वाहन के औसत की गणना कैसे करें? - vaahan ke ausat kee ganana kaise karen?

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अगर आपका वाहन चोरी हो जाए या किसी हादसे में पूरी तरह नष्ट हो जाए तो बीमा कंपनी उसकी कीमत आपको चुकाती है। बशर्ते कि आपने उस वाहन का बीमा (conprehensive insurance) करा रखा हो। लेकिन जो कीमत आपको मिलती है, वह उस वाहन की  Insured Declared Value (IDV) से तय होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि वाहन बीमा में आईडीवी क्या होता है? इसकी गणना कैसे होती है? इसके तय करने में किन-किन तथ्यों को शामिल किया जाता है? About Insured Declared Value in Hindi.

वाहन के औसत की गणना कैसे करें? - vaahan ke ausat kee ganana kaise karen?

पूरा लेख एक नजर में

  • वाहन बीमा में आईडीवी क्या होता है? What is IDV in Vehicle Insurance
  • आईडीवी की गणना कैसे की जाती है?How is IDV of a vehicle calculated
  • आईडीवी के हिसाब से कम-ज्यादा होता है प्रीमियमEffect on Insurance Premium due to IDV

वाहन बीमा में आईडीवी क्या होता है? What is IDV in Vehicle Insurance

  • idv full form in insurance in hindi=आईडीवी का फुल फॉर्म होता है-Insured Declared Value
  • idv meaning in hindi=आईडीवी का हिंदी में अर्थ या मतलब होता है-बीमायुक्त (वाहन) का घोषित मूल्य

किसी वाहन की IDV  या Insured Declared Vaule, वह बीमा रकम होती है, जोकि किसी हादसे में उस वाहन के चोरी हो जाने या पूरी तरह नष्ट हो जाने की स्थिति में बीमा कंपनी आपको चुकाएगी। सरल भाषा में इसे आप उस वाहन की बाजार कीमत कह सकते हैं, जोकि बीमा कराते वक्त तय की गई थी। बीमा की भाषा में इसे ‘SUM INSURED’ की तरह समझ सकते हैं। वाहन जितना पुराना होता है, उतनी ही कम उसकी बाजार कीमत होती जाती है। जाहिर है कि हर साल वाहन की Insured Declared Vaule (IDV) भी घटती जाती है। उदाहरण के लिए

  • हमने 4 साल पहले (जनवरी 2017 में) खरीदी गई Hero Splender I-smart (Self Drum Alloy) मोटरसाइकिल की IDV फरवरी 2022 में निकाली तो यह सिर्फ 23522* रुपए निकली। 
  • जबकि 1 साल पहले (जनवरी 2021 में) खरीदी गई Hero Splender I-smart 110 (Disc FI VS IV) मोटरसाइकिल के लिए जनवरी 3022 में आईडीवी 58220 रुपए निकली।

दरअसल वाहन की (IDV), हर साल एक निश्चित प्रतिशत में घटती है, जिसकी जानकारी हमने आगे के पैराग्राफों दी है। आईडीवी की गणना का तरीका और अन्य जरूरी तथ्य भी आगे दे रहे हैं।

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आईडीवी की गणना कैसे की जाती है?How is IDV of a vehicle calculated

किसी वाहन की कीमत (IDV) में कमी या ​डेप्रिसिएशन, ​नीचे दी गई तालिका (Table) के हिसाब से होता है।

