शिवलिंग की स्थापना किस दिशा में करें - shivaling kee sthaapana kis disha mein karen

शिवलिंग की स्थापना किस दिशा में करें - shivaling kee sthaapana kis disha mein karen

शिवलिंग की पूजा उपासना शिव पूजा में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं। शिवलिंग घर में अलग तरह से स्थापित होता है और मंदिर में अलग तरीके से। शिवलिंग कहीं भी स्थापित हो पर उसकी वेदी का मुख उत्तर दिशा की तरफ ही होना चाहिए- क्योंकि, पूर्व में शिव जी की ऊर्जा प्रवाहित होती रहती हैं|

शिवलिंग की पूजा करने का भी विधान होता है

शिवलिंग की पूजा करने का भी विधान होता है। जिस स्थान पर शिवलिंग स्थापित होता है, उससे पूर्व दिशा की ओर मुख करके भूल कर भी नहीं बैठना चाहिए और उत्तर दिशा में भी नहीं बैठना चाहिए। क्योंकि इस उत्तर दिशा में भगवान शिव जी का बाया अंग होता है और शक्ति रूपा देवी उमा/पार्वती जी का स्थान होता है।

शिवलिंग की पूजा किस दिशा में बैठकर करनी चाहिए

शिवलिंग पूजा के समय भक्त के बैठने की दिशा लोगों को अच्छी प्रकार जान लेने चाहिए, अन्यथा इसके दुष्प्रभाव भी कभी कभी मिलने लगते हैं। उत्तर दिशा में इसी कारण शिवलिंग की वेदी का मुख बनाया जाता है। शिव लिंग में ऊर्जा का प्रभाव बहुत अधिक होता रहता है और उसमे दोनों शक्तिया विधमान रहती हैं, इसलिए शिव लिंग के सामने से भी जल दूध, दही अभिषेक नहीं करने चाहिए। 

जब आप शिवलिंग की पूजा करते हैं तब पूजा के दौरान शिवलिंग से पश्चिम दिशा में बैठना उचित नहीं होता है क्योंकि इस दिशा में शिवजी की पीठ होती है जिसकी वजह से पीछे से देव पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति नहीं हो पाती है। अगर शिवलिंग से दक्षिण दिशा में बैठकर पूजा की जाए तो इससे सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

शिवलिंग की स्थापना किस दिशा में करें - shivaling kee sthaapana kis disha mein karen

वेदि का मुख उत्तर की तरफ क्यों होता है

शिवलिंग की वेदी का मुख उत्तर दिशा की तरफ दो कारणों से होता है। 

पल भर बाद आपको ध्यान आएगा कि शिवलिंग पूरे भारत में समान रूप से स्थापित किए गए हैं। मंदिर भव्य हो या ना हो, कई जगह तो केवल वृक्ष के नीचे शिवलिंग स्थापित किए गए हैं। इसका एक कारण यह भी था कि यात्रियों को दिशाओं का ज्ञान हो सके। 

दूसरा कारण यह है कि शिवलिंग की वेदी का मुख उत्तर दिशा की तरफ रखने से शिव भक्तों को आसानी से यह पता लग जाता है कि उन्हें दक्षिण दिशा में उपस्थित होकर शिवलिंग का अभिषेक करना है। क्योंकि शिवलिंग के पूर्व एवं पश्चिम दिशा में उपस्थित होकर अभिषेक करना अच्छा नहीं माना जाता है।  Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article

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महाशिवरात्रि का त्‍योहार इस वर्ष 4 मार्च, सोमवार को है। इस दिन देश भर के मंदिरों में शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जाता है। वहीं कुछ लोग इस अवसर पर अपने घर में भी शिवलिंग की स्‍थापना करते हैं। घर को लेकर बनाए गए वास्‍तु में हर वस्‍तु के लिए एक विशेष दिशा का निर्धारण किया गया है। अगर आप भी अपने घर में शिवलिंग को स्‍थापित करने के बारे में सोच रहे हैं तो यह वास्‍तु सम्‍मत होनी चाहिए। इसकी दिशा और स्‍थान वास्‍तु के अनुसार तय किया जाना श्रेष्‍ठ माना जाता है। अन्‍यथा आपको शुभ फल की बजाए अशुभ परिणाम भी प्राप्‍त हो सकते हैं।

