योग सीखें और बीमारियों से रहें दूर सिर्फ सही प्रकार का भोजन ही नहीं बल्कि सही समय पर उचित मात्रा में भोजन करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। अत्यधिक खाने से शरीर में सुस्ती आती है, जबकि कम मात्रा में भोजन करने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में
पोषक तत्त्व नहीं मिलते हैं। अधिकांश समय, हम जानते हैं कि हमारा पेट भरा हुआ है, लेकिन स्वादिष्ट भोजन के कारण हम अपने आप को रोक नहीं पातेI भोजन की सही मात्रा, कप या ग्राम में निर्धारित नहीं कि जा सकती है,परंतु जब हम अपने शरीर को ध्यान से सुनते हैं तो हमें भोजन के वक़्त वास्तव में कब रुकना है इसका पता चल जाता है ! हो सकता है हम सही मात्रा में और सही प्रकार का भोजन कर रहें हों, लेकिन अगर हम अपने समय के साथ अनियमित हैं, तो शरीर की पूरी प्रणाली को झटका लगता है और शरीर की प्राकृतिक लय बिगड़ जाती
है।इसलिए हमें एक ही सही समय में प्रतिदिन और नियमित अंतराल पर भोजन करना चाहिए । यह कहा जाता है कि भोजन बनाने वाले और खाने वाले व्यक्ति की मन की स्थिति भी भोजन को प्रभावित करती है। उस भोजन में ऊर्जा जो की किसी गुस्से वाले व्यक्ति के द्वारा बनाया गया हो ,निश्चित रूप से प्रेम, संतोष और कृतज्ञता की भावना के साथ बनाये गए भोजन की तुलना में कम हो जाएगा। खाना बनाते और खाते समय शांतिदायक संगीत सुनना या मन्त्रो का जाप करना भोजन में प्राण शक्ति को बनाये रखने में मदद करता है I योग में भी
हमारे शरीर की प्रकृति के अनुसार व्यक्तिगत आहार का प्रावधान है।एक हीं खाद्य पदार्थ किसी के लिए अनुकूल हो सकता है और किसी के लिए हानिकारक हो सकता है, यह व्यक्ति विशेष की प्रकृति पर निर्भर करता है। यह एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करके फैसला करना चाहिए की किस किस्म का भोजन आप के लिए आवश्यक है और हमें किस प्रकार के भोजन से बचना चाहिए। हमें निश्चित रूप से हमारे आहार पर ध्यान देना चाहिए, हमारे प्राचीन भारतीय ग्रंथों में भी कहा गया है की योग कार्यशालाएं श्री श्री योग आसन . प्राणायाम . ध्यान . ज्ञान योग सीखें और बीमारियों से रहें दूर योग के विषय पर अधिक जानें विषयसूची तेल एवं वसा युक्त खाद्य सामग्रियों को वायुरोधी बर्तनों में क्यों रखा जाता है?इसे सुनेंरोकें27: तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थ को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है? उत्तर- तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थ को वायुरोधी बर्तनों में रखने से उपचयन की गति धीमी हो जाती है। तेल एवं वसायुक्त पदार्थ को नाइट्रोजन से भी इसीलिए युक्त किया जाता है ताकि उसमें उपचयन न हो सके। तेल एवं वसा युक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रवाहित क्यों किया जाता है?इसे सुनेंरोकेंतेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है? खाद्य पदार्थों का उपचयन रोकने के लिए उनकी पैकिंग की थैली में से ऑक्सीजन हटाकर उसे नाइट्रोजन जैसे काम सक्रिय गैस से युक्त कर देते हैं ताकि खाद्य पदार्थ का उपचयन न हो सके । हास्य विनोद में किसका ध्यान रखना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंजो संतुष्टि प्रधान काव्य है उसे हम परिहास की कोटि का मानते हैं और जो संशुद्धि प्रधान है उसे उपहास की कोटि का। अनेक रचनाओं में दोनों का मिश्रण भी हुआ करता है। परिहास और उपहास दोनों के लिए सामाजिकों की सुरुचि का ध्यान रखना आवश्यक है। हास्य रस का स्थायी भाव क्या है?इसे सुनेंरोकेंहास्य रस: हास्य रस का स्थायी भाव हास है। ‘साहित्यदर्पण’ में कहा गया है – “बागादिवैकृतैश्चेतोविकासो हास इष्यते”, अर्थात वाणी, रूप आदि के विकारों को देखकर चित्त का विकसित होना ‘हास’ कहा जाता है। जीवन में हास्य विनोद का क्या महत्व है?इसे सुनेंरोकेंसबसे पहले जवाब दिया गया: जीवन में हास्य-विनोद का क्या महत्व हैं? हंसना अपने आप में एक गुण है जो सभी विपरीत परिस्थितियों को नजरअंदाज करने खुश रहने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। हर हाल में खुश रहने और हंसने-हंसाने वाले लोगों को सभी पसंद करते हैं और उनके नजदीक रहना चाहते हैं। जीवन में हंसी का क्या महत्व है? इसे सुनेंरोकेंमनुष्य के जीवन में हास्य का विशेष महत्व है। व्यक्ति यदि हंस रहा है तो यह माना जाता है कि वह व्यक्ति अपने जीवन में सुखी है। व्यक्ति यदि हंस रहा है तो यह माना जाता है कि वह व्यक्ति अपने जीवन में सुखी है। … हास्य रस कहाँ होता है एक उदाहरण दीजिए?इसे सुनेंरोकेंसामान्यतः विकृति , आकार , प्रकार , वेशभूषा , वाणी तथा चेस्टायें आदि को देखने से हास्य रस की निष्पत्ति होती है। आत्मस्थ हास्य केवल हास्य का विषय को देखने मात्र से उत्पन्न होता है। विकृत आकृति वाला व्यक्ति किसी की अनोखी और विचित्र वेशभूषा हंसाने वाली या मूर्खता युक्त चेष्टा करने वाला व्यक्ति हास्य रस का आलंबन होता है। उत्साह किसका स्थायी भाव है?रस के प्रकार
वसा और तेल युक्त खाद्य पदार्थ किस गैस से भरे होते हैं और क्यों?सही उत्तर नाइट्रोजन है। नाइट्रोजन का उपयोग तेल और वसा युक्त खाद्य पदार्थों को संरक्षित करने के लिए किया जाता है।
Chemistry 4 तेल एवं वसायुक्त पदार्थों को किस गैस से प्रभावित किया जाता है और क्यों?Solution : तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित किया जाता है क्योंकि नाइट्रोजन एक अक्रिय गैस है।
तेल एवं वसा युक्त पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है इसका उत्तर दीजिए?जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है ?
वसा युक्त भोजन कौन कौन से हैं?यह अध्ययन उस प्रचलित अवधारणा के उलट बताता है कि वसा की उच्च मात्रा (ऊर्जा का 35 प्रतिशत) मृत्यु के जोखिम को कम करती है. कम वसा और अधिक कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार लेने वालों की उम्र पनीर और मक्खन जैसे समृद्ध वसा वाले खाद्य पदार्थ लेने वालों की तुलना में कम होती है.
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