सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, रानी लक्ष्मीबाई का मुख्य नारा क्या था?रानी लक्ष्मी बाई का नारा क्या था? साल 1858 में जून का 17वां दिन था जब खूब लड़ी मर्दानी, अपनी मातृभूमि के लिए जान देने से भी पीछे नहीं हटी. 'मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी' अदम्य साहस के साथ बोला गया यह वाक्य बचपन से लेकर अब तक हमारे साथ है.
झांसी की रानी का डायलॉग क्या है?मैं झांसी की रानी, लक्ष्मी बाई प्रतिज्ञा करती हुॅ जब तक मेंरे शरीर में रक्त हैं…. मैं पूरी निष्ठा से अपनी मातृभुमि की सेवा करूंगी। I LaxmiBai, promise till the last drop of my blood… I'll serve Jhansi with utmost loyalty.
रानी लक्ष्मीबाई के मुंह बोले भाई कौन थे?अपने साहस और बहादुरी से अंग्रेजों के हौंसले पस्त करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के विश्वास पात्रों में से एक बांदा स्टेट के नवाब अली बहादुर (द्वितीय) भी थे। उनका और लक्ष्मीबाई का रिश्ता भाई-बहन का था। वे लक्ष्मीबाई के मुंहबोले भाई थे।
रानी लक्ष्मीबाई को किसकी कहानियां ज़बानी याद थीं?वीर शिवाजी की गाथाएँ उसको याद ज़बानी थीं। बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी।
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