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शिक्षा के संवैधानिक प्रावधान
शिक्षा के विकास की ओर सरकार की पहलें
भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के प्राधिकार तथा कार्य मुख्य रूप से भारत के संविधान के अनुच्छेद 149 से 151 के उपबंधों से व्युत्पन्न होते हैं। संविधान के अनुच्छेद 149 में यह व्यवस्था है कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक संघ और राज्यों तथा अन्य प्राधिकरण अथवा निकाय के लेखों के संबंध में ऐसी शक्तियों का प्रयोग तथा ऐसे कर्तव्यों का पालन करेगा जो कि संसद द्वारा निर्मित किसी कानून के अधीन अथवा संसद द्वारा निर्धारित है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक को अपने संवैधानिक कर्तव्यों के निर्वहन में सक्षम बनाने हेतु संसद द्वारा दिनांक 15 दिसम्बर 1971 को भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कर्तव्य, शक्तियाँ एवं सेवा की शर्ते) अधिनियम 1971 लागू किया गया। लेखापरीक्षा से संबंधित सामान्य उपबंधलेखापरीक्षा से संबंधित उपबंध भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कर्तव्य, शक्तियाँ एवं सेवा की शर्ते) अधिनियम 1971 की धारा 13 से 21, 23 तथा 24 में निहित है। नोट :- अधिनियम की धारा 21 लेखा एवं लेखापरीक्षा दोनों से संबंधित है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय(स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग)I. संघ सरकार के कार्य 1. चिकित्सा और पोषण में अनुसंधान या विशेष अध्ययन को बढ़ावा देने लिए संघ एजंसियां और संस्थान जिसमें निम्नलिखित से सभी मामले सम्मलित है-
2. निम्नलिखित संस्थानों से सम्बंधित सभी मामले -
3. (क) खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम ,2006 (2006 का 34 ) 4. चिकित्सा और संबद्ध विषयों में विदेशों में उच्च प्रशिक्षण 5. भारत में और विदेशो में चिकित्सा और सम्बंधित क्षेत्रों में अंतराष्ट्रीय सम्मेलनों के सम्बन्ध में कार्य का समन्वय 6. निम्नलिखित से सम्बंधित स्वास्थ्य कार्यक्रम -
7. विभिन्न चिकित्सा और स्वास्थ्य विषयों में भारत और विदेशों में प्रशिक्षण के लिए फैलोशिप 8. महामारी से संबंधित - दवाओं की आपूर्ति से जुडी समस्याएं, कुपोषण के प्रभाव और पेयजल की कमी के कारण विभिन्न रोग उतपन्न होते है, परिणामस्वरूप प्राकृतिक आपदाएं आती है ii. संघ राज्य क्षेत्रों के संबंध में विधायी और कार्यकारी उद्देश्यों के लिए कार्य सूची 9. सार्वजानिक स्वास्थ्य अस्पताल और औषधालय 10. विभाग में निपटाए जाने वाले विषयों के सम्बन्ध में वैज्ञानिक सोसायटियां और एसोसिएशन 11. विभाग में निपटाए जाने वाले विषयों से सम्बंधित धर्मार्थ और धार्मिक निधि iii. कार्य सूची जिसके आधार पर केंद्र सरकार केवल संघ के लिए विधायी क्षमता में तथा सभी संघ राज्य क्षेत्रों के लिए विधायी और कार्यकारी दोनों क्षमताओं के लिए कार्य करती है 12. निम्नलिखित से संबंधित सभी मामले-
iv. विविध कार्य 13. निम्नलिखित से संबंधित सभी मामले-
14. (i) रेलवे सेवा में कार्यरत (ii) रक्षा सेवा अनुमान से भुगतान किये जाने वाले कर्चारी (iii) अखिल भारतीय सेवा (चिकित्सा उपस्थित) नियम, 1956 द्वारा शाषित अधिकारी और (v) चिकित्सा उपस्थित नियम, 1956 द्वारा अधिशाषित अधिकारियों के अलावा केंद्र कर्मचारियों के लिए चिकित्सा उपस्थिति और उपचार पर रियायत 15. केंद्रीय सिविल सेवा के लिए चिकित्सा परीक्षा और मेडिकल बोर्ड ( रेलवे विभाग द्वारा नियंत्रित और नागरिक सेवाओं को छोड़कर रक्षा सेवा अनुमान से भुगतान किये जाने वाले कर्मचारियों के अलावा) 15 (क).राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना 16. निम्नलिखित से संबंधित सभी मामले-
v. परिवार कल्याण संबंधी मामले 17. परिवार कल्याण संबंधी नीति और संगठन 18. निम्नलिखित से संबंधित सभी मामले-
