Bihar Board Class 9 Hindi Book Solutions Varnika Bhag 1 Chapter 2 बिहार की संगीत साधना Text Book Questions and Answers, Summary, Notes. Show
BSEB Bihar Board Class 9 Hindi Solutions Varnika Chapter 2 बिहार की संगीत साधनाBihar Board Class 9 Hindi बिहार की संगीत साधना Text Book Questions and Answersबिहार बोर्ड ९थ क्लास बुक Hindi प्रश्न 1. बिहार बोर्ड हिंदी बुक Class 9 प्रश्न 2. ध्रुपद, ख्याल और ठुमरी आदि जो तीन प्रकार के गायन हैं शास्त्रीय संगीत के सबसे प्रमुख रूप हैं। शास्त्रीय संगीत के इन तीनों गायनों में बिहार ने अनेक रागों का भी आविष्कार किया है। वैदिक काल से चली आ रही शास्त्रीय संगीत धारा में समय-समय पर विकसित नयी-नयी अनेक धाराओं में से एक प्रमुख ध्रुपद है। ग्वालियर नरेश मानसिंह के दरबार में ध्रुपद का भरपूर विकास हुआ था और तानसेन भी ध्रुपद के महारथी थे। परंतु मुगल साग्राज्य के पतन के बाद बिहार के दरभंगा, बेतिया तथा डमराँव घराने में इसका अभतपर्व विकास हआ। नेपाल से आये ध्रपद गायक आचार्य शिवदयाल मिश्र की परंपरा भी बेतिया में विकसित हुई। शास्त्रीय गायन का एक रूप ‘ख्याल’ जिसके गायन में भी बिहार ने ऊँचाइयाँ प्राप्त कर चुकी थी। ख्याल गायन में बनैली राज के राजकुमार श्यामनंदन सिंह ने सर्वाधिक प्रसिद्धि पाई। ये एक राजा थे, उच्च कोटि के संगीत प्रेमी थे, बिलियार्ड खेल के राज्यस्तरीय चैम्पियन थे और एक शांत-सरल चित्त वाले इंसान थे. जिन राजदरबार में गुणियों की उन्मुक्त कद्र होती थी। . शास्त्रीय गायन के तीसरे रूप ‘ठुमरी’ का उद्भव तो बिहार और उत्तर प्रदेश की अपनी धरती पर हुआ है। गया, वाराणसी तथा अवध में विशेष रूप से विकसित हुई ठुमरी को पूरब की गायकी कहा जाता है। ठुमरी के आचार्य-उस्तादों में अनेक का गया में जन्म हुआ जगदीप मिश्र, गुल मोहम्मद खाँ, राम प्र. मिश्र उर्फ रामू जी और उनके पुत्र गोवर्द्धन मिश्र ने संगीत साधना के क्षेत्र में मूल्यवान उपलब्धि दिलाई। है। सहरसा के मांतान खवास के ठुमरी गायन को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। Hindi Chapter 2 Class 9 प्रश्न 3. Bihar Board Solution Class 9 Hindi प्रश्न 4. बिहार टेक्स्ट बुक क्लास 9 प्रश्न 5. Hindi Class 9 Chapter 2 प्रश्न 6. Class 9 Hindi Chapter 2 प्रश्न 7. Hindi Class 9 Chapter 2 Question Answer प्रश्न 8. Class 9 Hindi Question Answer Chapter 2 प्रश्न 9. विश्व प्रसिद्ध संगीत साधक कौन है?भारत की महान शास्त्रीय संगीत परंपरा में संतूर एक अभिन्न अंग है लेकिन इस लोक वाद्ययंत्र को शास्त्रीय परंपरा के एक अहम वाद्य के रूप में स्थापित करने का श्रेय पंडित शिवकुमार शर्मा (Pandit Shivkumar Sharma) को जाता है.
दरभंगा घराने के सर्वश्रेष्ठ गायक कौन माने जाते हैं?भूपत खां लखनऊ के नवाब सिराजुद्दौला के दरबारी गायक थे। उन्हें तानसेन के उत्तराधिकारियों में से माना जाता है। अठारहवीं शताब्दी के अंतिम दशक में एक बार भूपत के अनुरोध पर मल्लिक बंधुओं ने लखनऊ के दरबार में ध्रुपद गायन किया। संयोगवश उस समय दरबार में दरभंगा महाराजा माधव सिंह (1785-1805) भी उपस्थित थे।
श्यामानंद सिंह कौन थे संगीत के प्रति उनमें कैसे रुचि जगी थी?ज़मींदार थे, राजा का खून रगों में दौड़ता था किन्तु शास्त्रीय संगीत के अनन्य साधक थे. श्यामानंद सिंह यानी एक विनम्र और निवेदित व्यक्ति जिसने संगीत को ही अपना सर्वस्व माना.
दंगाई ग्राम कहां पड़ता है बिहार की शास्त्रीय संगीत परंपरा में उस गांव का क्या महत्व है?बिहार की शास्त्रीय संगीत परम्परा में उस गाँव का क्या महत्व है? दरभंगा घराना तथा डुमरांव घराना दोनों का मूल रोहतास जिले का धनगाँई गाँव रहा है। धनगाँई गाँव के पं० धनारंग दूबे (1914 ई०) डुमराँव राजदरबार के सम्मानित गायक और उच्च कोटि के कवि भी थे। प्रसिद्ध गायक बच्चू दूबे उनके शिष्य थे।
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