दूध की एसिडिटी कैसे कम करें? - doodh kee esiditee kaise kam karen?

  • Hindi News
  • Women
  • Lifestyle
  • Cold Milk Removes Acidity And Stomach Irritation, These 4 Things Will Also Benefit

Show

डाॅ. रामचंद्र सोनी, एचओडी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, एशियन अस्पताल, फरीदाबाद2 वर्ष पहले

  • कॉपी लिंक

दूध की एसिडिटी कैसे कम करें? - doodh kee esiditee kaise kam karen?

आजक कई लोग पेट में गैस की समस्या से परेशान रहते हैं। पेट में दर्द, जलन, पेट फूलना और खट्‌टी डकारें आना आम समस्याएं बन गई हैं। इस तरह की दिक्कतों को नियंत्रित करने और पेट को स्वस्थ रखने के लिए इन पांच हेल्दी फूड को अपनी डाइट में शामिल करें। 

दूध की एसिडिटी कैसे कम करें? - doodh kee esiditee kaise kam karen?

1. दूध
 इसमें अधिक मात्रा में कैल्शियम होता है। कैल्शियम पीएच संतुलन को बनाए रखने और पाचन को सही बनाने में मदद करता है। यही कारण है कि ठंडा दूध एसिडिटी और एसिड रिफ्लक्स के दौरान होने वाली जलन से तुरंत राहत देता है। याद रखें कि ठंडा दूध गर्म दूध की तुलना में अधिक प्रभावी है। इसमें शक्कर या किसी भी प्रकार का पाउडर न मिलाएं।

दूध की एसिडिटी कैसे कम करें? - doodh kee esiditee kaise kam karen?

2. पाइनेप्पल 
इसका रस एसिडिटी और बदहजमी से राहत के लिए फायदेमंद है। अगर आपने मसालेदार भोजन किया है और एसिडिटी के लक्षण दिख रहे हैं तो एक गिलास अनन्नास का जूस पिएं। यह हाइपर एसिडिटी और बदहज़मी को कम करने के लिए आज़माया और परखा हुआ उपाय है।

दूध की एसिडिटी कैसे कम करें? - doodh kee esiditee kaise kam karen?

3. सौंफ
इसमें एनेथोल पाया जाता है जो पेट में ऐंठन कम करता है और पेट फूलने से रोकता है। यह विटामिन, खनिज और फाइबर से भी भरपूर होता है, जो अच्छे पाचन की प्रक्रिया में सहायता करता है। चूंकि इसमें एंटी अल्सर गुण भी होते हैं इसलि यह पेट को ठंडा करता है और कब्ज से राहत दिलाता है। गर्भवती महिलाओं में अपच और एसिडिटी से निपटने के लिए सौंफ के बीज भी बहुत काम आते हैं।

दूध की एसिडिटी कैसे कम करें? - doodh kee esiditee kaise kam karen?

4. तुलसी के पत्ते 
यह अक्सर एसिडिटी के साथ होने वाली बदहजमी और मतली से राहत देने में मदद करते हैं। पेट के एसिड को कम करने के लिए 2-3 तुलसी के पत्ते चबाएं। तुलसी के पत्तों में एंटी-अल्सर गुण भी होते हैं जो गैस्ट्रिक एसिड के प्रभाव को कम करते हैं और गैस उत्पादन को रोकते हैं। तुलसी के पत्तों का रस और पाउडर भी अक्सर इनडाइजेशन ठीक करने में उपयोग किया जाता है। 

दूध की एसिडिटी कैसे कम करें? - doodh kee esiditee kaise kam karen?

5. केला 
यह अपने हाई फाइबर गुणों की वजह से आंत और पेट के स्वासथ्य के लिए फायदेमंद होता है जो पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त करता है। केले में पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो पेट में एसिड को जमा होने से रोकता है और अत्याधिक एसिड उत्पादन के हानिकारक प्रभावों से भी लड़ता है। केला पेट की जलन दूर करने में मदद करता है। 

एसिडिटी की समस्या लगभग सभी को कभी न कभी हो जाती है। यह पाचन तंत्र से संबंधित आम समस्या है, अत्यधिक तैलीय और मसालेदार भोजन करने से पेट में पित्त के बढ़ने से एसिडिटी की शिकायत हो जाती है और पेट में जलन एवं खट्टी डकारों का सामना व्यक्ति को करना पड़ता है। हमारे पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड पेपसीन मौजूद होता है जो भोजन के पाचन में अहम भूमिका निभाता है। हाइड्रोक्लोरिक एसिड भोजन को टुकड़ों में तोड़ता है और बाहरी बैक्टेरिया से रोगों को बचाता है। हमारे पेट की परत इस एसिड के लिए अनुकूलित होती है इसलिए यह पेट को नुकसान नहीं पहुँचाती। एसिडिटी यदि बार-बार होती है तो यह गैस्ट्रो इसोफेगल डिजीज (Gastro Oesophaegal Disease (GERD) में भी बदल सकती है।

दूध की एसिडिटी कैसे कम करें? - doodh kee esiditee kaise kam karen?

