विश्व की सबसे पुरानी सभ्यता का नाम क्या है? - vishv kee sabase puraanee sabhyata ka naam kya hai?

विश्‍व की सबसे पुरानी सभ्‍यता सुमेरियन में हुआ था बैंकिंग प्रणाली का जन्‍म, जानिये इसकी खास बातें

Updated: | Sun, 26 Jan 2020 04:00 PM (IST)

मल्‍टीमीडिया डेस्‍क। Indian History : भारतीय इतिहास में रोचक और अहम तथ्‍यों की भरमार है। हमारे आज के जीवन में बैंकों और खातों की प्रणाली का कितना महत्‍व है, यह बात किसी औपचारिक परिचय की मोहताज नहीं है। लेकिन आपको शायद यह बात जानकर हैरत होगी कि विश्‍व में बैंकिंग प्रणाली का जन्म सबसे पहले मेसोपोटामिया में ही हुआ था। यह संसार की सबसे प्राचीन सभ्‍यता सुमेरियन की देन है। जानिये क्‍या थी यह सभ्‍यता और इसकी खासियत।

सुमेर सभ्यता

सुमेरी सभ्यता विश्‍व में सबसे पुरानी सभ्‍यता है। इसका समय ईसा से 3500 वर्ष पूर्व माना जाता है। सुमेरी लोगों के भारत के साथ व्यापारिक सम्बन्ध थे। सुमेरी लोग समूचे पूर्व को अपना उद्गम मानते थे। ख्‍यात इतिहासकार लैंगडन के अनुसार ध्‍यान से देखा जाए तो मोहन जोदड़ो सभ्‍यता की लिपि और मुहरें, सुमेरी लिपि और मुहरों से मिलती-जुलती हैं। इतना ही नहीं, सुमेर के प्राचीन नगर ऊर में भारत में चूने-मिट्टी के बने बर्तन भी पाए गए हैं। मोहन जोदड़ो की जो सांड की मूर्ति है, वह सुमेर के पवित्र वृषभ से काफी मिलती है। इसके अलावा हड़प्पा में मिले सिंगारदान की बनावट भी ऊर में मिले सिंगारदान के जैसी ही है। अत: इन सबके आधार पर कहा जा सकता है कि सुमेर और भारत के बीच प्राचीन समय में ही सम्बन्ध थे। वैसे, सुमेर शब्द हमें पौराणिक पर्वत सुमेरु की भी याद दिलाता है।

सुमेरी लोगों की लिपि

विश्‍व की सबसे प्राचीन लिपि का जन्म भी सुमेर में ही हुआ था। इसमें गीली मिट्टी की पटिया पर कील जैसे किसी नुकीले औज़ार से गोदकर लिखी जाने वाली इस लिपि को कीलाक्षर लिपि कहा जाता है। हेनरी राँलनस ने सबसे पहले इसे पढ़ा था। इस गोदकर लिखने वाली लिपि में विश्‍व के सबसे प्राचीन व्यापारिक खाते बनाए गए और खातों में दोहरी प्रविष्टि या डबल एंट्री व्यवस्था का भी प्रयोग हुआ, जो आज तक चलन में है। इसी लिपि में प्राचीन कैलेंडर का भी निर्माण हुआ था।

सुमेरी सभ्यता का पतन और बैबिलोनियन का उदय

सुमेरी सभ्यता के पतन के बाद इस क्षेत्र में बैबिलोनियन सभ्यता पनपी थी। इसके ख्‍यात सम्राट् हम्मुराबी ने उस समय की पुरानी दंड संहिता बनाई थी। यह हम्मुराबी का ही सिद्धांत था कि दंड को अपराध के बराबर होना चाहिए। मसलन- जैसे आंख के बदले आंख निकाली जाए या फिर हाथ काटने के बदले हाथ काटा जाए। इसी सम्राट के वंशज नेबूशदनज़र ने फ़ुरात नदी के पूर्वी किनारे पर विश्‍व के 7 आश्चर्यों में से एक बाबुल के झूलते बाग़ का निर्माण कराया था। इनमें निचली ज़मीन से ऊंचाई पर बने बाग़ों में सिंचाई का अनोखा संयोजन देखने को मिलता है।

Posted By: Navodit Saktawat

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बाबिल काल से पहले का युग (३५०० -२६०० ईपू) जिसकी भाषा अपनी थी। सुमेर के भारत के साथ व्यापारिक सम्बन्ध थे। सुमेरी लोग पूर्व को अपना उद्गम मानते थे। यह थी सुमेरी सभ्यता।

