शिक्षक दिवस पर निबंध कैसे लिखते हैं? - shikshak divas par nibandh kaise likhate hain?

नमस्कार दोस्तों आप सभी को हमारे इस ब्लॉग में स्वागत करता हूं। आज हम इस आर्टिकल में शिक्षक दिवस पर निबंध कैसे लिखते है उसके बारे में जानेंगे। शिक्षक ऐसा दीपक होता है जो हमारे अंधकारमय भविष्य और जीवन को सफल बनाने का मार्गदर्शक होता है। हमारा जीवन गुरु या शिक्षक के बिना अंधकारमय है उस अंधकारमय जीवन में पर धीरे-धीरे चलते तो है पर उस जीवन में गति तब आती है जब दीपकरूपी गुरु हमारे जीवन में प्रकाश लेकर आते हैं इसलिए हमें टिचर के महत्व को समझना होगा। आये बिना किसी देरी किये शिक्षक दिवस पर निबंध के बारे में पढ़ें है

शिक्षक दिवस पर निबंध कैसे लिखते हैं? - shikshak divas par nibandh kaise likhate hain?

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शिक्षक दिवस पर निबंध

प्रस्तावना

शिक्षक दिवस गुरु के सम्मान के लिए हर वर्ष भारत में 5 सितंबर को मनाया जाता है। पूरे देशभर में इस दिन विद्यालयों में खुशियों का माहौल रहता हैं विद्यालय को सजाया जाता है और विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। विद्यार्थियों के साथ ही साथ शिक्षक भी इन कार्यक्रमों में पूरे उमंग के साथ भाग लेते है।

कब और क्यों मनाया जाता है?

हमारे देश में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। भारत के पूर्व उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक अच्छे एवं विद्वान शिक्षक थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में इस देश के भविष्य को संवारने में अपना एक बहुत बड़ा योगदान दिया। उनका जन्म दिनांक 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव तिरुतनी में हुआ था। उनके उप राष्ट्रपति बनने के बाद उनके मित्रों और कुछ छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा व्यक्त की पर डॉ. राधाकृष्णन का कहना था कि उनके जन्म दिन को जन्म दिन के रूप में न माना कर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाये तो उन्हें बहुत गर्व होगा। यही कारण है कि शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए हर वर्ष उनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाये जाने लगा।

शिक्षक दिवस की तैयारियाँ

शिक्षक दिवस की तैयारी छात्रों के लिए चुनौती और सीखने के लिए एक अवसर प्रदान करता है। इस दिन की तैयारी छात्र-छात्रा अगस्त माह के अंत से ही कर देते हैं । स्कूलों व कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रेक्टिस भी शुरू हो जाती है इन दिनों पढ़ाई कम होती है । शिक्षक दिवस का पूरा भर छात्र-छात्रा के हाथ में रहता हैं और वे उस दिन को सफल बनाने में अपना पूरा-पूरा योगदान देते है। 4 सितंबर के दिन छात्रों का काम बढ़ जाता हैं मंच को सजाना और अगले दिन की पूरी तैयारियां उन्हे इसी दिन पूरा करना होता है ताकि उन्हे शिक्षक दिवस के दिन किसी भी तरह की समस्या न हो । 5 सितंबर के दिन स्कूलों में पढ़ाई बंद रहती है। छात्र विभिन्न तरह से अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं, विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम दिखाया जाता है स्कूल और कॉलेजों में पूरे दिन आनंद और उत्सव का माहौल बना रहता है। दिनभर स्कूल और कॉलेजों में रंगारंग कार्यक्रम और सम्मान का दौर चलता है। छात्र छात्राएं शिक्षकगणों को कार्ड तथा उपहार देकर उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं।

गुरु और शिष्य का संबंध

जिस तरह से माता- पिता अपने बच्चों की भविष्य के बारे में सोचते है उन्हे उस काबिल बनाने का दायित्व गुरु का होता है । गुरु और शिष्य का संबंध ऐसा होता है जैसे एक कुम्हार का संबंध उसके मिट्टी से होता है वैसे ही गुरु और शिष्य का भी होता है कुम्हार अपने कला के माध्यम से मिट्टी को जिस आकार में ढालना चाहे वह उसे ढलता है ठीक उसी प्रकार गुरु भी अपने शिष्यों को अपने कला के माध्यम से उन्हे सही दिशा में लाता है और उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाता हैं ।