कभी-कभी अनुचित भोजन के कारण यह समस्या सभी को हो सकती है परंतु कुछ लोगों में यह समस्या अधिक होने लगती है जिसे नजरअन्दाज नहीं करना चाहिए अधिक होने पर यह समस्या गंभीर रूप भी ले सकती है। इसलिए सबसे पहले घरेलू नुस्खों को आजमाना चाहिए।

Contents

  • 1 एसिडिटी क्या है? (What is Acidity?)
  • 2 एसिडिटी होने के कारण (Causes of Acidity)
  • 3 एसिडिटी के लक्षण (Symptoms of Acidity)
  • 4 एसिडिटी से बचने के उपाय (How to prevent Acidity)
  • 5 एसिडिटी से राहत पाने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Acidity in Hindi)
    • 5.1 ठंडा दूध, एसिडिटी कम करने में सहायक (Cold milk helps to relieve from Acidity in Hindi)
    • 5.2 जीरा और अजवाइन का मिश्रण एसिडिटी में कारगर (Jeera and ajwain mixture helps to ease Acidity in Hindi)
    • 5.3 सौंफ एसिडिटी में फायदेमंद (Fennel seed benefits for Acidity in Hindi)
    • 5.4 एसिडिटी से लड़ने में सहायक है दालचीनी (Cinnamon beneficial in Acidity in Hindi)
    • 5.5 गुड़ का सेवन पेट की एसिडिटी को करता है कम (Jaggary helps to get rid of Acidity in Hindi)
    • 5.6 केला एसिडिटी के लक्षणों से दिलाये राहत (Banana helps to get relieve from the symptoms of Acidity in Hindi)
    • 5.7 नारियल पानी एसिडिटी से लड़ने में करे मदद (Coconut water helps to treat Acidity in Hindi)
    • 5.8 एसिडिटी का करे उपचार तुलसी (Tulsi help to treat Acidity in Hindi)
    • 5.9 गुलकंद एसिडिटी से आराम दिलाने में करे सहायता (Gulkand helps to get relief from Acidity in Hindi)
    • 5.10 आंवला का मिश्रण एसिडिटी से दिलाये राहत (Amla mixture Relives Acidity in Hindi)
    • 5.11 एसिडिटी के लिए फायदेमंद जायफल और सोंठ का मिश्रण (Nutmeg and dry ginger mixture good for Acidity in Hindi)
    • 5.12 गिलोय एसिडिटी कम करने में लाभदायक (Giloy helps in Acidity in Hindi)
  • 6 डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए (When to see a Doctor)

एसिडिटी क्या है? (What is Acidity?)

आयुर्वेद में हाइपरएसिडिटी को अम्लपित्त कहा गया है तथा सामान्य भाषा में इसे पित्त बनना भी कहते है। अधिक मसालेदार,  गर्म एवं तीखे भोजन के सेवन के कारण व्यक्ति को एसिडिटी हो जाता है। आयुर्वेद में दोषों के असंतुलन के कारण रोग उत्पन्न होता है। किसी दोष के अधिक बढ़ने या घटने के कारण दोष असंतुलित अवस्था में आकर रोगोत्पत्ति करते है। अम्लपित्त में मुख्यत पित्त दोष बढ़कर अम्लता उत्पन्न करता है जिस कारण व्यक्ति को सीने में जलन और खट्टी डकारें आती है।

आयुर्वेदीय उपचार सही खान-पान और जीवनशैली का भी निर्देश देता है अत इसमें पित्त को कम करने वाला उपचार के साथ-साथ पित्त को कम करने वाले आहार सेवन करने का भी निर्देश दिया जाता है, यदि उपचार करते समय निर्दिष्ट आहार का पालन न किया जाए तो रोग ठीक नहीं होता। अत: आयुर्वेदीय उपचार में खान-पान पर भी ध्यान रखना चाहिए।

एसिडिटी होने के कारण (Causes of Acidity)

