राम ने धनुष तोड़ने वाले को क्या कहा है? - raam ne dhanush todane vaale ko kya kaha hai?

विषयसूची

  • 1 राम ने धनुष तोड़ा था उसका नाम क्या है?
  • 2 भृगुकुलकेतु कौन हैं *?
  • 3 शिव जी के कितने धनुष थे?
  • 4 भगवान विष्णु के धनुष का नाम क्या था?
  • 5 परशुराम जी द्वारा यह पूछे जाने पर कि शिव धनुष किसने तोड़ा है श्री राम जी ने क्या कहा?

राम ने धनुष तोड़ा था उसका नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंश्री राम के द्वारा भंग किए गए धनुष का नाम पिनाक है जो भगवान शिव जी का अस्त्र है. पिनाक धनुष । राम ने रामायण में जो धनुष तोड़ा था उसका नाम शिव धनुष था जो भगवान शिव ने सीता के पिता राज ऋषि राजा जनक के पूर्वजों को दिया था ।

राम ने स्वयंवर में किसका धनुष तोड़ा?

इसे सुनेंरोकेंइस धनुष का नाम पिनाक था। श्रीराम ने संदूक खोलकर धनुष को देखा और उस पर प्रत्यंचा चढ़ा दी । प्रत्यंचा चढ़ाकर श्रीराम ने जैसे ही धनुष को कान तक खींचा, वैसे ही वह बीच में से टूट गया।

भृगुकुलकेतु कौन हैं *?

इसे सुनेंरोकेंभृगुकुलकेतु परशुराम को कहा गया है।

इसे सुनेंरोकेंइस धनुष का नाम पिनाक था। श्रीराम ने संदूक खोलकर धनुष को देखा और उस पर प्रत्यंचा चढ़ा दी ।

सीता स्वयंवर में रावण को निमंत्रण देने कौन गया था?

इसे सुनेंरोकेंइसके बाद मुनि विश्वामित्र को राजा जनक की ओर से सीता स्वयंवर में आने का न्योता मिलता है। जिसमें मुनी जी अपने साथ श्री राम और लक्ष्मण को भी ले जाते हैं। अगले दृश्य में सभी राजा जनक के दरबार में बैठे हुए हैं। इसी दौरान राजा जनक के सामने पड़े शिव धनुष को उठाकर उसका चिल्ला चढ़ाने की सारी बात सुना देते हैं।

शिव जी के कितने धनुष थे?

इसे सुनेंरोकेंऐसे दो ही धनुष थे। एक त्रैता में श्रीराम के द्वारा तोड़ा गया था और दूसरा धनुष राजकुल के पास था जिससे त्रिपुरासुर का वध किया गया था। इस धनुष को श्रीकृष्ण ने कंस की रंगशाला में प्रवेश करके तोड़ दिया था और तभी उन्होंने कंस का वध भी कर दिया था।

स्वयंवर में जो धनुष टूट गया था वह धनुष किसका था *?

इसे सुनेंरोकेंअंत में सीता स्वयंवर में किसने उठाया शिव धनुष को भगवान विष्णु जी अवतार प्रभु श्री राम जी ने सीता स्वयंवर में इस शिव धनुष को एक हाथ से उठा कर सबको चौंका दिया था और बाद में जब वो इसकी प्रत्यंचा चढाने लगे तो ये धनुष टूट गया था!

भगवान विष्णु के धनुष का नाम क्या था?

इसे सुनेंरोकेंशारंग, भगवान विष्णु के धनुष का नाम है। विष्णु के अन्य अस्त्र-शस्त्रों में सुदर्शन चक्र, नारायणास्त्र, वैष्णवास्त्र, कौमोदकी व नंदक तलवार सम्मिलित हैं।

शिव धनुष की क्या विशेषता थी?

इसे सुनेंरोकेंशिव धनुष पिनाक की विशेषता : भगवान शिव का धनुष बहुत ही शक्तिशाली और चमत्कारिक था, धनुष की टंकार मात्र से ही बादल फट जाते थे और पर्वत हिलने लगते थे, ऐसा लगता था मानो भूकंप आ गया हो। यह धनुष बहुत ही शक्तिशाली था, इसी के एक तीर से त्रिपुरासुर की तीनों नगरियों को ध्वस्त कर दिया गया था, इस धनुष का नाम पिनाक था।

परशुराम जी द्वारा यह पूछे जाने पर कि शिव धनुष किसने तोड़ा है श्री राम जी ने क्या कहा?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: जब परशुराम ने धनुष तोड़ने वाले के विषय में पूछा तो श्री राम ने धनुष तोड़ने वाला आपका कोई दास होगा ऐसा इसलिए कहा क्योंकि श्री राम परशुराम के क्रोध से परिचित थे। परशुराम एक अत्यंत क्रोधी ब्राह्मण थे। वह अपने क्रोध के लिये विश्वविख्यात थे।

सीता स्वयंवर में रावण आया था क्या?