निष्कर्ष

यह छात्रों और शिक्षको दोनों के लिए ही एक विशेष दिन होता है। शिक्षक विद्यार्थियो के जीवन के वास्तविक कुम्हार होते हैं जो न सिर्फ हमारे जीवन को आकार देते हैं बल्कि हमें इस काबिल बनाते हैं कि हम पूरी दुनिया में अंधकार होने के बाद भी प्रकाश की तरह जलते रहें। इसलिए देश में सभी शिक्षकों को सम्मान दिया जाता है। अपने शिक्षकों के महान कार्यों के बराबर हम उन्हें कुछ भी नहीं लौटा सकते हालाँकि, हम उन्हें सम्मान और धन्यावाद दे सकते हैं। हमें पूरे दिल से ये प्रतिज्ञा करनी चाहिये कि हम अपने शिक्षक का सम्मान करेंगे क्योंकि बिना शिक्षक के इस दुनिया में हम सभी अधूरे हैं।

हमारे जीवन में शिक्षक का बहुत ही विशेष महत्व है. शिक्षा ही हमें इस बात का ज्ञान देता है कि हमारे लिए कौन सी चीजें अच्छी है और कौन सी चीजें बुरी है. तो आइए इसी कड़ी में विस्तार से शिक्षक दिवस पर निबंध जानते हैं.

अगर शिक्षक ना हो तो हमें ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है क्योंकि “बिना गुरु ज्ञान ना होए” इस बात को कबीरदास के द्वारा कहा गया है.

जीवन के हर एक पड़ाव पर शिक्षक की आवश्यकता होती है. शिक्षक का स्थान बहुत ऊंचा होता है. और शिक्षक को सम्मानित करने के लिए ही  प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है.

ऐसे में अगर आप छात्र हैं और शिक्षक दिवस पर निबंध लिखना चाहते हैं, लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि शिक्षक दिवस पर एक अच्छा सा निबंध कैसे लिखें तो आप सही आर्टिकल पर आ गए हैं. क्योंकि मैं आज इस पोस्ट में आप को शिक्षक दिवस पर निबंध कैसे लिखे उसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में बताऊंगा. 

Teachers day essay in hindiHappy Teacher’s Day

अगर आप पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हम आपसे अनुरोध करेंगे कि आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़े. 

Table of Contents

  • Teachers Day Essay in Hindi _ शिक्षक दिवस पर निबंध 300 शब्दों में
  • शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में _ Essay on Teachers Day for Students and Children in hindi
  • Teacher’s day essay in hindi _ शिक्षक दिवस पर निबंध 500 शब्दों में
  • 5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?
  • शिक्षक दिवस का महत्व
  • विद्यालयों में शिक्षक दिवस का उत्सव
  • शिक्षक दिवस पर भाषण _   Speech on Teacher’s Day in hindi
  • शिक्षक दिवस पर कविता (Poetry on Teacher’s day in hindi)
  • शिक्षक दिवस पर शायरी (Shayari on Teacher’s day in hindi)
  • शिक्षक दिवस पर निबंध 2022 – FAQs 

Teachers Day Essay in Hindi _ शिक्षक दिवस पर निबंध 300 शब्दों में

शिक्षक दिवस 5 सितंबर को देश के पूर्व उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.

उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति बनने से पहले डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन 40 वर्षों तक शिक्षक के तौर पर काम करते रहे और हमेशा छात्रों की भलाई के लिए रात-दिन कार्य किया करते थे. 

शिक्षक दिवस के दिन स्कूलों में छात्रों के द्वारा सजावट की जाती है और उसके बाद सभी छात्र मिलकर शिक्षक को कुछ उपहार देते हैं. इसके अलावा इस दिन स्कूलों में अनेकों प्रकार की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती है जिसमें छात्र बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं.

जैसा कि आप जानते हैं कि किसी भी देश का भविष्य उस देश का युवा होता है. और ऐसे में देश के भविष्य का निर्माण करने की जिम्मेदारी शिक्षक के ऊपर होती है. क्योंकि अगर किसी देश का युवा भ्रमित हो जाए तो उस देश का भविष्य भी अंधकार में हमेशा के लिए हो जाएगा. 

