा का विवाह हुआ।

Q 111.श्रीकृष्ण ने संधि के लिए क्या तरीका सुझाया?

A: श्रीकृष्ण ने दुर्योधन के पास एक व्यक्ति को दूत बनाकर भेजने का सुझाव बताया।

Q 112.पितामह भीष्म ने दुर्योधन को क्या बात समझाई ?

A: पितामह भीष्म ने दुर्योधन को समझाया कि प्रतिज्ञा का समय कल पूरा हो चुका है। तुम्हारी गणना में कुछ भूल हुई है।

Q 113.श्रीकृष्ण ने हस्तिनापुर दूत भेजने का काम किसे सौंपा?

A: श्रीकृष्ण ने हस्तिनापुर दूत भेजने का काम द्रुपदराज को सौंपा।

Q 114.श्रीकृष्ण ने पहले किसे देखा?

A: श्रीकृष्ण ने पहले अर्जुन को देखा।

Q 115.उपप्लव्य में रहकर पांडवों ने कितनी सेना इकट्ठी की?

A: उपप्लव्य में रहकर पांडवों ने अपने मित्र शासकों को संदेश भेजकर उनकी मदद से कोई सात अक्षौहिणी सेना इकट्ठी कर ली।

Q 116.युधिष्ठिर की तरफ़ से कौन दूत बनकर धृतराष्ट्र की सभा में गए?

A: पंचाल नरेश के पुरोहित युधिष्ठिर के दूत बनकर हस्तिनापुर गए।

Q 117.युधिष्ठिर ने धृतराष्ट्र के पास क्या संदेश भेजा?

A: युधिष्ठिर ने धृतराष्ट्र के पास संदेश भेजा कि पांडव संधि के अनुसार अपना हिस्सा चाहते हैं।

Q 118.धृतराष्ट्र ने किसे अपना दूत बनाकर पांडवों के पास भेजा?

A: धृतराष्ट्र ने संजय को दूत बनाकर पांडवों के पास भेजा।

Q 119.श्रीकृष्ण किस उद्देश्य से हस्तिनापुर गए थे?

A: श्रीकृष्ण शांति वार्तालाप करने के उद्देश्य से हस्तिनापुर गए थे।

Q 120.दुःशासन का भवन कैसा था?

A: दुःशासन का भवन दुर्योधन के भवन से अधिक ऊँचा और सुंदर था।

Q 121.रास्ते में श्रीकृष्ण ने कहाँ रात का विश्राम किया?

A: रास्ते में श्रीकृष्ण ने कुशस्थल नामक स्थान पर एक रात को विश्राम किया।

Q 122.भीष्म के सेनापति बनने पर कर्ण ने क्या निर्णय लिया?

A: कर्ण ने निर्णय लिया कि भीष्म के मारे जाने के बाद वह युद्धभूमि में प्रवेश करेगा और केवल अर्जुन को ही मारेगा।

Q 123.कौरवों के सेनापति कौन थे?

A: कौरवों के सेनापति पितामह भीष्म थे।

Q 124.पांडव की सेना को कितने हिस्सों में बाँटा गया?

A: पांडवों की सेना को सात हिस्सों में बाँटा गया।

Q 125.कौरव सेना के पहले सेनापति कौन बने?

A: कौरव सेना के पहले सेनापति भीष्म पितामह बने।

Q 126.अर्जुन के भ्रम को दूर करने के लिए श्रीकृष्ण ने युद्ध के मैदान में क्या किया?

A: अर्जुन के भ्रम को दूर करने के लिए श्रीकृष्ण ने युद्ध क्षेत्र में कर्म योग का उपदेश दिया।

Q 127.भीष्म के नेतृत्व में कौरवों ने कितने दिनों तक युद्ध किया?

A: भीष्म के नेतृत्व में कौरवों ने 10 दिनों तक युद्ध किया।

Q 128.पांडवों ने अपनी सेना का सेनापति किसे बनाया?

A: पांडवों ने अपनी सेना का सेनापति कुमार धृष्टद्युम्न को बनाया।

Q 129.कर्ण की मृत्यु के बाद कौरवों का सेनापति किसे बनाया गया?

A: कर्ण की मृत्यु के बाद कौरवों ने अपना सेनापति शल्य को बनाया।

Q 130.महाभारत का युद्ध कितने दिनों तक चला?

A: महाभारत का युद्ध अठारह दिनों तक चला।

Q 131.पहले दिन की लड़ाई के बाद घबराहट में पांडव किसके पास गए?

