सूर्य के नीच होने पर क्या होता है? - soory ke neech hone par kya hota hai?

प्रायः उच्च के ग्रहों को उत्तम और नीच के ग्रहों को खराब माना जाता है लेकिन यह पूर्ण सत्य नहीं है। हकीकत तो यह है कि नीच के ग्रह भी कई अच्छे फल प्रदान करते हैं। नवग्रहों के राजा होने के कारण कुंडली में प्रायः सूर्य की स्थिति देखी जाती है. सूर्यदेव तुला राशि में नीच के होते हैं। नीच के सूर्य अनेक समस्याएं देते है। कुंडली में सूर्य नीच के होने से प्रायः आंखों की समस्या देते हैं’ नीच का सूर्य पिता के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा सूर्य सामान्यतः सेहत भी खराब करता है।

इन सबके बावजूद नीच का सूर्य सर्वथा बुरा नहीं होता। ज्योतिषाचार्य पंडित एमकुमार शर्मा बताते हैं कि नीच का सूर्य यदि पांचवें भाव में हो और सूर्य यदि लग्नेश का मित्र हो तो अच्छी संतान का सुख देता है, खासतौर पर पुत्र संतान का। ऐसी स्थिति में प्रायः पुत्र का जन्म बहुत विलंब से होता है लेकिन वह कुल दीपक साबित होता है। जिनकी कुंडली में सूर्य नीच को हो वे यदि परिवार से दूर रहें तो उन्हें अत्यंत मान सम्मान प्राप्त होता है। नीच का सूर्य उच्च स्तर का चिकित्सक भी बना सकता है।

ज्योतिषाचार्य पंडित नरेेंद्र नागर बताते हैं कि अगर कुंडली में सूर्य नीच का हो तो इसके उपाय जरूर करना चाहिए। सूर्यदेव नवग्रहों के राजा हैं इसलिए उनकी स्थिति मजबूत करना बहुत आवश्यक होता हैं। इसके लिए रोज सुबह सूर्यदेव को अर्घ्य देना सबसे सरल उपाय हैं। जल अर्पित करते समय गायत्री मंत्र का जाप करें. इसके अलावा किसी ज्योतिषी से राय लेकर ताम्बा धारण किया जा सकता है। सूर्यदेव की प्रसन्नता के लिए सूर्य के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।

नीच का सूर्य क्या फल देता है?

यानी यह बहुत ही अच्छी स्थिति में पहुंचकर अति शुभ हो जाता है। वहीं तुला राशि में 10 अंश का सूर्य नीच का गिना जाता है। इसके अलावा, मेष राशि में सूर्य में 0 से 10 अंश या डिग्री तक मूल त्रिकोण का होता है। ज्योतिष में सूर्य को राजा की पदवी प्रदान की गई है, ज्योतिष के अनुसार सूर्य आत्मा एवं पिता का प्रतिनिधित्व करता है।

अगर सूर्य नीच का हो तो क्या करें?

अगर सूर्य नीच का हो तो सूर्य को जल अर्पित करें, ताम्बा धारण करें. अगर चन्द्रमा नीच राशि में हो तो पूर्णिमा का उपवास रखें और शिव जी की पूजा करें. मंगल के नीच राशि में होने पर नमक का सेवन कम करें ,विद्यर्थियों की सहायता करें. अगर बुध नीच का हो तो देर तक मत सोयें, विष्णु जी की उपासना करें,आयरन युक्त खाद्य खाएं.

सूर्य कमजोर होने के क्या लक्षण है?

सूर्य ग्रह से जीवन में आने लगती हैं ये परेशानियां: साथ ही, व्यक्ति को नौकरी, बिजनेस, राजनीति, आदि किसी भी काम में सफलता हाथ नहीं लगती। सूर्य कमजोर होने पर सूर्य ग्रह का दोष लगता है। मतलब सूर्य अगर कुंडली में राहु- केतु के साथ स्थित हैं तो सूर्य ग्रहण लगता है। इससे व्यक्ति को भाग्य का साथ नहीं मिलता है।

सूर्य ग्रह से कौन सी बीमारी होती है?

सूर्य और इसकी बीमारियां- - सूर्य ग्रहों का राजा है. - हर ग्रह की शक्ति के पीछे सूर्य ही होता है. - सूर्य के कारण हड्डियों की और आंखों की समस्या होती है.