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विधि विधान से हुई शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठाविधि विधान से हुई शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा मुजफ्फरनगर, जेएनएन। ग्राम नंगलाराई में नवनिर्मित शिवमंदिर में विधि विधान के साथ शिव, पार्वती, दुर्गा मां, हनुमान जी, शनिदेव व भैरव बाबा की प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। श्रद्धालुओं ने मूर्ति स्थापना से पूर्व गांव के मुख्य मार्गों पर बैंडबाजों के साथ देव मूर्तियों की परिक्रमा करते हुए कलशयात्रा निकाली। थानाभवन-चरथावल मार्ग पर ग्राम नंगलाराई निवासी भाजपा नेता संजय धीमान ने गांव में भव्य शिव मंदिर का निर्माण कराया। पांच दिन तक अनुष्ठान चलने के उपरांत शुक्रवार को राजस्थान से मंगाई गई शिव-पार्वती, दुर्गा मां, हनुमान जी, शनिदेव व भैरव बाबा आदि देवी देवताओं की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा मंत्रोच्चार के साथ कराई गई। प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व गांव में कलशयात्रा निकाली। कलशयात्रा का ग्रामीणों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। यजमान के रूप में संजय धीमान, रूपेंद्र कुमार, वीरेंद्र कुमार व सचिन कुमार सपत्नीक उपस्थित रहे। भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। Edited By: Jagran Please follow and like us: Pran Pratishtha Vidhi – कई बार आप लोगों ने सुना होगा कि नवनिर्मित मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा क्यों की जाती है और ये कैसे की जाती है, ये बात बहुत कम लोग जानते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि किसी भी मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा क्यों की जाती है और इसका क्या विधि- विधान होता है। भगवान की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा क्यों की जाती है? – Pran pratishtha vidhi – murti sthapana mantra
Must Read – गुरु ग्रह को ऐसे करें मजबूत, मिलेगी धन, संतान, वैवाहिक जीवन में सफलता प्राण प्रतिष्ठा पूजा विधि और मंत्र – pran pratishtha kaise kare – pran pratishtha vidhi
‘अस्य श्री प्राण प्रतिष्ठा मंत्रस्य ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वराः ऋषय: ऋग्यजु सामानि छन्दांसि क्रियामय वपु: प्राणाख्या देवता. आं बीजं ह्रीं शक्तिः क्रौं कीलकम् अस्मिन ( जिन भगवान की मूर्ती स्थापित करनी है उनका नाम) यंत्रे प्राण प्रतिष्ठापने विनियोग।
Must Read – दुख और विपत्तियों से छुटकारा पाने के लिए करें ये वैदिक नियम प्राण प्रतिष्ठा मंत्र – pran pratishtha mantra pdf ॐ आं ह्रीं क्रौं यं रं लं वं शं षं सं हों।। Must Read – जानिए कुंडली में जब चार ग्रह एक साथ हों, तो जातक पर क्या प्रभाव पड़ता है Read more articles like; Pran Pratishtha Vidhi, हमारे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर हमें फ़ॉलो करें और हमारे वीडियो के बेस्ट कलेक्शन को देखने के लिए, YouTube पर हमें फॉलो करें। शिव परिवार की मूर्ति स्थापना कैसे करें?भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत है जो उत्तर दिशा में स्थित है। इसीलिए जब भी घर में शिव जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें तो इसे उत्तर दिशा में रखें। घर में कभी भी शिव जी की ऐसी प्रतिमा या मूर्ति स्थापित ना करें जिसमें वह क्रोध मुद्रा में हों। क्योंकि इसे विनाश का प्रतीक माना गया है।
शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा कब करें?शिवलिंग को ईशान में स्थापित तो करें परन्तु प्राण-प्रतिष्ठा और चक्षु दान आदि कभी नही करना चाहिए। शिवलिंग पर प्राण-प्रतिष्ठा करना हमेशा से ही वर्जित माना गया है। शिव स्थापना में नंदी जी की मूर्ति शिव की और मुख किये हुए स्थापित करना अत्यावश्यक है तथा शिव के दाहनी और त्रिशूल का स्थापित करें।
पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करें?आइये जानते है किसी भी शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठित करने की विधि के बारे में :. प्राण प्रतिष्ठा के लिए एक पात्र में दूध के अंदर तीन दिनों तक इसे रखें।. इसके बाद उस पात्र से उठाकर शिवलिंग को 3 दिन तक गंगाजल में रखना होता है।. उसके बाद ही उसे स्थापित करना चाहिए।. शिव परिवार की पूजा कैसे की जाती है?पूजा स्थल पर बैठकर चौकी पर भगवान शिव और पार्वती का चित्र स्थापित कर पवित्रीकरण करें. उसके बाद भगवान शिव का जल से अभिषेक करें. पूजा में शिव जी को बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल अर्पित करें. भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल और दूध चढ़ाएं.
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