विद्युत आवेश क्या है यह कितने प्रकार के होते हैं - vidyut aavesh kya hai yah kitane prakaar ke hote hain

अरे स्टूडेंट्स ने विद्युत आवेश क्या है विद्युत आवेश कितने प्रकार के होते हैं ठीक है तो सबसे पहले देख लेते हैं कि विद्युत आवेश क्या होता है तो जब हम सूखे बालों पर कंघी करते हैं ठीक है फिर कंगी को जब हम कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों के पास लाते हैं तो हम देखते हैं कि कागज के टुकड़े के होते हैं उस कंगी में चिपकना स्टार्ट कर देता है तो ऐसा क्यों होता है ऐसा इसलिए होता है कि जब हम कंगी को सूखे बालों पर र करते हैं यानी की कंघी करते हैं तो क्या होता है उस कंगी में आवेश प्रवृत्त हो जाता है क्या हो जाता है आदेश प्रेरित हो जाता है ठीक है जिससे क्या होता है कि उस कंगी में कागज के छोटे-छोटे टुकड़े चिपकने लगते हैं ठीक है तो यह घटना किसके कारण होता है विद्युत आवेश के प्रेरित होने के कारण नहीं होता है तथा जब हम एवरनाइट की छठ को मार ले जाए यह कोई एवरनाइट का झाड़ है ठीक है इसको जब हम किसी ऊनी कपड़े पकड़ते हैं किस पर

ऊनी कपड़े पर करते हैं तो हम पाते हैं कि उन्हीं कपड़े में कौन सा देश प्रेरित हो जाता है धन आवेश प्रेरित हो जाता है और इस एवरनाइट कीचड़ में रेड आवे प्रेरित हो जाता है कौन सा देश ऋण आवेश ठीक है तो हम कह सकते हैं कि आवेश कितने प्रकार के होते हैं ऑफिस दो प्रकार के होते हैं पहला होता है डावेस और एक होता है धन आवेश दूसरा धन आवेश ठीक है तो आवेश कितने प्रकार के होते हैं दो प्रकार के होते हैं पहला होता है ऋण आवेश दूसरा होता है धन धन्यवाद

हेलो दोस्तों प्रश्न किया क्या है आवेश कितने प्रकार के होते हैं ठीक है और भी कौन से हैं ठीक है हमसे पूछा जा रहा है ठीक है यानी कि जो प्रश्न पूछा जाए आवेश कितने प्रकार के होते हैं और कौन-कौन से होते हैं ठीक है तो दोस्तों आवेश में दो प्रकार के होते हैं कितने प्रकार के होते हैं दो प्रकार के दो प्रकार के होते हैं दो प्रकार के होते हैं के होते हैं ठीक है क्या होता है पहला होता है धन आवेश धन आवेश धन आवेश और दूसरा होता है ऋण आवेश ठीक है रीना ऋण आवेश ठीक है दोपहर का भी सोते हैं आवेश और ऋण आवेश का पहचान कैसे किया कौन सा स्थान है और कोर्ट से तो दोस्तों यदि हम कच्ची सड़क पर किस की छत पर कांच की छत पर कांच की

छड़ को ठीक है कांच की छड़ को ठीक है रे शमशेर आंकड़े रेशम रेशम से झगड़ा ठीक है तो क्या होता है कि कांच की छत पर जो धन आवेश उत्पन्न हो जाता है और असम की छत पर जो ऋण आवेश उत्पन्न हो जाता है ठीक है और यदि हम आगोश कीचड़ को इसको आबनूस आबनूस पिछड़ को ठीक है आपने उस की छड़ को ठीक है आपने उसकी छड़ को हम बिल्ली की खाल पर रगड़े बिल्ली की खाल पर ठीक है बिल्ली की खाल बिल्ली की खाल पर अग्नि ठीक तो क्या होता है कि आप उन उसकी छत पर निगेटिव लिस्ट चला जाता है ठीक है यानी ऋण आवेश आ जाता है और बिल्ली की खाल पर धन आवेश आ जाता है तो दोस्तों प्रयोगों में देखा गया कि अगर कांस्टेबल को रेशम से रगड़ कर दो कांच की छड़ों को रेशम से रगड़ कर ठीक है दोनों को पास पास अगर लटका दें ठीक है तो

