भारत में पिछले दो दशकों में कैंसर की बीमारी का उभार बहुत तेजी से हुआ है. आंकड़े बताते हैं कि इस वक्त देश में 22.5 लाख लोग कैंसर से जूझ रहे हैं. हर साल देश में करीब 11.5 लाख लोगों में कैंसर का पता चलता है. कैंसर की वजह से हर साल करीब 7.5 लाख लोगों की मौत होती है. Show दुनिया भर के वैज्ञानिक और पोषणविज्ञानी खाने पीने की ऐसी चीजों की खोज कर रहे हैं जो लोगों को कैंसर से दूर रख सकें. पोषण विशेषज्ञ उलरिके गोंडर भी उन्हीं में से एक हैं. उन्हें खानपान में अच्छी और बुरी चीजों की बढ़िया पहचान है. उलरिके गोंडर के मुताबिक सब्जियों में ब्रोकोली सुपरस्टार है. उलरिके वजह बताती हैं, "इसमें सल्फर कंपाउंड होते हैं, ग्लूकोसिनोलेट्स तभी रिलीज होता है जब इसे चबाया, काटा या पकाया जाता है. वैज्ञानिक शोधों ने यह दिखाया है कि इसमें कई कैंसररोधी गुण होते हैं." तस्वीर: Fotolia/Mariusz Blachआपको शायद यह जानकर हैरानी होगी कि ब्रोकोली के तने में फूलों से ज्यादा ऐसे तत्व होते हैं. जाहिर है कि हमें फिर सिर्फ ऊपरी हिस्से के बजाए पूरी ब्रोकोली खानी चाहिए. हालांकि ब्रोकोली में मौजूद कैंसररोधी तत्वों का एक बड़ा हिस्सा पकाने के दौरान नष्ट हो जाता है. इसका मतलब है कि हमें चबाने और निगलने लायक बनाने के लिए इसे छोटे टुकड़ों में काटना चाहिए और पकाना नहीं चाहिए. उलरिके गोंडर रंग के हिसाब से फलों को चुनती हैं. लाल और पीले रंग के फल अच्छे माने जाते हैं. कैंसर से बचाव के मामले में इन रंगों से क्या संकेत मिलता है? उलरिके ने बताया, "सेब और अंगूर को लाल रंग एंथोसाइनिन से मिलता है. कद्दू या पपीते को खूबसूरत नारंगी रंग क्रैरिटोनॉएड से मिलता है. ये सिर्फ रंग ही नहीं भरता है बल्कि कैंसर से बचाव करने वाले तत्वों से भरा रहता है. लाल रंग वाले ऐसे प्राकृतिक फोटोकैमिकल्स का एंटीऑक्सीडेंट असर होता है जो कई प्रकार से कोशिकाओं की रक्षा करता है." तस्वीर: Colourboxपोषण का ध्यान रखने वाले खाने पीने की चीजों के सिर्फ रंग ही नहीं बल्कि उसके स्वाद का भी ध्यान रखते हैं. जो भी चीज थोड़ी तीखी या कड़वी होती है, उसमें भी ब्रोकोली की तरह ही कैंसर से बचाने वाले तत्व होते हैं. ऐसे में कई सारे विकल्प हमें मिल सकते हैं. बीते कुछ सालों में तरह तरह के बीजों ने लोगों को खूब आकर्षित किया है. इन बीजों में ज्यादा फाइबर होता है और कई अच्छे तत्व भी छिपे रहते हैं. उलरिके गोंडर कहती हैं, "बीजों के कई गुण हैं, ब्राजीलियन नट को ही लीजिए, इसमें काफी सेलेनियम होता है जो कैंसर से बचाव के लिए बहुत जरूरी है. हर पौधे के बीजों में पॉलीफेनॉल से आंतों के कैंसर से बचाव करने में काफी मदद होती है. लेकिन बीजों के साथ एक समस्या भी हैं, उनमें बड़ी तेजी से फंफूद लग जाती है. और फंफूद में कैंसर पैदा करने वाले तत्व होते हैं. इसका मतलब है कि हमें साबुत बीज खरीदने चाहिए. घर पर उन्हें छीलना या बारीक करना चाहिए और फिर जल्दी ही इस्तेमाल करना चाहिए." तस्वीर: imago/Westend61ये तो हुई सब्जियों की बात लेकिन मांस खाने वाले क्या कर सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि