यह पंक्ति किसने किससे कही और क्यों कही? - yah pankti kisane kisase kahee aur kyon kahee?

उत्तर. माँ यशोदा नींद से कह रही है कि ही निंदियाँ तू जल्दी क्यों नहीं आ रही है तुझे मेरा लाल कितनी देर से बुला जाए। यशोदा नींद से कृष्ण को सुलाने के लिए कह रही है।

प्रश्न 3. क्या देखकर यशोदा सोचती है कि कृष्ण सो गए हैं तथा कृष्ण सोये रहे, इसके लिएये क्या करती है?

उत्तर. कृष्ण की बंद आँखे और उन्हें शांत लेटा देखकर यशोदा जी ने सोचा कि वह सो गए है। वे जाग न जाएँ, इसलिए वे स्वयं अभी शांत हो गई और लोगो को भी चुप रहने का इशारा करती है।

प्रश्न 4. माँ यशोदा को किस सुख की प्राप्ति हो रही है तथा किस प्रकार ?

उत्तर. माँ यशोदा जगत के पालन हार की माँ है। उन्हें भगवान की बाल लीलाएंँ देखने की और उनके सामीप्य के सुख की प्राप्ति हो रही है |

अवतरण-2

खीजत जात माखन खात

अरुण लोचन, मौह टेढी, बार-बार जम्हात

कबहुँ रुनझुन, चलत घुटुरन घूर घूसर गात।।

कबहुँ झुक के अलक खेचत, नैन जल भर लात

कबहुँ तुतरे बोल बोलत, कबहुँ बोलत तात।।

सूर हरि की निरखि सोभा, निमिस तजत न मात।

प्रश्न 1. भगवान श्रीकृष्ण माखन खाते हुए क्या कर रहे हैं तथा उनके नेत्र और भौंहे कैसी हैं?

उत्तर. भगवान श्री कृष्ण को माखन खाते हुए नींद ने घेर रखा है। इसलिए नींद के कारण उनकी आंँखें लाल हो रही है। भौंहे ठेड़ी है और बार- बार जमाई ले रहे है।

प्रश्न 2. श्रीकृष्ण की पाल तथा उनके बोलने के विषय में कवि ने क्या बताया है ?

उत्तर. श्री कृष्ण पायल पहने हुए हैं और घुटनों के बल चल रहे हैं जिससे उनके गुहाएँ रूनजुन की आवाज कर रहे हैं। वह अपनी तोतली आवाज में अपने पिता को बुला रहे हैं।

प्रश्न 3. ‘कबहुं झुक के अलफ खेंचत, नैन जल भर लात’ पंक्ति की व्याख्या करते हुए कीजिए कि वे ऐसा क्यों कर रहे है?

उत्तर. कृष्ण नींद आने पर खीज रहे हैं और अपने बाल खींच रहे हैं, जिनसे उन्हें दर्द होने लगता है जिसके कारण उनकी आंखों में पानी भर आया है।

प्रश्न 4. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए:

धूसर, गात, तात, निरखि, निमिरत, अलक

उत्तर. धूसर – धूल में सता,

गात-शरीर

तात- पिता

निरखि – देखकर

निमिरत- एक छड़

अलक-बाल

अवतरण-3

मैया मैं तो चन्द्र खिलौना लेहों ।।

धौरी को पयपान न करिहौं, बैनी सिर न गुथैहों।

मोतिन माल न धरिहौं उर पर, तेरी गोद न एहौं।

लाल कहैहों नंद बाबा को तेरो सुत न कहैहों।

कान लाय कछु कहत जसोदा, दाउहि नाहि सुनेहो।

चंदा हूँ ते अति सुंदर तोहि नवल दुलहिया व्यौहो

तेरी सी मेरी सुन मैया, अबही व्याहन हों।

‘सूरदास’ सब सखा बराती, नूतन मंगल हों।

प्रश्न 1. बालकृष्ण किससे क्या लेने का हठ कर रहे हैं तथा क्यों?

उत्तर. श्री कृष्ण चांद खिलौना ना मिलने पर चोटी न गुथाने, मांँ की गोद में न आने, मोतियों की माला न पहनने, गोरी गाय का दूध न पीने और मांँ का पुत्र न कह लाने की जिद कर रहे हैं ।

प्रश्न 2. श्रीकृष्ण भोलेपन में खिलाना न लेकर देने पर क्या-क्या न करने के लिए कहते हैं।

उत्तर. श्रीकृष्ण कहते हैं कि, अगर मैया तू मुझे चांद रूपी खिलौना न देगी तो में सफेद गाय का दूध नहीं पिऊँगा, न ही चोटी गुथावने, मोलियों का माला न पहनने और न यशोदा मैया की गोद में बैठने के लिए कहा।

प्रश्न 3. श्रीकृष्ण ने किससे नन्द बाबा के पक्ष में क्या कहा तथा क्या?

