Show वर्तमान परिवेश में सेप्टिक टैंक
वास्तु के अनुसार घर में होना बहुत जरुरी है। आज की इस पोस्ट में हम चर्चा करेंगे की वास्तु के अनुसार सेप्टिक टैंक क्यों और कहाँ होना चाहिए?सेप्टिक टैंक निर्माण क्यों करना चाहिए? वास्तु के अनुसार नैऋत्य कोण में सेप्टिक टैंक होने से धन की भी हानि होती
है। नैऋत्य कोण में सेप्टिक टैंक होने से घर, फैक्ट्री, दुकान या ऑफिस में आय से अधिक व्यय होता है। ब्रह्मस्थान में सेप्टिक टैंक होने से घर के लोगों को
निम्नलिखित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है: –1. घर में सुख, शान्ति एवं समृद्धि का पूर्ण अभाव। 2. अकारण लड़ाई-झगडे़। 3. पड़ोसियों से मुकदमेबाजी। 4. घर के किसी सदस्य की हत्या अथवा अपहरण होने की संभावना। 5. घर के लोगों के स्वास्थ्य में असामान्य उतार-चढ़ाव। 6. अकारण अपमान तथा मान-प्रतिष्ठा में कमी। 7. संतानहीनता। 8. लम्बे समय तक (वर्षों से) वास्तुदोष स्थल में निवास करने से शरीर की आण्विक (सूक्ष्म) संरचना में बदलाव आ जाता है। आधुनिक एक्यूप्रेशर के यंत्रों और
आभामंडल के चित्रों की सहायता से वास्तुदोषयुक्त घर के निवासियों की जाँच करके भी उनके घर के वास्तुदोषों का पता लग सकता है। दोषयुक्त वास्तु के सुधार के साथ-साथ योगासन, प्राणायाम आदि योगाभ्यास एवं एक्यूप्रेशर के सम्मिलित प्रयास से अस्वस्थ शरीर की आण्विक संरचना को सुधारा जा सकता है।यदि किसी घर में वास्तुदोष पता नहीं हो अथवा ऐसा वास्तुदोष हो जो ठीक करना संभव न हो तो उस मकान के चारों कोनों में एक-एक कटोरी मोटा (ढेलावाला) नमक रखा जाय। प्रतिदिन कमरों में नमक के पानी का अथवा गौमूत्र (अथवा गौमूत्र से
निर्मित फिनाइल) का पौंछा लगाया जाय। इससे ऋणात्मक ऊर्जाओं का प्रभाव कम हो जायेगा। जब नमक गीला हो जाये तो वह बदलते रहना आवश्यक है। वास्तु दोष प्रभावित स्थल पर देशी गाय रखने से भी वास्तुदोष का प्रभाव क्षीण होता है। सेप्टिक टैंक कौन सी दिशा में होना चाहिए?सेप्टिक टैंक वास्तु दिशा
सेप्टिक टैंक का निर्माण घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में पश्चिम दिशा में होना चाहिए। दक्षिण दिशा में पाइप न लगाएं क्योंकि इससे मानसिक शांति का नुकसान हो सकता है और कानूनी परेशानी हो सकती है। यदि आउटलेट दक्षिण की ओर है, तो पाइप को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मोड़ें।
सेप्टिक टैंक का वास्तु दोष कैसे दूर करें?सेप्टिक टैंक वास्तु दोष निवारण. घर के बाहर बड़ा स्वस्तिक बनाये।. समय-समय पर घर में पूजा-पाठ और हवन कराएँ।. दरवाजे पर ॐ अथवा त्रिशूल लगाये।. घर के अंदर और बाहर गणेश जी की तस्वीर लगाये।. घर के हर कमरे में पिरामिड रखें।. घर के उत्तरी क्षेत्र में मनी प्लांट लगायें।. वास्तु शास्त्र के अनुसार लैट्रिन का टैंक किधर होना चाहिए?वास्तु के अनुसार सेप्टिक टैंक के निर्माण के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा सबसे उपयुक्त मानी जाती है। सेप्टिक टैंक का जल निकासी पूर्व की ओर होना चाहिए। और सीवेज और अपशिष्ट पदार्थों की निकासी पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।
घर में पानी का टैंक कहाँ होना चाहिए?वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर-पूर्व दिशा भी पानी का टैंक रखने के लिए शुभ है। इस दिशा में पानी होने से धन लाभ होता है। ऐसा घर उन्नति और समृद्धि देने वाला माना गया है। उत्तर दिशा में पानी का टेंक या पीने का पानी रखा जाए तो ऐसे घर में शांति और सुख बढ़ता है।
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