NCERT Solutions:- आरोह भाग 2 विषय कक्षा 12 के पाठ्यपुस्तक का पहला पाठ जिसका नाम “नमक” है जिसे भारत देश के महान काव्य लेखक राजिया सज्जाद जहीर जी ने लिखा था। इस पाठ में दिये गए सभी प्रश्न बहोत ही सरल और आसान है जिसे Class 12 का कोई भी बच्चा आसानी से याद रख सकता है। Namak Chapter 16 के Question & Answers को
नीचे लिखा गया है जिसे आप अपने NoteBook कॉपी में लिख सकते है।
Ncert Aaroh Book Chapter 16 Class 12 Questions & Answers Solutionsपाठ के साथ प्रश्न 1. साफिया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों मना कर दिया? उत्तर- नमक की पुड़िया को साफिया सिख बीबी के लिए प्यार के तोहफे के रूप में ले जाना चाहती है। लेकिन साफिया के भाई ने उसे ले जाने से मना कर दिया, क्योंकि वह गैर कानूनी है। वह नहीं चाहता था कि नमक की पुड़िया के लिए उसे और साफिया को शर्मिन्दा होना पड़े। साफिया के भाई का मत था कि कस्टम अधिकारी साफिया की भावना को नहीं समझेंगे और इसे सरहद के पार ले जाने की अनुमति नहीं देंगे। इसलिए साफिया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से मना कर दिया। प्रश्न 2. नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में साफिया के मन में क्या द्वंद्व था? उत्तर- कस्टम अधिकारियों के व्यवहार की बात सुनकर साफिया के मन में नमक की पुड़िया को सरहद पार कराने की द्वंद्व पैदा हो गया है। उसे लगा कि नमक उस तरफ ले जाने का कार्य आसान नहीं है। कभी वह उसे कीनू की टोकरी में छिपा कर ले जाना चाहती है। कभी वह सोचती है कि ऐसी तकनीक हो जिससे वह इस नमक को दिल से छिपा कर ले जाए। लेकिन अंत में साफिया ने निश्चय किया कि वह नमक की पुड़िया को कस्टम अधिकारियों को दिखाकर ले जाएगी, चोरी से नहीं और अपने मन में चल रहे द्वंद्व को समाप्त कर दिया। प्रश्न 3. जब साफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम ऑफिसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे? उत्तर- अमृतसर सिखों का पवित्र स्थल हैं। जहाँ न केवल सिख बल्कि सभी धर्मों के लोग पूजा, प्रार्थना, अरदास करने प्रश्न 4. लाहौर अभी तक उन का वतन है और देहली मेरा या मेरा वतन ढाका है जैसे उद्गार किस सामाजिक यथार्थ का उत्तर- पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी का वतन देहली है, सिख बीबी का वतन अभी भी लाहौर है तथा भारतीय अधिकारी का वतन अभी भी ढाका है। मानचित्र पर देशों को अलग करने के लिए खींची गई लकीरें वास्तव में जनता को बाँटने में सफल साबित नहीं हुई। अपनी मातृभूमि से प्यार करना उनकी मजबूरी नहीं है। वे सभी प्राकृतिक रूप से वहाँ की मिट्टी से जुड़े हुए हैं। इन तीनों देशों की मिट्टी, भाषा, जलवायु, बोलने का ढंग, रहन-सहन, खान-पान, शक्ल-सूरत सभी कुछ एक जैसा है। इनमें कोई भी प्राकृतिक तथा सामाजिक विभिन्नता नहीं है। प्रश्न 5. नमक ले जाने के बारे में साफिया के मन में उठे द्वंद्वों के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए। उत्तर- साफ़िया ‘नमक कहानी की प्रमुख पात्रा है। पूरी कहानी इन्हीं के चारों ओर घूमती है। एक अन्य पात्रा सिख बीबी लाहौर जा रही साफिया से