एसिडिटी होने के बहुत सारे कारण हैं जिनमें ये प्रमुख हैं-

  • अत्यधिक मिर्च-मसालेदार और तैलीय भोजन करना।
  • पहले खाए हुए भोजन के बिना पचे ही पुन भोजन करना।
  • अधिक अम्ल पदार्थों के सेवन करने पर।
  • पर्याप्त नींद न लेने से भी हाइपर एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
  • बहुत देर तक भूखे रहने से भी एसिडिटी की समस्या होती है।
  • लम्बे समय से पेनकिलर जैसी दवाइओं का सेवन करने से।
  • गर्भवती महिलाओं में भी एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो जाती है।
  • नमक का अत्यधिक सेवन करने से।
  • शराब और कैफीन युक्त पदार्थ का अधिक सेवन।
  • अधिक भोजन करना और भोजन करते ही सो जाना।
  • अधिक धूम्रपान के कारण।
  • कभी-कभी अत्यधिक तनाव लेने के कारण भी भोजन ठीक प्रकार से हजम नहीं होता और एसिडिटी की समस्या हो जाती है।
  • आजकल किसान फसल उगाने में कई प्रकार के कीटनाशक और उर्वरक का इस्तेमाल करते है, जिससे यह जहरीले रासायनिक खाद्य पदार्थ खाद्य सामग्रियों के माध्यम से शरीर में पहुँच कर पेट से संबंधित रोग उत्पन्न करते है।

एसिडिटी के लक्षण (Symptoms of Acidity)

वैसे तो एसिडिटी का मूल लक्षण पेट में गैस पैदा होना होता है, लेकिन इसके सिवा और भी लक्षण होते हैं जो आम होता है-

  • सीने में जलन जो भोजन करने के बाद कुछ घंटो तक लगातार रहती है।
  • खट्टी डकारों का आना कई बार डकार के साथ खाने का भी गले तक आता है।
  • अत्यधिक डकार आना और मुँह का स्वाद कड़वा होना
  • पेट फूलना
  • मिचलाहट होना एवं उल्टी आना
  • गले में घरघराहट होना
  • साँस लेते समय दुर्गन्ध आना
  • सिर और पेट में दर्द
  • बैचेनी होना और हिचकी आना

एसिडिटी से बचने के उपाय (How to prevent Acidity)

आम तौर पर असंतुलित भोजन और जीवनशैली के कारण एसिडिटी की समस्या होती है। इसके लिए अपने जीवनशैली और आहार में कुछ बदलाव लाने पर एसिडिटी की समस्या को कुछ हद तक नियंत्रण में लाया जा सकता है।

  • टमाटर भले ही खट्टा होता है लेकिन इससे शरीर में क्षार की मात्रा बढ़ती है और इसके नियमित सेवन से एसिडिटी की शिकायत नहीं होती।
  • खाने के बाद नियमित रूप से एक कप अनानास के रस का सेवन करें।
  • तैलीय एवं मिर्च-मसालेदार भोजन से दूर रहें, जितना हो सके सादा एवं कम मसाले वाला भोजन करें।
  • पेट भर भोजन के बाद तुरन्त न सोए। सोने से लगभग दो घंटे पहले ही भोजन कर लें।
  • भोजन करने के बाद टहलने की आदत डालें।
  • सुबह उठकर नियमित रूप से 23 गिलास ठंडा पानी पिए तथा उसके लगभग एक घंटे तक कुछ न खाए।
  • जंकफूड, प्रिजरवेटिव युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन बिल्कुल न करें।
  • चाय और कॉफी का सेवन कम से कम करें।
  • एक ही बार में बहुत सारा खाना खाने की बजाय कम मात्रा में 23 बार खाए।
  • अनार और आँवला को छोड़कर अन्य खट्टे फलों से परहेज करना चाहिए।
  • नाश्ते में पपीते के फल का सेवन करें।
  • योग एवं प्राणायाम करें।

और पढ़ें: कालमेघ के सेवन से एसिडिटी में लाभ

आम तौर पर एसिडिटी से राहत पाने के लिए लोग पहले घरेलू नुस्खों (home remedies for acidity) पर ही ऐतबार करते हैं। चलिये ऐसे कौन-कौन-से घरेलू उपाय हैं जो एसिडिटी दूर करने में सहायता करते हैं-

ठंडा दूध, एसिडिटी कम करने में सहायक (Cold milk helps to relieve from Acidity in Hindi)

एसिडिटी होने पर ठंडे दूध में एक मिश्री मिलाकर पीने से राहत मिलती है।

दूध की एसिडिटी कैसे कम करें? - doodh kee esiditee kaise kam karen?

