रंगभेद नीति का विरोध करने वाले दक्षिण अफ्रीका के कौन से नेता थे? - rangabhed neeti ka virodh karane vaale dakshin aphreeka ke kaun se neta the?

NELSON MANDELA BIOGRAPHY : एक समय था जब देश – विदेश में रंगभेद की समस्या बहुत ही आम थी। कहीं ज्यादा लेकिन ये सब जगह मौजूद थी। और इसके चलते बहुत से लोगों को निरपराध होते हुए भी अनेक प्रकार के कष्ट भोगने पड़े थे। खासकर दक्षिण अफ्रीका में अधिक प्रभाव था और शायद इसलिए रंगभेद के खिलाफ विरोध का मोर्चा वहीँ से शुरू हुआ था। आज हम इस लेख के माध्यम से इसी रंगभेद की समस्या से छुटकारा दिलाने वाले दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के बारे में जानकारी देंगे। NELSON MANDELA BIOGRAPHY के जरिए आप को उनके जीवन और संघर्ष व साथ ही उनसे जुडी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां इस लेख में मिल जाएंगी। इन्हे जानने के लिए आप हमारे इस लेख को पूरा पढ़ सकते हैं।

रंगभेद नीति का विरोध करने वाले दक्षिण अफ्रीका के कौन से नेता थे? - rangabhed neeti ka virodh karane vaale dakshin aphreeka ke kaun se neta the?
NELSON MANDELA BIOGRAPHY IN HINDI

नेल्सन मंडेला को आज भी पूरी दुनिया में उनके रंगभेद के विरोध के लिए जाना जाता है। उन्होंने सभी अश्वेत लोगों के हक़ का समर्थन और उनकी सुरक्षा हेतु रंगभेद का विरोध किया। उन्होंने अहिंसा का मार्ग अपनाया और बिना किसी का खून बहाये ही देश को इस बुराई से आजाद कराया। और इसी संघर्ष के चलते उन्होंने अपने जीवन के 27 साल जेल में गुजारे। इस दौरान उन्होंने रॉबेन द्वीप के कारागार में एक कोयला खनिक के तौर पर कार्य किया। उनके इस संघर्ष का अंत 1990 में हुआ जब उन्होंने श्वेत सरकार के साथ समझौते के बाद एक नए दक्षिण अफ्रीका को बनाया। इस प्रकार उन्हें साउथ अफ्रीका में लोकतन्त्र के प्रथम संस्थापक, राष्ट्रीय मुक्तिदाता और उद्धारकर्ता के तौर पर माना जाता है।

जैसा गौरव हमारे देश में महात्मा गांधी को प्राप्त है वैसे ही दक्षिण अफ्रीका में मॉडेला को “राष्ट्रपिता” माना जाता है। लोगों में मॉडेला के प्रति बहुत प्रेम व सम्मान है। इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि नेल्सन मॉडेला को वहां सम्मान सहित “मदीबा” कहकर पुकारते हैं। दक्षिण अफ्रीका में प्रायः इस शब्द का उपयोग बुजुर्गों के लिये किया जाता है। ये एक सम्मान-सूचक शब्द है। उनके सम्मान में 2004 में जोहान्सबर्ग में स्थित सैंडटन स्क्वायर शॉपिंग सेंटर में मंडेला की मूर्ति स्थापित की गयी और सेंटर का नाम बदलकर नेल्सन मंडेला स्क्वायर रख दिया गया था।

मंडेला के सम्मान में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने ये निर्णय लिया कि उनके जन्मदिन वाले दिन को नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उनके अभूतपूर्व और सहराहनीय कार्य हेतु रंगभेद विरोधी संघर्ष में उनके योगदान के लिए उन्हें ये सम्मान दिया गया है। भारत देश में भी 1990 में उन्हें देश के सर्वोच्च पुरूस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया। नेल्सन मंडेला भारत रत्न पाने वाले पहले विदेशी व्यक्ति हैं।

नेल्सन मंडेला का शुरूआती जीवन

Nelson Mandela का जन्म सन 1918 में 18 जुलाई को हुआ था। इनका जन्म स्थान म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, दक्षिण अफ़्रीका संघ में हुआ था। इनके माता पिता गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा और उनकी तीसरी पत्नी नेक्यूफी नोसकेनी थे। नेल्सन मंडेला को पिता ने ‘रोलिह्लाला’ नाम दिया था। जिसका अर्थ होता है –  पेड़ की डालियों को तोड़ने वाला या फिर प्यारा शैतान बच्चा

इनके पिता हेनरी म्वेजो कस्बे के जनजातीय सरदार थे। और वहां की स्थानीय भाषा में सरदार के बेटे को मंडेला कहते हैं। यही उपनाम उनके नाम से जुड़ा। नेल्सन मंडेला अपने सभी भाइयों में तीसरे नंबर के पुत्र थे और अपनी माता के पहली संतान थे। उनकी माता मेथोडिस्ट थी। जब नेल्सन मंडेला 12 वर्ष के थे उन्होंने अपने पिता को खो दिया था।

