टीबी के मरीज को क्या पीना चाहिए? - teebee ke mareej ko kya peena chaahie?

World TB Day 2022 टीबी के मरीजों के लिए जरूरी है अपनी इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाना जिसमें खानपान का बहुत महत्व होता है। तो किस तरह का बदलाव खानपान में जरूरी है जान लें विस्तार से यहां औऱ फॉलो भी करें।

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नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क,  World TB Day 2022: ट्यूबरक्लोसिस यानी टीबी एक जीवाणु के जरिए फैलने वाला रोग है जिसे माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नाम से जाना जाता है। अगर किसी व्यक्ति को टीबी है और वह व्यक्ति बिना किसी सुरक्षा के खांसता, बोलता या छींकता है तो उसके मुंह से निकले छींटे दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकते हैं।  

टीबी के मरीजों के लिए डाइट

कमजोर इम्युनिटी वालों को टीबी होने की संभावना ज्यादा रहती है इसलिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। तो अगर आप टीबी के मरीज हैं तो अपनी डाइट में खासतौर से प्रोटीन के साथ विटामिन D, E, C, A, B काम्प्लेक्स, सेलेनियम, ज़िंक, फोलिक एसिड और कैल्शियम से भरपूर चीज़ों को शामिल करें। बीमारी में बॉडी को पोषक तत्वों की ज्यादा जरूरत होती है ऐसे में एक बार में ही सारी चीज़ें खाने के बजाय, थोड़ी-थोड़ी देर के अंतराल पर खाएं। इन फल और सब्जियों को जरूर खाएं।

हरी पत्तेदार सब्जियां

वैसे तो लगभग हर तरह की सब्जियां डाइट में शामिल करें लेकिन ब्रोकली, गाजर, टमाटर, शकरकंद जैसी सब्जियां खासतौर से, क्योंकि ये एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती हैं। इसके अलावा साबुत अनाज को भी प्रियोरिटी दें। 

फल

टीबी के मरीज़ों को विटामिन A, E और विटामिन C से भरपूर फलों का सेवन करना चाहिए। नींबू, आंवला, संतरा, आम, अमरूद जैसे फलोंं में कई तरह के विटामिन्स और पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो इन मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद हैं।

ग्रीन टी

अगर आप टीबी की समस्या से जूझ रहे हैं, तो चाय व कॉफी का सेवन बंद कर, ग्रीन टी पीने की आदत डालें। जो टीबी के इलाज में बेहद कारगर है। यह शरीर के अंदर मौजूद गंदगी को बाहर निकालने का काम करती है।

लहसुन

टीबी के पेशेंट्स को लहसुन का भी सेवन करना चाहिए। रोजाना सुबह लहसुन की दो या तीन कलियां चबाने से टीबी के साथ मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर जैसी कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है। लहसुन में मौजूद एलिसिन तत्व टीबी के बैक्टीरिया पर सीधा असर करता है। 

Edited By: Priyanka Singh

खाद्य पदार्थों में मौजूद पोषक तत्व कई बीमारियों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाव कर सकते हैं। इसके लिए जरूर होता है एक बेहतर डाइट प्लान। एक अच्छी डाइट रोगी को जरूरी पोषक तत्व देकर स्वास्थ्य संबंधी समस्या से लड़ने और उसके लक्षण कम करने में मदद कर सकती है। फिर चाहे वह टीबी की समस्या ही क्यों न हो। टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस की समस्या में अच्छी डाइट से क्या-क्या फायदे मिल सकता है स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में जानिए। यहां हम टीबी के लिए डाइट चार्ट यानी टीबी में क्या खाएं यह बताएंगे। साथ ही टीबी में क्या नहीं खाना चाहिए, इसकी भी जानकारी देंगे।

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आर्टिकल में सबसे पहले हम आपको बता रहे हैं कि टीबी क्या है।

विषय सूची

  • टीबी क्या है – What is Tuberculosis
  • टीबी की समस्या में बेहतर डाइट का क्या महत्व है? – Diet for TB patient in hindi
  • टीबी डाइट चार्ट – Sample Diet Plan for Tuberculosis (TB) prevention in Hindi
  • टीबी की बीमारी में क्या खाएं – Foods for Tuberculosis (TB) In Hindi
  • टीबी की बीमारी में क्या ना खाएं – Foods to Avoid in Tuberculosis (TB) in Hindi
  • टीबी के इलाज लिए आपकी जीवनशैली – Lifestyle changes in Tuberculosis Treatment In Hindi
  • टीबी रोग में ध्यान रखने वाली जरूरी बातें
  • टीबी में डाइट से हाेने वाले फायदे- Benefits Of The Tuberculosis Diet in Hindi
  • टीबी में डाइट से हाेने वाले नुकसान- Side Effects Of The Tuberculosis Diet in Hindi

