राखी बांधने से क्या होता है - raakhee baandhane se kya hota hai

धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: आशिकी पटेल Updated Thu, 11 Aug 2022 01:10 PM IST

Rakshabandhan Banane Ki Vidhi:  इस साल रक्षाबंधन का त्योहार दो दिन मनाया जा रहा है। दरअसल पूर्णिमा तिथि 11 और 12 दिन होने के साथ और 11 अगस्त को पूरे दिन भद्रा रहने के कारण इस तरह का संयोग बना हुआ है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल रक्षाबंधन का पावन पर्व सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। ये पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते, स्नेह और प्यार का प्रतीक माना जाता है। रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हुए आरती उतारती हैं। साथ ही भगवान से उनके जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं भाई प्रेम रूपी धागा बंधवाकर उम्रभर बहन की रक्षा का संकल्प लेते हैं और उन्हें उपहार देते हैं। रक्षाबंधन के दिन राखी बांधते समय सही नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है। आइए जानते हैं राखी बांधते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए....  
 

राखी बांधते समय इन नियमों का रखें ध्यान
रक्षाबंधन वाले दिन भाई-बहन दोनों स्नान करके नए कपड़े पहन लें। शुभ मुहूर्त में राखी बंधवाते समय सबसे पहले भाई अपने सिर पर कोई रुमाल रख लें। हिंदू धर्म में मान्यता है कि खाली सिर से राखी नहीं बंधवानी चाहिए। 

साथ ही राखी बंधवाते समय भाई का मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए और पीठ पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर होनी चाहिए। दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके राखी बंधवाना शुभ नहीं माना जाता है। 

इसके बाद बहन भाई के माथे पर चंदन, कुमकुम व अक्षत से तिलक लगाएं। ध्यान रखें कि रक्षाबंधन की थाली सजाते समय कभी भी थाली में टूटे हुए अक्षत न रखें। 

राखी बांधने से पहले बहनें इसमें तीन गांठ जरूर बांध लें। राखी में तीन गांठ बांधकर भाई की कलाई पर बांधना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि तीन गांठ का संबंध भगवानों से जुड़ा हुआ है। 

राखी बांधने से क्या फायदा होता है?

रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। ये पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते, स्नेह और प्यार का प्रतीक माना जाता है। रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हुए आरती उतारती हैं। साथ ही भगवान से उनके जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

राखी बांधने का मतलब क्या है?

यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बंधन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। राखी का वास्तविक अर्थ भी यही है कि किसी को अपनी रक्षा के लिए बांध लेना। इस दिन बहनें भाइयों को सूत की राखी बांधकर अपनी जीवन रक्षा का दायित्व उन पर सौंपती हैं।

राखी बांधने में क्या दिक्कत है?

रक्षाबंधन बीतने के बाद कलाई पर राखी बंधवाते वक्त शुभ-अशुभ घड़ी का ख्याल रखना भी जरूरी है. आप कोई भी शुभ मुहूर्त देखकर बहन की राखी को कलाई पर सजा सकते हैं. लेकिन याद रहे कि राहुकाल में कभी भी बहन की राखी को कलाई पर नहीं बांधा जाता है.

भद्रा काल में राखी बांधने से क्या होता है?

मान्यता अनुसार भद्रा काल में राखी बांधने से अशुभ और अमंगल होता है। भद्रा कष्ट देती है। जब भद्रा मुख में होती है तो कार्य में विघ्न पैदा होते और कार्य का नाश में हो सकता है। जब भद्रा कंठ में होती है तो धन का नाश होता है और जब भद्रा हृदय में होती है तो प्राण का नाश करती है।