मंडेला की प्रारंभिक शिक्षा क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल से पूरी हुई थी जिस के बाद उन्होंने स्कूली शिक्षा मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल से पूर्ण की है। स्नातक की शिक्षा पूरी करने के लिए उन्होंने ‘हेल्डटाउन’ में एडमिशन लिया। इस कॉलेज की खास बात ये थी कि इसे विशेष रूप से अश्वेतों के लिए बनाया गया कॉलेज था। शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने मान के साथ ही जोहान्सबर्ग में रहने का फैसला किया। उन्होंने आजीविका के लिए अलग अलग नौकरियां की। जैसे कि – सोने की ख़दान में चौकीदार की नौकरी की, इसके अतिरक्त एक क़ानूनी फ़र्म में लिपिक की नौकरी भी की है।

नेल्सन मंडेला का वैवाहिक जीवन (Nelson Mandela Family)

Nelson Mandela के वैवाहिक जीवन के संबंध में उन पर जीवनी लिखने वाले लेखक एंथोनी सैम्पसन ने कहा था कि “वो महिलाओं के चहेते पुरुष हैं और उन्हें इस बात पर गर्व रहा है.” ये बात उनके जीवन में देखने को मिलती है। नेल्सन मंडेला ने तीन शादियां की थी और जीवन के अलग अलग हिस्सों में इन तीनो ही पत्नियों ने उनका विशेष साथ दिया। नेल्सन मॉडेला के अपनी तीनों शादियों से कुल ६सन्ताने थी। जिसके बाद आगे चलकर उनके कुल 17 पोते और पोतियां थे।

पहली शादी : उनकी पहली शादी वर्ष 1944 के अक्टूबर माह में हुई थी। मंडेला का विवाह अपने मित्र व सहयोगी वॉल्टर सिसुलू की बहन इवलिन मेस से हुआ था।

दूसरी शादी : 1961 में नेल्सन मंडेला पर देशद्रोह के मुकदमें के दौरान उनकी मुलाक़ात अपनी दूसरी पत्नी से हुई थी। जिनका नाम नोमजामो विनी मेडीकिजाला था। बता दें की देशद्रोह का मुकदमें में मंडेला को निर्दोष पाया गया और उन्हें इस आरोप से बरी कर दिया गया।

तीसरी शादी : नेल्सन मंडेला ने 1998 में अपने 80वें जन्मदिन पर तीसरा विवाह किया था। उनकी पत्नी का नाम ग्रेस मेकल था।

Nelson Mandela का राजनीतिक जीवन व संघर्ष

नेल्सन मंडेला की राजनीतिक जीवन की षुरुआत वर्ष 1944 में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस में शामिल होने से हुई थी। जिस के बाद  ‘ANC Youth League’ (ANCYL) की स्थापना में मंडेला का काफी योगदान रहा। उन्हें बाद में ANC यूथ लीग के संस्थापक बनाया गया। कुछ वर्षों बाद वकालत पास करने के बाद उन्होंने जोहान्सबर्ग में अपने सहयोगी के साथ वकालत शुरू की और मिलकर रंगभेद के खिलाफ आवाज उठायी। जिसकी वजह से उन पर व अन्य सहयोगियों पर 1956 में मुकदमा चलाया गया। जो 4 साल बाद समाप्त हुआ।

 1960 में ANC पर लगे प्रतिबन्ध के कारण वो भूमिगत हुए और इस दौरान उन्होंने अर्थव्यवस्था के लिए एक अभियान चलाया। जिसकी वजह से उन पर  हिंसक कारवाई का आरोप लगा और उन्हें जेल में डाल दिया गया। उन्होंने अपने बचाव के लिए प्रजातंत्र ,स्वतंत्रता और समानता के विषय में विचार व्यक्त किये। 1961 में मंडेला पर देशद्रोह का मुकदमा भी चला था लेकिन अदालत में उन्हें निर्दोष पाया गया।

वर्ष 1962 में उन्होंने रंगभेद विरोधी आंदोलन चलाया। वे इस आन्दोलन के एक प्रमुख व्यक्ति थे और उन्होंने नस्लवादी व्यवस्था के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध किया। इसके चलते उन्हें मजदूरों को हड़ताल के लिए उकसाने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुना दी गयी थी। इसी सजा के दौरान वो अगले 27 साल रॉबेन द्वीप के कारागार में रहे। जिसे सबसे कड़ी सुरक्षा वाली जेल माना जाता था। यहाँ उन्होंने कोयला खनिक के तौर पर कार्य किया और साथ ही वहां भी अश्वेत कैदियों को साथ किया और उनके हक़ के लिए रंगभेद विरोधी कार्य करते रहे। इसी तरह 27 वर्ष तक वो अनवरत रंगभेद नीति के ख़िलाफ़ लड़ते रहे। और वर्ष 1990 में फ़रवरी में बाहर आये।