प्राचीन काल में छात्र शिक्षा ग्रहण करने के लिए गुरुकुल जाया करते थे जहां पर उन्हें शिक्षक के द्वारा शिक्षा दी जाती थी और जब उनकी शिक्षा पूरी होती थी तब गुरु उनसे गुरु दक्षिणा लिया करते थे.  

छात्र के जीवन में शिक्षक का एक अहम भूमिका है. शिक्षक छात्र को इस बात का ज्ञान देता है कि उन्हें अपने जीवन में कैसे कामों से बचना चाहिए ताकि उनका भविष्य उज्जवल और सुरक्षित बन सके. 

हम सभी को आज्ञाकारी छात्र के तौर पर साल में एक बार अपने शिक्षकों का अभिनंदन दिल से करना चाहिए. जिस प्रकार एक कुम्हार मिट्टी के बर्तन को सही आकार देता है, ठीक उसी प्रकार एक शिक्षक छात्र के भविष्य को गढ़ने का काम करता है.  शिक्षक का सम्मान करना और उसके दिखाए गए रास्ते पर चलना हम सब का परम कर्तव्य है. 

शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में _ Essay on Teachers Day for Students and Children in hindi

शिक्षक दिवस भी छात्र के लिए किसी त्यौहार से कम नहीं है. प्रत्येक छात्र शिक्षक दिवस का इंतजार बड़ी बेसब्री से करते हैं कि इस दिन प्रत्येक छात्र अपने शिक्षक का सम्मान करता है.

जैसा कि आप लोग जानते हैं कि शिक्षक दिवस भारत में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 

उन्होंने जिस प्रकार शिक्षक के तौर पर अपने कर्तव्य का निर्वाह किया और उन्होंने शिक्षक और छात्रों के बीच में संबंध कैसे होने चाहिए उनकी एक बेहतरीन मिशाल दी.

उसकी भी एक रूपरेखा तैयार की, जिसके कारण देश के प्रत्येक छात्र के मन में अपने गुरु के प्रति श्रद्धा और सम्मान की भावना का और भी ज्यादा विकास हुआ इसका परिणाम है कि आज हम सभी लोग 5 सितंबर को देश में शिक्षक दिवस के तौर पर मनाते हैं. 

शिक्षक दिवस छात्र और शिक्षक दोनों मिलकर काफी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. आज के दिनों में इसे स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थानों में धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है. 

इस दिन सभी छात्र अपने क्लास को काफी अच्छी तरह से सजाते हैं और जब टीचर क्लास में आते हैं तो उन्हें छात्रों के द्वारा शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामना दी जाती है. और साथ में स्पेशल उपहार प्रदान करते हैं. आधुनिक युग में शिक्षक दिवस मनाने की प्रक्रिया बिल्कुल बदल गई है. 

आज की तारीख में छात्र सोशल मीडिया के माध्यम से अपने शिक्षक को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामना से संबंधित मैसेज देते हैं इसके अलावा कई छात्र शिक्षक को कार्ड भी देते हैं जिस पर प्यारा सा मैसेज लिखा हुआ रहता है. 

हमारे जीवन में अपने शिक्षकों की अहमियत और जरूरत को महसूस करना चाहिए और आप हमेशा अपने शिक्षक का सम्मान करें. शिक्षक का दर्जा बहुत ही ऊंचा होता है, किसी भी बच्चे के भविष्य निर्माण में माता-पिता के साथ-साथ उसके शिक्षक की भी अहम भूमिका होती है.

एक शिक्षक अपने जीवन में उस दिन बहुत ज्यादा खुश होता है जब उसका कोई छात्र उसके द्वारा बताए गए चीजों का अनुसरण करते हुए जीवन में सफल होता है . 

राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है इसके बावजूद भी कई लोग ऐसे हैं जो शिक्षक को सम्मान देने में अपने आप को छोटा महसूस करते हैं लेकिन शिक्षक के मान और सम्मान को देश में राष्ट्र दिवस के तौर पर मनाया जाए इस काम को करने का श्रेय डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को जाता है  जिन्होंने अपने अथक प्रयास से कई विद्यार्थियों की जिंदगी संवारी है. देश में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है. 