अपने लिए नमक ले आने का अनुरोध करती है। नमक को सरहद पार करवाना गैरकानूनी है। इसी बात को लेकर साफिया के मन में द्वंद्व चलता है कि नमक की पुड़िया को कैसे सरहद पार करवाया जाए। उसके में मन उठे इस द्वंद्व से साफिया के चरित्र की निम्न विशेषताएँ सामने आती हैं- •निडर और साहसी- साफिया निडर और साहसी है। अपने भाई द्वारा दिखाए कानून और कस्टम अधिकारियों का • एक सच्ची मुसलमान- वह एक सच्ची और ईमानदार ‘सैयद’ है, जो एक बार वायदा करके उससे पीछे नहीं हट • कोमल और भावुक- साफिया भावुक और कोमल स्त्री है। बच्चों की तरह कभी वह नमक को छुपाकर ले जाना चाहती है, तो कभी कथा-कहानियों सुनी हुई घटना के अनुसार, तो कभी अपने शरीर में दिल को चीरकर उसमें रखकर नमक को सरहद पार करना चाहती है। सिख बीबी एक माँ की तरह प्यार करती है। प्रश्न 6. मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से ज़मींन और जनता बँट नहीं जाती है- यह एक बहुत बड़ा झूठ है और उत्तर- ‘मानचित्र पर एक लकीर खींच देने से ज़मीन और जनता नहीं बंट जाती’ यह कथन एकदम सत्य है। लेखिका ने’नमक’ कहानी में यही संदेश दिया है। कहानी में ऐसे कई प्रसंग हैं, जिनसे इस कथन की पुष्टि होती है। सिख, बीबी. पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी तथा भरतीय कस्टम अधिकारी ऐसे चरित्र है जो साफिया को नमक की पुड़िया मानचित्र पर खाँची लकीर को मिटाती हुई, उन देशों के कानूनों की बंदिश को समाप्त करती हुई अपने गंतव्य स्थान तक पहुँच जाती है। 60 वर्ष से खींची हुई यह लकीर आज भी यहाँ की जमीन और जनता को बाँटने में सफल नहीं हुई है। आज भी लोग अपने रिश्ते नातों और आचार-व्यवहार को निभाने को बेचैन है। अलग-अलग देशों के अस्तित्व में आ जाने पर भी दोनों तोनों देशों की जनता में किसी प्रकार का अलगाव परिलक्षित नहीं होता। प्रश्न 7. नमक कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है, कैसे? उत्तर हमारे देश का विभाजन कुछ लोगों की सत्ता की भूख और धर्म के आधार पर ही हुआ। राजनेताओं ने कुछ समय के लिए उनकी धार्मिक भावनाओं को भड़काकर देश का विभाजन तो करवा दिया, लेकिन वे लोगों के बीच सब कुछ समाप्त करने में सफल नहीं हुए। एक ही परिवार के कुछ लोग भारत, कुछ पाकिस्तान में तो कुछ बाग्ला देश में चले गए। वे एक दूसरे से मिलने को बैचेन रहते हैं। उनमें एक ही दिल है, एक ही खून है वे एक ही जगह जन्मे एक हो जगह पले बड़े हुए हैं। उनमें कोई मतभेद नहीं हैं। परन्तु कुछ राजनीतिक पावन्दियाँ और बंधन हैं, जो उन्हें मिलने नहीं देते। दोनों तरफ के सत्ता के भूखे लोग ही ऐसा करने से वंचित किए हुए हैं। क्यों कहा गया? प्रश्न 8. क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरीवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते? उत्तर- कानून हमेशा हुकूमत के ही होते हैं। उनको बनाने वाले और लागू करने वाले सत्ता के लोग होते हैं, जो जनता के लिए बनाए जाते हैं। कानूनों का पालन न करने पर सजा दी जाती है। कानून हुकूमत अपने लाभ के लिए ही बनाती है, जिसमें मानवीय भावनाओं का स्थान नहीं होता। प्रेम, संकोच, मानवता आदि भावनाओं के लिए किसी प्रकार का कानून नहीं