वर्ष1989 में सरकार बदलने पर उदारवादी नेता एफ डब्ल्यू क्लार्क की सरकार आयी। उन्होंने नेल्सन और उनकी पार्टी के संघर्ष को देखते हुए अश्वेतों पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया। और इस प्रकार 1 फ़रवरी 1990 को नेल्सन मंडेला बहार आए। इसके बाद 1994 में अफ्रीका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुआ और इसमें अश्वेतों को भी चुनाव लड़ने का अधिकार था। इस चुनाव में बहुमत के साथ 10 मई 1994 में नेल्सन मंडेला राष्ट्रपति बने। जिस के बाद उन्होंने एक लोकतान्त्रिक एवं बहुजातीय अफ्रीका की नींव रखी।

मृत्यु (NELSON MANDELA BIOGRAPHY)

 नेल्सन मंडेला का 5 दिसम्बर, 2013 को हॉटन, जोहान्सबर्ग स्थित अपने घर में देहांत हो गया था। बता दें कि उनकी मृत्यु  फेफड़ों में संक्रमण हो जाने के कारण हुई थी। देहांत के समय उनकी आयु 95 वर्ष थी।

पुरस्कार एवं सम्मान

मंडेला को विश्व के विभिन्न देशों और संस्थाओं द्वारा 250 से भी अधिक सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। जिनमे से कुछ प्रमुख सम्मान आगे की सूची में देख सकते हैं –

  • नेल्सन मंडेला को 1993 में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति फ़्रेडरिक विलेम डी क्लार्क के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया। मंडेला को रंगभेद शासन की शांतिपूर्ण समाप्ति के लिए और दक्षिण अफ्रीका के लिए एक नए लोकतंत्र की नींव रखने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • ऑर्डर ऑफ़ लेनिन
  • प्रेसीडेंट मैडल ऑफ़ फ़्रीडम
  • भारत रत्न
  • गाँधी शांति पुरस्कार (23 जुलाई 2008)
  • निशान-ए–पाकिस्तान
  • संयुक्त राष्ट्रसंघ ने ये निर्णय लिया कि उनके जन्मदिन को नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

नेल्सन मंडेला से संबंधित प्रश्न उत्तर

दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति कौन थे ?

नेल्सन ख़ोलीह्लह्ला मंडैला (Nelson Rolihlahla Mandela) दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपति थे।

मंडेला का जन्म कब और कहाँ हुआ?

Nelson Mandela का जन्म 18 जुलाई 1918 को हुआ था।

नेल्सन मंडेला जेल क्यों गए थे?

देशद्रोह के आरोप लगने व तत्ख्तापलट की साजिश के आरोप लगाकर नेल्सन मॉडेला को जेल में डाला गया था।

नेशनल मंडल कितने साल जेल में रहे?

Nelson Mandela 27 साल तक जेल में रहे।

Nelson Mandela दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति कब बने थे ?

10 मई 1994 को नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने थे।

नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है ?

18 जुलाई 2009 को अंतराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस मनाया जाता है।

आज इस लेख में आप ने  Biography of Nelson Mandela के बारे में पढ़ा। उम्मीद है आपको ये जानकारी पसंद आयी होगी। यदि आप ऐसे ही अन्य उपयोगी लेखों को पढ़ने के इच्छुक हैं तो आप हमारी वेबसाइट Hindi NVSHQ से जुड़ सकते हैं।

रंग भेद नीति का विरोध करने वाले दक्षिण अफ्रीका के नेता कौन थे?

सरकार और उसके बीच हुए समझौते के तहत 1994 में चुनाव हुआ जिसमें ज़बरदस्त जीत हासिल करके एएनसी ने सत्ता सँभाली और नेलसन मंडेला रंगभेद विहीन दक्षिण अफ़्रीका के पहले राष्ट्रपति बने।

रंगभेद नीति के विरुद्ध आवाज उठाने वाले कौन थे?

"हम आप, ब्रिटिश के लोगों से कुछ विशेष नहीं मांग रहे हैं. हम बस आपसे दक्षिण अफ़्रीकी सामान न खरीदने के लिए रंगभेद नीति को समर्थन न देने के लिए कह रहे हैं" "दक्षिण अफ़्रिका में अश्वेत लोगों के समर्थन के उद्देश्य के साथ इस साधारण अपील से 1959 में ब्रिटेन में बहिष्कार आंदोलन स्थापित हो गया था.

दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद का अंत कैसे हुआ?

1992 में आज ही के दिन दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद संबंधी जनमत संग्रह हुआ। इसके बाद रंगभेद के आधार पर भेदभाव का कानून खत्म हो गया। यह कानून 1948 से लागू था। नेल्सन मंडेला ने इसके खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी।

दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद से मुक्ति दिलाने वाला नया संविधान कब लागू हुआ?

रंगभेद के खिलाफ लंबे संघर्ष के बाद वर्ष 1994 में, दक्षिण अफ्रीका ने आखिरकार स्वतंत्रता प्राप्त की और एक नए संविधान का निर्माण कर रंगभेद पर प्रतिबंध लगा दिया। इस नए निर्मित संविधान में सभी को समान अधिकार दिये गए।