संक्षेपण का अर्थ है-संक्षेप, सार आदि। इस प्रकार संक्षेपण से अभिप्राय ऐसी रचना से है जिसमें किसी वक्तव्य, लेख, निबन्ध, अनुच्छेद आदि में व्यक्त किए गए भावों को संक्षेप में प्रस्तुत किया जाता है। इसे पारिभाषिक रूप देते हुए कहा जा सकता है कि: ‘किसी सन्दर्भ या विषय-वस्तु का कम से कम शब्दों में, तथ्यपूर्ण एवं सुस्पष्ट पुनर्लेखन संक्षेपण कहलाता है।’ Show संक्षेपण का उदाहरणउदाहरण: 1 हिन्दी भाषा के इतिहास में लल्लूलाल तथा राजा शिवप्रसाद का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है। हिन्दी भाषा के बीज को देश के खेत में लल्लूलाल ने बोया और अपने सेवा-रूपी पानी से इसे अंकुरित भी किया। लल्लूलाल के पश्चात् राजा शिवप्रसाद ने इस भाषा-रूपी बीज से फूटी हुई साहित्य-लता को अच्छा रूप देकर खूब सजाया और सँवारा। हरिश्चन्द्र ने इसको वसन्त की भाँति खूब विकसित किया। हिन्दी-भाषा को जब लल्लूलाल ने जन्म दिया तो राजा शिवप्रसाद ने इसमें ऐसे सुन्दर लेख लिखे जिनसे वह उर्दू भाषा से भी टक्कर ले सकी। इसके अनन्तर भारतेन्दु बाबू ने ही पुस्तकों की भोजन-सामग्री देकर वाचक-वृन्द को तृप्त किया। शीर्षक: हिन्दी के परिपोषक संक्षेप: हिन्दी भाषा के इतिहास में सर्वश्री लल्लूलाल, राजा शिवप्रसाद तथा भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का अन्यतम स्थान है। इन्होंने ही क्रमशः हिन्दी भाषा के बीज को अंकुरित, पल्लवित तथा विकसित कर उसे ऐसा रूप प्रदान किया जिससे वह उर्दू से टक्कर ले सकी तथा लोग उसकी सामर्थ्य से परिचित हो सके। उदाहरण-2 भारतीय अर्थ-व्यवस्था मूलतः एक अल्पविकसित अर्थ-व्यवस्था है जो आजादी मिलने के बाद गरीबी और बेरोजगारी जैसी मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए आर्थिक आयोजन के सहारे विकास कार्य में संलग्न है। यह एक ओर तो अल्प विकसित है; वहीं दूसरी ओर इसमें ऐसे तत्त्व उभर रहे हैं जिनके आधार पर इसे विकासशील ठहराया जा सकता है। विश्व के इन सातवें सबसे बड़े देश में विगत कुछ वर्षों में आर्थिक प्रगति हुई है। इसके बावजूद अभी यहाँ काफी बड़ी मात्रा में प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधन अप्रयुक्त पड़े हैं। फलस्वरूप देश आर्थिक दृष्टि से बहुत पिछड़ा हुआ है; और यहाँ के जन साधारण गरीबी और बेरोजगारी से बुरी तरह जकड़े हुए हैं। देश की अर्थ-व्यवस्था आज ऐसी स्थिति में है, जिसमें गतिहीनता और गतिशीलता, दोनों बातें देखने को मिलती हैं। गतिहीनता के पीछे स्वतंत्रता से पूर्व विदेशी शासन का हाथ है, जबकि गतिशीलता मूलरूप से स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद राष्ट्रीय सरकार द्वारा अपनाए गए योजनाबद्ध आर्थिक विकास की देन है। शीर्षक: भारतीय अर्थ-व्यवस्था संक्षेपण की विशेषताएंसंक्षेपण की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं:
संक्षेपण एक कला है; इसके लिए प्रतिभा एवं निरन्तर अभ्यास की जरूरत पड़ती है किन्तु अभ्यास के लिए भी इसके नियमों से परिचित होना आवश्यक है। ये नियम हैं:
