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पानी के इलेक्ट्रोलिसिस के रासायनिक समीकरण का आरेख, पानी के बंटवारे का एक रूप किसी के प्रतीकात्मक निरूपण को रासायनिक समीकरण कहते हैं। इसे समीकरण इसलिये कहा जाता है कि इसमें समता चिन्ह (=) का प्रयोग किया जाता है (= के स्थान पर → का भी प्रयोग किया जाता है)। समता चिन्ह के बाई ओर क्रिया करने वाले अभिकारक लिखे जाते हैं तथा इसके दाईं ओर उत्पाद लिखे जाते हैं। समीकरण का अधार यह है कि किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या अभिक्रिया के उपरान्त भी अपरिवर्तित रहती है। सबसे पहले रासायनिक समीकरण द्वारा रासायनिक अभिक्रिया का निरूपण सन १६१५ में जीन बेग्विन ने किया। प्रमुख प्रतीक[संपादित करें]विभिन्न प्रकार की अभिक्रियाओं में अन्तर करने के लिए विभिन्न प्रकार के संकेत प्रयोग किए जाते हैं। रासायनिक समीकरणों को संतुलित करना[संपादित करें]P4O10 + 6 H2O → 4
H3PO4 किसी रासायनिक अभिक्रिया को संतुलित करने का अर्थ है कि अभिकारकों और उत्पादों के न्यूनतम पूर्णांक अणुओं की संख्या लिखना ताकि रासायनिक अभिक्रिया में जिन शर्तों का पालन होता है, समीकरण में भी उन नियमों का पालन हो। उदाहरण के लिए निम्नलिखित अभिक्रिया को देखिए- देबा इस अभिक्रिया को संतुलित करने का अर्थ है, a, b, c, d, e के न्यूनतम पूर्णांक मान निकालना ताकि किसी भी तत्व के लिए समीकरण के दाएं पक्ष तथा बाएं पक्ष में आये हुए सभी परमाणुओं की संख्या समान हो। a, b, c, d, e 8 आदि गुणांकों का मान सरल गणना द्वारा (hit and try) किया जा सकता है या कुछ मूलभूत नियमों को लगाकर किया जा सकता है। किन्तु दोनों विधियाँ समय लगातीं हैं। इस काम को विधिवत करने की रीति है, युगपत समीकरण बनाकर उन्हें हल करना। उपरोक्त रासायनिक अभिक्रिया को संतुलित करने कि लिए हम निम्नलिखित युगपत समीकरण बनाते हैं- इन समीकरणों को समझना सरल है। उपरोक्त अभिक्रिया के बाएँ पक्ष में सोडियम के 2a परमाणु हैं और दाएँ पक्ष में d परमाणु। अतः । इसी तरह अन्य समीकरणों को समझ सकते हैं। समीकरण बनाने के बाद हम देखते हैं कि अज्ञात राशियों की संख्या ५ है जबकि समीकरणों की संख्या केवल ४। इसका अर्थ हुआ कि हम किसी एक अज्ञात राशि का मान अपनी इच्छानुसार चुनते हुए आगे बढ़ सकते हैं। माना हम रख देते है तो शेष अज्ञात राशियों के मान ये होंगे: , , तथा । संयोग से ये सभी मान पूर्णांक हैं। किन्तु यदि हम लेकर चले होते तो अन्य अज्ञात राशियों के मान ये होते: , , तथा , जिनमें कई पूर्णांक नहीं हैं। यदि सभी मानों को 2 से गुणा कर दें तो सभी पूर्णांक हो जायेंगे (ऊपर वाला हल ही मिल जाएगा)। इसी तरह 4, 6, 8, … से गुणा करने पर भी हमें सभी अज्ञात राशियों के मान पूर्णांक प्राप्त होंगे किन्तु समीकरण के गुणांकों का मान न्यूनतम पूर्णांक होना बेहतर माना जाता है। (अर्थात a, b, c, d, e के मानों का महत्तम समापवर्तक (HCF) 1 से अधिक नहीं होना चाहिए। इस प्रकार उपरोक्त अभिक्रिया का संतुलित रूप यह होगा: सन्दर्भ[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
रासायनिक समीकरण क्या है और इसकी सीमाएं क्या है?समीकरण का अधार यह है कि किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या अभिक्रिया के उपरान्त भी अपरिवर्तित रहती है। सबसे पहले रासायनिक समीकरण द्वारा रासायनिक अभिक्रिया का निरूपण सन १६१५ में जीन बेग्विन ने किया।
रसायनिक समीकरण की क्या सीमाएं हैं?इसे सुनेंरोकेंरासायनिक समीकरण से क्रियाकारक एवं उत्पाद की सान्द्रता ज्ञात नहीं होती है। 2. रासायनिक समीकरण से अभिक्रिया के तीव्र या मंद होने की दर का पता नहीं चलता है।
रासायनिक सारांश की क्या सीमा है?आण्विक स्तर पर अभिक्रिया की क्रियाविधि में, संघट्ट करने वाले अणुओं के विन्यास तथा ऊर्जा को सम्मिलित करते हुए विचार-विमर्श किया जाता है । इस एकक में, हम अभिक्रिया के औसत एवं तात्कालिक वेग तथा इन्हें प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन करेंगे।
रासायनिक समीकरण क्या है इससे क्या क्या जानकारी मिलती है?रासायनिक समीकरण से अभिकारकों एवं उत्पादों के परमाणुओं एवं अणुओं की संख्या का बोध हो जाता है। <br> 4. रासायनिक अभिक्रिया के अभिकारकों तथा उत्पादों की मोलो की संख्या ज्ञात होने पर उसके द्रव्यमान की जानकारी प्राप्त होती है।
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