देखते हैं कि दोनों छोड़ जो है एक दूसरे से दूर भागते हैं ठीक है इसका मतलब जो है दोनों के बीच में एक प्रकार का बल कार्य करता है जिसके कारण यह दोनों छठ दूर होते हैं ठीक है तो यहां पर जो बल कार्य करेगा यह प्रतिकर्षण बल कार्य करता है ठीक है और अगर एक किशोर को ठीक है और एक आबनूस की सड़कों ठीक है अगर एक कांच की छोड़ो और दूसरी आबनूस की छोड़ो दोनों को घर एक पास लटका है तो यहां देखते हैं कि दोनों एक पास आ जाते हैं ठीक है इन दोनों के बीच आकर्षण बल कार्य करता है ठीक है इस प्रकार हम देखते हैं कि कांच के छोड़ के दूसरा अवस्था का शिक्षण को रेशम से रगड़ने के बाद इस पर आईटी ऑफिस था और आपने उसकी छठ को बिल्ली की खाल पर रगड़ने पर इस पर नेगेटिव अवस्था ठीक है एक पर्स लाते हैं ठीक है 2 धारा में सड़कों पर एक पर्स लाते हैं तो उनके पीछे प्रतिकर्षण बल कार्य कार्य करता है और अगर दो विपरीत

आवेशों को ठीक है यानी एक धन आवेश और एक ऋण आवेश मुक्ति के विपरीत आवेशों को भी जाती आवेशों को एक पर्स लाते हैं तो उनके बीच आकर्षण बल कार्य करता है ठीक है अतः स्पष्ट होता है कि आवेशों के बीच प्रतिकर्षण बल कार्य करता है और धोबी जाति आवेशों के बीच आकर्षण बल कार्य करता है ठीक है थैंक यू

Physics March 9, 2019 December 10, 2017

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types of charge in hindi आवेश के प्रकार :आवेश कितने प्रकार का होता है यह समझने के लिए पहले निचे दिए गए प्रयोग को ठीक से समझे।

आवेश का प्रायोगिक सत्यापन (experiment on charge) : 

सर्वप्रथम हम दो कांच की छड़ लेते है दोनों छड़ो को रेशम (silk) के कपडे के रगड़कर चित्रानुसार एक दूसरे के पास ले जाते है तो ये एक दूसरे से दूर जाने का प्रयास करती है अर्थात एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते है।

ठीक इसी प्रकार जब एबोनाइट की दो छड़ों को बिल्ली की खाल से रगड़कर एक दूसरे के पास लाते है तो ये भी एक दूसरे से दूर जानें का प्रयास करते है दूसरे शब्दों में कहे तो प्रतिकर्षित करते है।

लेकिन जब कांच की छड़ को रेशम के कपडे से रगड़कर तथा अन्य एबोनाइट की छड़ को बिल्ली की खाल से रगड़कर एक दूसरे के पास लाते है तो वे एक दूसरे के पास आने का प्रयास करती है अर्थात आकर्षित करती है।

विद्युत आवेश क्या है यह कितने प्रकार के होते हैं - vidyut aavesh kya hai yah kitane prakaar ke hote hain
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निम्न प्रयोग से यह स्पष्ट हुआ की प्रथम दशा में जब कांच की दो छड़ों को रेशम के कपडे से रगड़ा गया था उन दोनों छडो पर समान प्रकृति का आवेश उपस्थित था अतः हम यह कह सकते है की समान प्रकृति के आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते है।

ठीक इसी प्रकार दो एबोनाइट की छड़ो को बिल्ली की खाल से रगड़ा जाता है तो उन दोनों पर भी समान आवेश उपस्थित रहता है और इसलिए वे एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते है।

लेकिन जब एक काँच की छड़ को रेशम से रगड़कर तथा एक एबोनाइट की छड़ को बिल्ली की खाल से रगड़ा जाता है तो उन दोनों छड़ों पर विपरीत प्रकृति का आवेश उपस्थित होने के कारण वे एक दूसरे को आकर्षित करती है अतः विपरीत प्रकृति के आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते है।

अतः हम कह सकते है की आवेश दो प्रकार का होता है , बेंजामिन फ्रेंकलिन ने इन दोनों आवेशों को धनात्मक आवेश तथा ऋणात्मक आवेश नाम दिया।