वाहन की उम्र (Age of Vehicle)वाहन के मूल्य में कमी का प्रतिशत (% of Depreciation) वाहन की बाजार कीमत या IDV (Insured declared Value) 
6 महीने से कम पुराना वाहन 5% एक्स शोरूम कीमत के 95 प्रतिशत के बराबर आईडीवी तय होगी
6 महीने से 1 साल के बीच पुराना वाहन 15% एक्स शोरूम कीमत के 85 प्रतिशत के बराबर आईडीवी तय होगी
1 साल से ज्यादा और 2 साल से कम पुराना वाहन 20% एक्स शोरूम कीमत के 80  प्रतिशत के बराबर आईडीवी तय होगी
2 साल से अधिक व 3 साल से कम पुराना वाहन 30% एक्स शोरूम कीमत के 70 प्रतिशत के बराबर आईडीवी तय होगी
3 साल से अधिक और 4 साल से कम पुराना वाहन 40% एक्स शोरूम कीमत के 60 प्रतिशत के बराबर आईडीवी तय होगी
4 साल से अधिक व 5 साल से कम पुराना वाहन 50% एक्स शोरूम कीमत के 50 प्रतिशत के बराबर आईडीवी तय होगी

IDV तय करने में किन-किन चीजों का प्रभाव पड़ता है?

अलग-अलग कंपनी के अलग-अलग मॉडल वाली गाड़ीं की IDV तय करने में तीन चीजें मुख्य रूप से आधार बनाई जाती हैं

  • वाहन की शोरूम खरीद कीमत क्या थी, पहली बार बिक्री में
  • वाहन कितना पुराना हो चुका है, (Depreciation कितना हुआ है)
  • वाहन में अलग से जो सामान लगाए गए हैं, उनकी कीमत क्या थी?

इन तीन बातों को केंद्र में रखते हुए, IDV की गणना में आपसे कुछ जानकारियां मांगी जाती हैं। आजकल Online ढेरों IDV Calculator गणना के लिए उपलब्ध हैं। IDV Calculator में आपको सामान्यत: निम्नलिखित जानकारियां भरनी होती हैं—

  • Vehicle Type: वाहन चारपहिया है या दोपहिया?
  • Name of State: किस राज्य में रजिस्टर्ड हुआ है?
  • Year of registration: कौन से वर्ष में रजिस्ट्रेशन हुआ है?
  • Month of registration: किस महीने में रजिस्ट्रेशन हुआ है?
  • Make of Vehicle: वाहन किस ब्रांड या कंपनी का है?
  • Model of Vehicle:  कंपनी के किस मॉडल का वाहन है?
  • Variant of Model: उस मॉडल का कौन सा संस्करण है?

अपने वाहन की IDV पता करने के लिए आगे दिए गए लिंक पर मौजूद आईडीवी कैलकुलेटर की मदद ले सकते हैं-https://idv.gicouncil.in/

आईडीवी की जरूरत क्यों? Why need of IDV

वाहन के चोरी होने या मरम्मत (repairs) लायक न बच पाने पर, आखिर कितना मुआवजा (Compensation) मिलना चाहिए। इसके लिए कोई एक उपयुक्त तरीका या Formula होना चाहिए। वरना, ग्राहक को ज्यादा से ज्यादा मूल्य चाहिए होगा और बीमा कंपनी कम मूल्य देना चाहेगी।

इसमें विवाद का समाधान, पहले से एक मूल्य तय करने से हो जाता है, जोकि IDV के रूप में होता है। बीमा पॉलिसी लेते वक्त उस वाहन की IDV निर्धारित हो जाती है। यह उसकी तात्कालिक बाजार कीमत के बराबर रखी जाती है। बीमा क्लेम के निपटारे में मुआवजे (compensation) के लिए उसी IDV को आधार बनाया जाता है।

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क्या 5 साल से अधिक पुराने वाहन की IDV भी तय हो सकती है?

5 साल से अधिक, पुराने वाहन की IDV उसकी सर्विसिंग कंडीशन और body parts की ​स्थिति पर निर्भर करती है। अलग-अलग मैटीरियल से बने सामानों की औसत कीमत लगाकर IDV तय की जाती है। अक्सर यह बीमा कंपनी और बीमा ग्राहक के बीच आपसी सहमति के आधार पर तय हो जाती है। कुछ कंपनियां IDV तय करने के लिए अपने सर्वेयर भेजती हैं। surveyor का खर्च, बीमा करवाने वाले व्यक्ति को चुकाना पड़ता है।

