शरीर में मोटापा कैसे बढ़ता है? - shareer mein motaapa kaise badhata hai?

मोटापा
वर्गीकरण एवं बाह्य साधन

सिल्हौटे और कमर के घेरे के नाप के द्वारा सामान्य, भारी और मोटे व्यक्ति का अंकन
आईसीडी-१०E66.
आईसीडी-९278
ओएमआईएम601665
डिज़ीज़-डीबी9099
मेडलाइन प्लस003101
ईमेडिसिनmed/1653 
एम.ईएसएच C23.888.144.699.500

मोटापा (अंग्रेज़ी: Obesity) वो स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगती है।[1][2] यह आयु संभावना को भी घटा सकता है।[3][4] शरीर भार सूचकांक (बी.एम.आई), मानव भार और लंबाई का अनुपात होता है, जब २५ कि.ग्रा./मी.२ और ३० कि.ग्रा/मी२ के बीच हो, तब मोटापा-पूर्व स्थिति; और मोटापा जब ये ३० कि.ग्रा/मी.२ से अधिक हो।[5]

मोटापा बहुत से रोगों से जुड़ा हुआ है, जैसे हृदय रोग, मधुमेह, निद्रा कालीन श्वास समस्या, कई प्रकार के कैंसर और अस्थिसंध्यार्ति[4] । मोटापे का प्रमुख कारण अत्यधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन, शारीरिक गतिविधियों का अभाव, आनुवांशिकी का मिश्रण है। हालांकि मात्र आनुवांशिक, चिकित्सकीय या मानसिक रोग के कारण बहुत ही कम संख्या में लोग मोटे पाये जाते हैं।

मोटापा कम करने के लिए सुबह सुबह पानी थोड़ा गर्म करके पीना चाहिए जिस से शरीर के अंदर वसा जमा न हो, जिससे मोटापा नही बड़ेगा [3] Archived 2020-10-01 at the Wayback Machine

कारण[संपादित करें]

मोटापे के कई कारण हो सकते है। इनमें से प्रमुख है:-[6]

  • मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है।
  • अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है।
  • कम व्यायाम करना और स्थिर जीवन-यापन मोटापे का प्रमुख कारण है।
  • असंतुलित व्यवहार औऱ मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है।
  • शारीरिक क्रियाओं के सही ढंग से नहीं होने पर भी शरीर में चर्बी जमा होने लगती है, यह भी मोटापे का एक कारण है।
  • बाल्यावस्था और युवावस्था के समय का मोटापा व्यस्क होने पर भी रह सकता है।
  • कई लोगों को दिन मे खाना खाने के बाद सोने की आदत होती है जो मोटापे का कारण बन सकती है।
  • हाइपोथाइरॉयडिज़्म (अवटु अल्पक्रियता)
  • बहुत ज्यादा मीठे का सेवन करने से भी मोटापा बढ़ने Archived 2021-06-16 at the Wayback Machine का खतरा रहता है |

मोटापे के लक्षण[संपादित करें]

मोटापा शारीरिक और मानसिक स्तर पर जीवन में कई सारे परिवर्तन लाता है। जिनके कारण व्यक्ति में इसके लक्षण परिलक्षित होते हैं। किन्तु कई बार लोग इन्हें महत्त्व नहीं देते और इसके बारे में कोई चिकित्सकीय परामर्श नहीं लेते जो आगे चलकर उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। [7]

मोटापे के प्रमुख्य लक्षण निम्न प्रकार से हैं। :

• सांस फूलना – बार-बार साँस फूलने की समस्या का होना मोटापे का लक्षण है जो कई कारणों से हो सकता है और कई रोगों का कारण बनता है।[7]

• पसीना में वृद्धि – अचानक से बार-बार पसीना आना और वह भी बहुत, यह दर्शाता है कि व्यक्ति मोटापे से ग्रसित है।[7]

• खर्राटे - आमतोर पर मोटापे से बेहाल लोगों को नींद में बहुत खर्राटे लेते देखा जा सकता है मोटापा बढ़ने के साथ-साथ यह समस्या और भी बढ़ती जाती है। [7]

