जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में होता है उसे व्यक्ति की राशि कहते हैं। अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा वृषभ राशि में स्थित है तो आपकी राशि वृषभ
होगी। पाश्चात्य ज्योतिष में सूर्य की गति से राशियों का निर्धारण होता है इस आधार पर 21 अप्रैल 20 मई के बीच पैदा होने वाले लोग वृषभ राशि के होते हैं। वृषभ राशिवालों को अवसर का लाभ उठाना अच्छी तरह से आता है। जब अपने परिश्रम का फल पाने की बात हो तो शक्तिशाली और विश्वसनीय वृषभ सबसे आगे है। इस राशि के जातक सभी अच्छी और सुंदर चीजों से प्यार करते हैं और अक्सर भौतिक सुखों से घिरे रहते हैं। वृषभ राशि में जन्मे लोग बहुत कामुक और स्पर्शनीय होते हैं। इसके अलावा भी वृषभ राशि वालों में ऐसी कई बातें होती हैं,
जो उन्हें खास बनाती हैं, जानिए वृषभ राशि से जुड़ी सभी खास बातें… वृषराशि वालों का व्यक्तित्व बहुत आर्कषक होता है। इनके व्यक्तित्व से लोग प्रभावित भी रहते हैं। इस राशिफल के लोगों का शरीर हष्ट-पुष्ट होता है, जिसके कारण ये दिखने सुंदर लगते हैं। वृषभ राशिवालों का स्वामी शुक्र है, इसलिए इनका मन रचनात्मक और कलात्मक कामों में अधिक लगता है। अपने साथ-साथ ये दूसरों के कला का भी बहुत सम्मान करते हैं। इस राशि के लोग बहुत स्वभिमानी प्रकृति के होते हैं। आपका स्वाभिमान आपके
व्यक्तित्व से जुड़ा है। स्वाभिमान की स्वच्छंदता और शीतलता आपकी नजर में साफ देखी जा सकती है। आपके व्यक्तित्व में एक ठहराव है जो लोगों में आपके प्रति विश्वास पैदा करता है। इस राशिफल के लोग जमीन से जुड़े होते हैं और ये स्वभाव से भी बहुत व्यावहारिक होते हैं। ये अपनी सुरक्षा का ख्याल करते हुए बेवजह किसी से किसी प्रकार का झगड़ा मोल नहीं लेते हैं। ये बहुत भरोसेमंद लोग होते हैं। कोई भी इनपर आसानी से विश्वास कर लेता है। वृष राशिवाले बहुत मेहनती होते हैं। इनका हौसला भी बहुत बुलंद रहता है। एक बार मन
में ये कुछ करने की ठान लेते हैं तो फिर उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। कठिन से कठिन परिस्थिति में भी ये डगमगाते नहीं हैं। इनके व्यक्तित्व से ही इनके परिश्रमी और दृढ़निश्चयी होने का भाव प्रदर्शित होता है। अपनी योग्यता के दम पर ही ये सुविधा संपन्न जीवन व्यतीत करते हैं। सामाजिक मान-सम्मान पाने के सारे गुण आप में मौजूद हैं। इस राशि के लोग कभी-कभी स्वभाव से जिद्दी भी हो जाते हैं। किसी काम को करने या किसी चीज को अपनाने की जिद्द कई बार आप पर नकारात्मक असर भी डाल देती है। आपके जिद्दी रवैये के कारण कुछ लोग
आपको अहंकारी भी मानने लगते हैं। आप धैर्यवान व्यक्ति हैं, किसी भी काम को आप धीरे-धीरे लेकिन पूरी शिद्दत के साथ करते हैं। आपकी धीमी गति को कुछ लोग आपका आलस्य भी समझने लगते हैं। राशि का स्वामी शुक्र होने के कारण वृषभ राशि के लोग करियर में भी बहुत रचनात्मक और कलात्मक होते हैं। ये लोग हर काम को बेहद रुचि के साथ करते हैं। धर्म में भी इनकी गहरी आस्था रखते हैं। ये लोग उत्तम विचारों के धनी होते हैं। इनके विचारों में शुद्धता और स्वभाव में जमीनीपन होता है। वृष राशिवाले प्यार के प्रति समर्पित
रहते हैं और अपने प्रति भी उसी प्रकार का समर्पण चाहते हैं। ये बड़े रोमांटिक प्रवृति के लोग होते हैं। ये अपने जीवनसाथी के प्रति बहुत वफादार और ईमानदार रहते हैं और साथी से भी इसी तरह के व्यवहार की उम्मीद रखते हैं। वैसे तो सामान्य तौर पर इन्हें गुस्सा नहीं आता है लेकिन जब इनके सब्र का बांध टूट जाता है, तब इनके गुस्से के प्रकोप से बच पाना मुश्किल होता है। ये जब किसी बात पर अड़ जाते हैं तो फिर अपने विचार और फैसले से हिलते नहीं हैं। वृषभ राशिफल वाले बहुत व्यावहारिक होते हैं और इनहें व्यवहारपूर्ण बर्ताव