Teacher’s day essay in hindi _ शिक्षक दिवस पर निबंध 500 शब्दों में

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाने के पीछे एक बड़ा कारण है. 5 सितंबर को ही भारत के एक महान व्यक्ति, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन हुआ है इसके अलावा शिक्षा के प्रति काफी समर्पित है. और उन्होंने दिन-रात शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया था.

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है इसके पीछे एक कहानी है. कहा जाता है कि एक बार जब 1962 में जब डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत देश के राष्ट्रपति बने तो कुछ छात्रों ने उन से निवेदन किया कि वह अपना जन्मदिन जरूर मनाए.

तब इस बार डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा कि मेरे जन्मदिन मनाने की बजाय आप इस दिन को शिक्षा के प्रति जो लोग पूरी तरह से समर्पित होकर काम करते हैं उनके लिए इस दिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाए. उसके बाद से पूरे देश में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है.

ऐसा कहा जाता है कि किसी भी पेशे की तुलना अध्यापन से नहीं की जा सकती. ये दुनिया का सबसे नेक कार्य है. जो लोग इस प्रकार के कार्य को करते हैं उन्हें सम्मानित करना हम सभी लोगों का परम कर्तव्य है. शिक्षक दिवस के दिन सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को सरकार की तरफ से पुरस्कृत किया जाता है. 

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे जिन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया उन्होंने हमेशा छात्रों के भविष्य को बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है. 

इसलिए उनके द्वारा किए गए हम कार्य को भूल नहीं सकते हैं डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था और 1909 में चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज में अध्यापन पेशे में प्रवेश करने के द्वारा दर्शनशास्त्र शिक्षक के रुप में अपने करियर की शुरुआत की

इसके अलावा देश में बनारस, चेन्नई, कोलकाता, मैसूर जैसे कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में अध्यापक के तौर पर उन्होंने कार्य किया. इसके अलावा विदेशों में लंदन के ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों में दर्शनशास्त्र पढ़ाया है. 

अध्यापन पेशे के प्रति अपने समर्पण की वजह से उन्हें अपने बहुमूल्य सेवा की पहचान के लिये 1949 में विश्वविद्यालय छात्रवृत्ति कमीशन के अध्यक्ष के रुप में नियुक्त किया गया.

1962 से शिक्षक दिवस के रुप में 5 सितंबर को मनाने की शुरुआत हुई. अपने महान कार्यों से देश की लंबे समय तक सेवा करने के बाद 17 अप्रैल 1975 को इनका निधन हो गया.

शिक्षक किसी भी छात्र के जीवन में व्याप्त अंधकार को दूर कर जीवन को प्रकाशित करता है इसलिए कोई भी विद्यार्थी अपने शिक्षक के द्वारा किए महान कार्य के बदले उन्हें कुछ भी हम नहीं दे सकते हैं. क्योंकि उसका मोल किसी भी विद्यार्थी के लिए लगा पाना संभव नहीं है. 

हां हम अपने शिक्षक को सम्मान और धन्यवाद दे सकते हैं. दुनिया के जितने भी बड़े विद्वान और महापुरुष हुए हैं उन सभी के चरित्र और करियर के निर्माण में उनके शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है. इसलिए शिक्षक के बिना कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता है और ना ही वह एक सच्चा मानव बन सकता है. 

5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा दुसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने अपने जीवन में 40 वर्ष तक शिक्षक के रूप की भूमिका निभाई. जब राधाकृष्णन जी भारत के राष्ट्रपति बने उस समय उनके जन्मदिन के अवसर पर उन्होंने अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया था.

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 50वीं जन्मदिन के अवसर पर 1962 में प्रथम शिक्षक दिवस मनाया गया. जिसके बाद हर साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मानाने की घोषणा की गई. और आज भी हम इसी दिन शिक्षक दिवस के रूप में मना रहे है. ये शिक्षको के लिए विशेष दिवस है.