• शारीरिक गतिविधि के साथ सामंजस्य करने में अचानक असमर्थता का   अनुभव करना – सामान्य रूप से कोई भी शारीरिक गतिविधि करने में असमर्थ होते जाने का संबध भी मोटापे से है और ये मोटापे का सबसे प्रमुख्य लक्षण भी हैं। [7]

• प्रतिदिन बहुत थकान महसूस करना- आमतौर पर बिना किसी अतिरिक्त कार्यभार के लगातार थकान का अनुभव करना भी मोटापे का ही एक लक्षण है। [7]

• पीठ और जोड़ों में दर्द – मोटापे की समस्या से ग्रसित लोगों में पीठ और जोड़ों के दर्द सामान्य रूप से देखा जा सकता है। [7]

• आत्मविश्वास और आत्मसम्मान में कमी का अनुभव – शारीरिक समस्याओं के कारण किसी भी काम को करने की क्षमता में कमी आ जाती है और स्वयं पर विश्वास भी नहीं होता जिसके चलते आत्मसम्मान में भी कमी आ जाती है। [7]

• अकेला महसूस करना – मोटापे में अकेलापन अनुभव करना एक आम बात है। शारीरिक परिवर्तनों के चलते लोग स्वयं को सबसे अलग और एकाकी महसूस करते हैं। [7]

• जरुरत से ज्यादा या कम सोना- यदि हम जरुरत से ज्यादा सोते है तो यह भी हमारे मोटापे का बहुत बड़ा लक्षण होता है

मोटापे से जुड़ी समस्याएं[संपादित करें]

मोटापे के कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं जिनमें टाइप 2 डायबिटीज, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (उच्च कोलेस्ट्रॉल, गैस्ट्रोओस्फोजियल रिफ्लक्स डिजिज (जीईआरडी), उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, अवसाद, जोड़ों की ओस्टियोआर्थराइटिस, जोड़ों का दर्द, स्लीप एपनिया और श्वसन समस्याएं, यूरिनरी स्ट्रेस इंकांटिनेंस, अस्थमा और फेफड़ों की समस्याएं और प्रजनन संबंधी समस्याएं। डायबिटीज वाले मरीज के मोटापा बढ़ने से उसकी डायबिटीज की समस्या बढ़ जाती है । सांस फूलना तथा अधिक पसीना आना मोटापे के प्रमुख समस्या है। [8]

उचित वजन[संपादित करें]

एक युवा व्यक्ति के शरीर का अपेक्षित वजन उसकी लंबाई के अनुसार होना चाहिए, जिससे कि उसका शारीरिक गठन अनुकूल लगे। शरीर के वजन को मापने के लिए सबसे साधारण उपाय है बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) और यह शरीर के व्यक्ति की लंबाई को दुगुना कर उसमें वजन किलोग्राम से भाग देकर निकाला जाता है।

एक अत्यधिक मोटे व्यक्ति, जिसका भार/लंबाई अनुपात ४६ कि.ग्रा/मी२: भार:१४६ ki.grA (३२२ पाउण्ड), ऊँचाई १७७ से.मी (५ फीट १० इंच)

भार/लंबाई अनुपातवर्गीकरण
< 18.5 कम भार
18.5–24.9 सामान्य भार
25.0–29.9 अधिक भार
30.0–34.9 श्रेणी-१ मोटा
35.0–39.9 श्रेणी-२ मोटा
> 40.0   श्रेणी-३ मोटा  

वजन कम करने के लिए लिये उपभोग की जाने वाले खाद्य पदार्थों में यह ध्यान रखना चाहिए कि उनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक हो और चर्बी तथा कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम हो।

मोटापा घटाने की सर्जरी[संपादित करें]

जो बहुत अधिक मोटे हैं और आहार में सुधार, व्यायाम तथा/अथवा दवाइयां जैसी वजन घटाने वाली चिकित्सक की निगरानी में की जाने वाली रणनीतियों से वजन नहीं घट रहा हो तो वजन घटाने वाली सर्जरी का सहारा लिया जाता है। यह बहुत अधिक मोटे लोगों के लिए जीवन रक्षक एवं जीवन में बदलाव लाने वाला उपचार है।

यह कैसे किया जाता है : अधिकांश बैरिएट्रिक सर्जरी की प्रक्रियाओं  के तहत खाने जाने वाले भोजन की मात्रा को सीमित कर दिया जाता है तथा मरीज कम खाने पर भी ऐसा महसूस करता है कि उसने काफी भोजन कर लिया है। यह सर्जरी हमेशा कीहोल सर्जरी का उपयोग करते हुए की जाती है।

शरीर में मोटापा कैसे बढ़ता है? - shareer mein motaapa kaise badhata hai?

