सुदामा चरित पाठ में चोरी की बान में हौ जू प्रवीने उपर्युक्त पंक्ति कौन किससे कह रहा है? - sudaama charit paath mein choree kee baan mein hau joo praveene uparyukt pankti kaun kisase kah raha hai?

''चोरी की बान में हौ जू प्रवीने।''

(क) उपर्युक्त पंक्ति कौन, किससे कह रहा है?

(ख) इस कथन की पृष्ठभूमि स्पष्ट कीजिए।

(ग) इस उपालंभ (शिकायत) के पीछे कौन-सी पौराणिक कथा है?

क) यहाँ श्रीकृष्ण अपने बालसखा सुदामा से कह रहे हैं।

(ख) सुदामा की पत्नी ने श्रीकृष्ण के लिए भेंट स्वरूप कुछ चावल भिजवाए थे। संकोचवश सुदामा श्रीकृष्ण को यह भेंट नहीं दे पा रहे हैं। परन्तु श्रीकृष्ण सुदामा पर दोषारोपण करते हुए इसे चोरी कहते हैं और कहते हैं कि चोरी में तो तुम पहले से ही निपुण हो।

(ग) इस उपालंभ के पीछे एक पौरोणिक कथा है। जब श्रीकृष्ण और सुदामा आश्रम में अपनी-अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। उस समय एक दिन वे जंगल में लकड़ियाँ एकत्र करने जाते हैं। गुरूमाता ने उन्हें रास्ते में खाने के लिए चने दिए थे। सुदामा श्रीकृष्ण को बिना बताए चोरी से चने खा लेते हैं। उसी चोरी की तुलना करते हुए श्रीकृष्ण सुदामा को दोष देते हैं।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 8)

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चोरी की बान में हो जू प्रवीने पंक्ति कौन किससे कह रहा है और क्यों सुदामा चरित पाठ के आधार पर लिखिए?

भाषा की बात 44 “पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सो पग धोए" ऊपर लिखी गई पंक्ति को ध्यान से पढ़िए। इसमें बात को बहुत अधिक Page 4 सुदामा चरित 73 बढ़ा-चढ़ाकर चित्रित किया गया है। जब किसी बात को इतना बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है तो वहाँ पर अतिशयोक्ति अलंकार होता है।

उपर्युक्त पंक्ति कौन किससे कह रहा है?

"चोरी की बान में हौ जू प्रवीने। "क उपर्युक्त पंक्ति कौन, किससे कह रहा है? इस कथन की पृष्ठभूमि स्पष्ट कीजिए। ग इस उपालंभ शिकायत के पीछे कौन सी पौराणिक कथा है?

चोरी की बान में हौ जू प्रवीने इस पंक्ति का क्या अर्थ है?

क) यहाँ श्रीकृष्ण अपने बालसखा सुदामा से कह रहे हैं। (ख) सुदामा की पत्नी ने श्रीकृष्ण के लिए भेंट स्वरूप कुछ चावल भिजवाए थे। संकोचवश सुदामा श्रीकृष्ण को यह भेंट नहीं दे पा रहे हैं। परन्तु श्रीकृष्ण सुदामा पर दोषारोपण करते हुए इसे चोरी कहते हैं और कहते हैं कि चोरी में तो तुम पहले से ही निपुण हो।

चोरी की वन में हौ जू प्रवीने इस शिकायत के पीछे कौनसी पौराणिक कथा है?

इस उपालम्भ (शिकायत) के पीछे कौनसी पौराणिक कथा है? Solution : बचपन में जब श्रीकृष्ण और सुदामा साथ-साथ संदीपनि ऋषि के आश्रम में पढ़ते थे तो एक दिन गुरुमाता ने इन दोनों को चने देकर लकड़ी तोड़कर लाने के लिए भेजा। चने सुदामा ने अपने पास रख लिए। कृष्ण पेड़ पर चढ़कर लकड़ियाँ तोड़ रहे थे और नीचे खड़े सुदामा एकत्र कर रहे थे।