यह दिशा है सर्वथा शुभ
अगर आप घर में शिवलिंग स्थापित करने जा रहे हैं तो आप शिवलिंग की स्थापना इस प्रकार से करें कि पूजा करते समय आपका मुख दक्षिण दिशा में रखें। इसे ऐसी जगह पर स्थापित न करें जहां पर अंधेरा रहता हो, इसे खुली जगह पर स्थापित करने से लाभ होता है। जिस स्थान पर शिवलिंग स्थापित किया जाता है उससे पूर्व में मुख करके पूजा करना सही नहीं माना जाता है। शिवलिंग के उत्‍तर में भी नहीं बैठना चाहिए, क्‍योंकि इस दिशा में भगवान का बांया अंग होता है और शक्तिस्‍वरूपा मां उमा का स्‍थान होता है। वहीं शिवलिंग के पश्चिम में बैठकर भी पूजा नहीं करनी चाहिए, क्‍योंकि इस दिशा में पूजा करने से अशुभ फल की प्राप्ति होती है।

शिवलिंग की स्थापना किस दिशा में करें - shivaling kee sthaapana kis disha mein karen

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नियमित रूप से करें अभिषेक
घर में एक बार शिवलिंग की स्‍थापना करने के बाद नियमित तौर पर उसका अभिषेक करना अनिवार्य होता है। ऐसा न करने से घर में दोष लगने लगता है और घर के सदस्यों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इस मंत्र का करें जप
पूजा प्रारंभ करने के बाद रोजाना इस मंत्र का जप अवश्‍य करें।

स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः, स्वस्ति ना पूषा विश्ववेदाः,
स्वस्ति न स्तारक्ष्यो अरिष्टनेमि स्वस्ति नो बृहस्पति र्दधातु।।

इसके बाद शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें और बेलपत्र चढ़ाएं, अंत में भगवान शिव के सबसे प्रमुख महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

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सदैव प्रवाहित रहे जलधारा
वास्‍तु में बताया गया है कि शिवलिंग से हर वक्‍त ऊर्जा का संचार होता है, ऊर्जा की इतनी मात्रा का संतुलन बनाए रखने के लिए शिवलिंग पर जलधारा का प्रवाह बने रहना चाहिए। याद रखें कि घर में शिवलिंग स्‍थापित करें तो उस पर जलधारा की भी व्‍यवस्‍था बनाकर रखें।

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शिवलिंग का मुंह किधर होना चाहिए?

शिवलिंग को पूर्व या उत्तर दिशा में रखना शुभ माना जाता है। ज्योतिर्लिंग का मुख हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए क्योंकि कैलाश पर्वत उत्तर में स्थित है और पूर्व को शिव की दिशा माना जाता है।

शिवलिंग की पूजा कौन सी दिशा में बैठकर करनी चाहिए?

पश्चिम दिशा में बैठकर अभिषेक करना उचित नहीं माना जाता क्योंकि पश्चिम दिशा की तरफ भगवान शिव की पीठ होती है और पीठ के पीछे बैठकर किसी की पूजा करना शुभ नहीं होता। शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए दक्षिण दिशा में बैठना एकमात्र सही और शास्त्र सम्मत है। दक्षिण दिशा में बैठकर अभिषेक करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

घर में शिवलिंग कैसे स्थापना करें?

क्या है शिवलिंग की स्थापना के नियम शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग घर में अलग और मंदिर में अलग तरह से स्थापित करना चाहिए. शिवलिंग की वेदी का मुख उत्तर दिशा की तरफ ही होना चाहिए. घर में स्थापित शिवलिंग बहुत ज्यादा बड़ा ना हो. ये ज्यादा से ज्यादा 6 इंच का होना चाहिए.

शिवलिंग का मुख कौन सा है?

शिवलिंग की वेदी का मुख उत्तर दिशा की तरफ दो कारणों से होता है। पल भर बाद आपको ध्यान आएगा कि शिवलिंग पूरे भारत में समान रूप से स्थापित किए गए हैं। मंदिर भव्य हो या ना हो, कई जगह तो केवल वृक्ष के नीचे शिवलिंग स्थापित किए गए हैं। इसका एक कारण यह भी था कि यात्रियों को दिशाओं का ज्ञान हो सके।