टीबी क्या है – What is Tuberculosis

टीबी एक बीमारी है, जिसका पूरा नाम ट्यूबरक्लोसिस है। इसे हिंदी में क्षय रोग कहा जाता है। यह बीमारी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के कारण होती है। आमतौर पर इस बैक्टीरिया का असर फेफड़ों पर होता है, लेकिन यह शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करता है। इस बीमारी में 3 हफ्ते या

उससे अधिक समय तक खांसी आना और वजन व भूख में कमी होना, बलगम में खून आने जैसे टीबी के लक्षण दिखाई देते हैं। यह बीमारी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वालों को होने की आशंका होती है (1)।

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टीबी के बारे में जानने के बाद पढ़िए कि टीबी में बेहतर डाइट चार्ट का क्या महत्व है।

टीबी की समस्या में बेहतर डाइट का क्या महत्व है? – Diet for TB patient in hindi

आहार में मौजूद पोषक तत्व टीबी की समस्या को कुछ कम कर सकते हैं। लेकिन, इस बीमारी में भूख की कमी हो जाती है, जिससे शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाते। इस वजह से यह समस्या और बिगड़ सकती है। साथ ही कुपोषण भी हो सकता है (2)। इसी वजह से डाइट पर ध्यान देना जरूरी है।

इस बीमारी में कैलोरी, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-ए, विटामिन-डी और विटामिन-ई जैसे पोषक तत्वों को जरूरी माना जाता है (3)। इन पोषक तत्वों से भरपूर डाइट टीबी से राहत दिलाने में कुछ हद तक मदद कर सकते हैं। भले ही भूख न लगे फिर भी रोगी को पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेनी चाहिए, ताकि बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ सके।

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अब हम एक नमूना टीबी डाइट चार्ट दे रहे हैं, जिसकी मदद से इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।

टीबी डाइट चार्ट – Sample Diet Plan for Tuberculosis (TB) prevention in Hindi

क्षय रोग में आहार फायदेमंद होता है, यह हम आपको ऊपर बता ही चुके हैं। इसी वजह से हम नीचे पोषक तत्वों से भरपूर ट्यूबरक्लोसिस यानी टीबी डाइट चार्ट दे रहे हैं। यह एक नमूना डाइट चार्ट है। इसमें मौजूद खाद्य पदार्थों से अगर एलर्जी हो, तो उसके विकल्प का सेवन कर सकते हैं (4):

Mealsक्या खाएं/What To Eat
नाश्ता/Breakfast (सुबह 6 से 7 बजे के बीच) दूध के साथ बटर टोस्ट, आधा उबला हुआ या फिर पका हुआ अंडा, दलिया व ओटमील इनमें से किसी भी एक का सेवन कर सकते हैं
ब्रंच/ Mid Morning

(9 से 9:30 बजे के बीच)

एक गिलास दूध और पोहा
दोपहर का खाना/Lunch

(12 से 1 बजे के बीच)

एक कटोरी चावल, सब्जी, मीट की करी, चटनी, दही और नींबू ले सकते हैं
शाम का नाश्ता/Evening 

(4 से 4:30 बजे के बीच)

दूध, फल या  मिठाइयां
रात का खाना/Dinner 

(7 से 8 बजे के बीच)

रोटी, सब्जियां, दाल, चावल और दूध ले सकते हैं

नोट: टीबी की समस्या होने पर डॉक्टर से पूछकर ही अपना डाइट चार्ट प्लान करें। डॉक्टर वजन और उम्र के हिसाब से खाद्य पदार्थ की सही मात्रा और क्षय रोग में आहार की जानकारी दे सकते हैं।

बने रहें लेख में

डाइट चार्ट के बाद जानते हैं कि टीबी की बीमारी में क्या खाना चाहिए।

टीबी की बीमारी में क्या खाएं – Foods for Tuberculosis (TB) In Hindi

ऊपर डाइट चार्ट में दी गई खाद्य सामग्रियों के अलावा टीबी में क्या खाना चाहिए यह सोच रहे हैं, तो इसका जवाब आपको नीचे मिलेगा। यहां हमने विस्तार से टीबी होने पर क्या खाना चाहिए बताया है।

