संस्कृति के प्रमुख प्रकार कौन कौन से हैं? - sanskrti ke pramukh prakaar kaun kaun se hain?

Sanskriti Ke Prakar

Pradeep Chawla on 20-10-2018

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संस्कृति के प्रकार

संस्कृति दो प्रकार की हो सकती है : (1) भौतिक संस्कृति, तथा (2) अभौतिकसंस्कृति।

1. भौतिक संस्कृति -

मनुष्य द्वारा निर्मित भौतिक तथामूर्त वस्तुओं को भौतिक संस्कृति में शामिल किया जाता है। मनुष्य ने विभिन्नप्रकृतिदत्त वस्तुओं व शक्तियों को परिवर्तित करके अपनी आवश्यकताओं केअनुरूप बनाया है। ये सभी भौतिक संस्कृति के अन्तर्गत आती है। भौतिकसंस्कृति में साइकिल, स्कूटर, कार, पेन-पेन्सिल, कागज, पंखे, कूलर, फ्रिज,बल्ब, रेल, जहाज, वायुयान, टेलीफोन, मोबाइल इत्यादि सभी आते हैं। भौतिकसंस्कृति के सभी अंगों व तत्वों को सूचीबद्ध करन सरल कार्य नहीं है।मानव समाज के विकास के साथ-साथ भौतिक संस्कृति का भी विकासहुआ तथा पुरानी पीढ़ी की तुलना में नयी पीढ़ी के पास भौतिक संस्कृतिअधिक है।

2. अभौतिक संस्कृति -

इस संस्कृति में सामान्यत:सामाजिक विरासत में प्राप्त विश्वास, विचार, व्यवहार, प्रथा, रीति-रिवाज, मनोवृत्ति,ज्ञान, साहित्य, भाषा, संगीत, धर्म, नैतिकता इत्यादि को शामि किया जाताहै। ये पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे चलती है तथा प्रत्येक पीढ़ी में इसका अर्जनव परिवर्तन भी सम्भव होता है। यदि कोर्इ व्यक्ति अपने समाज के रीति-रिवाजोंप्रथाओं, धर्म व नैतिकता के विरूद्ध कार्य करता है तो उसे आलोचना यानिन्दा का शिकार होना पड़ता है। महत्वपूर्ण है कि अभौतिक संस्कृति भौतिकसंस्कृति की तुलना में कम परिवर्तनशील है तथा इसमें अधिक स्थायित्व पायाजाता है।

सम्बन्धित प्रश्न



Comments Disha on 10-06-2022

Uff

Disha on 10-06-2022

Chal chal nikal....

ज्योति on 06-02-2022

संस्कृति को लिंटन ने कितने भागों में बांटा है

चेतन गोयर on 04-02-2022

संस्कृति के दो प्रकार किसने बताये

Himesh jha on 26-11-2021

Main pagal hona chahta hun

Niharika on 23-09-2021

संस्कृति कितने प्रकार की है चर्चा करें

Ranjeet kumar on 15-08-2021

Pisi kalcher kya ha

Kishankymar on 01-08-2021

Salok

Anshika on 29-04-2021

Class kise khate h? Uska arth or paribhasha btaiye?

Anushka jaiswal on 07-01-2021

What is sanskriti ? Definite it in simple way?

Ok on 24-12-2020

Ok

Ritu... on 30-11-2020

Sanskriti ka prakaar

Swranjali milind jadhav on 27-09-2020

Sanskruti che prakar marathi mahiti

Kusum on 24-08-2020

Sanskriti ke praka

Amar wankhade on 04-05-2020

Bhautik abhauvtik sanskritche prakar koni vishedh kele

डी सी खण्डेलवाल on 20-12-2018

किस विद्वान ने संस्कृति को तीन भागों में विभाजित किया है

Rinku singh on 22-09-2018

Political kya h



संस्कृति के प्रकार भौतिक संस्कृति एवं अभौतिक संस्कृति

संस्कृति के प्रमुख प्रकार कौन कौन से हैं? - sanskrti ke pramukh prakaar kaun kaun se hain?



संस्कृति कितने प्रकार की होती है ?

ऑगर्बन एवं निमकॉफ ने संस्कृति के दो प्रकारों की चर्चा की है- भौतिक संस्कृति एवं अभौतिक संस्कृति |

1 भौतिक संस्कृति 

  • भौतिक संस्कृति के अर्न्तगत उन सभी भौतिक एवं मूर्त वस्तुओं का समावेश होता है जिनका निर्माण मनुष्य के लिए किया हैतथा जिन्हें हम देख एवं छू सकते हैं। भौतिक संस्कृति की संख्या आदिम समाज की तुलना में आधुनिक समाज में अधिक होती है. 