संक्षेपण का महत्वआज के व्यस्त जीवन में हर कोई समय व श्रम के कम से कम उपयोग से अधिक से अधिक लाभ अर्जित कर लेना चाहता है। कार्यालयों में, चाहे वे सरकारी हो या निजी, प्रतिदिन सैंकड़ों पत्र, आवेदन, प्रतिवेदन आदि आते हैं। कार्यालयों के प्रमुख या उच्चाधिकारी, निदेशक या प्रबन्धक, मंत्री या सचिव के लिए यह संभव नहीं होता कि सब कुछ संपूर्णता में देख-पढ़ सके। ऐसे में उच्च पदाधिकारी तो चाहता है कि सारी बातें संक्षेप में उसके सामने रखी जायें ताकि अधिक से अधिक मसलों पर विचार कर सके; समुचित निर्णय लेकर उचित कार्रवाई शीघ्रता से कर सके। संक्षेपण की महत्ता इसी में निहित है। संक्षेपण में मूलभाव की सुरक्षा करते हुए अप्रासंगिक, असम्बद्ध एवं अनावश्यक बातों, तथ्यों और वर्णनों को छोड़कर किसी विवरण, भाषण, लेख, निर्देश या पत्र में निहित विचारों, भावों को एक उचित व्यवस्था के अन्तर्गत प्रस्तुत किया जाता है । यह सार अपने आप में एक ऐसी संपूर्ण रचना है, जिसे पढ़ने के पश्चात मूल एवं विस्तृत को पढ़ने की आवश्यकता नहीं पड़ती । अर्थात् संक्षेपण में मूल-पाठ की सारी बातें समाहित होनी चाहिए । संक्षेपण-प्रविधिसंक्षेपण की प्रविधि में निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए:
संक्षेपण क्या है इसकी प्रमुख विशेषताएं?संक्षेपण अथवा सार-लेखन (अंग्रेज़ी: Précis) का आशय है किसी अनुच्छेद, परिच्छेद, विस्तृत टिप्पणी अथवा प्रतिवेदन को संक्षिप्त कर देना। किसी बड़े पाठ (निबन्ध, लेख, शोध प्रबन्ध आदि) में मुख्य विचारों, तर्कों आदि को लघुतर आकार में प्रस्तुत करना संक्षेपण (critical précis writing) कहलाता है।
संक्षेपण क्या होता है संक्षेपण के प्रकार संक्षेपण का भाषा तथा संक्षेपण की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए?सार लिखते समय लेखक सभी महत्वपूर्ण तथ्यों को प्रस्तुत करने की अपेक्षा केवल उस मूल तथ्य केन्द्रक को प्रस्तुत करता है जिसके चारों ओर मूल विवरण अथवा पत्र का विकास होता है जबकि संक्षेपण में पत्र अथवा विवरण के प्रत्येक महत्वपूर्ण तथ्य को क्रमबद्ध एवं सुनियोजित ढंग से अपनी भाषा में संक्षिप्त करके लिखा जाता है जिससे संबद्ध ...
संक्षेपण क्या है इसके गुण और परिभाषा को लिखिए?संक्षेपण से आशय- किसी विस्तृत विवरण, सविस्तार व्याख्या, वक्तव्य, पत्रव्यवहार या लेख के तथ्यों और निर्देशों के ऐसे संयोजन को 'सक्षेपण कहते हैं, जिसमें अप्रासंगिक, असम्बद्ध, पुनरावृत, अनावश्यक बातों का त्याग और सभी अनिवार्य, उपयोगी तथा मूल तथ्यों का प्रवाहपूर्ण संक्षिप्त संकलन हो।
संक्षेपण का क्या महत्व है?वास्तव में संक्षेपण 'गागर में सागर भर देने' की कला है। इससे छात्रों में शब्द- संयम,भाव- संयम, एवं चिंतन-संयम की क्षमता उत्पन्न होती है। अतः संक्षेपण-कला व्यावहारिक जीवन हेतु परम आवश्यक एवं उपयोगी है। इससे मानसिक चिंतन में स्पष्टता, सुरुचि व्यवस्था, दृढ़ता और एकाग्रता के गुणों का विकास भी होता है।
|