19. राष्ट्रीय जनसंख्या नीति के अनुसार अंतर क्षेत्रीय समन्वय 20. जनसंख्या स्थिरता कोष और अधिकार प्राप्त कार्य समूह से संबंधित मामले 21. संगठन और विदेश में उच्च प्रशिक्षण सहित परिवार कल्याण के सभी पहलुओं में शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसन्धान की दिशा 22. परिवार नियोजन को सहायक उपकरणों का उत्पादन और आपूर्ति 23. परिवार कल्याण से संबंधित मामलों के सम्बन्ध में विदेशो और अंतराष्ट्रीय निकायों के साथ संपर्क 24. विदेशी सहायता से चलायी जाने वाली परिवार कल्याण योजनाए और परियोजनाएं 25. अंतराष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान, मुम्बई 26. विकास और दृश्य - श्रव्य सहायक उपकरणों का विकास और उत्पादन, शिक्षा विस्तार और जनसंख्या एवं परिवार कल्याण के संबंध में सूचना 27. परिवार कल्याण कार्यक्रम के लिए सार्वजानिक निजी भागीदारी को बढ़ावा देना 28. निम्नलिखित संस्थानों से संबंधित सभी मामले-
29. गर्भाधान-पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीकों का कार्यान्वयन (लिंग चयन का निषेध) अधिनियम, 1944 ( 1944 का 57) - चिकित्सकीय गर्भावस्था समाप्ति अधिनियम, 1971 (1971 का 34) स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग1. चिकित्सा, सवास्थ्य, जैव चिकित्सा और चिकित्सा पेशे और शिक्षा से संबंधित क्षेत्रों में नैदानिक परीक्षण और परिचालन अनुसंधान सहित बुनियादी, अनुप्रयुक्त और नैदानिक अनुसंधान का संवर्धन एवं समन्वय करना तथा अवसंरचना, जन-शक्ति और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में दक्षता तथा उससे संबंधित जानकारी का प्रबंधन करना 2. चिकित्सा और स्वास्थ्य अनुसंधान में नैतिक विषयों सहित अनुसंधान नियमन मुद्दों को प्रोत्साहित करना और मार्गदर्शन करना 3. चिकित्सा, जैव- चिकित्सा और स्वास्थ्य अनुसंधान से संबंधित क्षेत्रों में सर्वजनिक-निजी-भागीदारी का अंतर-क्षेत्रीय समन्वय और संवर्धन 4. चिकित्सा और स्वास्थ्य से संबंधित अनुसंधान क्षेत्रों में उन्नत प्रशिक्षण, जिसमे भारत और विदेशों में ऐसे प्रशिक्षण के लिए फैलोशिप अनुदान शामिल है 5. चिकित्सा और स्वास्थ्य अनुसंधान में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जिसमें भारत और विदेशों में क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों से संबंधित कार्य 6. महामारियों और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तकनिकी सहायता 7. नए और विदेशी एजेंटों के कारण फैलने वाले रोगों की जाँच और उनकी रोकथाम के लिए साधनों का विकास 8. चिकित्सा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष अध्यनन को बढ़ावा देने के लिए विभाग को सौपें गए विषयों से संबंधित क्षेत्रों में केंद्रीय और राज्य सरकारों के अंतर्गत संगठनों और संस्थानों के बीच समन्वय 9. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद संवैधानिक प्रावधान से आप क्या समझते हैं?सरकार द्वारा ६ से १४ साल की उम्र के सभी बच्चों को, सरकार द्वारा क़ानून के ज़रिए निर्धारित रूप से निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जाएगी। चौदह साल से कम उम्र के किसी भी बच्चे को किसी फैक्टरी या खदान या किसी अन्य खतरनाक रोज़गार में नियोजित नहीं किया जाएगा।
भारत में शिक्षा के लिए संवैधानिक प्रावधान क्या हैं?वर्ष 2002 में 86वें संवैधानिक संशोधन से शिक्षा के अधिकार को संविधान के भाग- III में एक मौलिक अधिकार के तहत शामिल किया गया। इसे अनुच्छेद 21A के अंतर्गत शामिल किया गया, जिसने 6-14 वर्ष के बच्चों के लिये शिक्षा के अधिकार को एक मौलिक अधिकार बना दिया। इसने एक अनुवर्ती कानून शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 का प्रावधान किया।
संवैधानिक सरकार का क्या महत्व है?संविधान देश के शासन को आधार प्रदान करता है । संविधान उस राज्य के कानूनों तथा नियमों द्वारा शासित करता है। कोई भी सरकार, जो संविधान के द्वारा नियमित एवं नियंत्रित होती है 'संवैधानिक सरकार' कहलाती है। 'संविधानवाद' से अभिप्राय है, संवैधानिक सरकार तथा संवैधानिक सिद्धान्तों में आस्था रखना।
संवैधानिक दायित्व क्या है?यदि संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है तो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करने का दायित्व भी है। जहाँ एक ओर धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है, तो वहीं दूसरी ओर सर्वधर्म समभाव और संस्कृति की गौरवशाली परंपरा के परिरक्षण का भी दायित्व है।
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