  • ग्रीन टी

ग्रीन टी का सेवन टीबी की समस्या में अच्छा साबित हो सकता है। एक शोध के अनुसार, ग्रीन टी में एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (ईजीसीजी) नामक पॉलीफेनोल्स होते हैं। यह पॉलीफेनोल्स टीबी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, काली चाय और ऊलोंग टी को भी टीबी में फायदेमंद माना जाता है (5)।

  • अदरक

टीबी की समस्या होने पर अदरक का उपयोग खाना बनाते समय किया जा सकता है। इस विषय पर हुए एक शोध में पाया गया है कि अदरक में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गतिविधि होती हैं। ये दोनों प्रभाव डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली एंटी टीबी थेरेपी के साथ टीबी के उपचार में मदद कर सकते हैं (6)।

  • दूध

दूध का सेवन टीबी की समस्या में फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, दूध में प्रोटीन, फैट और कई माइक्रोन्यूट्रिएंट होते हैं, जो टीबी की समस्या में होने वाले पोषक तत्वों की कमी की पूर्ति में फायदेमंद हो सकते हैं (7)।

  • अंडा

अंडे का सेवन टीबी की समस्या के दौरान लाभदायक हाे सकता है। शोध के अनुसार अंडे में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। अंडे में पाया जाने वाला प्रोटीन टीबी के दौरान कम होने वाले वजन को नियंत्रित रखने में मददगार हो सकता है। इसके अलावा इसमें कई प्रकार के मिनरल्स और विटामिन की भी अच्छी मात्रा होती है (7)।

  • लहसुन

लहसुन में पाए जाने वाले एलिसिन और अजीन नामक यौगिक टीबी के बैक्टीरिया को फैलने से रोकने में मदद कर सकते हैं। इन यौगिकों में एंटी माइकोबैक्टीरियल प्रभाव होता है, जो टीबी के बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक हो सकते हैं। ऐसे में लहसुन का सेवन करके ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया को फैलने से रोकने के साथ ही टीबी के लक्षण को कम करने में मदद मिल सकती है (8)।

  • एनर्जी से भरपूर खाद्य

कार्बोहाइड्रेट और वसा युक्त खाद्य पदार्थ शरीर को भरपूर एनर्जी देते हैं और टीबी के दौरान कमजोर पड़ने वाले शरीर को एनर्जी दे सकते हैं। ऊर्जा से भरपूर खाद्य पदार्थों में साबुत अनाज, बाजरा, वनस्पति तेल, घी, मक्खन आदि शामिल हैं। कार्बोहाइड्रेट और वसा युक्त खाद्य सामग्री के साथ ही अन्य जरूरी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, फाइबर, मिनरल्स, कैल्शियम, आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों से भी ऊर्जा मिलती है (7)।

  • प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ

प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों में दाल, नट्स, दूध और दूध से बने उत्पाद, अंडा, मछली आदि शामिल हैं। इन पदार्थों से बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन, वसा, फाइबर कैल्शियम, विटामिन ए, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी12, आयरन, आयोडीन और वसा जैसे पोषक तत्व भी शरीर को मिल सकते हैं। इन सभी पोषक तत्वों को टीबी में फायदेमंद माना गया है (7)।

  • सब्जियां और फल

टीबी डाइट में ताजा सब्जियों और फलों को भी शामिल करें। खासकर हरी पत्तेदार सब्जियों को। इनसे शरीर को जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स मिल सकते है। साथ ही यह खाद्य पदार्थ एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर से भी संपन्न होते हैं (7)।

  • साबूत काली मिर्च

काली मिर्च का उपयोग टीबी के लक्षणों को कम करने और टीबी से बचाव के लिए किया जा सकता है। शोध में पाया गया कि, काली मिर्च में पीपरिन (Piperine) नामक कंपाउंड होता है। यह कंपाउंड इम्युनोमॉड्यूलेटरी यानी शरीर की जरूरत के हिसाब से इम्यूनिटी को बढ़ाने वाला प्रभाव होता है (9)। यह गुण टीबी के बैक्टीरिया से लड़ने में मददगार हो सकता है। साथ ही यह माइकोबैक्टीरियल को पनपने से भी रोक सकता है (10)।

