Vienna Congress in Hindi : वाटरलू के युद्ध में नेपोलियन बुरी तरह से हार गया था। इस युद्ध के बाद नेपोलियन सेन्टहेलैना के सुनसान और निर्जन द्वीप में चला गया और फ्रांस के राजगद्दी में लुई 18वें को बैठा दिया गया। इसके बाद यूरोप के सभी राजनीतिज्ञ उस समय की समस्याओं के हल को ढूँढने के लिये आस्ट्रिया की राजधानी वियना में एकत्रित हुए थे। इस कांग्रेस के सामने सबसे प्रमुख प्रश्न नेपोलियन द्वारा निर्मित साम्राज्य की पुनर्स्थापना का था। इस समय अधिकांश राजनीतिज्ञ प्रतिक्रियावादी थे और वे क्रांति का चिन्ह यूरोप से मिटाने के लिये उत्सुक थे। इस सम्मेलन में यूरोप के छोटे तथा बडे सभी राष्ट्रों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। फ्रांस का प्रतिनिधित्व वहा के प्रमुख नेता तालेरा ने किया। इस कांग्रेस का प्रधान आस्ट्रिया का प्रधानमंत्री मैटरनिख को बनाया गया और अधिकांशत: उसी की इच्छाओं का पालन इस कांग्रेस में किया गया। Show
वियना कांग्रेस की प्रमुख समस्याएँवियना की कांग्रेस के समक्ष निम्नलिखित प्रमुख समस्याएँ उपस्थित हुई थीं-
See also नेपोलियन तृतीय की विदेश नीति और पतन का कारण | napoleon tritiya ki videsh niti वियना कांग्रेस के सिद्धान्तवियना की कांग्रेस में सम्मिलित होने वाले अधिकतर राजा व उसके मंत्री दैवी अधिकारों के सिद्धान्त के पोषक थे। उनका मुख्य उद्देश्य राजतंत्र को पुन: स्थापित करना था। अत: उन्होंनें समस्याओं के हल के लिये वैध सिद्धान्त को अपनाया (क्रांति के पूर्व की अवस्था की पुनर्स्थापना)। नेपोलियन द्वारा विजित राष्ट्रों को पुन: प्राचीन राजवंशों के अधीन कर दिया जाए। मैटरनिख पहले जैसी अवस्था मे सबको ला देना चाहता था। फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल, हॉलैण्ड, इटली व जर्मनी के लगभग सभी राज्य उनके पुराने शासकों को लौटा दिये गये। और निरंकुश राजसत्ता की पुर्नस्थापना कर दी गई। कांग्रेस यूरोप में शक्ति सन्तुलन बनाये रखना चाहती थी। इसी के अनुसार सारा सेक्सनी प्रशा को नहीं दिया गया। फ्रांस के चारों ओर शक्तिशाली राज्य स्थापित किये गये जिससे वह यूरोप के संकट न उत्पन्न कर सके। इस सिद्धान्त द्वारा बहुत से छोटे-छोटे राज्य समाप्त हो गए। बैल्जियम बलपूर्वक हॉलैण्ड में मिला दिया गया। कांग्रेस के राजनीतिज्ञ राष्ट्रीयता की भावना को नष्ट कर देना चाहते थे। वियना कांग्रेस की कार्य प्रणालीकांग्रेस की कोई निश्चित कार्य प्रणाली नहीं थी। कहीं भी अवकाश के समय गम्भीर समस्याओं के विषय में निर्णय कर दिया जाता था। जनता की इच्छा व अनिच्छा का इन निर्णयों में कोई ध्यान नहीं रखा जाता था। चारों बड़े राष्ट्र-रूस, इंग्लैण्ड, प्रशा व आस्ट्रिया इस संधि से अधिक से अधिक लाभ उठाने का निश्चय किये हुए थे। क्रांति के फूलों को नष्ट करने का प्रयत्न किया गया। सभी अपने-अपने स्वार्थ को पूरा करने में लगें थे। अन्त में 2 जून 1815 को अन्तिम कानून पास कर दिया गया जो वियना की कांग्रेस के नाम से इतिहास में प्रसिद्ध हुआ। मुख्य निर्णयवियना की संधि की धाराएँ-
See also जर्मनी का एकीकरण | germany ka ekikaran kab hua कांग्रेस के अन्य निर्णयइस नवीन राजनैतिक व्यवस्था के अतिरिक्त वियना की कांग्रेस ने दो महत्वपूर्ण कार्य दास प्रथा का अन्त एवं अन्तर्राष्ट्रीय संविधान का निर्माण किया-