होता। कानून इन भावनाओं के आधार पर किसी को कानून तोड़ने की छूट नहीं देता। इसलिए कानून हुकूमत के ही होते हैं। प्रश्न 9. भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी। उत्तर- भावना का संबंध हृदय से तथा बुद्धि का संबंध दिमाग (मस्तिष्क) से होता है। मनुष्य जब भावनाओं के आवेग में बहता है, वह दिमाग से काम लेना बंद कर देता है। लेकिन यह ज्यादा समय तक नहीं होता। बुद्धि उन भावनाओं से उत्पन्न लाभ हानि का हिसाब लगाती है तो भावनाओं का ज्वर उतर जाता है। साफिया नमक को किसी भी तरह सरहद पार कराने की भावना में वह रही थी, लेकिन कस्टम का ध्यान आते ही बुद्धि ने कार्य करना शुरू कर दिया और भावनाओं पर हावी हो गई। प्रश्न 10. मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है। उत्तर- कानून को लागू करने वाले लोग सामान्यतः दृढ़ और भावनाशून्य होते हैं. लेकिन वे भी इन्सान होते हैं, मानच होते हैं। कई बार भावनाएँ उनकी बुद्धि से ऊपर उठ जाती हैं, तो वे प्रेम, मोहब्बत जैसी भावनाओं में बहकर कस्टम जैसे कठोर नियमों को भी तोड़कर कानून को भी विस्मय में डाल देते हैं। कस्टम के दोनों ओर के अधिकारी गैर कानूनी नमक को बड़े सहज भाव से सरहद पार करा देते हैं। गैर कानूनी होते हुए भी मानवीय भावनाओं के बहाव में नमक पाकिस्तान से भारत पहुँच जाता है। कानून देखता ही रह जाता है। प्रश्न 11. हमारी जमीन हमारे पानी का मज़ा ही कुछ और है! उत्तर- मनुष्य को अपनी जन्मभूमि से विशेष लगाव होता है। वहाँ की मिट्टी-पानी का मोह व्यक्ति सारी उम्र नहीं छोड़ पाता। मातृभूमि से जुड़ी कोई भी वस्तु व्यक्ति को भुलाए नहीं भूलती। प्रस्तुत वाक्य बाग्ला देश के संदर्भ में कहा गया है। । भौगोलिक दृष्टि से बांग्ला देश की जमीन अधिक उपजाऊ है तथा नदियों के कारण पानी भी प्रचूर मात्रा में विद्यमान है। इन्हीं दोनों कारणों से शायद ऐसा कहा गया होगा। NCERT Solutions को बच्चो को ध्यान में देते हुए बनाए गए हैं ताकि उन्हें किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े और वे सभी Students अपने परीक्षा परिणाम में अच्छे अंक ला के अपने जीवन को सफल बना पाए मुझे आप के ऊपर पूरा विश्वास है कि आप सभी अपने परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करेंगे। सफिया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों?उत्तर: नमक की पुड़िया को लेकर सफ़िया के मन में यह द्वंद्व था कि वह नमक कस्टम अधिकारियों को दिखाकर ले जाए या चोरी से छिपाकर। सफ़िया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से मना कर दिया क्योंकि पाकिस्तान से भारत को नमक का निर्यात प्रतिबंधित था। यह गैर-कानूनी था।
नमक की पुवड़या ले िाने के संबंि में सवफया के मन में क्या िंद र्था?नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में साफिया के मन में यह द्वंद्व था कि वह इस नमक की पुड़िया को चोरी से छिपाकर ले जाए या कहकर दिखाकर ले जाए। पहले वह नमक की पुड़िया को कीनुओं के नीचे छिपाकर टोकरी में रख देती है। तब उसने सोचा इस पर भला किसकी निगाह जाएगी। इसे तो सिर्फ वही जानती है।
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