Show
स्लिप डिस्क की बीमारी आज के समय में बहुत से लोगों में देखने को मिल रही है। इस बीमारी के कारण लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें होती है जो लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं। इसकी वजह से उन्हें पीठ में दर्द, गर्दन में दर्द होता है। आपको बता दें कि स्लिप डिस्क को बहुत से लोग साइटिका भी कहते हैं। दरअसल रीढ़ की हड्डी के बीच में डिस्क या जैल होता है, इसे डिस्क कहते हैं। अगर यह किसी कारण से फिसल जाता है यानि अपनी जगह से हट जाता है तो स्लिप डिस्क की समस्या पैदा हो जाती है। आमतौर पर इस डिस्क का काम शॉक एब्जॉर्ब करना है। अगर उस पर कोई भार है तो वह भार अपने ऊपर ले लेता है। हमारे शरीर को बाएँ, दाएँ या किसी भी तरफ झुकाने में मदद करता है। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है या कभी चोट लग जाती है तो इससे डिस्क का लचीलापन कम हो जाता है, जिससे डिस्क में पानी की मात्रा कम हो जाती है और स्लिप डिस्क की समस्या हो जाती है। यदि आप दिल्ली एनसीआर में स्लिप डिस्क के इलाज का खर्च जानना है तो यह लेख पूरा पढ़ें। दिल्ली एनसीआर में स्लिप डिस्क के इलाज का खर्च कितना होगा? (What will be the cost of treatment of slip disc in Delhi NCR in Hindi)यदी आप सस्ती कीमत पर दिल्ली एनसीआर में स्लिप डिस्क के इलाज का खर्च करवाना चाहते हैं तो इसके लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। दिल्ली एनसीआर में स्लिप डिस्क के इलाज का खर्च लगभग 3,50,000 रुपय से 4,50,000 रुपय तक है। दिल्ली एनसीआर में स्लिप डिस्क के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल? (Best hospitals in Delhi For slip disc treatment in Hindi)आपको बता दें कि दिल्ली एनसीआर में स्लिप डिस्क के इलाज आसानी से उपलब्ध है इसके लिए आप हमें चुन सकते हैं हम आपको सबसे सस्ती कीमत पर इसका इलाज उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश करेंगे। आप इनमें से किसी भी अस्पताल में इलाज करवा सकते हैं:
यदि आप इनमें से किसी भी अस्पताल में ट्रीटमेंट करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं। स्लिप डिस्क के प्रकार (Types Of Slip Disk in Hindi)स्लिप डिस्क तीन प्रकार की होती है: सर्वाइकल स्लिप डिस्क: जब आपकी गर्दन में दर्द या ऊपरी पीठ में दर्द होता है, तो उससे सर्वाइकल स्लिप डिस्क हो सकती है। थोरैसिक स्लिप डिस्क: आपको बता दें इस प्रकार की हर्नियेशन आमतौर पर व्यक्ति के ऊपरी पीठ में दर्द और मायलोपैथी का कारण बनती है, लेकिन यह हर्नियेटेड डिस्क के आकार और रीढ़ की हड्डी पर दबाव की मात्रा पर निर्भर करता है। थोरैसिक स्लिप डिस्क की समस्या लोगों में बहुत कम देखने को मिलती है। लंबर स्लिप डिस्क: ऐसा होने पर लंबर स्लिप डिस्क साइटिका और पैर दर्द, सुन्नता या कमजोरी के लक्षण का कारण बनता है। स्लिप डिस्क के कारण? (Causes of slip disc in Hindi)
स्लिप डिस्क की जांच कैसे होती है? (How to diagnose slip disc in Hindi)इमेजिंग परीक्षण में (Imaging tests) शामिल हो सकते हैं:
स्लिप डिस्क का इलाज कैसे होता है? (How is a slip disc treated in Hindi)आपका सर्जन इनमें से किसी भी एक सर्जरी की सिफारिश कर सकता है। कुछ मामलों में, एक व्यक्ति को सर्जरी के संयोजन की आवश्यकता हो सकती है।
