शरीर में खून को शुद्ध कौन करता है? - shareer mein khoon ko shuddh kaun karata hai?

शरीर में खून को शुद्ध कौन करता है? - shareer mein khoon ko shuddh kaun karata hai?

मानव शरीर में लहू का संचरण
लाल - शुद्ध लहू
नीला - अशु्द्ध लहू

लहू या रुधिर या खून(Blood) एक शारीरिक तरल (द्रव) है जो लहू वाहिनियों के अन्दर विभिन्न अंगों में लगातार बहता रहता है। रक्त वाहिनियों में प्रवाहित होने वाला यह गाढ़ा, कुछ चिपचिपा, लाल रंग का द्रव्य, एक जीवित ऊतक है। यह प्लाज़मा और रक्त कणों से मिल कर बनता है। प्लाज़मा वह निर्जीव तरल माध्यम है जिसमें रक्त कण तैरते रहते हैं।रक्त का आयतन लगभग 55

परसन्त होता है। प्लाज़मा के सहारे ही ये कण सारे शरीर में पहुंच पाते हैं और वह प्लाज़मा ही है जो आंतों से शोषित पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुंचाता है और पाचन क्रिया के बाद बने हानिकारक पदार्थों को उत्सर्जी अंगो तक ले जा कर उन्हें फिर साफ़ होने का मौका देता है। रक्तकण तीन प्रकार के होते हैं, लाल रक्त कणिका, श्वेत रक्त कणिका और प्लैटलैट्स। लाल रक्त कणिका श्वसन अंगों से आक्सीजन ले कर सारे शरीर में पहुंचाने का और कार्बन डाईआक्साईड को शरीर से श्वसन अंगों तक ले जाने का काम करता है। इनकी कमी से रक्ताल्पता (अनिमिया) का रोग हो जाता है। श्वैत रक्त कणिका हानीकारक तत्वों तथा बिमारी पैदा करने वाले जिवाणुओं से शरीर की रक्षा करते हैं। प्लेटलेट्स रक्त वाहिनियों की सुरक्षा तथा खून बनाने में सहायक होते हैं।

मनुष्य-शरीर में करीब पाँच लिटर लहू विद्यमान रहता है। लाल रक्त कणिका की आयु कुछ दिनों से लेकर १२० दिनों तक की होती है। इसके बाद इसकी कोशिकाएं तिल्ली में टूटती रहती हैं। परन्तु इसके साथ-साथ अस्थि मज्जा (बोन मैरो) में इसका उत्पादन भी होता रहता है। यह बनने और टूटने की क्रिया एक निश्चित अनुपात में होती रहती है, जिससे शरीर में खून की कमी नहीं हो पाती।

मनुष्यों में लहू ही सबसे आसानी से प्रत्यारोपित किया जा सकता है। एटीजंस से लहू को विभिन्न वर्गों में बांटा गया है और रक्तदान करते समय इसी का ध्यान रखा जाता है। महत्वपूर्ण एटीजंस को दो भागों में बांटा गया है। पहला ए, बी, ओ तथा दूसरा आर-एच व एच-आर। जिन लोगों का रक्त जिस एटीजंस वाला होता है उसे उसी एटीजंस वाला रक्त देते हैं। जिन पर कोई एटीजंस नहीं होता उनका ग्रुप "ओ" कहलाता है। जिनके रक्त कण पर आर-एच एटीजंस पाया जाता है वे आर-एच पाजिटिव और जिनपर नहीं पाया जाता वे आर-एच नेगेटिव कहलाते हैं। ओ-वर्ग वाले व्यक्ति को सर्वदाता तथा एबी वाले को सर्वग्राही कहा जाता है। परन्तु एबी रक्त वाले को एबी रक्त ही दिया जाता है। जहां स्वस्थ व्यक्ति का रक्त किसी की जान बचा सकता है, वहीं रोगी, अस्वस्थ व्यक्ति का खून किसी के लिये जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसीलिए खून लेने-देने में बहुत सावधानी की आवश्यकता होती है। लहू का pH मान 7.4 होता है