A: पहले दिन लड़ाई के बाद पांडव घबराहट में श्रीकृष्ण के पास गए।

Q 132.कौरवों की सेना में सबसे आगे कौन था?

A: कौरवों की सेना में सबसे आगे दुःशासन था।

Q 133.दूसरे दिन युद्ध की व्यूह-रचना किसने की?

A: दूसरे दिन के युद्ध की व्यूह रचना धृष्टद्युम्न ने किया था।

Q 134.कौरवों के सेना में तीन वीर कौन थे जो अर्जुन की मुकाबला कर सकते थे।

A: भीष्म, द्रोण और कर्ण ही अर्जुन का मुकाबला कर सकते थे।

Q 135.पहले दिन के युद्ध का परिणाम क्या निकला?

A: पहले दिन के युद्ध में पांडव काफ़ी डर गए।

Q 136.चौथे दिन की लड़ाई में कौन मारा गया?

A: चौथे दिन के युद्ध में शल्य का पुत्र एवं दुर्योधन के आठ भाई मारे गए।

Q 137.भीम का पुत्र कौन था?

A: भीम का पुत्र घटोत्कच था।

Q 138.पाँचवें दिन के युद्ध की क्या विशेषता रही?

A: पाँचवें दिन के युद्ध में अर्जुन ने कौरवों के हजारों सैनिक मारे ।

Q 139.कुरुक्षेत्र मैदान में का आँखों देखा हाल धृतराष्ट्र को कौन सुनाता था?

A: कुरुक्षेत्र के युद्ध मैदान का आँखों देखा हाल धृतराष्ट्र को संजय सुनाता था।

Q 140.सातवें दिन के युद्ध की क्या विशेषता थी?

A: सातवें दिन के युद्ध की यह विशेषता थी कि वह एक स्थान पर केंद्रित न रहकर अनेक मोर्चों पर लड़ा जा रहा था।

Q 141.सातवें दिन के युद्ध में किसकी मृत्यु हुई?

A: सातवें दिन के युद्ध में कुमार शंख की मृत्यु हुई।

Q 142.आठवें दिन के युद्ध में भीम ने क्या किया?

A: आठवें दिन युद्ध में भीम ने धृतराष्ट्र के आठ बेटों को मार गिराया।

Q 143.आठवें दिन के युद्ध में अर्जुन का कौन-सा पुत्र मारा गया?

A: आठवें दिन अर्जुन का वीर पुत्र इरावान, जो नागकन्या से पैदा हुआ था, उसका वध हो गया।

Q 144.दसवें दिन के युद्ध में अर्जुन ने किसकी आड़ लेकर किस पर तीर बरसाए?

A: अर्जुन ने शिखंडी की आड़ लेकर भीष्म पितामह पर तीर बरसाए।

Q 145.भीष्म ने अर्जुन पर क्या चलाया?

A: भीष्म ने अर्जुन पर शक्ति अस्त्र चलाया।

Q 146.भीष्म का शरीर भूमि से क्यों नहीं लगा?

A: भीष्म के सारे शरीर से बाण प्रवेश किए हए थे, अतः भीष्म का शरीर बाणों पर टिककर भूमि से ऊपर ही अड़ा रहा।

Q 147.भीष्म ने अपना शरीर कब त्यागा?

A: भीष्म ने शरीर त्यागने का उचित समय सूर्य नारायण के उत्तरायण होने पर था।

Q 148.भीष्म के बाद किसे सेनापति बनाया गया?

A: भीष्म के बाद द्रोणाचार्य को सेनापति बनाया गया।

Q 149.दुर्योधन ने अर्जुन को युद्ध क्षेत्र से दूर ले जाने का निर्णय क्यों किया?

A: दुर्योधन ने अर्जुन को रण क्षेत्र से दूर ले जाने का निर्णय इसलिए किया ताकि युधिष्ठिर को बंदी बना सके।

Q 150.बारहवें दिन युद्ध में क्या अफवाह फैल गई?

A: बारहवें दिन के युद्ध में यह अफवाह फैल गई कि भगदत्त के हाथी ने भीम को मार गिराया।

Q 151.अर्जुन उस समय कहाँ किससे लड़ रहा था?

A: अर्जुन उस समय दूर जाकर संशप्तकों से लड़ रहा था।

Q 152.अर्जुन ने भगदत्त का क्या हाल कर दिया?

A: अर्जुन ने भगदत्त के नाजुक स्थानों पर बाण चला कर उन्हें बेध डाला, उसकी रेशमी पट्टी काट डाली।

Q 153.अर्जुन द्वारा छोड़े गए बाणों से शकुनि के कौन-कौन भाई मारे गए?