डॉ. राधाकृष्णन ने अपने शिक्षक दौर के समय में बच्चो को काफी प्रभावित किया तथा संस्कारवान बनाया. जिसके कारण छात्र उन्हें बहुत ज्यादा पसंद करते थे और आज भी डॉक्टर राधाकृष्णन हर छात्र के आदर्श है और उनके दिखाए गए नक्शे कदम पर चलना प्रत्येक छात्र का परम कर्तव्य है इसलिए हर एक शिक्षक को डॉक्टर राधाकृष्णन की तरह महान शिक्षक बनना चाहिए . 

शिक्षक दिवस का महत्व

शिक्षक दिवस किसी भी विद्यार्थी के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि उस दिन विधार्थी अपने शिक्षक को सम्मान देता है. 

दुनिया का सबसे कठिन काम है शिक्षण क्योंकि एक शिक्षक के ऊपर कई छात्रों का भविष्य निर्भर करता है. और उसकी जिम्मेदारी होती है कि प्रत्येक छात्र के भविष्य का निर्माण करें. लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि बच्चे छात्र में अलग प्रकार की क्षमता होती है. उनको सोचने का तरीका अलग होता है ऐसे में शिक्षक को प्रत्येक छात्र के क्षमता के अनुसार इसके करियर को बनाने के लिए योजना पर काम करना पड़ता है. 

इसलिए शिक्षक का काम आसान नहीं है जितना लोगों को दिखाई पड़ता है. माता पिता के बाद  बच्चों का दूसरा अभिभावक शिक्षक ही होता है. 

विद्यालयों में शिक्षक दिवस का उत्सव

पूरे भारत भर के स्कूलो में शिक्षक दिवस का कार्यक्रम काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन पूरे स्कूल को सजाया जाता है और सभी क्लास के छात्र अपने क्लास को भी काफी आकर्षक ढंग से सजाते हैं. और जब उनके क्लास में उनके शिक्षक आते हैं तो उन्हें उपहार देकर सम्मानित करते हैं. 

इसके अलावा कई छात्र अपने फेवरेट टीचर की वेशभूषा धारण कर उनकी नकल करते हैं और कक्षाओं में जाकर बच्चों को पढ़ाते हैं इस प्रकार के चीज में सीनियर क्लास और जूनियर क्लास के छात्र मिलकर भाग लेते हैं और सभी लोग इसमें एक दूसरे का सहयोग भी करते है

इस दौरान बेस्ट ड्रेस और रोल प्ले जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, इसके अलावा अन्य कई तरह के कार्यक्रमों और प्रतियोगिता आयोजित की जाती है जैसे नाटक, शिक्षक दिवस पर भाषण, डांस, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, इत्यादि. 

सामान्यतः इन कार्यक्रमों का आयोजन दिन के दूसरे पहर में किया जाता है, वही लंच के पहले तक सीनियर छात्र जूनियर कक्षाओं में छात्रों की कक्षा लेते हैं और शिक्षक दूसरे क्लासेस में बैठकर आराम करते हैं. 

इस दिन  शिक्षकों को छात्र और छात्राओं के द्वारा ग्रीटिंग कार्ड दूसरे प्रकार के उपहार दिए जाते हैं उन उपहार को पाकर शिक्षक भी काफी खुशी महसूस करते हैं. 

शिक्षक दिवस पर भाषण _   Speech on Teacher’s Day in hindi

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय समस्त सम्मानित शिक्षकगण और मेरे प्यारे मित्रों और भाई – बहनों मैं आप सभी का इस शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर स्वागत करता हूं और साथ में हार्दिक अभिनंदन करता हूं.

जैसा कि आपको पता है यह समारोह भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति, द्वितीय राष्ट्रपति, प्रख्यात शिक्षाविद और इस देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जिनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुतनी गांव में हुआ था. बचपन से ही डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन विलक्षण प्रतिभा के धनी थे बचपन में ही इन्होंने बाइबल के प्रमुख श्लोक को याद कर लिया था.

इसके कारण उन्हें सम्मानित भी किया गया था मैं सभी को हमारे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए हर्ष का अनुभव कर रहा हूं कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपने जीवन के 40 साल में शिक्षक के तौर पर कार्य किया. 

उन्होंने देश और समाज के निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाई जिसके कारण ने उनके गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के रूप में की जाती है

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि इंसान का विकास शिक्षा के माध्यम से ही हो सकता है ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के पास शिक्षा नहीं है तो वह निर्जीव वस्तु के समान है. उनके इसी विचारधारा के कारण उनके जन्मदिन को भारत में शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है. 