उत्तर. श्री कृष्ण कह रहे हैं कि मैं सिर्फ नंद बाबा के ही पुत्र कहलाऊंँगा क्योंकि यशोदा मैया उन्हें चांँद रूपी खिलौना खेलने के लिए नहीं दे रही है।

प्रश्न 4. बालकृष्ण की जिंद सुनकर यशोदा मैया ने श्रीकृष्ण से क्या कहा? तथा क्यों?

उत्तर. बाल कृष्ण से यशोदा मैया ने चाँद से भी सुंदरदुल्हन लाकर देने का वादा किया । क्योंकि कृष्ण यशोदा माँ से चाँद लाकर देने का की हठ कर रहे थे।

प्रश्न 5. ‘तेरी सौ मेरी सुन मैया अबही व्याहन जैहों।’ पंक्ति की व्याख्या करते हुए बताइए कि यह पंक्ति किसने किससे, कब तथा क्यों कही?

उत्तर. यह पंक्ति श्री कृष्ण ने यशोदा मैया से तब कही थी जब वह उनसे चांद रूपी खिलौना मांँग रहे थे ।इस पंक्ति का अर्थ है कि मैया अब तुम अपनी छोड़ और मेरी बात सुन।

प्रश्न 6. सूरदास की भक्ति भावना का परिचय दीजिए।

उत्तर. सूरदास श्रीकृष्ण की भक्ति तभी तो इनकी रचनाओं में कृष्ण भक्ति दिखती है।

प्रश्न 7. सूरदास जी का संक्षेप में साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी किन्हीं दो रचनाओं के नाम लिखिए।

उत्तर. सूरदास जी की काव्य में कृष्ण के प्रति अगाध प्रेम झलकता है। इनका विषय ही भक्त कृष्ण है। इनकी काम में भगवान कृष्ण की बाल लीलाएं एवं वात्सल्यभाव जिस तरह झलकता है ऐसा मनोहर भाव विश्व साहित्य में कहीं और नहीं दिखता सूरसागर और सूरसारावली इन की दो रचनाएंँ हैं।

उत्तर. प्रस्तुत कविता में कवि ने मेघ को गांँव का दामाद बताया है तथा वह अपने ससुराल सज संवर कर बहुत साल बाद आया है।

प्रश्न 2. ‘बयार’ शब्द से क्या तात्पर्य है ? बयार क्या कर रही है? बयार को किसके समान चित्रित किया गया है?

उत्तर. बयार शब्द का तात्पर्य हवा है, बयार हवा नाच गा रही है।

प्रश्न 3. गलियों में क्या-क्या खुलने लगे तथा क्यों ? मौसम तथा दामाद दोनों में क्या संबंध है स्पष्ट कीजिए?

उत्तर. गलियों में दरवाजे तथा खिड़कियांँ खुलने लगी ताकि शुद्ध और अच्छी हवा आ सके, मौसम तथा दामाद दोनों में संबंध यह है कि दोनों ही बड़े दिनों बाद आए हैं।

प्रश्न 4. प्रस्तुत अवतरण में मेघ को किसके समान बताया गया है तथा उन दोनों के आने पर गाँव में क्या-क्या दिखाई दे रहा है? अपने शब्दों में लिखिए ?

उत्तर. प्रस्तुत अवतरण मे मेघ को दामाद के समान बताया गया है।

अवतरण 2.

पेड़, झुक झाँकने लगे गरदन उचकाए

आँधी चली, धूल भागी घाघरा उठाए,

बाँकी चितवन, उठा नदी ठिठकी, घूँघट सरके।

मेघ आए बड़े बन ठन के सेंवर के।

प्रश्न 1. मेघों के आने पर पेड़ क्या करने लगे तथा क्यों?

उत्तर. मेघ के आने पर पेड़ की टहनियांँ झुक गई है, मानों मेहमान के आने पर लोग झुककर प्रणाम कर रहे हैं और फिर गर्दन उठाकर उसे देख रहे हैं।

प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।

उचकाए, ठिठकी, बाँकी, चितवन!

उत्तर. उचकार – गरदन उठाकरठिठकी – अचानक रुकी बाँकी- टेढ़ी चितवन नजर, दृष्टि

प्रश्न 3. आँधी के चलने पर क्या हुआ? कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए?