जीरा और अजवाइन का मिश्रण एसिडिटी में कारगर (Jeera and ajwain mixture helps to ease Acidity in Hindi)

एक चम्मच जीरे और अजवायन को भूनकर पानी में उबाल लें और इसे ठण्डा कर के चीनी मिलाकर पिए।

और पढ़ें : जीरे के फायदे और उपयोग 

सौंफ एसिडिटी में फायदेमंद (Fennel seed benefits for Acidity in Hindi)

खाना खाने के बाद सौंफ चबाने से एसिडिटी से राहत मिलती है।

और पढ़ें : सौंफ खाने के फायदे 

एसिडिटी से लड़ने में सहायक है दालचीनी (Cinnamon beneficial in Acidity in Hindi)

दालचीनी एक नैचुरल एंटी एसिड के रूप में काम करता है और हजम शक्ति को बढ़ाकर अतिरिक्त एसिड बनने से रोकता है।

और पढ़ें : दालचीनी के फायदे और नुकसान 

गुड़ का सेवन पेट की एसिडिटी को करता है कम (Jaggary helps to get rid of Acidity in Hindi)

भोजन के बाद या दिन में कभी भी गुड़ का सेवन करें। गुड़ पाचन क्रिया को सुधार कर पाचन तंत्र को अधिक क्षारीय बनाता है और पेट की अम्लता को कम करता है।

और पढ़ें – एसिडिटी में नीम के फायदे

केला एसिडिटी के लक्षणों से दिलाये राहत (Banana helps to get relieve from the symptoms of Acidity in Hindi)

एसिडिटी की समस्या होने पर रोज एक केला खाने पर आराम मिलता है।

नारियल पानी एसिडिटी से लड़ने में करे मदद (Coconut water helps to treat Acidity in Hindi)

एसिडिटी होने पर नारियल पानी का सेवन करें।

और पढ़ें : नारियल पानी के फायदे 

एसिडिटी का करे उपचार तुलसी (Tulsi help to treat Acidity in Hindi)

पानी में 57 तुलसी की पत्तियों को उबाल लें। अब इसे ठंडा कर के इसमें थोड़ी चीनी मिलाकर पिए।

दूध की एसिडिटी कैसे कम करें? - doodh kee esiditee kaise kam karen?

गुलकंद एसिडिटी से आराम दिलाने में करे सहायता (Gulkand helps to get relief from Acidity in Hindi)

गुलकन्द का सेवन करें, यह हाइपर एसिडिटी में बहुत लाभदायक होता है।

और पढ़े – एसिडिटी दूर करने में अमरूद के फायदे

आंवला का मिश्रण एसिडिटी से दिलाये राहत (Amla mixture Relives Acidity in Hindi)

सौंफ, आँवला और गुलाब के फूलों का चूर्ण बनाकर सुबह-शाम आधा-आधा चम्मच लेने से एसिडिटी में आराम मिलता है।

और पढ़ें : आंवला के फायदे और नुकसान 

एसिडिटी के लिए फायदेमंद जायफल और सोंठ का मिश्रण (Nutmeg and dry ginger mixture good for Acidity in Hindi)

जायफल तथा सोंठ को मिलाकर चूर्ण बना लें और इसे एक-एक चुटकी लेने से एसिडिटी समाप्त हो जाती है।

और पढ़ें: जायफल के औषधीय गुण

गिलोय एसिडिटी कम करने में लाभदायक (Giloy helps in Acidity in Hindi)

एसिडिटी कम करने में गिलोय फायदेमंद औषधि है। पाँच से सात गिलोय की जड़ के टुकड़े लेकर पानी में उबाल लें तथा इसे गुनगुना कर के पिएं।

दूध की एसिडिटी कैसे कम करें? - doodh kee esiditee kaise kam karen?

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए (When to see a Doctor)

अगर एसिडिटी की समस्या बार-बार हो और घरलू उपायों से भी राहत ना मिले तो डॉक्टर से संपर्क करे।

दूध पीने से एसिडिटी बढ़ती है क्या?

इसमें अधिक मात्रा में कैल्शियम होता है। कैल्शियम पीएच संतुलन को बनाए रखने और पाचन को सही बनाने में मदद करता है। यही कारण है कि ठंडा दूध एसिडिटी और एसिड रिफ्लक्स के दौरान होने वाली जलन से तुरंत राहत देता है।

एसिडिटी से तुरंत छुटकारा कैसे पाए?

खाना खाते ही होने लगती है एसिडिटी और गैस?.
ऐलोवेरा जूस ऐलोवेरा त्वचा के साथ-साथ सेहत के लिए भी काफी मददगार साबित होता है। ... .
अदरक अदरक में औषधीय गुण पाए जाते हैं जो आपको कई तरह की बीमारियों से बचाती है। ... .
दालचीनी ... .
तुलसी का पत्ता ... .
नींबू ... .
सौंफ ... .
बेकिंग सोडा ... .

दूध पीने से गैस बने तो क्या करें?

Is lactose intolerance serious: यदि आप दूध या इससे बने पदार्थों को नहीं पचा पा रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इस स्थिति को ज्यादा दिन तक अनदेखा करना ऑस्टियोपीनिया, ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को बढ़ा सकता है।