लाइकेन विश्व्यापी है. ये विभिन्न स्थानों तथा आधारों पर जैसे, पेड़ों के तनों, दीवारों, चट्टानों व मृदा आदि पर पाए जाते हैं. यह वातावरण को प्रदुषण से मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि कैसे लाइकेन वातावरण के लिए जरुरी है, ये कहाँ पाए जाते है और इनका आर्थिक दृष्टि से क्या महत्व हैं. Show Ecological importance of Lichen लाइकेन (Lichens) एक प्रकार के मिश्र जीव (Composite organisms) हैं जो कि एक कवक (एस्कोमाइसिटीज अथवा बैसिडियोमाइसिटीज) तथा शैवाल (प्राय: सायनोबक्टीरिया) की एक या दो जातियों के साहचर्य के परिणामस्वरूप बनते हैं. लाइकेन के कवक घटक को mycobiont तथा शैवाल के घटक को phycobiont कहते हैं. दोनों घटक परस्पर इस प्रकार रहते है कि एक ही सूकाय (thallus) बना लेते है और एक ही जीवधारी की तरह व्यवहार करते हैं.
ग्रीन मफलर क्या है और यह प्रदूषण से किस प्रकार संबंधित है जीका (ZIKA) वायरस क्या है और यह कैसे फैलता हैं? इसे सुनेंरोकेंलाइकेन के शरीर का निर्माण शैवाल तथा कवक के द्वारा होता है। वायु प्रदूषण का सबसे अधिक प्रभाव लाइकेन पर पड़ता है, क्योंकि ये बड़े संवेदनशील होते हैं जो कि प्रदूषण के जैविक सूचक का कार्य करता है। क्या लाइकेन वायु प्रदूषण का सूचक है? इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर वायु प्रदूषण है। लाइकेन वायु प्रदूषण, विशेष रूप से सल्फर डाइऑक्साइड के संवेदनशील संकेतक के रूप में जाने जाते हैं। लाइकेन सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। कौन सा प्रदूषण सूचक संयंत्र है?इसे सुनेंरोकेंब्रायोफाइट्स में वातावरण में व्याप्त प्रदूषण के प्रति अधिक संवेदनशीलता होती है जिस कारण उन्हें प्रदूषण के जीव सूचक के रूप में देखा जाता है और इसी कारण से वातवरण में उपस्थित प्रदूषण के अध्ययन में सहायक होते हैं। पढ़ना: पब्जी से बड़ा गेम कौन सा है? वायु प्रदूषण के सूचक कौन है? इसे सुनेंरोकेंयदि सल्फर डाइऑक्साइड की अधिक मात्रा के कारण वायु अत्यधिक प्रदूषित है तो लाइकेन की उपस्थिति नगण्य होगी, केवल हरे शैवाल पाए जा सकते हैं। यदि वायु स्वच्छ है तो लाइकेन की प्रचुर मात्रा के कारण झाड़ियों, पत्तेदार वृक्षों, वनों की संख्या अधिक होगी। निम्नलिखित में से कौन वायु प्रदूषण का जैव संकेतक है?इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर लाइकेन है। वायु प्रदूषण के लिए लाइकेन अच्छे जैव-संकेतक के रूप में कार्य करते हैं। https://www.youtube.com/watch?v=8AOYwYuOjbE इसे सुनेंरोकेंकई लाइकेन में दोनों प्रकार के शैवाल होंगे। लाइकेन का उपयोग व्यापक रूप से पर्यावरण संकेतक या जैव-संकेतक के रूप में किया जाता है। लाइकेन वायु प्रदूषण, विशेष रूप से सल्फर डाइऑक्साइड के संवेदनशील संकेतक के रूप में जाने जाते हैं। लाइकेन कैसे बनता है? इसे सुनेंरोकेंShikha Goyal. लाइकेन (Lichens) एक प्रकार के मिश्र जीव (Composite organisms) हैं जो कि एक कवक (एस्कोमाइसिटीज अथवा बैसिडियोमाइसिटीज) तथा शैवाल (प्राय: सायनोबक्टीरिया) की एक या दो जातियों के साहचर्य के परिणामस्वरूप बनते हैं. लाइकेन के कवक घटक को mycobiont तथा शैवाल के घटक को phycobiont कहते हैं. पढ़ना: डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म स्थान कहाँ है? प्रदूषण का सूचक क्या है?लाइकेन में कौन से जीव भाग लेते हैं? इसे सुनेंरोकेंलाइकेन का मुख्य भाग कवक तंतुओं से ही निर्मित होता है, जो रेशों की एक जाली सा बना होता है। यह जाली प्राय: ऐस्कोमाइसिटीज़ (Ascomycetes) वर्ग के कवक का वानस्पतिक भाग होती है। कुछ में कवक बासिडियोमाइसिटीज़ (Basidiomycetes) वर्ग का भी होता है। वायु प्रदूषण का सूचक कौन कौन है?Detailed Solution. सही उत्तर लाइकेन है।
वायु प्रदूषण को मापने का उपकरण कौन सा है?वायु प्रदूषण मापने वाला यंत्र 'हांफा'
वायु प्रदूषण संकेतक के रूप में किसका उपयोग किया जाता है?वैज्ञानिक लाइकेन की मदद से क्षेत्र में वायु प्रदूषण के स्तर को निर्धारित कर सकते हैं और अगर किसी एक साइट पर लाइकेन हानिकारक प्रदूषण के कारण मर रहे हो तो इसे प्रारंभिक चेतावनी या संकेत समझा जा सकता है कि उस जगह पर प्रदुषण का स्तर बढ़ रहा है.
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