भौतिक संस्कृति के समस्त तत्व

प्रो. बीयरस्टीड ने भौतिक संस्कृति के समस्त तत्वों को मुख्य 13 वर्गों में विभाजित करके इसे और स्पष्ट करने का प्रयास किया है-  

i. मशीनें ii उपकरण iii.बर्तन iv. इमारतें V. सड़कें vi. पुल vii.शिल्प वस्तुएँ viii. कलात्मक वस्तुऐं ix. वस्त्र वाहन xi. फर्नीचर xii. खाद्य पदार्थ xiii औषधियां आदि ।

भौतिक संस्कृति की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

1. भौतिक संस्कृति मूर्त होती है । 

2. इसमें निरन्तर वृद्धि होती रहती है । 

3. भौतिक संस्कृति मापी जा सकती है । 

4. भौतिक संस्कृति में परिवर्तन शीघ्र होता है । 

5. इसकी उपयोगिता एवं लाभ का मूल्यांकन किया जा सकता है। 

6. भौतिक संस्कृति में बिना परिवर्तन किये इसे ग्रहण नहीं किया जा सकता है। अर्थात् एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने तथा उसे अपनाने में उसके स्वरूप में कोई फर्क नहीं पड़ता। उदाहरण के लिए मोटर गाड़ीपोशाक तथा कपड़ा इत्यादि ।

अभौतिक संस्कृति 

  • अभौतिक संस्कृति के अन्तर्गत उन सभी अभौतिक एवं अमूर्त वस्तुओं का समावेश होता हैजिनके कोई माप-तौलआकार एवं रंग आदि नहीं होते। 
  • अभौतिक संस्कृति समाजीकरण एवं सीखने की प्रक्रिया द्वारा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तान्तरित होती रहती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि अभौतिक संस्कृति का तात्पर्य संस्कृति के उस पक्ष में होता हैजिसका कोई मूर्त रूप नहीं होताबल्कि विचारों एवं विश्वासों कि माध्यम से मानव व्यवहार को नियन्त्रित नियमित एवं प्रभावी करता है।
  •  प्रो. बीयरस्टीड ने अभौतिक संस्कृति के अन्तर्गत विचारों और आदर्श नियमों को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताया और कहा कि विचार अभौतिक संस्कृति के प्रमुख अंग है। विचारों की कोई निश्चित संख्या हो सकती है. 

फिर भी प्रो. बीयरस्टीड ने विचारों के कुछ समूह प्रस्तुत किये हैं- 

i. वैज्ञानिक सत्य ii. धार्मिक विश्वास iii. पौराणिक कथाएँ iv. उपाख्यान v. साहित्य vi. अन्ध विश्वास vii. सूत्र viii. लोकोक्तियाँ आदि ।

  • ये सभी विचार अभौतिक संस्कृति के अंग होते हैं। आदर्श नियमों का सम्बन्ध विचार करने से नहींबल्कि व्यवहार करने के तौर-तरीकों से होता है। अर्थात् व्यवहार के उन नियमों या तरीकों को जिन्हें संस्कृति अपना आदर्श मानती हैआदर्श नियम कहा जाता है।

प्रो. बीयरस्टीड ने सभी आदर्श नियमों को 14 भागों में बाँटा है

1. कानून 2 अधिनियम 3 नियम 4 नियमन 5 प्रथाएँ 6 जनरीतियाँ 7. लोकाचार 8. निषेध 9. फैशन 10. संस्कार 11. कर्म-काण्ड 12 अनुष्ठान 13 परिपाटी 14 सदाचार

अभौतिक संस्कृति की विशेषताएँ इस प्रकार हैं 

1. अभौतिक संस्कृति अमूर्त होती है। 

2. इसकी माप करना कठिन है। 

3. अभौतिक संस्कृति जटिल होती है। 

4. इसकी उपयोगिता एवं लाभ का मूल्यांकन करना कठिन कार्य है। 

5. अभौतिक संस्कृति में परिवर्तन बहुत ही धीमी गति से होता है। 

6. अभौतिक संस्कृति को जब एक स्थान से दूसरे स्थान में ग्रहण किया जाता रूप में थोड़ा-न-थोड़ा परिवर्तन अवश्य होता है । 

7. अभौतिक संस्कृति मनुष्य के आध्यात्मिक एवं आन्तरिक जीवन से सम्बन्धित होती है।

भौतिक एवं अभौतिक संस्कृति में अन्तर 

भौतिक एवं अभौतिक पक्षों के योग से ही संस्कृति की निर्माण होता है किन्तु दोनों में कुछ अन्तर हैंजो इस प्रकार है

1. भौतिक संस्कृति को सभ्यता भी कहा जाता हैजबकि अभौतिक संस्कृति को केवल संस्कृति कहा जाता है ।

2. भौतिक संस्कृति मूर्त होती हैजबकि अभौतिक अमूर्त। जैसे- रेलगाड़ी तथा वैज्ञानिक का विचार एवं दिमागजिससे रेलगाड़ी का आविष्कार हुआ। यहाँ रेलगाड़ी भौतिक संस्कृति है,

जबकि वैज्ञानिक का विचार अभौतिक संस्कृति है। 

3. अभौतिक की तुलना में भौतिक संस्कृति को ग्रहण करना आसान है। उसे कहीं भी किसी स्थान पर स्वीकार किया जा सकता हैकिन्तु अभौतिक संस्कृति को ग्रहण करना आसान नहीं है। दूसरे स्थान पर स्वीकार करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बहुत आससनी से हम दूसरे स्थानों के आदर्शों एवं मूल्यों को स्वीकार नहीं कर पाते हैं।

