Question 1. Answer: (b) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ Question 2. Answer: (b) ध्वनि Question 3. Answer: (b) कवि के जीवन का Question 4. Answer: (d) तंद्रालस लालसा Question 5. Answer: (a) नवयुवकों का Question 6. Answer: (a) अनुप्रास Question
7. Answer: (a) नवजीवन के अमृत से Question 8. Answer: (c) अनंत का (1) अभी न होगा मेरा अंत Question 1. Answer: Question 2. Answer: ‘अभी न होगा मेरा अंत’ कवि ने ऐसा इसलिए कहा है, क्योंकि वे बताना चाहते हैं कि अभी अंत नहीं होने वाला है। अभी अभी तो वसंत का आगमन हुआ है जिससे उसका जीवन खुशियों से भर गया है। वह उमंग से भरा हुआ है। Question 3. Answer: वन में मृदुल वसंत का अभिप्राय है- वन रूपी जीवन में वसंत का आगमन होना है। Question 4. Answer: वसंत के आगमन पर पेड़ों पर नए-नए, हरे-हरे पत्ते निकल आते हैं। नई-नई डालियाँ निकल आती हैं जिन पर कोमल कलियाँ निकल आती हैं जिससे कवि का जीवन खुशियों से भर गया है। कवि उमंग से भरा हुआ है। Question 5. Answer: वन कवि के जीवन रूपी उपवन का और निद्रित कलियाँ-आलस्य में डूबे हुए नवयुवकों का प्रतीक है। (2) पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूँगा मैं, Question 1. Answer: Question 2. Answer: कवि को पुष्प आलसी तथा नींद से बोझिल दिखाए पड़ रहे हैं। अपने स्पर्श से पुष्पों की नींद भरी आँखों से आलस्य छीन लेना चाहता है, यानी कवि उनका आलस्य दूर कर उन्हें चुस्त और जागरूक बनाना चाहता है। Question 3. Answer: कवि पुष्पों को अनंत का द्वार इसलिए दिखाना चाहता है क्योंकि फूल खिलकर अनंत काल तक अपनी महक एवं सौंदर्य बिखेरते रहें। जीवन में आशा एवं उत्साह से भरपूर रहें। उनका जीवन फूलों के समान महक उठे। Question 4. Answer: कवि की चाहत है कि वह पुष्प के जीवन के आलस्य, निराशा व प्रमाद को दूर करना चाहता है। वह अपने अनंत से सप्राण भेंट करना चाहता है। वह अपने जीवन की आभा, सुषमा व कर्तव्य भावना को यशस्वी बनाकर चारों ओर फैलाना चाहता है। लघु उत्तरीय एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न लघु उत्तरीय प्रश्न (1) : ‘अभी न होगा मेरा अंत’ पंक्ति में कवि का कौन-सा मनोभाव प्रकट हुआ है? प्रश्न (2) : ‘ध्वनि’ का
शाब्दिक अर्थ बताते हुए लिखिए कि कवि ने इस कविता का शीर्षक ‘ध्वनि’ क्यों रखा होगा? प्रश्न (3) : ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता में किस आधार पर कवि अपने जीवन का अंत मानने को तैयार नहीं है? प्रश्न (4) : ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता की उन पंक्तियों का उल्लेख कीजिए, जिनमें कवि ने युवाओं को प्रोत्साहित किया है? प्रश्न (5) : ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता में कवि पुष्पों को अनंत का द्वार क्यों दिखाना चाहता है? प्रश्न (6) : ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता को पढ़कर आपको क्या सीख मिलती है? प्रश्न (7) : ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रश्न (1) : ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता में कवि अपने जीवनरूपी वन को महकाने के लिए क्या-क्या करना चाहता है? उत्तर : कवि अपने जीवनरूपी वन को महकाने के लिए कुछ रचनात्मक कार्य करना चाहता है। वह नींद से बोझिल कलियों पर अपना हाथ फेरते हुए मनोहर प्रभात आने का सन्देश देना चाहता है। वह अपने ओजपूर्ण कविताओं से आलस्य में डूबे युवाओं का प्रमाद दूर भगाना चाहता है। वह उनमें नवजीवन का संचार करशह्यक्त द्वद्दह्यड्ड उत्साह से भरना चाहता है। ऐसा करते हुए उसका अपना भी जीवनरूपी वन महक उठेगा। प्रश्न (2) : ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता में जीवन के प्रति कवि की आशावादिता किस प्रकार व्यक्त हुई है? प्रश्न (3) : ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए। ध्वनि कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है?उत्तर: 'ध्वनि' कविता से हमें यह संदेश मिलता है कि जिस प्रकार वसंत ऋतु में फूल चारों ओर खिलकर प्राकृतिक सुंदरता बढ़ाने में अपना योगदान देते हैं, उसी प्रकार युवा पीढ़ी को और हम सबको भी अच्छे कार्य करते हुए समाज, देश तथा विश्व की उन्नति में अपना योगदान देकर अपना यश फैलाना चाहिए और समाज, देश तथा विश्व को आभामय बनाना चाहिए।
ध्वनि कविता हमें क्या संदेश दे रही है?ध्वनि. शीर्षक कविता से हमें यह सन्देश मिलता है कि जिस प्रकार वसंत के आने पर सारी सृष्टि खिलकर मनमोहक बन जाती है, उसी प्रकार हमें भी अपने अच्छे कार्यों से समाज, राष्ट्र व संसार को आभामय बनाना चाहिए, जिससे सभी हमारा यशगान करें।
ध्वनि कविता का मुख्य उद्देश्य क्या है?ख) तंद्रालस लालसा को प्रकट करना ग) प्रकृति का चित्रण करना घ) इनमें से कोई नहीं । LEARNING OUTCOME- # छात्रों में कविता के माध्यम से आत्मविश्वास तथा आशावादी दृष्टिकोण का विकास होगा । # नव सृजन की प्रेरणा के साथ-साथ भाषायी कौशल का विकास होगा।
ध्वनि कविता का मूल भाव क्या है?“ध्वनि” कविता 'सूर्यकांत त्रिपाठी निराला' द्वारा लिखी गई कविता है। इस कविता में कवि ने मानव को आशावादी बने रहने की प्रेरणा दी है। इस कविता का मूल भाव मानव को आशावादी बनाना है। कवि ने जीवन में कभी भी निराश ना होकर हमेशा आशावान लेने के लिए कहा है।
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