शुक्राणु की कमी कैसे पता करें? - shukraanu kee kamee kaise pata karen?

शुक्राणु की कमी कैसे पता करें? - shukraanu kee kamee kaise pata karen?

पुरुष में बांझपन धीरे-धीरे एक आम समस्या का रूप ले रहा है। पुरुष में बांझपन की शिकायत कई कारणों से होती है जिसमें मुख्य रूप से शुक्राणुओं की संख्या में कमी आना शामिल है।

शुक्राणु क्या है (What is Sperm in Hindi)

शुक्राणु को अंग्रेजी में स्पर्म कहते हैं। यह पुरुष के सीमेन में मौजूद होता है। इसकी उपस्थिति ही एक महिला को गर्भवती बनने में सहयोग करता है। शुक्राणु ही महिला के अंडे के साथ निषेचित होकर एक बच्चे को पैदा करने के लिए जिम्मेदार होता है। शुक्राणु का उत्पादन वृषण यानी टेस्टिकल में होता है।

सक्रिय शुक्राणु क्या है?

शक्रिया शुक्राणु का मतलब है अच्छे यानी स्वस्थ शुक्राणु जिसकी पहचान उसकी संख्या, गति और आकार के आधार पर की जाती है। ये तीनों एक शक्रिय शुक्राणु की गुणवत्ता को दर्शाते हैं।

असक्रिय शुक्राणु क्या है?

असक्रिय शुक्राणु का मतलब बेकार शुक्राणु से है जो कई प्रकार के होते हैं। दो सिर, छोटे सिर, बड़े सिर, पतली या मुड़ी हुई गर्दन, दो या दो से अधिक पूंछ होना आदि असक्रिय शुक्राणु की पहचान है।

शुक्राणु की संख्या

शुक्राणु की संख्या से तातपर्य है एक सीमेन के नमूने यानि सैंपल में 40-300 मि.ली शुक्राणु होना आवश्यक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अगर किसी के सीमेन सैंपल में शुक्राणु की मात्रा 15 मि.ली से  कम है तो उस पुरुष को पिता बनने में परेशानी होगी।

शुक्राणु की गति

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक एक सीमेन के सैंपल में 40% शुक्राणु सक्रिय होने चाहिए और उनकी गति 25μm/s होना आवश्यक है।

शुक्राणु का आकार

शुक्राणु का आकार तीन हिस्सों में विभाजित होता है जिसमें सिर, गर्दन और पूंछ शामिल हैं।  शुक्राणु के सिर का हिस्सा हमेशा अंडाकार होना चाहिए। शुक्राणु के सिर के आधे हिस्से में एक्रोसोम होता है जो एक प्रकार का एंजाइम छोड़ता है। शुक्राणु का गर्दन सबसे ताकतवर हिस्सा है जिसमें माइटोकॉन्ड्रिया होता है। यह इसे तैरने में मदद करता है। शुक्राणु की पूंछ में प्रोटीन होता है।

शुक्राणु की संख्या

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रति मिलीलीटर वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या 1.5 से 3.9 करोड़ हो तो उसे सामान्य माना जाता है।

  • शुक्राणु में कमी क्या है (What is low sperm count in Hindi)
    • शुक्राणु की जांच (Diagnosis of low sperm count in Hindi)
    • शुक्राणु की कमी के कारण (Causes of low sperm count in Hindi)
    • शुक्राणु की कमी के लक्षण (Symptoms of low sperm count in Hindi)
    • शुक्राणु को कैसे बढ़ाएं (How to increase sperm count in Hindi)
    • शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या खाएं (Diet to increase sperm count in Hindi)
    • शुक्राणु की कमी से बचाव (Prevention of low sperm count in Hindi)
    • अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

शुक्राणु में कमी क्या है (What is low sperm count in Hindi)

वीर्य में सामान्य से कम शुक्राणुओं की स्थिति को शुक्राणु में कमी यानी स्पर्म काउंट कम होना कहते हैं। आमतौर पर जब एक पुरुष के वीर्य में 1.5 करोड़ प्रतिलीटर से कम शुक्राणु होते हैं तो उसे मेडिकल की भाषा में शुक्राणु में कमी (Low Sperm Count in Hindi) कहा जाता है।

शुक्राणु में कमी होने की स्थिति को मेडिकल भाषा में ओलिगोस्पर्मिया कहते हैं, लेकिन जब वीर्य में शुक्राणु पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं तो उसे एजुस्पर्मिया कहा जाता है। गर्भधारण करने के लिए वीर्य में शुक्राणु की पर्याप्त मात्रा आवश्यक होती है।

शुक्राणु में कमी होने पर गर्भधारण करने यानी माता-पिता बनने / संतान का सुख प्राप्त करने में दिक्कत आती है। हालांकि, कुछ मामलों में शुक्राणु की कमी के बावजूद भी कुछ पुरुष बच्चा पैदा करने में सक्षम हो पाते हैं।