उनका मानना यह था कि हमारे माता पिता हमें जन्म देते हैं और हमारा लालन पोषण अपनी सामर्थ्य के अनुसार करते हैं लेकिन शिक्षक अपने ज्ञान रूपी प्रकाश के द्वारा हमारे अंधकार जीवन को प्रकाशित करता है. ताकि आप राष्ट्र के निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वाह ईमानदारी के साथ कर सके. 

जिस तरह हम जीवित रहने के लिए भोजन का सेवन करते हैं ठीक उसी प्रकार अगर आपको अपने जीवन में सफल और एक अच्छा नागरिक बनना है तो आपको शिक्षा ग्रहण करना होगा और शिक्षा की प्राप्ति बिना गुरु के संभव नहीं है इसलिए जीवन में शिक्षक का होना अति आवश्यक है.

जिस प्रकार एक शिल्पकार बेकार पत्थरों को अपनी निष्ठा और मेहनत के द्वारा उसे हथौड़ी के द्वारा पीटकर का एक सुंदर मूर्ति का आकार देता है. ठीक इसी प्रकार शिक्षक एक छात्र के अंदर व्याप्त बुराइयों को दूर करके उसे एक अच्छा इंसान बनाता है. 

अगर आप अपने विद्यार्थी जीवन में किसी प्रकार की समस्या से बहुत ज्यादा परेशान है अगर आप एक छात्र हैं तो आप अपने परेशानी को अपने शिक्षक के साथ जरूर साझा करें इससे आपको शिक्षक उचित राय देगा कि आपको क्या करना चाहिए ताकि आप इसी प्रकार की गलती करने से बच सकें

शिक्षक हमें जब किसी की बात पर डांटा या रोका करें तो आप कभी भी अपने शिक्षक की बातों का बुरा ना माने क्योंकि शिक्षक आपके भविष्य के लिए ही आपको डांटता है या किसी बात के लिए रोकता है क्योंकि उसके अंदर ही उसका प्यार आपके लिए छिपा है इसलिए शिक्षक की बातों का बुरा ना माने

आज हम सभी शिक्षक के इस अमूल्य योगदान के हृदय से धन्यवाद देते हैं और उनका तहे दिल से शुक्रिया अदा करते है. और हम उन से निवेदन करेंगे कि वह इसी तरह हमारा मार्गदर्शन करें ताकि कभी भी हम रास्ता ना भटके और हमारा लक्ष्य निर्धारित हो. 

आइए हम एक प्रण लेते हैं कि हम अपने जीवन में जो भी लक्ष्य हमने बनाया है उसे प्राप्त करेंगे ताकि हम अपने शिक्षक और माता-पिता दोनों का नाम रोशन कर सकें

हमारे समाज को अच्छा बनाने और सुधारने में शिक्षक की बहुत बड़ी भूमिका होती है इस दिन हम सभी लोग अपने स्कूल और कॉलेज में अपने शिक्षक को सम्मानित करने के लिए उपहार देते हैं इसके अलावा शिक्षक दिवस से संबंधित कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम और नाटक भी आयोजित किए जाते हैं. जिसमें छात्र-छात्राएं दोनों भाग लेती हैं. अंत में अपना भाषण कविता के माध्यम से समाप्त करना चाहता/चाहती हूं- 

शिक्षक दिवस पर कविता (Poetry on Teacher’s day in hindi)

आदर्शों की मिसाल बनकर,

बाल जीवन संवारता शिक्षक.

सदाबहार फूल-सा खिलकर,

महकता और महकाता शिक्षक.

नित नए प्रेरक आयाम लेकर,

हर पल भव्य बनता शिक्षक.

संचित ज्ञान का धन हमें देकर,

खुशियां खूब मनाता शिक्षक.

पाप व लालच से डरने की,

धर्मीय सीख सिखाता शिक्षक.

देश के लिए मर मिटने की,

बलिदानी राह दिखता शिक्षक.

शिक्षक दिवस पर शायरी (Shayari on Teacher’s day in hindi)

बुरे और अच्छे का ज्ञान शिक्षक ही देता है,

शिक्षक का दर्जा बहुत ही ऊंचा होता है.

