मेरा नाम दीपेन्द्र सिंह है पेशे से मे एक वकील हू| MYLEGALADVICE ब्लॉग का लेखक हू यहा से आप सभी प्रकार की कानून से संबंद रखने वाली हर जानकारी देता रहूँगा जो आपके लिए हमेशा उपयोगी रहेगी | इसी अनुभव के साथ जरूरत मंद लोगों कानूनी सलाह देने के लिए यक छोटा स प्रयास किया है आशा करता हू की मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी रहे |यदि आपको कोई कानूनी सलाह या जानकारी लेनी हो तो नीचे दिए गए संपर्क सूत्रों के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है | Show यहाँ इस पेज पर भारतीय दंड संहिता में ” गम्भीर शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यु कारित करने पर कब होता है” इसको भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 100 में परिभाषित (डिफाइन) किया गया है | यहाँ हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 100 किस तरह अप्लाई होगी | भारतीय दंड संहिता यानि कि IPC की धारा 100 क्या है, इसके बारे में भी आप यहाँ जानेंगे | इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | Top Rated Law Books in India घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 100 के बारे में क्या बताया गया है ? धारा 100 के बारे सभी बातों को आज हम विस्तृत रूप से यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं | आईपीसी धारा 1 क्या है IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 100 के अनुसार :-
आईपीसी धारा 34 क्या मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 100 के बारे में जानकारी हो गई होगी | इसमें शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार के विस्तार के अंतर्गत कब किसी की मृत्यु कारित की जा सकती है, कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | धारा 100 में क्या है?धारा 100 आईपीसी- किसी की मॄत्यु कारित करने पर शरीर की निजी प्रतिरक्षा का अधिकार कब लागू होता है। , IPC Section 100 ( IPC Section 100. When the right of private defence of the body extends to causing death ) ऐसा हमला जिससे यथोचित रूप से यह आशंका कारित हो कि अन्यथा ऐसे हमले का परिणाम मॄत्यु होगा।
धारा 107 कब लगती है?भारतीय दंड संहिता की धारा 107 दुष्प्रेरण से सम्बन्धित है दुष्प्रेरण का मतलब होता है कि किसी व्यक्ति को कोई कार्य करने के लिए, या कोई व्यक्ति कोई कार्य कर रहा है, तो उसे वह कार्य करने से रोकने के लिए उकसाना दुष्प्रेरण कहलाता है।
110 धारा का मतलब क्या है?IPC की धारा 110 के मुताबिक कोई भी व्यक्ति किसी भी अपराध (Offence) के किए जाने का दुष्प्रेरण (Abetment) करता है, यदि दुष्प्रेरित व्यक्ति ने दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न (Intention of the abettor) वह कार्य किया हो, तो वह उसी दण्ड से दण्डित (Punished with punishment)किया जाएगा, जो उस अपराध के लिए उपबन्धित (Provided for the ...
धारा 103 का मतलब क्या होता है?01. रात में घर में सेंध लगने, लूटपाट होने, आगजनी और चोरी होने जैसी परिस्थितियों में अगर आपको अपनी जान का खतरा है, तो आपको आत्मरक्षा का अधिकार है. 2. यदि आप पर कोई एसिड अटैक करता है तो आपकी जवाबी कार्रवाई को आत्मरक्षा के अधिकार तहत कार्रवाई मानी जाएगी.
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