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टीबी की बीमारी में क्या खाएं जानने के बाद टीबी में क्या नहीं खाना चाहिए, इसपर एक नजर डाल लेते हैं।

टीबी की बीमारी में क्या ना खाएं – Foods to Avoid in Tuberculosis (TB) in Hindi

टीबी की बीमारी होने पर कुछ चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। यहां हम आपको बता रहे हैं कि टीबी में परहेज के बारे में (4) (7)।

  • अल्कोहल के सेवन से बचें
  • धूम्रपान न करें।
  • जंक फूड न खाएं।
  • तम्बाकू और उससे बने उत्पाद का सेवन नहीं करना चाहिए
  • अधिक मात्रा में कॉफी के सेवन से भी बचना चाहिए।
  • ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें, जिनमें पोषक तत्वों की मात्रा बहुत कम होती है।
  • ज्यादा तला-भुना खाने से बचें।
  • कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन ज्यादा न करें।

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लेख के इस भाग में हम बता रहे हैं कि टीबी के इलाज के लिए जीवन शैली कैसी होनी चाहिए।

टीबी के इलाज लिए आपकी जीवनशैली – Lifestyle changes in Tuberculosis Treatment In Hindi

टीबी के इलाज में एक अच्छी जीवन शैली को अपनाना फायदेमंद हो सकता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि टीबी के इलाज के लिए किस प्रकार की जीवन शैली को अपनाना चाहिए।

  • शराब, धूम्रपान और अन्य नशीले पदार्थों से दूरी बनाए रखें।
  • टीबी के कारण शरीर में कमजोरी आ सकती है, इसलिए ज्यादा मेहनत के काम न करें।
  • नियमित रूप से हल्के व्यायाम करते रहें।
  • समय-समय पर आराम भी करें।
  • डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह का पालन करें
  • नियमित दवाओं का सेवन करना चाहिए।
  • जब भी खांसी या छींक आए, तो कपड़े से मुंह को ढक लें।
  • साफ-सफाई का ध्यान रखें।

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टीबी में परहेज के बाद हम कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं, जिनका ध्यान रोगियों को रखना चाहिए।

टीबी रोग में ध्यान रखने वाली जरूरी बातें

टीबी की बीमारी में कुछ बातों का ध्यान रखने से इस समस्या को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने से रोका जा सकता है। यहां हम आपको इस समस्या के दौरान बरती जाने वाली कुछ सावधानियों के बारे में बता रहे हैं।

  • सार्वजनिक स्थान पर खांसी या छींक आती है, तो मुंह ढकने के लिए टिश्यू का इस्तेमाल करें और फिर उसे कूड़ेदान में डाल दें।
  • टीबी के मरीज द्वारा उपयोग किए जाने वाले कपड़े, जैसे तौलिए और रुमाल काे अलग रखें।
  • टीबी के मरीजों को बच्चों और बुजुर्गों से दूरी बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि इनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है (11)। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण उन्हें टीबी होने की आशंका हो सकती है (12)।
  • छींकने और खांसने के बाद हाथों को जरूर धोएं
  • पोषक तत्वों से भरपूर फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
  • कुछ देर सूर्य के प्रकाश में भी बैठें। यह विटामिन डी का प्राकृतिक स्रोत है।
  • ऐसे कमरे में रहें, जहां ताजी हवा आती हो यानी हवादार कमरे में रहें।
  • गर्भावस्था में टीबी होने पर खानपान का विशेष ध्यान रखें (12)।
  • मिर्च मसाले वाले भोजन से टीबी में परहेज करें।

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जरूरी टिप्स के बाद हम आपको टीबी डाइट के फायदे के बारे में बता रहे हैं।

टीबी में डाइट से हाेने वाले फायदे- Benefits Of The Tuberculosis Diet in Hindi

टीबी में ली जाने वाली डाइट के काफी फायदेमंद होती है। इससे शरीर को क्या-क्या लाभ मिलता है, यह हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं।

  • टीबी में ली जाने वाली डाइट शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मददगार हो सकती है।
  • टीबी डाइट इस बीमारी को बढ़ने से रोक सकती है।
  • यह डाइट टीबी के साथ ही शारीरिक कमजोरी को दूर करने में लाभदायक हो सकती है।
  • टीबी में लिए जाने वाले आहार इस बीमारी के लक्षणों को कुछ हद तक कम कर सकते हैं।
  • पोषक तत्व से भरपूर खाद्य पदार्थ बैक्टीरिया को फैलने से रोक सकते हैं।

