Show वो पेड़ जो हवा साफ़ करने में माहिर माने जाते हैं
31 मई 2020 इमेज स्रोत, Getty Images पेड़ पौधे इंसान के लिए उतने ही ज़रूरी हैं जितने हवा और पानी. लेकिन इंसानी बस्तियां इन्हें काटकर ही बसाई जाती हैं. इंसान इसकी भारी क़ीमत चुका भी रहा है. उसे प्रदूषण के साथ जीना पड़ रहा है. अनगिनत बीमारियां गले पड़ रही हैं. लेकिन अब इंसान को अपनी ग़लती का एहसास हो गया है. नए पेड़ पौधे लगाकर वो अब क़ुदरत का क़र्ज़ उतार रहा है. साथ ही शहरों का प्रदूषण कम करने का प्रयास भी किया जा रहा है. दिल्ली हो, लंदन हो या पेरिस, दुनिया के तमाम शहरों में हरियाली बढ़ाने पर ज़ोर दिया जा रहा है. लेकिन सभी पेड़ या पौधे एक समान स्तर पर प्रदूषण ख़त्म नहीं करते. इसके लिए पहले ये जानना ज़रूरी है कि कहां किस स्तर का प्रदूषण है और फिर उसके मुताबिक़ ही वहां पेड़ लगाए जाएं. साथ ही ये समझना भी ज़रूरी है कि पेड़ हवा की गुणवत्ता बेहतर करते हैं, न कि हवा को पूरी तरह साफ़ करते हैं. हवा स्वच्छ बनाने के लिए ज़रूरी है कि कार्बन उत्सर्जन कम से कम किया जाए. पौधे वातावरण के लिए फेफड़ों का काम करते हैं. ये ऑक्सीजन छोड़ते हैं. और, वातावरण से कार्बन डाईऑक्साइड सोख कर हवा को शुद्ध बनाते हैं. पौधों की पत्तियां भी सल्फ़र डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड जैसे ख़तरनाक तत्व अपने में समा लेती हैं और हवा को साफ़ बनाती हैं. यही नहीं, कई तरह के प्रदूषित तत्व पौधों की मख़मली टहनियों और पत्तियों पर चिपक जाते हैं और पानी पड़ने पर धुल कर बह जाते हैं. रिहाइशी इलाक़ों की तुलना में सड़कों पर प्रदूषण ज़्यादा होता है. लिहाज़ा यहां ज़्यादा घने और चौड़ी पत्तियों वाले पेड़ लगाने चाहिए. पत्तियां जितनी ज़्यादा चौड़ी और घनी होंगी, उतना ही ज़्यादा प्रदूषण सोखने में सक्षम होंगी. एक रिसर्च बताती है कि छोटे रेशे वाली पत्तियों के पौधे भी PM नियंत्रित करने में अहम रोल निभाते हैं. जैसे देवदार और साइप्रस जैसे पेड़ अच्छे एयर प्यूरिफ़ायर का काम करते हैं. रिसर्च में पाया गया है कि इन पेड़ों की पत्तियों में PM 2.5 के ज़हरीले तत्व सोखने की क्षमता सबसे ज़्यादा होती है. बीजिंग जैसे प्रदूषित शहरों में तो ऐसे ही पेड़ लगाने की सलाह दी जाती है. देवदार की एक ख़ासियत ये भी है कि ये सदाबहार पेड़ है. इसलिए ये हर समय हवा साफ़ करने का काम करता रहता है. वहीं जानकार ये भी कहते हैं कि बर्फ़ वाली जगहों के लिए देवदार अच्छा विकल्प नहीं है. चूंकि ये पेड़ बहुत ज़्यादा घने होते हैं. लिहाज़ा सूरज की रोशनी ज़मीन तक सीधे नहीं पहुंचने देते. इससे बर्फ़ पिघलने में समय लगता है. साथ ही बर्फ़ पिघलाने के लिए बहुत से इलाक़ों में नमक का इस्तेमाल होता है जो कि देवदार के लिए उचित नहीं है. जानकारों के मुताबिक़ पतझड़ वाले पेड़ों के कई नुक़सान भी हैं. उत्तरी गोलार्द्ध में चिनार और ब्लैक गम ट्री बड़ी संख्या में लगाए जाते हैं. ये पेड़ बड़ी मात्रा में वोलेटाइल