वाहन की IDV तय करने में उसके registration और insurance का खर्च नहीं जोड़ा जाता है। गाड़ी की साज-सज्जा में कंपनी की तरफ से लगे सामान या सहायक उपकरणों (accessories) की कीमत शामिल रहती है। बाहर से लगवाई गई accessories की कीमत अलग से जोड़ी जाती है। बीमा में इन्हें शामिल करने पर, प्रीमियम उसी के हिसाब से बढ़ जाता है।

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आईडीवी के हिसाब से कम-ज्यादा होता है प्रीमियमEffect on Insurance Premium due to IDV

चूंकि यह आपके वाहन की बाजार कीमत होती है, और आपके क्लेम पर मिलने वाली रकम, बहुत कुछ IDV पर निर्भर करती है। इसलिए वाहन बीमा का Premium तय करने में IDV सबसे बड़ा आधार होता है।  जितना ज्यादा आपके वाहन की IDV होगी, उतना ज्यादा उसका Premium भी भरना पड़ेगा। इसी तरह कम IDV  होने पर, उसका Premium भी कम भरना पड़ेगा। इसीलिए, कंपनी के बीमा प्रीमियम रेट के साथ-साथ यह भी ध्यान दें कि बीमा कंपनी ने आपके वाहन की IDV क्या तय की है। कहीं ऐसा तो नहीं कि Premium की रकम कुछ कम करके वह आपके वाहन की IDV बहुत ज्यादा कम कर रही हो।

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तो दोस्तों ये थी किसी वाहन की आईडीवी तय करने वाले तथ्यों के बारे में जानकारी। रुपयों-पैसों से जुड़ी अन्य उपयोगी जानकारियों के लिए देखें हमारे लेख-

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अनिल पाण्डेय पिछले 2016 से इस वेबसाइट के लिए लिख रहे हैं। इससे पहले ये दैनिक हिन्दुस्तान के साथ जुड़े रहे हैं। इनका 10 साल का पत्रकारिता का अनुभव रहा है। इन्हे नई-नई चुनौतियों का सामना करने का शौक है।

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कार औसत की गणना कैसे करें?

ऐसे कैलकुलेट करें माइलेज आपकी कार की चली गई दूरी को दूसरी बार भराए गए फ्यूल से डिवाइड करें, तो आपकी कार की माइलेज निकल आएगी। उदाहरण के लिए अगर आपकी कार 660 किमी. चली है और आपने 22 लीटर पेट्रोल डाला है तो आपकी कार की माइलेज होगी 30 किमी/ लीटर होगी।

गाड़ी का एवरेज कैसे निकाला जाता है?

माइलेज बताने का सबसे आसान तरीका यानी पेट्रोल पंप जाईये और गाड़ी का टैंक फुल करा लीजिये। 2. अब अपनी गाड़ी की ओडोमीटर रीडिंग (गाड़ी के किलोमीटर) नोट कर लीजिए। अगर गाड़ी में ट्रिप मीटर है तो उसे जीरो कर लें।

पेट्रोल का एवरेज कैसे निकाले?

जैसे ही पहली बार फुल टैंक कराया गया पेट्रोल रिजर्व में आता है तो तत्काल कार या बाइक को पेट्रोल पंप ले जाएं और फ्यूल टैंक दोबारा फुल करा लें. दोबार फुल टैंक होते ही ओडोमीटर पर किमी की संख्या नोट कर लें और अगर कार में ट्रिप मीटर है तो इसे जीरो पर ले आएं.

गाड़ी का माइलेज क्या होता है?

एवरेज Average!! जब हम कोई गाड़ी खरीदते है और उसे अपने शहर की सड़क की स्थिति के अनुसार चलाते है तब प्रति यूनिट ईंधन से तय की गई दूरी को उस गाड़ी का एवरेज कहा जाता है। एवरेज मापने के लिए, फ्यूल टैंक को फुल कर ले और अपने वाहन के ओडोमीटर (दूरी माप मीटर) को जीरो पर रीसेट कर लें।