प्रत्यय लगने पर शब्द एवं शब्दांश मेँ संधि नहीँ होती बल्कि शब्द के अन्तिम वर्ण मेँ मिलने वाले प्रत्यय के स्वर की मात्रा लग जाती है, व्यंजन होने पर वह यथावत रहता है। जैसे— लोहा+आर = लुहार, नाटक+कार = नाटककार। Show शब्द–रचना मेँ प्रत्यय कहीँ पर अपूर्ण क्रिया, कहीँ पर सम्बन्धवाचक और कहीँ पर भाववाचक के लिये प्रयुक्त होते हैँ। जैसे— मानव+ईय = मानवीय। लघु+ता = लघुता। बूढ़ा+आपा = बुढ़ापा। हिन्दी मेँ प्रत्यय तीन प्रकार के होते हैँ— 1. संस्कृत के प्रत्यय 2. तद्धित प्रत्यय – 2. हिन्दी के प्रत्यय 3. विदेशी प्रत्यय हिन्दी मेँ प्रयुक्त प्रमुख प्रत्यय व उनसे बने प्रमुख शब्द :– • अ – शैव, वैष्णव, तैल, पार्थिव, मानव, पाण्डव, वासुदेव, लूट, मार, तोल, लेख, पार्थ, दानव, यादव, भार्गव, माधव, जय, लाभ, विचार, चाल, लाघव, शाक्त, मेल, बौद्ध। D.K. 574265 हंसिनी में प्रत्यय क्या होगा?हँसी शब्द में प्रत्यय और मूल शब्द
अतः 'हँसी' में 'ई' प्रत्यय और 'हँस, ' मूल शब्द है।
गुणी में कौन सा प्रत्यय है?यहाँ पर मूल शब्द 'गुण' एक संज्ञा-विशेषण है जिसमें तद्धित प्रत्यय (गुणवाचक तद्धित प्रत्यय) 'वान' जुडने से बना शब्द 'गुणवान' गुणवाचक संज्ञा शब्द कहा जाएगा।
जोरावर में कौन सा प्रत्यय है?46. आव – घेराव, बहाव, लगाव, दुराव, छिपाव, सुझाव, जमाव, ठहराव, घुमाव, पड़ाव, बिलाव। 47. आवर – दिलावर, दस्तावर, बख्तावर, जोरावर, जिनावर।
स्थान में कौन सा प्रत्यय है?(5) स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय –
स्थान का बोध कराने वाले तद्धित प्रत्यय स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
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