ऑर्गेनिक कम्पाउंड (VOCs) छोड़ते हैं. बेहतर यही है कि जिस इलाक़े में क़ुदरती तौर पर जो पेड़ पौधे उगते हैं वही रहने दिए जाएं. जबकि बहुत से जानकारों का कहना है कि ज़रूरत के मुताबिक़ अन्य इलाक़ों के पौधे लगाने में भी कोई हर्ज नहीं हैं. लेकिन जो भी पौधे लगाए जाएं वो नियोजित तरीक़े से लगाए जाएं. साथ ही रिसर्चर ये भी कहते हैं कि सड़क किनारे ऐसे पेड़-पौधे लगाए जाएं जिनकी उम्र ज़्यादा हो और देखभाल की ज़रूरत कम हो. इसके अलावा एक ही जगह पर एक ही नस्ल के बहुत सारे पौधे ना लगाए जाएं. किस इलाक़े में कौन सा पेड़ या पौधा बेहतर रहेगा इसका आकलन करना एक चुनौती भरा काम है. वैज्ञानिक ऐसे उपकरण तैयार कर रहे हैं जिनसे इस चुनौती पर जीत हासिल की जा सकती है. अमरीका की फ़ॉरेस्ट सर्विस ने आई-ट्री नाम का एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है जिससे जगह के मुताबिक़ पौधों का चुनाव करने में बहुत आसानी रहती है. फिर भी ओक के पेड़, चीड़ की प्रजातियों वाले पेड़, और सदाबहार के पेड़ प्रदूषण नियंत्रण के लिहाज़ से काफ़ी अहम माने जाते हैं. शहरों की प्लानिंग में वृक्षारोपण एक अहम हिस्सा हैं. लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि उस जगह के वातावरण और माहौल को समझकर ही पेड़ लगाए जाएं. बिना सोचे-समझे लगाए गए पेड़ राहत से ज़्यादा मुसीबत का सबब बन सकते हैं.
एक स्वस्थ पेड़ हर दिन लगभग 230 लीटर ऑक्सीजन छोड़ता है, जिससे सात लोगों को प्राण वायु मिल पाती है। यदि हम इसके आसपास कचरा जलाते हैं तो इसकी ऑक्सीजन उत्सर्जित करने की क्षमता आधी हो जाती है। इस तरह हम तीन लोगों से उसकी जिंदगी छीन लेते हैं। आज पेड़ों की कटाई पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुकी है। इसलिए पौधे लगाने के साथ-साथ हमें पेड़ों को बचाने की जरूरत है। इसके लिए हमें जागरूक होने की जरूरत है। अपने आसपास पेड़ों को न कटनेे दें, उसका विरोध करें। उसके आसपास आग न लगाएं। इसके अलावा किसी भी स्थान पर 50 मीटर की दूरी पर एक पेड़ जरूर होना चाहिए। इससे वहां के रहवासियों को पर्याप्त मात्रा में शुद्ध हवा मिलेगी। और लोग स्वस्थ रहेंगे। यह जानकारी पर्यावरणविद् डॉ. शम्स परवेज ने सुपेला में विश्व पर्यावरण दिवस पर हुए कार्यक्रम में कही। परवेज ने बताया कि पेड़ लगाने से 5 फायदें होते हैं। पहला यह ऑक्सीजन के जरिए मानव जीवन को बचाती है। दूसरे यह मिट्टी के क्षरण यानी उसे धूल बनने से रोकता है। जमीन से उसे बांध रखता है। भू जल स्तर को बढ़ाने में सबसे ज्यादा मदद करता है। इसके अलावा यह वायु मंडल के तापक्रम को कम करता है। पेड़ों से आच्छादित जगह पर दूसरी जगहों की अपेक्षा 3 से 4 डिग्री तक तापमान कम होता है। इसलिए अपने आसपास ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं। ताकि मानव जाति को बचाया जा सके। बीएसपी प्रबंधन नेवई और टाउनशिप एरिया में लगाएगा 1 लाख पौधे, लक्ष्य सिटी रिपोर्टर|भिलाई बीएसपी के नगर सेवाएं विभाग के उद्यानिकी विभाग ने विश्व पर्यावरण दिवस पर सेक्टर-10 सड़क नं. 