4. भौतिक संस्कृति की तुलना में अभौतिक संस्कृति में धीमी गति से परिवर्तन होता है। 

जैसे- मोटरघड़ी आदि बदल जाते हैंकिन्तु मनुष्य के विश्वास जल्द नहीं बदलते ।

5. भौतिक संस्कृति चूँकि मूर्त होती हैअतः उसकी माप करना सरल हैकिन्तु अभौतिक संस्कृ ति अमूर्त रहने के कारण उसकी माप में कठिनाइयाँ आती हैं। इसकी माप तौल करना सम्भव नहीं होता। 

6. भौतिक संस्कृति में वृद्धि तीव्र गति से होती हैजबकि अभौतिक संस्कृति में वृद्धि बहुत ही मन्द गति से होती है। उदाहरण के लिएसमाज में नई-नई खोज एवं आविष्कार से तरह-तरह की वस्तु सामने आती हैकिन्तु व्यक्ति का विचार वर्षों पुराना ही पाया जाता है।

7. अभौतिक संस्कृति की वृद्धि एवं संचय को स्पष्ट नहीं किया जा सकता। किन्तु भौतिक संस्कृति में वृद्धि एवं संचय होता है और उसे मापा भी जा सकता है।

8. भौतिक संस्कृति के लाभ एवं उपयोगिता को माप कर बताया जा सकता हैकिन्तु अभौतिक संस्कृति की उपयोगिता एवं लाभ को मूल्यांकित नहीं किया जा सकता। इसे मात्र अनुभव किया जा सकता है ।

9. भौतिक संस्कृति मानव के बाह्यय एवं भौतिक जीवन से सम्बन्धित होती हैजबकि अभौतिक संस्कृति मानव के आध्यात्मिक एवं आन्तरिक जीवन से सम्बन्धित होती है ।

10. भौतिक संस्कृति सरल होती हैजबकि अभौतिक संस्कृति का स्वरूप जटिल होता है. 

विषय सूची 

संस्कृति का अर्थ एवं परिभाषा , मानव संस्कृति का निर्माण

संस्कृति की प्रकृति या विशेषताएँ 

संस्कृति के प्रकार, भौतिक संस्कृति ,अभौतिक संस्कृति, संस्कृति कितने प्रकार की होती है 

संस्कृति की संरचना ,सांस्कृतिक तत्व, संकुल, प्रतिमान, संस्कृति के प्रकार्य 

सांस्कृतिक विलम्बन (Cultural Lag) ,सभ्यता और संस्कृति में अन्तर

संस्कृति एवं व्यक्तित्व, |व्यक्तित्व  क्या  होता है , व्यक्तित्व के निर्माण के प्रमुख आधार 

संस्कृति के प्रमुख प्रकार क्या है?

रोज़मर्रा की बातों में संस्कृति कला तक सीमित है अथवा कुछ वर्गों या यहाँ तक कि देशों की जीवन शैली की तरफ संकेत करती है। समाजशास्त्रीय एवं मानवविज्ञानी उन सामाजिक संदर्भों का अध्ययन करते हैं जिनमें संस्कृति विद्यमान है। वे संस्कृति को अलग से लेकर इसके विभिन्न पक्षों के बीच संबंधों को जानने का प्रयास करते हैं।

संस्कृति के कितने रूप होते हैं?

उनके लयबद्ध लोक संगीत, नृत्य और नाटक देखना एक आनंददायक अनुभव है जो राज्य की संस्कृति में अंतर्दृष्टि भी प्रदान करता हैं। राज्य का सबसे प्रसिद्ध नृत्य-नाटक पंडवानी है, जो हिंदू महाकाव्य महाभारत का संगीतमय वर्णन है। राउत नाचा (ग्‍वालों का लोक नृत्य), पंथी और सुआ इस क्षेत्र की कुछ अन्य प्रसिद्ध नृत्य शैली हैं

संस्कृति के प्रमुख तत्व कौन कौन से हैं?

संस्कृति के तत्व.
ज्ञानात्मक तत्व आदिम काल से लेकर आज तक जितने भी प्रकार के समाज हुए हैं, उन सभी में किसी ने किसी प्रकार का ज्ञान अवश्य पाया जाता रहा है। ... .
विश्वास प्रत्येक समाज में विभिन्न चीजों के बारे में लोगों के बीच विभिन्न प्रकार के विश्वास पाए जाते हैं। ... .
मूल्य एवं मानदंड मूल्य ... .

संस्कृति का अर्थ क्या है इसके प्रकारों को बताइए?

इस प्रकार संस्कृति मानव जनित मानसिक पर्यावरण से सम्बंध रखती है जिसमें सभी अभौतिक उत्पाद एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को प्रदान किये जाते हैं। समाज-वैज्ञानिकों में एक सामान्य सहमति है कि संस्कृति में मनुष्यों द्वारा प्राप्त सभी आन्तरिक और बाह्य व्यवहारों के तरीके समाहित हैं।