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सुशासन क्या है ? इसकी विशेषताओं को लिखेंAnswer: सुशासन का तात्पर्य अच्छी शासन व्यवस्था से है। नागरिकों को बुनियादी सुविधा मिले। यातायात की अच्छी व्यवस्था हो। स्वच्छ जल एवं भोजन को उपलब्धता हो। समाज में अमन चैन हो। आमिर-गरीब के मध्य वमनस्य हो। क्षेत्रीयता एवं संकीर्णतावाद न हो। दंगा फसाद न हो धर्म के लिए अकारण अशान्ति न फैले। ये व्यवस्थाएँ ही सुशासन कहलाती हैं। लोगों को भयकुक्त माहौल से मुक्ति मिली है।
निष्कर्ष - उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है की आह विकसित एवं अर्द्धविकसित देशों माइओ सुधासन का गंभीर संकट है। आज सभी देशों में निर्वाचित और बहुमत वाली सरकारें तथा लोक प्रशासन का सुदृढ़ ढाँचा भी मिला जा रहा है परन्तु लोगों को सुशासन सुलभ नहीं हैं जिसके कारन आज सामजिक कल्याण नहीं हो पा रहा है। Upvote(0) Downvote Comment View(4767) सुशासन क्या होता है / What is Good Governance in HindiGood Governance सुशासन ( Good Governance) से तात्पर्य एक ऐसे वातावरण से है – जिसमें सभी नागरिक, चाहे वह किसी भी वर्ग , जाति या समुदाय से आते हो , चाहे वह किसी लिंग के ही क्यों न हो, सभी अपनी पूर्ण क्षमता का विकास कर सकें । भारत में सुशासन ( Good Governance) की संकल्पना प्राचीन भारत से ही दृष्टिगोचर होती है । आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक अर्थशास्त्र में सुशासन के विषय में राजा के गुणों का वर्णन किया है । उनके अनुसार –
आचार्य चाणक्य के ये कथन सुशासन ( Good Governance) की संकल्पना को परिभाषित करते हैं। ऐसा शासन जहाँ जनता के कल्याण या सुख को ऊपर रखा जाता हैं। महात्मा गांधी की “सु-राज”की संकल्पना भी सुशासन की संकल्पना ( Good Governance) ही है। सुशासन को अच्छे से समझने के लिए सुशासन के मूलभूत तत्व को समझना अत्यंत आवश्यक है। सुशासन ( Good Governance) के आठ मूलभूत तत्व माने जाते हैं :1. जवाबदेही भारत में सुशासन ( Good Governance) के समक्ष अनेक चुनौतियां मौजूद है। जैसे कि –1. राजनीति का अपराधीकरण: राजनीति का अपराधीकरण एक मुख्य समस्या हैं ,जिसके कारण सुशासन की संकल्पना को जमीनी स्तर पर लाने में समस्या उत्पन्न होती है । एक रिपोर्ट के अनुसार 2019 लोकसभा चुनाव में बने सांसदों में लगभग 43% पर आपराधिक मुकदमे चल रहे है। 2. भ्रष्टाचार: ये एक ऐसी समस्या है जो शासन प्रशासन के प्रत्येक स्तर पर अपनी जड़ जमा चुकी हैं। भ्रष्टाचार के कारण अनेक कल्याणकारी योजनाएं अपने वास्तविक स्वरूप में जनता तक नहीं पहुंच पाती हैं तथा जिस कारण जनकल्याणकारी हित में बाधा उत्पन्न होती हैं। भ्रष्टाचार के कारण ही कहीं ना कहीं जनभागीदारी में भी बाधा उत्पन्न होती है। 3. लैंगिक समानता: सुशासन में सभी वर्गों के कल्याण की संकल्पना की गई है। जिसमें लैंगिग असमानता को समाप्त करते हुए पुरुष और महिला सभी के कल्याण की बात की गई है। परंतु भारत में 21वीं सदी में भी अनेक क्षेत्रों में लैंगिग असमानता बड़े स्तर पर व्याप्त है। जिस कारण सुशासन की संकल्पना को असली चेहरा सुनिश्चित करने के लिए बाधा उत्पन्न होती है। 4. न्याय में देरी: भारत में न्यायपालिका पर अत्यधिक भार मौजूद है और कहीं ना कहीं न्यायपालिका में भ्रष्टाचार और अन्य बाहरी हस्तक्षेप के कारण न्याय में देरी होती है। जिस कारण सुशासन को सुनिश्चित करने में एक बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न हो रही है। यह कहा भी जाता है कि न्याय में देरी अन्याय के समान ही है। अगर न्याय देर से किया जाए तो उस न्याय की कोई महत्व नहीं रहती है। तब तक एक निर्दोष व्यक्ति अनेक कष्टों को सहन कर चुका होता है। 