21 के बीच पौधरोपण कार्यक्रम रखा। मुख्य अतिथि सीईओ एम रवि ने कहा कि हरा-भरा भिलाई हमारे पूर्वजों की सोच का नतीजा है, जिससे हम एक स्वस्थ वातावरण में रह रहे हैं। उन्होंने विभाग के एक लाख से भी अधिक पौधे लगाए जाने की तैयारी की तारीफ की। उन पौधों को जीवित व सुरक्षित रखने की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही पॉलीथीन को पर्यावरण का दुश्मन बताते हुए दो, तीन माह के अंदर ही संपूर्ण टाउनशिप एरिया से घर-घर जाकर पॉलिथीन इकट्ठा कर उसे नष्ट करने के लिए कार्य योजना बनाने की बात भी कही। सीईओ ने बताया कि संयंत्र के अंदर भी पौधे लगाए जा रहे। महाप्रबंधक, प्रभारी (कार्मिक एवं प्रशासन) अनुराग नागर ने बताया कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा अब तक 23 लाख से भी अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। इस वर्ष भी विभाग द्वारा एक लाख से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। जिसमें नेवई एरिया में 97500 पौधे व टाउनशिप एरिया में 5000 से भी अधिक पौधे लगाया जाएगा। कार्यक्रम में करंज व सागौन के 600 पौधे रोपित किए गए। सिरसाकला स्कूल में छात्रों ने उत्साह से लगाए नीम और बरगद के पौधे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की दिलाई शपथ, उसके दुष्प्रभाव बताए अकलोरडीह स्कूल
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पौधे, सुरक्षा का भी लिया संकल्प पेड़ पौधे वायु को शुद्ध कैसे करते हैं?पौधे वातावरण के लिए फेफड़ों का काम करते हैं. ये ऑक्सीजन छोड़ते हैं. और, वातावरण से कार्बन डाईऑक्साइड सोख कर हवा को शुद्ध बनाते हैं. पौधों की पत्तियां भी सल्फ़र डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड जैसे ख़तरनाक तत्व अपने में समा लेती हैं और हवा को साफ़ बनाती हैं.
पेड़ पर्यावरण को कैसे शुद्ध रखते हैं?वृक्ष हमारे पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के साथ मित्र भी हैं। क्योंकि सच्चा मित्र की मित्रता निस्वार्थ होती है। ऐसी ही पेड़-पौधे होते हैं।
वृक्षों की देखभाल के लिए आप क्या करेंगे?बगैर पेड़ पौधों के वर्षा कम होती है। हमें पूरी निष्ठा और इमानदारी के साथ पौधारोपण कर उन्हें वृक्ष बनाने तक ध्यान रखना होगा। सभी लोगों को पौधारोपण अभियान में साथ देना चाहिए। सभी को कम से कम एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए व इसकी देखभाल भी करना चाहिए।
पेड़ पौधे वायुमंडल में क्या बढ़ाते हैं?कई पौधे पेड़ का भी रूप ले चुके हैं। वायुमंडल में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है और ऑक्सीजन का लेवल कम हो रहा है। ऐसे में पेड़ पौधे ही ऑक्सीजन बढ़ाने में सहायक हैं। कई ऐसे पेड़ पौधे हैं, जिन्हें हम कम जगह में अपने घर पर लगाकर ऑक्सीजन का लेवल बढ़ा सकते हैं।
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