वियना कांग्रेस के प्रमुख दोष या आलोचनाएँवियना की कांग्रेस के अधिकांश निर्णय अस्थायी थे। पूरी 19 वीं शताब्दी इस कांग्रेस द्वारा की गई भूलों को सुधारने मे व्यतीत हुई। कांग्रेस ने कुछ ऐसी सैद्धान्तिक भूले की थी जिन्होनें उसके निर्णयों को सफल नहीं होने दिया। कांग्रेस ने राष्ट्रीयता भावना का अनादर करके प्रोस्टैण्ड हॉलैण्ड को कैथोलिक बेल्जियम साथ जोड़ दिया।15 वर्ष के बाद ही बेल्जियम स्वाधीन हो गया। इसी प्रकार 50 वर्ष बाद इटली व जर्मनी में संगठन की लहर उठी और कांग्रेस के निर्णय रद्द कर दिये गये। पोलैण्ड निरन्तर रूस के प्रति विद्रोह करता रहा और अन्त में सौ वर्ष बाद अपने उद्देश्य में सफल हुआ। वियना की कांग्रेस ने राष्ट्रीयता की भावना एवं जनता की इच्छा की परवाह किये बिना ही एक बार पुन: प्राचीन युगीन व्यवस्था स्थापित करने का प्रयत्न किया। इसके अतिरिक्त कांग्रेस ने उदार विचारधारा का ध्यान नही रखा। लूट का अधिक से अधिक माल हड़पने की कोशिश की और उदार विचारधारा को अनसुना कर दिया। युद्धों को रोकने के विचार से क्रांति के तत्वों को पूर्णत: दबाने की कोशिश की गई। परिणाम यह हुआ कि शांति एक स्वप्न बन गई। नार्वे, बेल्जियम, पोलैण्ड को कब तक दबाया जा सकता था। कुछ समय बाद जनता द्वारा ये निर्णय रद्दी की टोकरी में फेंक दिये गये। फ्रांस का साम्राज्य तो नष्ट किया जा सकता था। किन्तु जनता के हृदय में प्रविष्ट क्रांति की भावनाओं को भला कैसे नष्ट किया जा सकता था। कुछ भी हो कांग्रेस द्वारा यूरोप को कई लाभ हुए। इस कांग्रेस के साथ ही यूरोप मे एक नवीन युग का सूत्रपात हुआ और इसके अलावा कांग्रेस ने यूरोप मे अन्तर्राष्ट्रीयता के विचार का विकास किया। See also औद्योगिक क्रांति किसे कहते हैं? | audyogik kranti kise kahate hain Keyword – vienna congress in hindi, congress of vienna pdf, write a short note on vienna congress, vienna congress was convened in 1815 for what purpose, congress of vienna 1815, congress of vienna results, was the congress of vienna successful, congress of vienna significance, vienna congress ki kya uplabdhi thi, vienna congress in hindi, vienna congress kab hua tha वियना कांग्रेस के मुख्य उद्देश्य क्या है?इसकी अध्यक्षता ऑस्ट्रियाई राजनेता मेटरनिख ने की। कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य फ्रांसीसी क्रांतिकारी युद्ध, नेपोलियन युद्ध और पवित्र रोमन साम्राज्य के विघटन से उत्पन्न होने वाले कई मुद्दों एवं समस्याओं को हल करने का था।
वियना कांग्रेस के प्रमुख प्रस्ताव क्या थे?वियेना कांग्रेस के प्रमुख उदेश्य (The Main Objectives of Vienna Congress) वियेना में उपस्थित सभी प्रतिनिधि क्रांति और नेपोलियन से आतंकित थे, इसलिए वे ऐसी व्यवस्था करना चाहते थे कि 1789 से 1815 तक की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और यूरोप में शांति बनी रहे।
बियना सम्मेलन की क्या भूमिका थी?वियना संधि (कन्वेंशन) यह ओज़ोन परत के संरक्षण के लिए एक बहुपक्षीय पर्यावरण समझौता है। इस पर 1985 के वियना सम्मेलन में सहमति बनी और 1988 में यह लागू किया गया। 196 देशों (सभी संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों के साथ-साथ ही होली सी, निउए और कुक द्वीपसमूह) के साथ-साथ यूरोपीय संघों द्वारा इसे मंजूर किया जा चुका है।
विनय कांग्रेस की क्या उपलब्धि थी?Expert-Verified Answer. वियना की कांग्रेस में, विभिन्न यूरोपीय देशों के प्रतिनिधियों ने नेपोलियन युद्धों के दौरान यूरोप में आए परिवर्तनों को लाने के इरादे से संधि पर हस्ताक्षर किए। संधि की मुख्य उपलब्धि यूरोप में शांति और सद्भाव बनाए रखना था जो बाधित रहता है। पहला लक्ष्य मजबूत पड़ोसी बनाकर फ्रांस को सुरक्षित करना था।
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