लैमिनोटॉमी में, आपका सर्जन एक छोटे चीरे के माध्यम से इस सर्जरी को करता है, इसके लिए वह माइक्रोस्कोप की सहायता भी ले सकता है। यदि आवश्यक हो, तो लामिना हटाया जा सकता है। इसे लैमिनेक्टॉमी कहा जाता है।
डिस्केक्टॉमी काठ का क्षेत्र में हर्नियेटेड डिस्क के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे आम सर्जरी है। इस प्रक्रिया में, डिस्क का वह हिस्सा जो आपके तंत्रिका जड़ पर दबाव पैदा कर रहा है, उसे हटा दिया जाता है। कुछ मामलों में, पूरी डिस्क को हटा दिया जाता है। सर्जन आपकी पीठ (या गर्दन) में चीरा लगाकर डिस्क तक पहुंचेगा। जब संभव हो, आपका सर्जन समान परिणाम प्राप्त करने के लिए एक छोटे चीरे और विशेष उपकरणों का उपयोग करेगा। इस नई, कम आक्रामक प्रक्रिया को माइक्रोडिसेक्टोमी भी कहा जाता है। कुछ मामलों में, इन प्रक्रियाओं को एक आउट पेशेंट के आधार पर किया जा सकता है।
आर्टिफिशियल डिस्क सर्जरी के लिए, आप एक सामान्य संज्ञाहरण के तहत होंगे। यह सर्जरी आमतौर पर सिंगल डिस्क के लिए की जाती है जब समस्या पीठ के निचले हिस्से में होती है। यह एक अच्छा विकल्प नहीं है यदि आपको गठिया या ऑस्टियोपोरोसिस है या जब एक से अधिक डिस्क की समस्या की समस्या है। तो डॉक्टर इस सर्जरी का सहारा लेता है। इस प्रक्रिया के लिए, सर्जन आपके पेट में चीरा लगाकर प्रवेश करता है। क्षतिग्रस्त डिस्क को प्लास्टिक और धातु से बने आर्टिफिशियल डिस्क से बदल दिया जाता है। आपको कुछ दिनों के लिए अस्पताल में रहने की आवश्यकता हो सकती है। यदि आप काम खर्च में स्लिप डिस्क के इलाज की तलाश कर रहे हैं या इससे सम्बंधित किसी भी तरह की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी। Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है। स्लिप डिस्क की सर्जरी कैसे होती है?– माइक्रो डिस्केक्टॉमी तकनीक में एक इंच चीरे के द्वारा विशेष उपकरणों (Special Equipment) के जरिए स्पाइन की हड्डी में दबी हुई नस को खोल दिया जाता है. – इस ऑपरेशन को अंजाम देने में लगभग एक घंटे का समय लगता है. – ऑपरेशन के बाद दबी नस के खुल जाने पर दर्द और पैरों की तकलीफ दूर हो जाती है.
क्या स्लिप डिस्क का इलाज संभव है?क्या है इलाज- परंपरावादी चिकित्सक पद्धति से लेकर सर्जरी तक स्लिप डिस्क का इलाज संभव है. इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि रोगी की बेचैनी का स्तर क्या है और डिस्क अपनी जगह से कितनी दूर स्लिप हुई है. कुछ लोगों को एक्सरसाइज प्रोग्राम के जरिए भी स्लिप डिस्क के दर्द से राहत पा सकते हैं.
स्लिप डिस्क ऑपरेशन में कितना खर्चा आता है?दूरबीन विधि से सर्जरी में 15 हजार रुपये का खर्च आता है। ओपन सर्जरी का खर्च 16 से 17 हजार रुपये आता है। इसमें मरीज को रिकवर होने में दो हफ्ते लग जाते हैं।
स्लिप डिस्क वाले लोगों को कैसे सोना चाहिए?विशेषज्ञों का मानना है कि बायीं तरफ करवट लेकर सोना सबसे बेहतर होता है. इससे पाचन तंत्र दुरुस्त होता है. गैस, एसिडिटी, स्लिप डिस्क, कमर दर्द, सर्वाइकल, गर्दन में दर्द, हाई बीपी, हृदय रोग जैसी कई दिक्कतों से बचाव होता है. साथ ही खर्राटे भी कम आते हैं.
|