वैसे तो महिला के अंडा को निषेचित यानी फर्टिलाइज करने के लिए एक ही शुक्राणु चाहिए, लेकिन शुक्राणु की संख्या जितनी अधिक होती है गर्भावस्था की संभावना उतनी ही ज्यादा होती है।

शुक्राणु की जांच (Diagnosis of low sperm count in Hindi)

शुक्राणु में कमी का निदान करने के लिए डॉक्टर कुछ खास जांच का सहारा लेते हैं जिनमें निम्न शामिल हो सकते हैं:-

  • सामान्य शारीरिक परीक्षण
  • वीर्य विश्लेषण
  • हार्मोन परीक्षण
  • जेनेटिक परीक्षण
  • टेस्टिक्युलर बायोप्सी
  • अंडकोष का अल्ट्रासाउंड
  • ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड टेस्ट
  • इजैक्युलेशन के बाद यूरिन की जांच
  • शुक्राणु रोधक एंटीबॉडी परीक्षण
  • शुक्राणु के विशेष कार्य का परीक्षण

इन सभी जांच की मदद से डॉक्टर शुक्राणु में कमी के कारण और स्तर की पुष्टि करते हैं। उसके बाद, इलाज की प्रक्रिया को शुरू करते हैं।

शुक्राणु की कमी के कारण (Causes of low sperm count in Hindi)

शुक्राणु की कमी होने के अनेक कारण हो सकते हैं। शुक्राणु का उत्पादन एक जटिल और लंबी प्रक्रिया है। शुक्राणु के उत्पादन के लिए वृषण (Testis) के साथ-साथ हाइपोथैलेमस और पिट्यूटरी ग्रंथियों को सामान्य रूप से काम करने की आवश्यकता होती है।

वृषण में शुक्राणु का उत्पादन होने के बाद ये जब तक वीर्य में मिल कर लिंग के जरिए बाहर नहीं निकल जाते, एक पतली ट्यूब में रहते हैं। इनमें से किसी भी अंग के ठीक तरह से काम नहीं करने या उन्हें किसी तरह की समस्या होने पर शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता प्रभावित होती है।

शुक्राणु की कमी के निम्न मेडिकल कारण हो सकते हैं:-

  • संक्रमण
  • वैरीकोसेल
  • हार्मोन असंतुलन
  • स्खलन समस्याएं
  • ट्यूमर
  • गुप्तवृषणता
  • सीलिएक रोग
  • शुक्राणु वाहिनी में दोष
  • शुक्राणु रोधक एंटीबॉडी
  • कुछ खास प्रकार की दवाएं 

शुक्राणु की कमी के पर्यावरण संबंधित कारण:- 

  • विकिरण या एक्स-रे
  • भारी धातु के संपर्क में आना
  • वृषण का अधिक गर्म होना
  • लंबे समय तक साइकिल चलाना

जीवनशैली से संबंधित शुक्राणु में कमी के कारण:-

  • नशीली चीजों का सेवन
  • कुछ खास प्रकार की दवाओं का सेवन
  • शराब और सिगरेट का सेवन
  • तनाव होना
  • वजन बढ़ना या मोटापा होना

इन सबके अलावा भी शुक्राणु में कमी के दूसरे कारण हो सकते हैं। शुक्राणु की संख्या कम होने के सटीक कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर जांच का सहारा लेते हैं।

शुक्राणु की कमी के लक्षण (Symptoms of low sperm count in Hindi)

वैसे तो शुक्राणु कम होने के अनेक लक्षण हैं, लेकिन इसका मुख्य लक्षण है एक पुरुष को बच्चा पैदा करने में असमर्थ होना। शुक्राणु कम होने के कारण यह महिला के अंडा को निषेचित नहीं कर पाता है। नतीजतन, महिला गर्भधारण करने में फेल हो जाती है।

शुक्राणु की कमी के संभावित लक्षण में निम्न शामिल हो सकते हैं:-

  • यौन समस्याएं होना
  • कामेच्छा में कमी आना
  • लिंग में तनाव बनाए रखने में दिक्कत आना
  • स्तंभन दोष या नपुंसकता होना
  • वृषण क्षेत्र में दर्द, सूजन या गांठ होना
  • चेहरे या शरीर के बालों का कम होना

अगर आप ऊपर दिए गए लक्षणों को खुद में अनुभव करते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करनी चाहिए।

शुक्राणु को कैसे बढ़ाएं (How to increase sperm count in Hindi)

शुक्राणु की कमी का उपचार कर इसकी संख्या को बढ़ाया जा सकता है। शुक्राणु की संख्या कम होने के कारणों के आधार पर इसका उपचार किया जाता है। शुक्राणु की कमी का इलाज करने के लिए डॉक्टर निम्न माध्यमों का इस्तेमाल कर सकते हैं:-