विश्व भर के पुरुषों में मोटापा[9]

██ <५% ██ ५–१०% ██ 10–15% ██ 15–20% ██ 20–25% ██ 25–30% ██ 30–35% ██ 35–40% ██ 40–45% ██ 45–50% ██ 50–55% ██ >55%

शरीर में मोटापा कैसे बढ़ता है? - shareer mein motaapa kaise badhata hai?

विश्व भर की स्त्रियों में मोटापा[9]

██ <5% ██ 5–10% ██ 10–15% ██ 15–20% ██ 20–25% ██ 25–30% ██ 30–35% ██ 35–40% ██ 40–45% ██ 45–50% ██ 50–55% ██ >55%

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • योग और मोटापा
  • रक्तचाप
  • वसा
  • मोटापा काम करने के उपाय

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "एच३-शब्दकोष पर मोटापा देखें". मूल से 5 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 सितंबर 2009.
  2. ओबेसिटी एंड ओवर वेट फैक्ट शीट  N°311".WHO.जनुअरी २०१५[1] Archived 2018-04-22 at the Wayback Machine
  3. विश्व स्वास्थ्य संगठन २०००, पृ.६
  4. ↑ अ आ हस्लैम डी.डब्ल्यू, ज्म्स डब्ल्यु पी (२००५). "ओबीज़िटी". लैन्सेट. ३६६ (9492): ११९७-२०९. PMID 16198769. डीओआइ:10.1016/S0140-6736(05)67483-1.
  5. विश्व स्वास्थ्य संगठन २०००, पृ.९
  6. WD. "Obesity | आखिर क्यों होता है मोटापा?". hindi.webdunia.com. अभिगमन तिथि 2020-08-20.
  7. ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ ओबेसिटी  सिम्प्टमस. हेल्थदीरेक्ट अगस्त २०१६[2] Archived 2017-03-15 at the Wayback Machine
  8. "FULL 21-DAY WEIGHT LOSS AND HEALTH IMPROVEMENT PROGRAM". अभिगमन तिथि 2022-08-16.
  9. ↑ अ आ "ग्लोबल प्रिवेलैन्स ऑफ एडल्ट ओबीज़िटी" (PDF). इंटरनेशनल ओबीज़िटी टास्कफोर्स. मूल से 11 दिसंबर 2009 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि २९ जनवरी.

मोटापा किसकी कमी से होता है?

जिन लोगों की बॉडी में विटामिन डी की कमी होती है उनका मोटापा अधिक होता है। नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। विटामिन डी हमारी बॉडी के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। मज़बूत और स्वस्थ हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों के लिए विटामिन डी बहुत ज़रूरी है।

सबसे ज्यादा मोटापा क्या खाने से बढ़ता है?

इंस्टेंट नूडल्स, पास्ता, फ्रोजन फ्राइड फूड खाने से वजन बढ़ता है, फिर चाहे आप रोजाना वर्कआउ करते हों. इन चीजों में प्रिजर्वेटिव होते हैं किसी तरह का कोई पौष्टिक तत्व नहीं होता है. इसके अलावा ये चीजें मैदा से बनी होती हैं जिसमें आर्टिफिशयल कलर और टेस्ट डाला होता है.

शरीर में मोटापा कैसे आता है?

मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है। अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है। कम व्यायाम करना और स्थिर जीवन-यापन मोटापे का प्रमुख कारण है। असंतुलित व्यवहार औऱ मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है।

क्या भूखे रहने से मोटापा बढ़ता है?

लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भूखे पेट रहने से मोटापा और बढ़ता है क्योंकि ऐसे में शरीर ज्यादा फैट स्टोर करता है. अगर आप वाकई वजन कम करना चाहते हैं तो खाना पीना छोड़िए नहीं, अपनी डाइट को मैनेज करना सीखिए. जिससे आपका वजन भी कम हो सके और शरीर को एनर्जी भी मिलती रहे.