प्रयोगों द्वारा फ्रेंकलिन ने जब कांच की छड़ को रेशम के कपडे से रगड़ा इससे कांच की छड़ पर जो आवेश उत्पन्न हुआ उसे धनात्मक आवेश बताया।

इसी प्रकार फ्रेंकलिन ने एबोनाइट की छड़ को जब बिल्ली की खाल से रगड़ा जिससे एबोनाइट की छड़ पर जो आवेश उत्पन्न हुआ उसे ऋणात्मक आवेश कहा।

अतः कह सकते है की धनात्मक -धनात्मक आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते है , ठीक इसी प्रकार ऋणात्मक – ऋणात्मक आवेश (समान प्रकृति) भी एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते है लेकिन धनात्मक – ऋणात्मक आवेश (विपरीत प्रकृति के आवेश) एक दूसरे को आकर्षित करते है।

पदार्थ का धनावेशित या ऋणावेशित होने का कारण (reason of positive and negative charge things):

हम सभी जानते है की प्रत्येक द्रव्य (पदार्थ) परमाणुओं से मिलकर बना होता है तथा परमाणु नाभिक व इलेक्ट्रॉन (-) से मिलकर बना होता है।

परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन (+) तथा न्यूट्रॉन (0) से मिलकर बना होता है।

प्रोटॉन धनावेशित , इलेक्ट्रॉन ऋणावेशित तथा न्यूट्रॉन उदासीन होता है।

विद्युत आवेश क्या है यह कितने प्रकार के होते हैं - vidyut aavesh kya hai yah kitane prakaar ke hote hain

सामान्य अवस्था में परमाणु में इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन की संख्या बराबर होती है अर्थात ऋणावेश तथा धनावेश बराबर मात्रा में होते है जिससे परमाणु या द्रव्य उदासीन (अनावेशित) अवस्था में होता है।

यदि किसी प्रयोग द्वारा द्रव्य इलेक्ट्रॉन त्याग देता है तो उस पर प्रोटॉन (+) की संख्या अधिक हो जाती है जिससे पदार्थ धनावेशित हो जाता है।

ठीक इसी प्रकार यदि पदार्थ इलेक्ट्रॉन (-) ग्रहण कर लेता है तो इस पर ऋणावेश अधिक हो जाता है तथा वस्तु ऋणावेशित होती है।

जब कांच की छड़ को रेशम से रगड़ा गया तो कांच की छड़ रेशम के कपडे को इलेक्ट्रॉन त्याग देती है अतः धनावेशित हो जाती है ठीक इसी प्रकार एबोनाइट की छड़ को बिल्ली की खाल से रगड़ा गया तो एबोनाइट की छड़ इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर लेती है अतः यह ऋणावेशित हो जाती है।

विद्युत आवेश क्या है विद्युत आवेश कितने प्रकार के होते हैं?

परिपाटी के अनुसार काँच की छड़ अथवा बिल्ली के समूर पर आवेश धनात्मक कहलाता है तथा प्लास्टिक-छड़ अथवा रेशम पर आवेश ऋणात्मक कहलाता है। जब किसी वस्तु पर कोई आवेश होता है तो वह वस्तु विद्युन्मय अथवा आवेशित (आविष्ट) कही जाती है। जब उस पर कोई आवेश नहीं होता तब उसे अनावेशित कहते हैं

विद्युत आवेश किसे कहते हैं इसका मात्रक क्या है?

यदि एक इलेक्ट्रॉन का आवेश (e = 1.6 x 10-19 कूलाम) एक प्राथमिक इकाई माना जाए अर्थात आवेश का क्वांटम तो किसी वस्तु पर आवेश e के पूर्णांको के गुणनफल के बराबर होगा अर्थात q = ± ne , यहाँ n = 1 , 2 , 3 , 4 . . . .. . 5.

विद्युत आवेश कितने प्रकार के होते हैं तीन दो चार सात?

Solution : आवेश दो प्रकार के होते हैं1. धन आवेश, 2. ऋण आवेश

आवेश की क्या परिभाषा है?

आवेश किसे कहते हैं? परिभाषा: जब कोई भी पदार्थ अपने सामान्य व्यवहार से अलग व्यवहार प्रदर्शित करने लग जाता है। अर्थात उसके कारण विद्युत क्षेत्र तथा चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होने लगता है। पदार्थ के इस गुण को विद्युत आवेश कहते हैं।