इसे सुनेंरोकेंश्रीराम बड़े हुए तो उनका विवाह राजा जनक की पुत्री सीता के साथ हुआ। सीता का विवाह स्वयंवर के जरिए हुआ जहां श्रीराम और रावण भी मौजूद थे।

राम ही नहीं कृष्ण ने भी तोड़ा था शिव धनुष, पढ़ें यह रोचक प्रसंग

कंस ने श्री कृष्ण को मारने की एक योजना बनाई थी। इस योजना के अनुसार, उसने कृष्ण को अक्रूरजी द्वारा नंदगांव से मथुरा बुलाया।

नई दिल्ली

April 24, 2018 8:41:42 pm

राम ने धनुष तोड़ने वाले को क्या कहा है? - raam ne dhanush todane vaale ko kya kaha hai?

भगवान राम।

शिव धनुष से जुड़े हुए कुछ प्रसंग बड़े ही प्रसिद्ध हैं। इनमें से ही एक है श्री राम द्वारा शिव धनुष तोड़ने का प्रसंग। इसके मुताबिक, भगवान राम ने सीता स्वयंवर में शिव धनुष को तोड़ा था। कहते हैं कि जिस शिव धनुष को तमाम बलशाली राजा हिला तक नहीं पाए थे, उसे राम जी ने बड़ी ही आसानी से तोड़ दिया था। इसके बाद राम और सीता जी का विवाह सम्पन्न हुआ था। हालांकि कहा यह भी जाता है कि शिव धनुष टूटने से परशुराम जी काफी क्रोधित हुए थे। इस प्रसंग के बारे में तो काफी लोगों को पता है। लेकिन यह बहुत कम लोग जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण भी शिव धनुष तोड़ चुके हैं। कृष्ण द्वारा शिव धनुष तोड़ने का प्रसंग भी बड़ा ही रोचक है। आइए विस्तार से पढ़ते हैं इस प्रसंग के बारे में।

इस प्रसंग के मुताबिक, कंस ने श्री कृष्ण को मारने की एक योजना बनाई थी। इस योजना के अनुसार उसने कृष्ण को अक्रूरजी द्वारा नंदगांव से मथुरा बुलाया। कृष्ण जी अक्रूरजी जी के साथ कंस के बुलावे पर मथुरा चले गए। कंस ने वहां पर धनुष यज्ञ का आयोजन किया था। बताते हैं कि कृष्ण कंस से मुलाकात से पहले इलाके में भ्रमण के लिए निकले। इस दौरान वह उस मंदिर पहुंचे जहां पर शिव धनुष रखा हुआ था।

शिव धनुष को देखने के बाद कृष्ण ने मंदिर के पुजारी और उसके रक्षक सैनिकों से उसे छूने की इच्छा प्रकट की। कृष्ण की यह बात सुनकर वे सभी हंसने लगे और इसकी इजाजत दे दी। श्री कृष्ण ने बड़ी ही सरलता के साथ उस धनुष को उठाकर तोड़ दिया। कंस को जब इस बात की खबर मिली तो वह बहुत ही खबरा गया। इसके अगले ही दिन श्री कृष्ण ने कंस की हत्या कर दी। इस प्रकार से मथुरा के लोगों को कंस के अत्याचारों से मुक्ति मिली।

राम ने धनुष तोड़ने वाले को क्या कहा है? - raam ne dhanush todane vaale ko kya kaha hai?

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राम ने धनुष तोड़ा था उसका नाम क्या है?

इस धनुष का नाम पिनाक था। श्रीराम ने संदूक खोलकर धनुष को देखा और उस पर प्रत्यंचा चढ़ा दी ।

राम ने जिस धनुष को तोड़ा वह किसका था?

युद्ध में, भगवान विष्णु ने भगवान शिव और देवताओं को पराजित किया। भगवान शिव का धनुष पिनाक बेकार हो गया और भगवान विष्णु का धनुष शारंग प्रबल हो गया। यह धनुष पिनाक बाद में भगवान राम द्वारा तोड़ा गया था

परशुराम जी के धनुष का नाम क्या था?

भगवान विष्णु ने भी ऐसा करने का निर्णय किया, और ऋषि ऋचिक को अपना धनुष शारंग दे दिया। समय के साथ, शारंग, भगवान विष्णु के अवतार और ऋषि ऋचिक के पौत्र परशुराम को प्राप्त हुआ। परशुराम ने अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के पश्चात, विष्णु के अवतार भगवान राम को शारंग दे दिया।

रावण ने शिव धनुष क्यों नहीं उठाया?

उन्होंने उसे जीवित पकड़ने का विचार त्याग दिया। धनुष उठाया । निशाना साधा। और एक बाण उस पर छोड़ दिया।