विकास के दो मॉडल कौन से हैं *? - vikaas ke do modal kaun se hain *?

विकास के मॉडल - Development Model

यदि समाज का लक्ष्य विकास करना है तो निःसन्देह वह इसके लिए विकास के किसी मॉडल को प्रयोग में लाएगा। यहाँ विकास के प्रमुख तीन मॉडलों की चर्चा की जा रही है. 

1. पूँजीवादी मॉडल पूंजी और उत्पादन के साधनों के वैयक्तिक आधिपत्य की संकल्पना पर पूँजीवादी मॉडल काम करता है। यह बाजार में मूल्य निर्धारण और संसाधन के आवंटन पर राज्य के हस्तक्षेप को शिक्षित करता है। आर्थिक गतिविधियाँ बाजार की मांग व आपूर्ति के प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण में तय होंगी और यह प्रक्रिया उत्पादन और वितरण में कुशलता के तत्व को समावेशित करेगी। यह अंतर्राष्ट्रीय जगत में वाणिज्य और व्यापार की ओर उन्मुखी राष्ट्रीय विकास को प्राथमिकता देता है। इस प्रकार के विकास में सकल राष्ट्रीय उत्पादन (GNP) और प्रति व्यक्ति आय का विश्लेषण उच्च विकास के पैमाने के रूप में किया जाता है। यह मॉडल सबसे अधिक पश्चिमी देशों अमेरिका और जापान आदि विकसित देशों द्वारा अपनाया जाता है।

2. समाजवादी मॉडल यह मॉडल पूँजीवादी मॉडल से इस अर्थ में भिन्न होता है कि इसमें संसाधनों के वितरण पर आर्थिक विकास की अपेक्षा अधिक ध्यान आकृष्ट किया जाता है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि सामाजिक क्षेत्रों में व्यक्ति के सर्वांगीण विकास को महत्व देता है। यह मॉडल सर्वप्रथम तथाकथित साम्यवादी देशों (जिन्हें दूसरी दुनिया के देश कहा जाता है ने अपनाया है। इन देशों में से सबसे प्रमुख यूएस एस. आर., क्यूबा, वियतनाम और चीन देश हैं।

3. मिश्रित मॉडल इसे तीसरी दुनिया के देशों के विकास मॉडल के रूप में मान्यता मिली हुई है। यह उपरोक्त दोनों मॉडलों, पूँजीवादी और समाजवादी मॉडलों के मध्य समन्वय स्थापित करने का प्रयत्न करता है। उपनिवेश से नए स्वतंत्र हुए देशों द्वारा 50 और 60 के दशकों में इसे अपनाया गया। इसके पीछे स्पष्ट कारण यह था कि नवीन आजाद देशों के पास न तो पर्याप्त संसाधन थे कि वे अपना विकास स्वयं कर सके और न ही पर्याप्त मात्रा में पूंजी। इसके कारण उन्हें विकसित देशों से सहायता के लिए आश्रित रहना पड़ता था।

जनता की अत्यधिक निर्धनता की समस्या के निपटारे के लिए सरकारी सहायता की आवश्यकता थी, जिसके कारण मिश्रित व्यवस्था की आवश्यकता महसूस की गई। इन्होंने मिश्रित मॉडल के आधार पर सामाजिक नियोजन के साथ साथ पूँजीवादी विकास की व्यवस्था को अपनाया जिसने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के रूप में समन्वित विकास को महत्व प्रदान किया। इस प्रकार के मिश्रित अर्थव्यवस्था से संबंधित मॉडल का अनुसरण भारत द्वारा भी किया गया है।

Vikas के 2 मॉडल कौन से हैं?

विकास के मॉडल - Development Model.
पूँजीवादी मॉडल पूंजी और उत्पादन के साधनों के वैयक्तिक आधिपत्य की संकल्पना पर पूँजीवादी मॉडल काम करता है। ... .
समाजवादी मॉडल यह मॉडल पूँजीवादी मॉडल से इस अर्थ में भिन्न होता है कि इसमें संसाधनों के वितरण पर आर्थिक विकास की अपेक्षा अधिक ध्यान आकृष्ट किया जाता है।.

भारत में विकास का कौन सा मॉडल है?

भारतीय अर्थव्यवस्था, विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इसका विकास- मॉडल अन्य पूर्वी या पश्चिमी एशियाई देशों की अपेक्षा भिन्न है। उनका विकास-मॉडल फॉर्म से फैक्टरी का है, जो तेज गति से औद्योगीकरण, शहरीकरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर आधारित है।

के समय विकास के कौन से दो मॉडल भारत के सामने थे?

आजादी के वक्त हिंदुस्तान के सामने विकास के दो मॉडल थे। पहला उदारवादी-पूंजीवादी मॉडल था। यूरोप के अधिकतर हिस्सों और संयुक्त राज्य अमरीका में यही मॉडल अपनाया गया था और वहाँ यह मॉडल कारगर साबित हुआ। इस मॉडल एक मुख्य विशेषता यह होती हैं की आर्थिक क्रियाओं में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता।

विकास के कौन कौन से मॉडल है स्पेस कीजिए कोई 4?

शेष चार मॉडल-ब्रिटेन, रूस (सोवियत संघ), चीन और जापान के हैं। रूस में चार करोड़ और चीन में छः करोड़ किसानों की हत्या तथा उन्हें बेगार करने के लिए विवश करने की प्रक्रिया के द्वारा इन देशों का विकास संभव हुआ है। ब्रिटेन ने भारत सहित अनेक देशों के संसाधनों की लूट के बल पर यह विकास किया।