A: अर्जुन द्वारा छोड़े गए बाणों से शकुनि के दो भाई कृषक तथा अचक मारे गए।

Q 154.तेरहवें दिन किस-किस में युद्ध छिड़ गया?

A: तेरहवें दिन अर्जुन और सशंप्तकों के बीच भयंकर युद्ध छिड़ गया।

Q 155.द्रोणाचार्य ने किसकी रचना की?

A: द्रोणाचार्य ने कौरव-सेना से चक्रव्यूह की रचना की।

Q 156.अभिमन्यु किसका पुत्र था?

A: अभिमन्यु अर्जुन-सुभद्रा का पुत्र था।

Q 157.चक्रव्यूह के बारे में अभिमन्यु क्या जानता था?

A: अभिमन्यु चक्रव्यूह में प्रवेश करना तो जानता था, पर निकलना नहीं जानता था।

Q 158.भीम ने अभिमन्यु को क्या विश्वास दिलाया?

A: भीम ने अभिमन्यु को विश्वास दिलाया कि मैं तुम्हारे पीछे चलूँगा तथा साथ में अन्य कई योद्धा होंगे।

Q 159.धृष्टद्युम्न ने क्या चलाकी की?

A: धृष्टद्युम्न ने द्रोणाचार्य पर आक्रमण करके जयद्रथ की रक्षा के लिए जाने से रोके रखा।

Q 160.सात्यकि पर किसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी थी?

A: सात्यकि पर युधिष्ठिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी।

Q 161.आचार्य द्रोण का क्या संकल्प था?

A: उनका संकल्प था युधिष्ठिर को जिंदा पकड़ना।

Q 162.अर्जुन ने बाण चलाकर भूरिश्रवा की भुजा क्यों काट दी?

A: क्योंकि सात्यकि अचेत घायल अवस्था में ज़मीन पर गिरा पड़ा था और भूरिश्रवा उस पर वार करने के लिए उद्यत था।

Q 163.किस बालक के वध पर कौरवों ने विजयोत्सव मनाया था?

A: अभिमन्यु के वध पर कौरवों ने विजयोत्सव मनाया था।

Q 164.जयद्रथ का कटा सिर कहाँ जाकर गिर?

A: जयद्रथ का कटा सिर उसके वृद्ध पिता वृद्धक्षत्र की गोद में जाकर गिरा।

Q 165.द्रोण की मृत्यु के बाद कौरवों का सेनापति कौन बना?

A: द्रोण की मृत्यु के बाद कौरवों का सेनापति कर्ण बना।

Q 166.दुःशासन को किसने और कैसे मारा?

A: दुःशासन को भीम ने मारा। भीम ने एक ही धक्के में उसे ज़मीन पर गिरा दिया और उसका एक-एक अंग तोड़-मरोड़ डाला।

Q 167.भीम का डरावना रूप देखकर कौन कॉपने लगा।

A: भीम का डरावना रूप देखकर कर्ण का शरीर थर-थर काँपने लगा।

Q 168.कर्ण किस बात से घबरा गया?

A: जब कर्ण के रथ का बाईं ओर का पहिया धरती में धंस गया, तब कर्ण घबरा गया।

Q 169.महाराज शल्य की मृत्यु किसके हाथों हुई?

A: महाराज शल्य की मृत्यु युधिष्ठिर के हाथों हुई।

Q 170.शकुनि का वध किसने किया?

A: शकुनि का वध सहदेव ने किया।

Q 171.अश्वत्थामा ने घायल दुर्योधन के सामने क्या प्रतिज्ञा ली?

A: अश्वत्थामा ने जलाशय के पास घायल दुर्योधन के सामने प्रतिज्ञा की कि वह आज ही रात पांडवों को बरबाद करके रहेगा।

Q 172.अश्वत्थामा के मस्तिष्क से क्या बात नहीं निकल पा रही थी?

A: उसके पिता द्रोणाचार्य को मारने के लिए पांडवों ने जो कुचक्र रचा, वह अश्वत्थामा के मस्तिष्क से नहीं निकल पा रहा था।

Q 173.कृपाचार्य ने किस बात को अधर्म बताया?

A: कृपाचार्य ने सोते हुए व्यक्ति को मारने को अधर्म बताया।

Q 174.विलाप करती द्रौपदी ने पांडवों से क्या कहा?

A: शोक विह्वल द्रौपदी युधिष्ठिर के पास आकर कातर स्वर में बोली- इस पापी अश्वत्थामा का वध अवश्य किया जाए।

Q 175.अश्वत्थामा को किसने पराजित किया?