गुरु बिना ज्ञान नही ,गुरु बिना सुनी हैं जिंदगानी,

जब मिले गुरु का ज्ञान तो हो जाये सत्य का ज्ञान.

गुमनामी के अंधेरे में था, पहचान बना दिया.

दुनिया के गम से मुझे, अनजान बना दिया.

उनकी ऐसी कृपा हुई, के गुरू ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया.

शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

जीवन की राह दिखाई आपने, मंजिल तक पहुंचाया आपने.

देकर आपने हमे अनमोल ज्ञान, एक सफल इंसान बनाया आपने.

Happy Teacher’s Day

शिक्षा से बड़ा कोई वरदान नहीं है,

गुरू का आशीर्वाद मिले इससे बड़ा कोई सम्मान नहीं है.

बन्द हो जाएँ सब दरवाजे, नया रास्ता दिखाते हैं गुरु.

सिर्फ किताबी ज्ञान नही, जीवन जीना सिखाते हैं गुरू.

Teachers day Shayari in hindi

सत्य का पाठ जो पढ़ाएँ वही सच्चा गुरू कहलाये,

जो ज्ञान से जीवन को आसान बनाये वही सच्चा गुरू कहलाये.

जल जाता है वो दिए की तरह, कई जीवन रोशन कर जाते है.

कुछ इसी तरह से हर गुरु, अपना फर्ज निभाते है.

शिक्षक दिवस पर शायरी

जीवन जितना सजता है माँ-बाप के प्यार से,

उतना ही महकता है गुरू के आशीर्वाद से.

सूरज प्रकाश से प्रकाशित करता हैं,

जीवन को गुरू ज्ञान से प्रकाशित करता है.

धरती कहती है, नदियां कहती है, अंबर कहते बस यही तराना,

गुरू आप ही वो पावन नूर है, जिनसे रौशन हुआ है पूरा जमाना.

हैप्पी टीचर्स डे

शिक्षक दिवस पर निबंध 2022 – FAQs 

हम पिछले कितने सालों से शिक्षक दिवस मनाते आ रहे है?

सर्वप्रथम शिक्षक दिवस 1962 से मनाया गया था. तो उस हिसाब से हम पिछले 60 सालों से शिक्षक दिवस मनाते आ रहे हैं.

कुछ शिक्षक दिवस के मेसेज बताएं जो हम अपने शिक्षक को भेज सकें?

आप शिक्षक दिवस के दिन ये मेसेज अपने शिक्षक को भेज सकते है. “हमें शिक्षित करने के लिए अपने जो कड़ी मेहनत और प्रयत्न किये हैं हम उसके सदा आभारी रहेंगे.” हैप्पी टीचर्स डे 2022

शिक्षक दिवस पर निबंध कैसे लिखे?

भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण के सम्मान में ही उनके जन्म दिवस पर भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत हुई। भारत में सबसे पहले शिक्षक दिवस 5 सितंबर, 1962 को मनाया गया था। वैसे तो विश्व भर में 100 से भी अधिक देशों में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, मगर अन्य देशों में यह दिवस अलग-अलग दिन पर मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस पर क्या लिखें?

निबंध 3 (500 शब्द) हमारे जीवन, समाज और देश में शिक्षकों के योगदान को सम्मान देने के लिये हर वर्ष 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाने के पीछे एक बड़ा कारण है। 5 सितंबर को ही भारत के एक महान व्यक्ति, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन था।

शिक्षक दिवस का उद्देश्य क्या है?

डॉ. एस राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था. वे भारत के पहले उपराष्ट्रपति और भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे. शिक्षक दिवस मनाने का उद्देश्य सभी शिक्षकों को इस देश के युवाओं को शिक्षित और मार्गदर्शन करने की उनकी प्रतिबद्धता के लिए सम्मान और आभार व्यक्त करना है.

क्यों मनाते हैं शिक्षक दिवस '? इस विषय पर निबंध लिखिए?

सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए भारतभर में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। 'गुरु' का हर किसी के जीवन में बहुत महत्व होता है। समाज में भी उनका अपना एक विशिष्ट स्थान होता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा में बहुत विश्वास रखते थे।