  • हार्मोन उपचार और दवाएं
  • संक्रमण का इलाज
  • सर्जरी 
  • असिस्टेड रिप्रोडक्टिव तकनीक

कुछ मामलों में पुरुष की प्रजनन संबंधित समस्याओं का इलाज करना संभव नहीं होता है। ऐसी स्थिति में माता-पिता बनने का सपना पूरा करने के लिए आप और आपकी साथी या तो डोनर शुक्राणु का उपयोग कर सकते हैं या बच्चे को गोद ले सकते हैं।

शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या खाएं (Diet to increase sperm count in Hindi)

शुक्राणु की संख्या बढ़ाने के लिए आप निम्न चीजों को अपनी डाईट में शामिल कर सकते हैं

  • सब्जियां जैसे कि लौकी, तोरई, करेला और कद्दू
  • फल जैसे कि आम, अंगूर, अनार और केला
  • मूंग दाल, मसूर दाल, अरहर दाल और चना
  • गाजर, चुकंदर, ब्रोकली और पत्ता गोभी
  • ड्राई फ्रूट्स में बादाम, अखरोट, अंजीर, मखाना, किशमिश और खजूर
  • मक्का, बाजरा, पुराना चावल, गेहूं, रागी, जई और सोयाबीन

ये सभी शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि शुक्राणु की संख्या बढ़ाने की नियत से किसी भी चीज का सेवन करने से पहले एक बार विशेषज्ञ डॉक्टर की अवश्य राय लें।

शुक्राणु की कमी से बचाव (Prevention of low sperm count in Hindi)

शुक्राणु की संख्या को कम होने से रोका जा सकता है। कुछ ख़ास ऐसे कारक हैं जो वीर्य की संख्या और क्वालिटी को प्रभावित करते हैं। इन्हें अपनी जीवनशैली से दूर करके शुक्राणु में होने वाली कमी से बचाव किया जा सकता है।

शुक्राणु की कमी यानी स्पर्म काउंट को कम होने से बचाने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें:-

  • नशीली चीजों के सेवन से दूर रहें
  • शराब का सेवन न करें
  • सिगरेट से दूर रहें
  • ड्रग्स को ना कहें
  • अपना वजन कम करें
  • गर्मी से बचें 
  • तनाव से दूर रहें
  • खुश रहने की कोशिश करें

उन कामों को करें जिससे आपका मन फ्रेश होता है और आपको खुशी मिलती है। साथ ही, अपने डॉक्टर से उन दवाओं के बारे में बात करें जो शुक्राणुओं के उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

स्पर्म काउंट कम होने से क्या होता है?

स्पर्म काउंट कम होने के कारण महिला को गर्भधारण करने में दिक्कत आती है।

आमतौर पर शुक्राणु की संख्या कितनी होनी चाहिए?

आमतौर पर शुक्राणु की संख्या एक मिलीलीटर वीर्य में 1.5 करोड़ होनी चाहिए। अगर आपके एक मिलीलीटर वीर्य में शुक्राणु की संख्या 1.5 करोड़ से कम है तो इसे शुक्राणु की सामान्य संख्या से कम समझा जाता है।

शुक्राणु कम होने का लक्षण क्या है?

शुक्राणु की कमी के लक्षण (Symptoms of low sperm count in Hindi).
यौन समस्याएं होना.
कामेच्छा में कमी आना.
लिंग में तनाव बनाए रखने में दिक्कत आना.
स्तंभन दोष या नपुंसकता होना.
वृषण क्षेत्र में दर्द, सूजन या गांठ होना.
चेहरे या शरीर के बालों का कम होना.

शुक्राणु कमजोर होने से क्या होता है?

शुक्राणु की गति कमजोर होने पर वह अण्डे में प्रवेश नहीं कर पायेगा जिससे भ्रूण बनने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाएगी।

पुरुष के शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?

स्पर्म काउंट और क्वालिटी बढ़ाने के टिप्स.
रोजाना एक्सरसाइज करें..
पर्याप्त मात्रा में विटामिन-सी लें..
स्ट्रेस मैनेज करें..
पर्याप्त मात्रा में जिंक लें..
स्मोकिंग छोड़ दें..
अनहेल्दी फैट ना खाएं, आदि..

शुक्राणु कम हो तो क्या करना चाहिए?

इसके अलावा शुक्राणु की कमी को रोकने के घरेलू उपायों में शामिल हैं. आर्गेनिक चीजों का अधिक इस्तेमाल, विटामिन सी, जस्ता, सेलेनियम, फोलिक एसिड और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्यपदार्थों का इस्तेमाल करें. तनाव न लें. भरपूर नींद लें.