सुमेरी सभ्यता सबसे पुरानी है, जिसका समय ईसा से 3500 वर्ष पूर्व माना जाता है। प्रसिद्ध इतिहासवेत्ता लैंगडन के अनुसार मोहन जोदड़ो की लिपि और मुहरें, सुमेरी लिपि और मुहरों से मिलती हैं। सुमेर के प्राचीन शहर ऊर में भारत में चूने-मिट्टी के बने बर्तन पाए गए हैं। मोहन जोदड़ो की सांड की मूर्ति सुमेर के पवित्र वृषभ से मिलती है और हड़प्पा में मिले सिंगारदान की बनावट ऊर में मिले सिंगारदान जैसी है। इन सबके आधार पर कहा जा सकता है कि सुमेर और भारत में बड़े पुराने सम्बन्ध थे। सुमेर शब्द भी हमें पौराणिक पर्वत सुमेरु की याद दिलाती है।

लिपि[संपादित करें]

संसार की सबसे पुरानी लिपि का जन्म सुमेर में ही हुआ। गीली मिट्टी की पटिया पर कील जैसे औज़ार से गोद कर लिखी जाने वाली इस लिपि को कीलाक्षर लिपि कहते हैं। जिसे सबसे पह ले हेनरी राँलनस ने पढा था इस लिपि में संसार के सबसे पुराने व्यापारिक खाते बनाए गए और खातों में दुहरी प्रविष्टि या डबल एंट्री व्यवस्था का प्रयोग हुआ, जो आज तक प्रचलित है। इसी लिपि में प्राचीन कैलेंडर का भी निर्माण हुआ।

योगदान[संपादित करें]

आज के जीवन में बैंकों और उनके खातों का कितना महत्त्व है, यह किसी से छिपा नहीं है, लेकिन आपको जानकर शायद आश्चर्य हो कि बैंकिंग प्रणाली का जन्म मेसोपोटामिया में ही हुआ था। जिस स्थान पर ईसा से लगभग 37 वर्ष पहले मनुष्य ने पहिए का आविष्कार किया था, वह यही था। जैसे हमारे पुराणों में जल-प्लावन की कथा आती है, जिसमें मनु बच गये थे, ऐसी कहानियाँ संसार के अन्य प्राचीन ग्रन्थों में भी मिलती हैं। मेसोपोटामिया में हज़ारों वर्ष पहले महाकाव्य रचने की प्रवृत्ति ने जन्म लिया था और यहीं गिलगमेश का महाकाव्य रचा गया था। राजा गिलगमेश के इस कीर्ति ग्रन्थ में इसी प्रकार के जल-प्लावन का भी उल्लेख है।

पतन[संपादित करें]

सुमेरी सभ्यता के पतन के बाद इस क्षेत्र में जो बाबुली या बैबिलोनियन सभ्यता पल्लवित हुई, उसके प्रसिद्ध सम्राट् हम्मुराबी ने अत्यन्त प्राचीन क़ानून और दंड संहिता बनाई. दंड को अपराध के बराबर होना चाहिए, जैसे आँख के बदले आँख निकाली जानी चाहिए या हाथ काटने के बदले हाथ काटा जाना चाहिए, यह सिद्धांत हम्मुराबी का ही था। इसी वंश के नेबूशदनज़र ने फ़ुरात नदी के पूर्वी किनारे पर, संसार के सात आश्चर्यों में से एक, बाबुल के झूलते बाग़ बनवाये थे, जिनमें नीची ज़मीन से ऊँचाई पर बने बाग़ों में सिंचाई की अद्भुत व्यवस्था की गई थी।

यहूदियों के पवित्रतम तीर्थ सुलेमान के मन्दिर को इसी ने ईसा पूर्व 586 में तोड़ा था और यरोशलम नगर को ध्वस्त किया था।

विश्व की सबसे पहली सभ्यता कौन सी है?

सुमेरी सभ्यता सबसे पुरानी है, जिसका समय ईसा से 3500 वर्ष पूर्व माना जाता है। प्रसिद्ध इतिहासवेत्ता लैंगडन के अनुसार मोहन जोदड़ो की लिपि और मुहरें, सुमेरी लिपि और मुहरों से मिलती हैं।

विश्व की सबसे पुरानी सभ्यता कितनी पुरानी है?

सुमेर सभ्यता सुमेरी सभ्यता विश्‍व में सबसे पुरानी सभ्‍यता है। इसका समय ईसा से 3500 वर्ष पूर्व माना जाता है।

सबसे पुरानी सभ्यता कौन सी थी और कहाँ पाई गई?

मेसोपोटामिया या सुमेरियन सभ्यता को विश्‍व की सबसे पुरानी सभ्‍यता माना जाता है। इसका समय ईसा से 3500 वर्ष पूर्व माना जाता है। इतिहासकारों का मानना है कि सुमेरी लोगों के भारत व चीन के साथ घनिष्‍ठ व्यापारिक सम्बन्ध थे।

विश्व की सबसे बड़ी सभ्यता कौन सी है?

इतिहास की सबसे बड़ी सभ्यता क्षेत्रफल के नजरिये से सिन्धु सभ्यता थी ,जिसे हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जानते हैं। सिन्धु सभ्यता का क्षेत्रफल 1.26 मिलियन वर्ग मील से भी ज्यादा है। जो समसामयिक सभ्यताओं मेसोपोटामिया , इजिप्ट आदि से अधिक था।