श्रीलंका और भारत को हिंद महासागर का जो हिस्सा एक दूसरे से अलग करता है उसे मन्नार की खाड़ी अथवा Gulf of Mannar कहा जाता है। श्रीलंका के पास भारत का सबसे दक्षिणी हिस्सा रामेश्वरम है जहां से श्रीलंका की दूरी 271 किलोमीटर है अर्थात श्रीलंका और भारत की दूरी 271 किलोमीटर है। जब कभी भारत और श्रीलंका के बीच के समुद्र की बात करनी हो तो यह बात रामसेतु के विषय में बात किए बिना नहीं हो सकती। Show भारत में हिंदू धर्म के ग्रंथों के अनुसार भगवान राम जब सीता को छुड़ाने के लिए श्रीलंका जा रहे थे तो उनके साथ आई वानर सेना ने श्रीलंका और भारत के बीच में इस सेतु का निर्माण किया था जिसे रामसेतु कहा जाता है। अब यह बात वैज्ञानिकों के बीच में विवाद का विषय है कि यह सेतु प्राकृतिक है या मानव के द्वारा बनाया गया है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस रामसेतु को कई और नामों से भी जाना जाता है। कुछ लोग इसे Adam’s Bridge के नाम से जानते हैं। कुछ लोग इसे नाला सेतु कहते हैं तो कुछ लोग इसे सेतु बांधा कहते हैं। इस प्राकृतिक अथवा मानव के द्वारा बनाई गई संरचना के कारण समुद्र के जहाजों को श्रीलंका का चक्कर लगाकर जाना पड़ता है। चलिए जब आपने भारत एवं श्रीलंका की दूरी कितनी है ? यह जान लिया हौ तो आगे हम आपको भारत एवं श्रीलंका के संबंधों के विषय में अवगत कराते हैं। भारत एवं श्रीलंका के संबंधभारत एवं श्रीलंका के संबंध श्रीलंका की आजादी के साथ ही काफी अच्छे थे। श्रीलंका की आजादी के लगभग 30 साल तक यह संबंध काफी अच्छे बने रहे। परंतु जब 70 के दशक के अंत में और 80 के दशक में श्रीलंका में तमिल विरोधी दंगे चालू हो गए, श्रीलंका में बड़ी संख्या में तमिल लोगों के खिलाफ हिंसक वारदातें हुई तब भारत एवं श्रीलंका के रिश्ते काफी खराब हो गए ऐसा भी माना गया कि एलटीटीई को शुरुआती समय में लड़ने के लिए भारत के द्वारा ही हथियार प्रदान किए गए थे। फिर एक समय राजीव गांधी का आया जो चाहते थे कि भारत एवं श्रीलंका के बीच के रिश्ते वापस से अच्छे हो जाएं। इसके लिए उन्होंने भारतीय शांति सेना भेजी जिसे Indian peace keeping force कहा जाता है। वैसे तो सेना का उद्देश्य यह था कि वह तमिल विद्रोहियों एवं श्रीलंका की सेना के बीच में शांति कायम करें परंतु कुछ समय में तमिल विद्रोही एवं श्रीलंका की सेना दोनों ही उसके ऊपर हमला करने लगे। जब राजीव गांधी के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने भारत की शांति सेना को भारत वापस बुला लिया। एलटीटीई के खात्मे के बाद भारत एवं श्रीलंका के संबंध वापस बेहतर हो रहे हैं। श्रीलंका से रिश्ते बेहतर करना भारत की मजबूरी है इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि श्रीलंका में आज भी तमिल मूल की बहुत बड़ी आबादी रहती है और अगर भारत को इन लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखना है तो उसे श्रीलंका सरकार से अच्छे रिश्ते रखने पड़ेंगे। श्रीलंका से अच्छे रिश्ते रखने का दूसरा सबसे बड़ा कारण यह है कि अगर भारत श्रीलंका से अच्छे रिश्ते नहीं रखेगा तो चाइना के दबाव में श्रीलंका भारत के खिलाफ कुछ कदम ले सकता है जो भारत के सामाजिक एवं राजनीतिक हित के साथ सही नहीं बैठेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख ने आपके ज्ञान वर्धन का कार्य किया होगा। ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहे। Read also :-