एक पाउंड यानि करीब साढ़े चार सौ ग्राम मीट एक हफ्ते के लिए काफी है. इससे ज्यादा खाने पर कैंसर का खतरा हो सकता है. रेडमीट जितना कम खाया जाए उतना अच्छा है. कुछ लोगों का कहना है कि इसमें आयरन बहुत होता है. हालांकि नए शोधों में यह दावा पुष्ट नहीं हुआ, लेकिन ज्यादा मीट खाना जोखिम भरा है. उलरिके कहती हैं, "जब हम मीट को बहुत ज्यादा भूनते, पकाते या सेंकते हैं तो उसमें भूरापन आता है, जिसमें कैंसर पैदा करने वाले तत्व हो सकते हैं. जैसे कि पॉलिएरोमैटिक हाइड्रोकार्बन. इसे हम ग्रिलिंग की वजह भी जानते हैं, कहा जाता है कि वसा को पिघलकर आंच पर नहीं गिरना चाहिए. दूसरे तत्व भी हैं जैसे हाइड्रोसाइक्लो एमीन्स, ये तभी बनते हैं जब मांस भूरा हो जाता है. तो हम कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं, मांस कम खाकर और जला भूनकर काले मांस को न खाकर." वैसे मीट प्रेमियों के लिए उलरिके के पास एक और सुझाव है. मांस हानिकारक हो सकता है लेकिन इसके सथ सब्जी, पत्ते वाली सलाद और फाइबर वाली चीजें खा कर कैंसर से बचने का उपाय किया जा सकता है. हालांकि हानिकारक तत्वों की पहचान इतनी आसान नहीं है. कैंसर की संभावित वजह बनने वाले कारसाइनोजन, एक्रीलैमाइड्स तब पैदा होते हैं जब तेज स्वाद वाले खाने को गर्म किया जाता है. उदाहरण है स्नैक्स, कॉफी, बेक की हुई चीजें. इसके अलावा सुनहरा होने तक ही भून कर और गहरे रंग वाले खाने को बेक ना करके भी आप एक्रीलैमाइड्स को पैदा होने से रोक सकते हैं. अच्छी चीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड भी शामिल हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि हमें कभी कैंसर नहीं होगा इसकी कोई गारंटी नहीं है, लेकिन अगर हम स्वस्थ्य आहार लेंगे तो हम अपने शरीर को ऐसी स्थिति में रखेंगे, जहां उसमें बचाव करने वाले कई तत्व होंगे और वह सही ढंग से कैंसर से खुद की रक्षा कर सकेगा. स्वस्थ आहार लेना बनाए रखना कैंसर को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि सभी को खाने की ऐसी आदतें बनानी चाहिए, जो उम्र ढलने के बाद कैंसर के जोखिम को कम करेगा, यह कैंसर से बचे लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। स्वस्थ भोजन की आदतें मोटापे के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती हैं और वयस्कों में होने वाले कुछ तरह के कैंसर के जोखिम को कम कर सकती हैं। आहार, वजन और शारीरिक गतिविधि के लिए सुझावों में ये शामिल हैं:
आहार विशेषज्ञ, फलों, सब्जियों और साबुत अनाज पर विशेष जोर देने के साथ, स्वस्थ आहार खाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, कैलोरी का सेवन नियंत्रित करने से स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद मिल सकती है। कम खाएं:
भाग की मात्रा और कैलोरी पर पूरा ध्यान दें।
खाद्य पदार्थ जो कैंसर से बचा सकते हैंशोधकर्ताओं ने अध्ययन किया है कि कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थ और खाद्य पदार्थ के भाग, कैंसर के विकास को कैसे प्रभावित कर सकते हैं। इस बात के प्रमाण हैं कि खाद्य पदार्थों में कुछ पदार्थ कैंसर कोशिका के विकास को धीमा कर सकते हैं और कैंसर से बचा सकते हैं:
मोटापाशरीर की ज़रूरत से ज़्यादा कैलोरी खाने से वजन बढ़ सकता है। अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होने से कई प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है जिसमें ये शामिल हैं:
शराब और कैंसर का खतरावाइन, बीयर और शराब जैसे पदार्थों के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। शराब सीधे सिर और गर्दन, जिगर, भोजन-नली, स्तन कैंसर और बड़ी आंत और मलाशय में कैंसर का जोखिम बढ़ा देता है। जबकि शोधकर्ताओं को ठीक से पता नहीं है कि शराब से कैंसर का खतरा क्यों बढ़ जाता है, संभावनाओं में ये शामिल हैं:
अगर वयस्क शराब पीते हैं, तो पुरुषों को प्रति दिन 2 पेय और महिलाओं को प्रति दिन 1 पेय तक सीमित रहना चाहिए। बीयर के एक पेय को 12 औंस, वाइन को 5 औंस और 80-प्रूफ शराब (आसुत शराब) को 1.5 औंस के रूप में परिभाषित किया गया है। शराब के उपयोग को सीमित करने के अन्य सुझावों में ये शामिल हैं:
कैंसर के जोखिम के बारे में एक चिकित्सक से बात करें। चिकित्सक दोबारा हो सकने वाले कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करने के लिए, पूरी तरह से शराब बंद करने या उससे बचने की सलाह दे सकते हैं। रोगियों को चिकित्सक से पूछना चाहिए कि क्या बीमारी के दौरान या कुछ दवाओं का सेवन करते समय शराब पीना सुरक्षित है। कौन सा फल कैंसर को रोकता है?अनार में पॉलिफिनॉल्स काफी मात्रा में पाया जाता है। इसमें वायरस के संक्रमण से बचाने की खूबी होती है और कई तरह के कैंसर का खतरा भी घटाता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि हल्दी, ब्रॉकली और अनार में ऐसा तत्व पाया जाता है जो प्रोस्टेट कैंसर की ग्रोथ को धीमा करता है।
कैंसर के लिए कौन सा फल अच्छा होता है?ऐसे फलों का सेवन करें जो खाने में आसान, ताजा और उच्च पानी की मात्रा वाले होते हैं, इनमें जामुन, खरबूजा, केला, अनानास, नाशपाती आदि शामिल हैं। ब्लूबेरी में कई फाइटोकेमिकल्स और पोषक तत्व होते हैं, जो कैंसर विरोधी प्रभाव, एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि और डीएनए को नुकसान से बचाने की क्षमता दिखाते हैं।
कैंसर को दूर करने के लिए क्या खाना चाहिए?ज़्यादा खाएं:. फल और सब्जियां रोजाना कम से कम 2½ कप सब्जियां और फल खाएं। हर भोजन और स्नैक्स में सब्जियां और फल शामिल करें। ... . साबुत अनाज। साबुत-अनाज का ब्रेड, पास्ता और जौ तथा जई से बने अनाज और ब्राउन राइस खाएं।. प्रोटीन। लीन मीट और पोल्ट्री, सीफूड, अंडे, बीन्स और नट्स सहित कई तरह के प्रोटीन खाद्य पदार्थ खाएं।. क्या कैंसर पूरी तरह से ठीक हो सकता है?अगर सही समय पर इसकी पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाए, तो कैंसर सिर्फ काबू में सकता है, बल्कि कई मामलों में पूरी तरह ठीक भी हो सकता है। कैंसर के सही लक्षणों की पहचान तो डॉक्टर ही कर सकता है।
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