5. हिंसा की बढ़ती घटनाएं: विकास की पहली सीढ़ी के रूप में शांति और सामाजिक व्यवस्था को देखा जाता है। जिस क्षेत्र में या राज्य में या देश में हिंसक घटनाएं समय-समय पर होती रहती है। वह देश विकास में पिछड़ जाता है। जिससे सुशासन को जमीनी स्तर पर सुदृढ़ करने में बाधा उत्पन्न होती है। 6 . जागरूकता का अभाव: जागरूकता के अभाव के कारण आम जनता अपने हितों को नहीं समझ पाती है। और जान कल्याण के लिए उपयुक्त माध्यमों से बहुत दूर हो जाती है। जागरूकता का अभाव भी जनकल्याणकारी योजनाओं के सफलता में बाधा उत्पन्न करता है। 7. जवाबदेही का भाव: शासन प्रशासन में जवाबदेहिता के अभाव के कारण भी सुशासन को सुनिश्चित करने में एक बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है। यह आवश्यक है कि प्रशासन में मौजूद कर्मचारियों की जवाबदेही को सुनिश्चित किया जाए । जिससे वह जनकल्याणकारी कार्यों को कर्तव्य पूर्वक निभाने में अपना योगदान दे सकें। भारत में सुशासन स्थापित करने हेतु अनेक पहल या कार्य किए गए हैं जो इस प्रकार हैं:
प्रधानमंत्री की संकल्पना “सबका साथ सबका विकास
सबका विश्वास” सुशासन पर ही आधारित है। हमारे देश ने समय के साथ साथ अनेक ऐसे कार्य या पहले की है । जिनसे सुशासन को प्राप्त किया जा सके। प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना | PM-GatiShakti Yojna in Hindi | Masterplan of PM-GatiShakti Yojna in Hindi स्ट्रिंग सिद्धांत (String Theory) | String Theory in Hindi | स्ट्रिंग सिद्धांत का परिचय (Introduction of String Theory) ब्लॉकचेन तकनीक | Blockchain Technology in Hindi | Cryptography | Blockchain Technology UPSC in Hindi सुशासन क्या है भारत में प्रश्न के बढ़ते चरणों के विवेका किजिये?सुशासन शासन से आगे की चीज है। इससे शासन के तरीके में और अधिक दक्षता का विकास होता है, जिससे उसकी वैधानिकता और साख में बढ़ोत्तरी होती है। इसके आधारभूत तत्वों में राजनीतिक उत्तरदायित्व, स्वतंत्रता की उपलब्धता, कानूनी बाध्यता, सूचना की उपलब्धता, पारदर्शिता, दक्षता, प्रभावकारिता आदि को रखा जाता है।
सुशासन विकास क्या है?सुशासन को 'विकास के लिये देश के आर्थिक एवं सामाजिक संसाधनों के प्रबंधन में शक्ति का प्रयोग करने के तरीके' के रूप में परिभाषित किया गया है। सुशासन की अवधारणा चाणक्य के युग में भी मौज़ूद थी। उन्होंने अर्थशास्त्र में इसका विस्तार से उल्लेख किया। नागरिक केंद्रित प्रशासन सुशासन की नींव पर आधारित होता है।
सुशासन क्या है भारत?सुशासन (Good governance) से तात्पर्य किसी सामाजिक-राजनीतिक ईकाई (जैसे नगर निगम, राज्य सरकार आदि) को इस प्रकार चलाना कि वह वांछित परिणाम दे। सुशासन के अन्तर्गत बहुत सी चीजें आतीं हैं जिनमें अच्छा बजट, सही प्रबन्धन, कानून का शासन, सदाचार इत्यादि।
सुशासन क्या है pdf?सुशासन एक समतामूलक समाज के िनमाण का आ वासन देता है। लोग के पास अपने जीवन तर म सुधार करने या उसे बनाए रखने का अवसर होना चािहये। भावशीलता एवं द ता (Effectiveness and Efficiency): िविभ न सं थान को अपने समुदाय की ज़ रत को पूरा करने वाले पिरणाम उ प न करने म स म होना चािहये।
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