अंत तक पढ़ें लेख

चलिए, अब टीबी डाइट से होने वाले नुकसान पर भी एक नजर डाल लेते हैं।

टीबी में डाइट से हाेने वाले नुकसान- Side Effects Of The Tuberculosis Diet in Hindi

टीबी की समस्या होने पर ली जाने वाली डाइट फायदेमंद होती है, क्योंकि इससे मरीज को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। हां, कुछ मामलों में इसके नुकसान भी हो सकते हैं। यहां हम टीबी डाइट के नुकसान बता रहे हैं।

  • अगर किसी खाद्य सामग्री से एलर्जी है, तो खुजली और लाल चकत्ते की समस्या हो सकती है।
  • कुछ विशेष खाद्य पदार्थों और पोषक तत्वों पर ध्यान देने की वजह से अन्य न्यूट्रिएंट्स की कमी हो सकती है।

टीबी डाइट की सही जानकारी इस समस्या से बचने और राहत पाने में मदद कर सकती है। बस यह ध्यान दें कि टीबी की स्थिति हर व्यक्ति में अलग होती है, इसलिए एक बार टीबी डाइट के बारे में डॉक्टर से बात जरूर करें। चिकित्सक द्वारा बताई गई टीबी की दवाई और पौष्टिक टीबी डाइट दोनों मिलकर इस बीमारी को फैलने और इसके असर को कम करने में मदद कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या टीबी पेशेंट चाय का सेवन कर सकता है?

हां, टीबी की समस्या में चाय का सेवन फायदेमंद हो सकता है (5)।

क्या टीबी के मरीज दूध पी सकते हैं?

हां, टीबी के मरीज को दूध दिया जा सकता है (4)।

क्या ग्रीन टी टीबी के लिए फायदेमंद होती है?

हां, ग्रीन टी टीबी की समस्या में फायदेमंद है (5)।

क्या टीबी की समस्या होने पर कॉफी का सेवन हानिकारक हो सकता है?

टीबी की समस्या होने पर कॉफी का सेवन किया जा सकता है, लेकिन बहुत कम मात्रा में (14)।

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टीबी के मरीज को क्या पीना चाहिए? - teebee ke mareej ko kya peena chaahie?

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टीबी के मरीज को क्या पीना चाहिए? - teebee ke mareej ko kya peena chaahie?

अनुज जोशी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में एमए किया है। अनुज को प्रिंट... more

TB के मरीज को कौन सा जूस पीना चाहिए?

इन सब्जियों में एंटीऑक्सिडेंट्स भरपूर होते हैं. फल- टीबी के संक्रमित व्यक्ति को फलों में अमरूद, सेब, संतरा, नींबू, आंवला, आम जैसे फल खाने चाहिए. इन फलों में विटामिन A, E और विटामिन C से काफी होता है. इसके अलावा इन फलों में कई दूसरे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं, जो शरीर को मजबूत बनाते हैं.

टीवी की बीमारी में क्या क्या खा सकते हैं?

टीबी में कौन से फल खाएं-Fuits to eat in pulmonary tuberculosis.
विटामिन ए से भरपूर फल खाएं विटामिन ए से भरपूर फल जैसे कि आम, चकोतरा, तरबूज, पपीता और अमरूद जैसे फलों का खाना फायदेमंद है। ... .
विटामिन सी से भरपूर फल खाएं ... .
विटामिन बी से भरपूर फल खाएं.

टीबी की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

टीबी के इलाज के लिए ये चार एंटीबायोटिक आवश्यक हैं:.
आइसोनायाज़िड (isoniazid).
रिफैम्पिसिन (rifampicin).
इथाम्बुटोल (ethambutol).
पाइरैजिनेमाइड (pyrazinamide).

क्या TB जड़ से खत्म हो सकती है?

यदि आपको टीबी है तो तुरंत डॉक्टर से मिले और इसका इलाज करवाएं। आप चाहें तो टीबी के लिए निजी अस्पताल से भी अपना उपचार करवा सकते हैं। पूर्ण और सटीक इलाज से टीबी को जड़ से खत्म किया जा सकता है।