पसंद होता है। आपको अवसर का लाभ उठाना अच्छी तरह से आता है। आप स्वार्थी नहीं होते हैं। आप महंगी चीज़ें ही खरीदना पसंद करते हैं। आपके इरादे अच्छे होते हैं और लोगों को आपसे बात करना पसंद आता है। आपका बात करने का तरीका बहुत बढ़िया होता है। आपको बहुत कम ही गुस्सा आता है लेकिन जब आता है तो बहुत खतरनाक साबित होता है। आपको अपने जीवन में धीरे-धीरे ही तरक्की मिलती है। आपके जीवन में कुछ भी अचानक से नहीं होता है। इस राशि के जातकों को गले की तकलीफ़ हो सकती है। वैसे तो ये स्वस्थ ही रहते हैं लेकिन जब
इनकी राशि में गोचर में अशुभ ग्रह आते हैं या शुक्र ग्रह निर्बल होता है तो शरीर में अधोलिखित रोगों के लक्षण दृष्टिगोचर होने लगते हैं- वीर्य विकार, मूत्र रोग, नेत्र रोग, मुख रोग, पांडु, गुप्त रोग, प्रमेह, वीर्य की कमी, संभोग में अक्षमता, काम की अधिकता के कारण स्नायुविक दुर्बलता, मधुमेह, वात एवं श्लेष्म विकार, स्वप्न दोष, शीघ्रपतन, धातु क्षय, कफ एवं कब्ज, वायु विकार एवं कोष्ठकबद्धता आदि उत्पन्न हो जाते हैं। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें
उदेश सिंह वॄष (Taurus)[संपादित करें]राशि चक्र की यह दूसरी राशि है, इस राशि का चिन्ह ’बैल’ है, बैल स्वभाव से ही अधिक पारिश्रमी और बहुत अधिक वीर्यवान होता है, साधारणत: वह शांत रहता है, किन्तु क्रोध आने पर वह उग्र रूप धारण कर लेता है। यह स्वभाव वृष राशि के जातक में भी पाया जाता है, वॄष राशि का विस्तार राशि चक्र के 30 अंश से 60 अंश के बीच पाया जाता है, इसका स्वामी शुक्र ग्रह है। इसके तीन देष्काणों में उनके स्वामी ’शुक्र-शुक्र”, शुक्र-बुध’, और शुक्र-शनि, हैं। इसके अन्तर्गत कृत्तिका नक्षत्र के तीन चरण,रोहिणी के चारों चरण, और मृगसिरा के प्रथम दो चरण आते हैं। इन चरणों के स्वामी कॄत्तिका के द्वितीय चरण के स्वामी सूर्य-शनि, तॄतीय चरण के स्वामी चन्द्रमा-शनि, चतुर्थ चरण के स्वामी सूर्य-गुरु, हैं।रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण के स्वामी चन्द्रमा-मंगल, दूसरे चरण के स्वामी चन्द्रमा-शुक्र, तीसरे चरण के स्वामी चन्द्रमा-बुध, चौथे चरण के स्वामी चन्द्रमा-चन्द्रमा, है।मृगसिरा नक्षत्र के पहले चरण के मालिक मंगल-सूर्य, और दूसरे चरण के मालिक मंगल-बुध है। नक्षत्र चरण फ़ल[संपादित करें]
लगन[संपादित करें]जब चन्द्रमा निरयण पद्धति से वॄष राशि में होता है तो जातक की वॄष राशि मानी जाती है, जन्म समय में जन्म लगन वॄष होने पर भी यही प्रभाव जातक पर होता है। इस राशि में पैदा होने वाले जातक शौकीन तबियत, सजावटी स्वभाव, जीवन साथी के साथ मिलकर कार्य करने की वॄत्ति, अपने को उच्च समाज से जुड कर चलने वाले, अपने नाम को दूर दूर तक फ़ैलाने वाले, हर किसी के लिये उदार स्वभाव, भोजन के शौकीन, बहुत ही शांत प्रकॄति, मगर जब क्रोध आजाये तो मरने मारने के लिये तैयार, बचपन में बहुत शैतान, जवानी में कठोर परिश्रमी, और बुढापे में अधिक चिंताओं से घिरे रहने वाले, जीवन साथी से वियोग के बाद दुखी रहने वाले, और अपने को एकांत में रखने वाले, पाये जाते हैं। इनके जीवन में उम्र की 45 वीं साल के बाद दुखों का बोझ लद जाता है, और अपने को आराम में नहीं रखपाते हैं। वॄष पॄथ्वी तत्व वाली राशि और भू मध्य रेखा से 20 अंश पर मानी गई है, वॄष, कन्या, मकर, का त्रिकोण, इनको शुक्र-बुध-शनि की पूरी योग्यता देता है, माया-व्यापार-कार्य, या धन-व्यापार-कार्य का समावेश होने के कारण इस राशि वाले धनी होते चले जाते है, मगर शनि की चालाकियों के कारण यह लोग जल्दी ही बदनाम भी हो जाते हैं। गाने बजाने और अपने कंठ का प्रयोग करने के कारण इनकी आवाज अधिकतर बुलन्द होती है। अपने सहायकों से अधिक दूरी इनको बर्दास्त नहीं होती है। प्रकॄति और स्वभाव[संपादित करें]वृष राशि - श्वेत वर्ण, शुक्रग्रह स्वामी, लंबा कद, चतुप्पाद (चार पैर), रात्रिबली, दक्षिण दिशा का स्वामी, ग्रामवासी, वैश्य जाति, भूमिचारी, रजोगुणी और पृष्ठोदयी।