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डेली अपडेट्स
विकसित देश, सकल घरेलू उत्पाद
(जीडीपी), प्रति व्यक्ति आय, मानव विकास सूचकांक (एचडीआई), संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, विश्व व्यापार संगठन, विश्व आर्थिक मंच, सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई)। एक विकसित देश के भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिये प्रति व्यक्ति आय और आर्थिक समृद्धि का
महत्त्व। हाल ही में प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस
के भाषण में पंच प्रण को वर्ष 2047 तक (जब भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होंगे) पूरा करने का लक्ष्य रखा है,
विकसित देश:
विकसित देश की परिभाषा:
संयुक्त राष्ट्र वर्गीकरण का विरोध:
भारत की स्थिति:
भारत के प्रगतिशीलता में कमी के क्षेत्र:
भारत वर्ष 2047 तक विकसित देश के लक्ष्य को प्राप्त करना:
आजादी के बाद से भारत की उपलब्धियाँ:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षो के प्रश्न (PYQs):प्रारंभिक परीक्षा:निरपेक्ष और प्रति व्यक्ति वास्तविक GNP की वृद्धि आर्थिक विकास की ऊँची दर का संकेत नहीं करती, यदि (2018) (a) औद्योगिक उत्पादन कृषि उत्पादन के साथ-साथ बढ़ने में विफल रह जाता है। उत्तर: C व्याख्या:
अतः विकल्प (c) सही है। मेन्स:पूंजीवाद ने विश्व अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व समृद्धि की राह प्रदान की है। हालाँकि यह प्रायः अदूरदर्शिता को प्रोत्साहित करता है तथा अमीर और गरीब के बीच व्यापक असमानताओं को भी बढ़ावा देता है। इस आलोक में क्या भारत में समावेशी विकास लाने के लिये पूंजीवाद पर विश्वास करना और उसे अपनाना सही होगा? चर्चा कीजिये। (2014) स्रोत:इंडियन एक्सप्रेस× |