उत्तर. आँधी चली। धूल उड़ने लगी। बादलों के आने से पहले जो धूल भरी आंँधी चली है, कवि ने कल्पना की है, मानो आंँधी रूपी नायिका धूल रूपी घाघरा पहन कर भाग रही है।

प्रश्न 4. बाकी चितवन उठा नदी ठिठकी, घूँघट सस्के, पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए?

उत्तर. बादलों के आने पर मानों नदी रूपी नायिका घूँघट उठाकर तिरछी नजर से बादल रूपी मेहमान को शर्मा कर देख रही है, बादल बहुत ही बन ठन अर्थात् तैयार होकर आए हैं।

अवतरण 3.

बूढे पीपल ने आगे बढ़ जुहार की

बरस बाद सुधि लीन्ही

बोली अकुलाई लता ओर हो किवार की,

हरपाया ताल लाया पानी परात भर के

मेघ आए बन ठन के सेंवर के।

प्रश्न 1. पीपल को किसके समान बताया है? तथा क्यों स्पष्ट कीजिए?

उत्तर. कवि ने यह कल्पना की है कि मानो घर का पूरा व्यक्ति यानी पीपल मेघ रूपी दामाद का अभिवादन कर रहा है क्योंकि पीपल के वृक्ष की आयु बहुत अधिक होती है।

प्रश्न 2. लता कहाँ थी? वह किसकी प्रतीक है? वह ओट में क्यों है?

उत्तर. दरवाजे के पीछे स्थित लता को अपने मायके में रहने वाली युवती के रूप में चित्रित किया गया है। अतः मानो पत्नी दरवाजे की ओट में खड़े होकर पति को उलाहना दे रही है।

प्रश्न 3. ‘बरस बाद सुधि ली’ प्रस्तुत पंक्ति किसने किससे कब कही था क्यों?

उत्तर. लता मेघ को उलाहना दे रही है, वह कह रही है कि मेघ ने लता की खबर 1 वर्ष के बाद ली है।

प्रश्न 4 ताल किसके लिए क्या लाया तथा क्यों? गाँव में पानी की परात का क्या महत्त्व है।

उत्तर. .ताल मेघ रूपी दामाद के स्वागत के लिए पानी भरी परात लाया। गांँव में पानी के परात में अतिथियों के पैर धोकर उनका स्वागत करने की परंपरा है।

अवतरण 4.

क्षितिज, अटारी गहराई, दामिनी दमकी

परम्परा नक्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की

बाँध टूटा, झर-झर मिलन के अश्रु ढरके,

मेघ आए बड़े बन ठन के सेंवर के।

प्रश्न 1 मेघों के आने पर किस स्थान पर क्या हुआ?

उत्तर. बादलों के आने पर चारों ओर अंँधेरा छा गया, बिजली चमकने लगी, बादल गरजने लगे और ठंडी हवा चलने लगी, मानो यह सभी अपनी प्रसन्नता प्रकट कर रहे हो।

प्रश्न 2. क्षमा कौन किससे मांग रहा है तथा क्यों?

उत्तर. लता रूपी नायिका अपने मेघ रुपी पति को साल भर पानी आने का उलाहना देती है साल भर के विरह का बांँध टूट गया और नायिका अपनी भूल के लिए मेघ रूपी पति से क्षमा मांँगती है।

प्रश्न 3. दामिनी किसकी प्रतीक है? पाहुन तथा दामिनी का क्या सम्बन्ध है? दामिनी के दमकने पर क्या परिवर्तन आया?

उत्तर. दामिनी नायिका का प्रतीक है। पाहुन मेघ तथा दामिनी नायक और नायिका है। दामिनी के दमकने पर ऐसा लगा जैसे बरसों से रूठे हुए नायक और नायिका के बीच सुलह हुई और दोनों के नेत्रों से वर्षा रूपी आंँसु बहने लगे।

प्रश्न 4. प्रस्तुत कविता में कवि “मेघ तथा ग्रामीण दामाद की तुलना बिल्कुल सही की है” इस विषय पर अपने विचार लिखिए तथा विचारों की पुष्टि के लिए कविता में से ही उदाहरण भी दीजिए।

उत्तर. जिस तरह गांँव के दामाद के आने की सूचना रास्ते पर आने जाने वाले व्यक्तियों में पहले से हो जाती है, उसी प्रकार मेघों के आने की सूचना हवा और बिजली को पहले से हो जाती है। लहराते हुए पेड़ ऐसे लग रहे हैं कि मानो दामाद के स्वागत में झुक गए हैं, गांँव का तालाब मेघ रूपी दामाद के पैर धोने के लिए तालाब का पानी परात में भर लिया हो।