[1] वृष राशि वाले जातक शांति पूर्वक रहना पसंद करते हैं, उनको जीवन में परिवर्तन से चिढ सी होती है, इस राशि के जातक अपने को बार बार अलग माहौल में रहना अच्छा नहीं लगता है। इस प्रकार के लोग सामाजिक होते हैं और अपने से उच्च लोगों को आदर की नजर से देखते है। जो भी इनको प्रिय होते हैं उनको यह आदर खूब ही देते हैं, और सत्कार करने में हमेशा आगे ही रहते है। सुखी और विलासी जीवन जीना पसंद करते हैं। आर्थिक गतिविधियां[संपादित करें]इस राशि के जातको में धन कमाने की प्रवॄति और धन को जमा करने की बहुत इच्छा होती है, धन की राशि होने के कारण अक्सर ऐसे जातक खुद को ही धन के प्रयुक्त करते हैं, बुध की प्रबलता होने के कारण जमा योजनाओं में उनको विश्वास होता है, इस राशि के लोग लेखाकारी, अभिनेता, निर्माता, निर्देशक, कलाकार, सजावट कर्ता, सौन्दर्य प्रसाधन का कार्य करने वाले, प्रसाधन सामग्री के निर्माण कर्ता, आभूषण निर्माण कर्ता, और आभूषण का व्यवसाय करने वाले, विलासी जीवन के साधनो को बनाकर या व्यापार करने के बाद कमाने वाले, खाद्य सामग्री के निर्माण कर्ता, आदि काम मिलते हैं। नौकरी में सरकारी कर्मचारी, सेना या नौसेना में उच्च पद, और चेहरे आदि तथा चेहरा सम्भालने वाले भी होते हैं। धन से धन कमाने के मामले में बहुत ही भाग्यवान माने जाते हैं। स्वास्थ्य और रोग[संपादित करें]वृष राशि वालो के लिये अपने ही अन्दर डूबे रहने की और आलस की आदत के अलावा और कोई बडी बीमारी नहीं होती है, इनमे शारीरिक अक्षमता की आदत नहीं होती है, इनके अन्दर टांसिल, डिप्थीरिया, पायरिया, जैसे मुँह और गले के रोग होते हैं, जब तक इनके दांत ठीक होते है, यह लोग आराम से जीवन को निकालते हैं, और दांत खराब होते ही इनका जीवन समाप्ति की ओर जाने लगता है। बुढापे में जलोदर और लकवा वाले रोग भी पीछे पड जाते है। सारावली भदावरी ज्योतिष
वृषभ राशि के गुण कितने होते हैं?वृषभ राशि के लोग जिद्दी, मूडी, आक्रामक और बुद्धिमान होते हैं. उन्हें ऐश्वर्य और विलासिता पसंद होती है. महंगी चीजों के प्रति उनके प्रेम के कारण, उन्हें अक्सर उथला और भद्दा कहा जाता है. वृषभ राशि के लोग जिद्दी, मूडी, आक्रामक और बुद्धिमान होते हैं.
वृषभ राशि का जीवनसाथी कौन सी राशि है?वृषभ के लिए बेस्ट लाइफ पार्टनर
व्यवहार के मामले में कर्क राशि के साथ इनकी पर्याप्त समानताएं होती हैं. धन और प्रेम के मामले में दोनों राशि के लोग व्यावहारिक होते हैं. समान स्वभाव की वजह से इनके संबंध ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाते हैं. वृषभ राशि के जातकों के लिए वृश्चिक राशि के लोग सबसे अच्छे जीवनसाथी साबित होते हैं.
वृषभ राशि को क्या पसंद है?इस राशि के जातक सभी अच्छी और सुंदर चीजों से प्यार करते हैं और अक्सर भौतिक सुखों से घिरे रहते हैं। वृषभ राशि में जन्मे लोग बहुत कामुक और स्पर्शनीय होते हैं। इसके अलावा भी वृषभ राशि वालों में ऐसी कई बातें होती हैं, जो उन्हें खास बनाती हैं, जानिए वृषभ राशि से जुड़ी सभी खास बातें…
वृष राशि वाले बच्चे कैसे होते हैं?वृष राशि या लग्न के बच्चे हठी स्वभाव के होते हैं, इनसे कोई भी काम जबरदस्ती नहीं करवाया जा सकता है. ऐसे बच्चे चुपचाप रहने वाले स्नेही होते है. इन्हें गले से लगना और बाहों में सिमटना बहुत ही अच्छा लगता है. यह अंदर से बहुत ही सचेत होते हैं और अपने काम को अच्छे प्रकार से सीखने के लिए कड़ी मेहनत से कभी नहीं घबराते हैं.
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