Follow us on other platforms too. Stay Connected! धनुषकोडी गांव (Dhanushkodi Village) रामेश्वरम (Rameswaram) से 15 किमी दूर स्थित है। श्रीलंका से इस गांव की दूरी (Distance Between Srilanka to Rameswaram) 18 मील है और वहां का नजारा बिल्कुल स्पष्ट दिखाई देता है। इसे देखने के लिए पर्यटक (Tourist in India) यहां सिर्फ दिन के उजाले में आते हैं। अंधेरा होते ही यह जगह वीरान हो जाती है। New Delhi, First Published Apr 3, 2022, 12:51 PM IST नई दिल्ली। भारत में एक ऐसा गांव है, जहां से श्रीलंका साफ-साफ दिखाई देता है। वहां की बिल्डिंगें, पेड़-पौधे और पहाड़ सब दिखता है। दिनभर इस गांव में चहलकदमी रहती है। देश ही नहीं दुनियाभर से लोग यहां आते हैं, मगर अकेले नहीं बल्कि, समूहों में। वहीं, अंधेरा होने से पहले ही पूरा गांव वीरान हो जता है। यहां आदमी तो दूर जानवर भी दिखाई देता। अंधेरा होने के बाद यहां रूकना मना है। इस गांव को लेकर धार्मिक मान्यता भी है। माना जाता है कि यह गांव रामायण काल से जुड़ा हुआ है। भगवान राम ने लंका जाने के लिए समुद्र सेतु यहीं से बनवाया था। रावण को मारने और विभिषण को लंका का राजा बनाने के बाद भगवान राम जब समुद्र सेतु के जरिए वापस इस गांव में आए तब उनके साथ विभिषण भी थे। उन्होंने भगवान राम से विनती करते हुए कहा कि वे इस सेतु को अब तोड़ दें। विभिषण की बात को मानते हुए भगवान राम ने अपने धनुष से गांव के इस छोर से बने सेतु को तोड़ दिया। इसलिए इस गांव का नाम धनुषकोडी रखा गया। यह भी पढ़ें: इन मनहूस नंबरों पर भूलकर भी न करें फोन वरना... दुनिया के सबसे छोटे स्थान में एक यह भी पढ़ें: तीन दिन से तड़प रहे युवक के गुप्तांग को देखकर डॉक्टर शॉक्ड अंधेरा होने से पहले गांव वीरान हटके में खबरें और भी हैं.. नहाते समय महिला के कान में घुसा केकड़ा, वीडियो में देखिए आगे क्या हुआ शख्स ने जिस पालतू कुत्ते को घर की हिफाजत के लिए रखा, वही बेटी को नोच-नोचकर खा गया शादीशुदा महिलाओं ने पुलिस से की शिकायत, कहा- यह हमें एक खास ऑफर देता है ब्रिटेन में हालात बदतर! नागरिकों के लिए चप्पल की हो गई कमी, जानें क्या हो रही अजीब अपील भारत के इस रेस्त्रां में रोटी की कीमत 450 रुपए और दाल का दाम 1050 रुपए शरीर पर टॉयलेट पेपर लपेटे बाथरूम में यह काम कर था सांप Last Updated Apr 3, 2022, 12:51 PM IST धनुषकोडी से श्रीलंका कितने किलोमीटर?बीते समय की रंगीन जिंदगी यहां अभी भी खंडहरों में दिखाई पड़ती है। 1964 के चक्रवात से पहले, धनुषकोटि एक उभरता हुआ पर्यटन और तीर्थ स्थल था। चूंकि सीलोन (अब श्रीलंका) केवल 18 मील दूर है, धनुषकोटि और सिलोन के थलइमन्नार के बीच यात्रियों और सामान को समुद्र के पार ढोने के लिए कई साप्ताहिक फेरी सेवाएं थीं।
धनुषकोडी से रामेश्वरम की दूरी कितनी है?धनुषकोडी भारत और श्रीलंका के बीच स्थित है। जो दोनों देशों के बीच एकमात्र ऐसी स्थलीय सीमा है जो पाक जलसंधि में बालू के टीले पर मौजूद है, जिसकी लंबाई केवल 50 गज है। इसी कारण से इस जगह को विश्व लघुतम स्थानों में से एक माना जाता है।
सेतुबंध रामेश्वरम से श्रीलंका की दूरी कितनी है?भगवान राम की सेना लंका तक पहुंच सके, इसके लिए समुद्र पर पुल बनाने का कार्य वानर सेना के 2 सर्वश्रेष्ठ वानर नल और नील ने इसके लिए सबसे पहले रामेश्वरम समुद्र में पत्थर फेंके थे।
भारत और श्रीलंका के बीच कितने किलोमीटर की दूरी है?भारत के दक्षिण में स्थित इस देश की दूरी भारत से मात्र ३१ किलोमीटर है। 1972 तक इसका नाम सीलोन (अंग्रेजी:Ceylon) था, जिसे 1972 में बदलकर लंका तथा 1978 में इसके आगे सम्मानसूचक शब्द "श्री" जोड़कर श्रीलंका कर दिया गया।
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