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रिलिजन डेस्क। जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और ढय्या का असर होता है, उन्हें इस दौरान अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, इस समय मकर, धनु और वृश्चिक राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव है, वहीं वृषभ और कन्या पर ढय्या चल रही है। ये राशि वाले अगर शनिवार को शनिदेव की पूजा करने के बाद तिल के तेल से आरती करें तो शनिदेव प्रसन्न हो सकते हैं। आगे जानिए शनिदेव की पूजा की पूरी विधि... - शनिवार की शाम को स्नान आदि
करने के बाद घर के किसी साफ स्थान पर शनिदेव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। जय-जय श्रीशनिदेव भक्तन हितकारी। - इसके बाद घर के हर कोने में आरती घुमाएं। इस तरह घर की नेगेटिविटी भी खत्म हो जाएगी। शनि देव को कौन सी मिठाई पसंद है?शनिवार को भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए प्रसाद में इन चीजों का भोग लगाया जाता हैं. इन सभी चीजों में शनिदेव को मीठी पूड़ी और काले उदड़ दाल की खिचड़ी का भोग सबसे ज्यादा पसंद है.
शनि देव को क्या भोग लगता है?- शनिदेव को नीले फूल, काला कपड़ा, काली उड़द और काले तिल चढ़ाएं। साथ ही मीठी पुरी का भोग भी लगाएं। - इसके बाद काली तुलसी की माला से ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें। जय-जय श्रीशनिदेव भक्तन हितकारी।
शनिदेव की पूजा में क्या क्या चढ़ता है?आज शनि जयंती है,क्या आप जानते हैं शनिदेव के पूजन में क्या सामग्री लगती है.... चावल तथा काली तिल, काला धागा. फूलपत्ती विशेषत: काले फूल. अगरबत्ती. सरसों या मीठा तेल. नैवेद्य मिठाई आदि. संबद्ध ऋतु फल. रूई के पत्ते. शनिवार के दिन शनि देव को क्या चढ़ाना चाहिए?शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय
- शनिदेव की कुदृष्टि से बचने के लिए शनिवार के दिन बजरंगबली को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाना चाहिए. इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनिदेव के क्रोध से खुद को बचाया जा सकता है. ये भी मान्यता है कि हनुमानजी की पूजा करने वालों को शनिदेव की प्रताड़ना का सामना नहीं करना पड़ता.
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