A: अश्वत्थामा को भीम ने पराजित किया।

Q 176.उत्तरा कौन थी? उसके पुत्र का क्या नाम था?

A: उत्तरा अभिमन्यु की पत्नी थी। उसके पुत्र का नाम परीक्षित था, जो पांडवों के वंश का एक मात्र चिह्न बच गया था।

Q 177.धृतराष्ट्र ने किसको अपने पास बुलाया?

A: धृतराष्ट्र ने भीम को अपने पास बुलाया।

Q 178.धृतराष्ट्र युधिष्ठिर से किस बात की अनुमति चाहते थे?

A: धृतराष्ट्र युधिष्ठिर से जंगल जाकर तपस्या करने की अनुमति चाहते थे।

Q 179.राज सँभालने से पूर्व युधिष्ठिर युद्धभूमि क्यों गए?

A: शासन सूत्र सँभालने से पहले युधिष्ठिर युद्धभूमि में शर-शय्या पर पड़े, भीष्म पितामह से आशीर्वाद लेने गए।

Q 180.युधिष्ठिर ने अपने भाइयों को क्या आज्ञा दे रखी थी?

A: युधिष्ठिर ने अपने भाइयों को आज्ञा दे रखी थी कि राजा धृतराष्ट्र को किसी तरह का कष्ट न पहुँचने पाए।

Q 181.धृतराष्ट्र पांडवों के साथ कैसा व्यवहार करते थे?

A: धृतराष्ट्र पांडवों के साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार किया करते थे।

Q 182.भीम का व्यवहार धृतराष्ट्र व गांधारी के प्रति कैसा था?

A: भीम सेन धृतराष्ट्र और गांधारी को कभी-कभी ऐसी बातें कह देता था जिससे उनके दिल को ठेस पहुँच जाती थी।

Q 183.महाभारत युद्ध के बाद श्रीकृष्ण ने कितने वर्षों तक द्वारिका में शासन किया?

A: महाभारत की समाप्ति के बाद श्रीकृष्ण ने चालीस वर्षों तक द्वारिका में राज्य किया।

Q 184.बलराम को अपना शरीर क्यों त्यागना पड़ा?

A: अपने यदुवंश का अंत होते देखकर वे बहुत दुखी हुए, इसलिए उन्होंने वहीं समाधि पर बैठकर अपने शरीर का त्याग कर दिया।

Q 185.यदुवंश का पतन क्यों हुआ?

A: आपसी फूट के कारण यदुवंश का नाश हुआ।

Q 186.शिकारी ने श्रीकृष्ण को क्या समझाया?

A: शिकारी ने श्रीकृष्ण को दूर से एक हिरन समझा।

Q 187.श्रीकृष्ण कहाँ लेटे हए थे?

A: श्रीकृष्ण एक पेड़ के नीचे लेटे हुए थे।

महाभारत से सम्बंधित कुछ अन्य प्रश्नोत्तर

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राजसूय यज्ञ करके युधिष्ठिर कौन सा पद प्राप्त करना चाहते थे?

राजसूय यज्ञ करने की इच्छा से युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से सलाह ली। प्रश्न-2 राजसूय यज्ञ करके युधिष्ठिर कौन सा पद प्राप्त करना चाहते थे? उत्तर- राजसूय यज्ञ करके युधिष्ठिर सम्राट - पद प्राप्त करना चाहते थे

राजसूय यज्ञ करने की इच्छा से युधिष्ठिर ने क्या सलाह दी?

उत्तर: राजसूय करने की इच्छा से युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से सलाह ली।

राजसूय यज्ञ कौन कर सकता है class 7?

उत्तर - राजसूय यज्ञ वही राजा कर सकता था, जो सारे संसार के नरेशों का पूज्य हो और उनके द्वारा सम्मानित हो। प्रश्न-36 श्रीकृष्ण के अनुसार राजसूय यज्ञ में क्या - क्या बाधाएँ थीं? उत्तर - जरासंध एक पराक्रमी राजा था। उसने सब राजाओं को जीतकर उन्हें अपने अधीन कर रखा था।

राजसूय यज्ञ कैसे होता है?

इस यज्ञ की विधी यह है की जिस किसी को चक्रवर्ती सम्राट बनना होता था, वह राजसूय यज्ञ संपन्न कराकर एक अश्व (घोड़ा) छोड़ दिया करता था। वह घोड़ा अलग-अलग राज्यों और प्रदेशों में फिरता रहता था। उस अश्व के पीछे-पीछे गुप्त रूप से राजसूय यज्ञ कराने वाले राजा के कुछ सैनिक भी हुआ करते थे।