कार्य

  • ऊतकों को आक्सीजन पहुँचाना।
  • पोषक तत्वों को ले जाना जैसे ग्लूकोस, अमीनो अम्ल और वसा अम्ल (रक्त में घुलना या प्लाज्मा प्रोटीन से जुडना जैसे- रक्त लिपिड)।
  • उत्सर्जी पदार्थों को बाहर करना जैसे- यूरिया कार्बन, डाई आक्साइड, लैक्टिक अम्ल आदि।
  • प्रतिरक्षात्मक कार्य।
  • संदेशवाहक का कार्य करना, इसके अन्तर्गत हार्मोन्स आदि के संदेश देना।
  • शरीर पी. एच नियंत्रित करना।
  • शरीर का ताप नियंत्रित करना।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • रक्तदान

सन्दर्भ[संपादित करें]

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CT : General Intelligence and Reasoning (Practice Set)

10 Questions 20 Marks 8 Mins

Last updated on Oct 28, 2022

SSC CGL 2022 Tier I Prelims Exam Date Out on the official website of SSC on 31st October 2022! The prelims exam will be conducted from 1st to 13th December 2022. Earlier, SSC CGL Results for Tier II 2021 Marks Status Link has been activated.Candidates can check their marks by visiting the official website. The SSC CGL 2022 is ongoing and the candidates had applied for the same till 13th October 2022. The SSC CGL 2022 Notification was out on 17th September 2022. The SSC CGL Eligibility is a bachelor’s degree in the concerned discipline. This year, SSC has completely changed the exam pattern and for the same, the candidates must refer to SSC CGL New Exam Pattern.

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शरीर में खून को शुद्ध कौन करता है? - shareer mein khoon ko shuddh kaun karata hai?

Abhishek Mishra

सही उत्तर वृक्क है। रक्त के शुद्धिकरण के लिए वृक्क जिम्मेदार है। वृक्क, बीन के आकार के दो अंग होते हैं , जिनमें से प्रत्येक एक मुट्ठी के आकार का होता है। वृक्क रिब पिंजरे के ठीक नीचे स्थित होती है, आपकी रीढ़ के प्रत्येक तरफ एक। स्वस्थ वृक्क हर मिनट लगभग आधा कप खून को फिल्टर करता है। वृक्क, अपशिष्ट पदार्थ, अतिरिक्त तरल पदार्थ को भी निकालता है और मूत्र के रूप में शरीर से निकाल देता है। वृक्क, शरीर की कोशिकाओं द्वारा उत्पादित एसिड को भी हटाते हैं और रक्त में पानी, लवण और खनिजों - जैसे सोडियम, कैल्शियम, फास्फोरस और पोटेशियम - का एक स्वस्थ संतुलन बनाए रखते हैं। वृक्क भी हॉर्मोन विकसित करने में मदद करता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करता है, लाल रक्त कोशिकाओं को बनाता है, हड्डियों को मजबूत रखता है।

शरीर में खून का शुद्धिकरण कौन करता है?

सही उत्तर वृक्क है। रक्त के शुद्धिकरण के लिए वृक्क जिम्मेदार है।

रक्त को साफ करने में कौन सा अंग कार्य करता है?

किडनी को शरीर का फिल्टर कहते हैं। किडनी खून में मौजूद टॉक्सिन्स (विषैले तत्वों) को छान कर साफ करती है जो यूरिन के जरिए बाहर निकलते हैं।

ब्लड कहाँ शुद्ध होता है?

मानव शरीर में यकृत और प्लीहा में होता है रक्त निर्माण, पुराने तथ्यों को आयुर्वेद ने नकारा अस्थि मज्जा द्वारा रक्त निर्माण के कॉन्सेप्ट को पहले भी नकारा गया था मगर अब इसे शोध के जरिए साबित किया है बीएचयू व संस्कृत विवि के आयुर्वेद विद्या के युवा वैज्ञानिकों ने।